नीतिवचन 3:27-35

नीतिवचन 3:27-35 पवित्र बाइबल (HERV)

जब तक ऐसा करना तेरी शक्ति में हो अच्छे को उनसे बचा कर मत रख जो जन अच्छा फल पाने योग्य है। जब अपने पड़ोसी को देने तेरे पास रखा हो तो उससे ऐसा मत कह कि “बाद में आना कल तुझे दूँगा।” तेरा पड़ोसी विश्वास से तेरे पास रहता हो तो उसके विरुद्ध उसको हानि पहुँचाने के लिये कोई षड़यंत्र मत रच। बिना किसी कारण के किसी को मत कोस, जबकि उस जन ने तुझे क्षति नहीं पहुँचाई है। किसी बुरे जन से तू द्वेष मत रख और उसकी सी चाल मत चल। तू अपनी चल। क्यों क्योंकि यहोवा कुटिल जन से घृणा करता है और सच्चरित्र जन को अपनाता है। दुष्ट के घर पर यहोवा का शाप रहता है, वह नेक के घर को आर्शीवाद देता है। वह गर्वीले उच्छृंखल की हंसी उड़ाता है किन्तु दीन जन पर वह कृपा करता है। विवेकी जन तो आदर पायेंगे, किन्तु वह मूर्खों को, लज्जित ही करेगा।

नीतिवचन 3:27-35 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

यदि तुझमें भला करने का सामर्थ्य है तो उनका भला अवश्‍य करना जो भलाई के योग्‍य हैं। यदि तेरे पास अपने पड़ोसी को देने के लिए कुछ है तो उससे यह मत कहना, ‘जाओ, कल फिर आना। मैं कल दूंगा।’ अपने पड़ोसी के विरुद्ध कुचक्र मत रचना, क्‍योंकि वह तुझ पर भरोसा करके तेरे पड़ोस में रहता है। जिस मनुष्‍य ने तेरा अनिष्‍ट न किया हो उससे अकारण मत लड़ना। हिंसा करनेवाले व्यक्‍ति से ईष्‍र्या मत करना, और न उसके आचरण का अनुसरण करना। प्रभु की दृष्‍टि में कुटिल व्यक्‍ति घृणित है, किन्‍तु निष्‍कपट व्यक्‍ति उसका विश्‍वासपात्र है। प्रभु का श्राप दुर्जन के घर पर पड़ता है; पर प्रभु धार्मिक व्यक्‍ति के निवास-स्‍थान पर आशिष की वर्षा करता है। दूसरे को तुच्‍छ समझनेवाले को, प्रभु तुच्‍छ समझता है। पर जो मनुष्‍य नम्र और दीन है, उस पर प्रभु कृपा करता है। बुद्धिमान को सम्‍मान मिलता है, पर मूर्ख का हर जगह अपमान होता है।

नीतिवचन 3:27-35 Hindi Holy Bible (HHBD)

जिनका भला करना चाहिये, यदि तुझ में शक्ति रहे, तो उनका भला करने से न रुकना॥ यदि तेरे पास देने को कुछ हो, तो अपने पड़ोसी से न कहना कि जा कल फिर आना, कल मैं तुझे दूंगा। जब तेरा पड़ोसी तेरे पास बेखटके रहता है, तब उसके विरूद्ध बुरी युक्ति न बान्धना। जिस मनुष्य ने तुझ से बुरा व्यवहार न किया हो, उस से अकारण मुकद्दमा खड़ा न करना। उपद्रवी पुरूष के विषय में डाह न करना, न उसकी सी चाल चलना; क्योंकि यहोवा कुटिल से घृणा करता है, परन्तु वह अपना भेद सीधे लोगों पर खोलता है॥ दुष्ट के घर पर यहोवा का शाप और धर्मियों के वासस्थान पर उसकी आशीष होती है। ठट्ठा करने वालों से वह निश्चय ठट्ठा करता है और दीनों पर अनुग्रह करता है। बुद्धिमान महिमा को पाएंगे, और मूर्खों की बढ़ती अपमान ही की होगी॥

नीतिवचन 3:27-35 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

जिनका भला करना चाहिए, यदि तुझ में शक्‍ति रहे, तो उनका भला करने से न रुकना। यदि तेरे पास देने को कुछ हो, तो अपने पड़ोसी से न कहना कि जा कल फिर आना, कल मैं तुझे दूँगा। जब तेरा पड़ोसी तेरे पास बेखटके रहता है, तब उसके विरुद्ध बुरी युक्‍ति न बाँधना। जिस मनुष्य ने तुझ से बुरा व्यवहार न किया हो, उससे अकारण मुक़द्दमा खड़ा न करना। उपद्रवी पुरुष के विषय में डाह न करना, न उसकी सी चाल चलना; क्योंकि यहोवा कुटिल से घृणा करता है, परन्तु वह अपना भेद सीधे लोगों पर खोलता है। दुष्‍ट के घर पर यहोवा का शाप और धर्मियों के वासस्थान पर उसकी आशीष होती है। ठट्ठा करनेवालों से वह निश्‍चय ठट्ठा करता है, और दीनों पर अनुग्रह करता है। बुद्धिमान महिमा को पाएँगे, और मूर्खों की बढ़ती अपमान ही की होगी।

नीतिवचन 3:27-35 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

जो भलाई के योग्य है उनका भला अवश्य करना, यदि ऐसा करना तेरी शक्ति में है। यदि तेरे पास देने को कुछ हो, तो अपने पड़ोसी से न कहना कि जा कल फिर आना, कल मैं तुझे दूँगा। (2 कुरि. 8:12) जब तेरा पड़ोसी तेरे पास निश्चिन्त रहता है, तब उसके विरुद्ध बुरी युक्ति न बाँधना। जिस मनुष्य ने तुझ से बुरा व्यवहार न किया हो, उससे अकारण मुकद्दमा खड़ा न करना। उपद्रवी पुरुष के विषय में डाह न करना, न उसकी सी चाल चलना; क्योंकि यहोवा कुटिल मनुष्य से घृणा करता है, परन्तु वह अपना भेद सीधे लोगों पर प्रगट करता है। दुष्ट के घर पर यहोवा का श्राप और धर्मियों के वासस्थान पर उसकी आशीष होती है। ठट्ठा करनेवालों का वह निश्चय ठट्ठा करता है; परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है। (याकू. 4:6, 1 पत. 5:5) बुद्धिमान महिमा को पाएँगे, परन्तु मूर्खों की बढ़ती अपमान ही की होगी।

नीतिवचन 3:27-35 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

यदि तुममें भला करने की शक्ति है और किसी को इसकी आवश्यकता है, तो भला करने में आनाकानी न करना. यदि तुम्हारे पास कुछ है, जिसकी तुम्हारे पड़ोसी को आवश्यकता है, तो उससे यह न कहना, “अभी जाओ, फिर आना; कल यह मैं तुम्हें दे दूंगा.” अपने पड़ोसी के विरुद्ध बुरी युक्ति की योजना न बांधना, तुम पर विश्वास करते हुए उसने तुम्हारे पड़ोस में रहना उपयुक्त समझा है. यदि किसी ने तुम्हारा कोई नुकसान नहीं किया है, तो उसके साथ अकारण झगड़ा प्रारंभ न करना. न तो हिंसक व्यक्ति से ईर्ष्या करो और न उसकी जीवनशैली को अपनाओ. कुटिल व्यक्ति याहवेह के लिए घृणास्पद है किंतु धर्मी उनके विश्वासपात्र हैं. दुष्ट का परिवार याहवेह द्वारा शापित होता है, किंतु धर्मी के घर पर उनकी कृपादृष्टि बनी रहती है. वह स्वयं ठट्ठा करनेवालों का उपहास करते हैं किंतु दीन जन उनके अनुग्रह के पात्र होते हैं. ज्ञानमान लोग सम्मान पाएंगे, किंतु मूर्ख लज्जित होते जाएंगे.