नीतिवचन 25:1-14

नीतिवचन 25:1-14 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

सुलैमान के नीतिवचन ये भी हैं; जिन्हें यहूदा के राजा हिजकिय्याह के जनों ने नकल की थी। परमेश्‍वर की महिमा, गुप्‍त रखने में है, परन्तु राजाओं की महिमा गुप्‍त बात का पता लगाने से होती है। स्वर्ग की ऊँचाई और पृथ्वी की गहराई और राजाओं का मन, इन तीनों का अन्त नहीं मिलता। चाँदी में से मैल दूर करने पर वह सुनार के लिये काम की हो जाती है। राजा के सामने से दुष्‍ट को निकाल देने पर उसकी गद्दी धर्म के कारण स्थिर होगी। राजा के सामने अपनी बड़ाई न करना और बड़े लोगों के स्थान में खड़ा न होना; क्योंकि जिस प्रधान का तू ने दर्शन किया हो उसके सामने तेरा अपमान न हो, वरन् तुझ से यह कहा जाए, “आगे बढ़कर विराज।” झगड़ा करने में जल्दी न करना नहीं तो अन्त में जब तेरा पड़ोसी तेरा मुँह काला करे तब तू क्या कर सकेगा? अपने पड़ोसी के साथ वादविवाद एकान्त में करना, और पराये का भेद न खोलना, ऐसा न हो कि सुननेवाला तेरी भी निन्दा करे, और तेरी निन्दा बनी रहे। जैसे चाँदी की टोकरियों में सोने के सेब हों, वैसा ही ठीक समय पर कहा हुआ वचन होता है। जैसे सोने का नथ और कुन्दन का जेवर अच्छा लगता है, वैसे ही माननेवाले के कान में बुद्धिमान की डाँट भी अच्छी लगती है। जैसे कटनी के समय बर्फ की ठण्ड से, वैसे ही विश्‍वासयोग्य दूत से भी, भेजनेवालों का जी ठण्डा होता है। जैसे बादल और पवन बिना वृष्‍टि निर्लाभ होते हैं, वैसे ही झूठ–मूठ दान देनेवाले का बड़ाई मारना होता है।

नीतिवचन 25:1-14 पवित्र बाइबल (HERV)

सुलैमान की ये कुछ अन्य सूक्तियाँ हैं जिनका प्रतिलेख यहूदा के राजा हिजकिय्याह के लोगों ने तैयार किया था: किसी विषय—वस्तु को रहस्यपूर्ण रखने में परमेश्वर की गरिमा है किन्तु किसी बात को ढूँढ निकालने में राजा की महिमा है। जैसे ऊपर अन्तहीन आकाश है और नीचे अटल धरती है, वैसे ही राजाओं के मन होते हैं जिनके ओर—छोर का कोई अता पता नहीं। उसकी थाह लेना कठिन है। जैसे चाँदी से खोट का दूर करना, सुनार को उपयोगी होता है, वैसे ही राजा के सामने से दुष्ट को दूर करना नेकी उसके सिंहासन को अटल करता है। राजा के सामने अपने बड़ाई मत बखानो और महापुरुषों के बीच स्थान मत चाहो। उत्तम वह है जो तुझसे कहे, “आ यहाँ, आ जा” अपेक्षा इसके कि कुलीन जन के समक्ष वह तेरा निरादर करें। तू किसी को जल्दी में कचहरी मत घसीट। क्योंकि अंत में वह लज्जित करें तो तू क्या कहेगा यदि तू अपने पड़ोसी के संग में किसी बात पर विवाद करे, तो किसी जन का विश्वास जो तुझमें निहित है, उसको तू मत तोड़। ऐसा न हो जाये कहीं तेरी जो सुनता हो, लज्जित तुझे ही करे। और तू ऐसे अपयश का भागी बने जिसका अंत न हो। अवसर पर बोला वचन होता है ऐसा जैसा हों चाँदी में स्वर्णिम सेब जड़े हुए। जो कान बुद्धिमान की झिड़की सुनता है, वह उसके कान के लिये सोने की बाली या कुन्दन की आभूषण बन जाता है। एक विश्वास योग्य दूत, जो उसे भेजते हैं उनके लिये कटनी के समय की शीतल बयार सा होता है हृदय में निज स्वामियों के वह स्फूर्ती भर देता है। वह मनुष्य वर्षा रहित पवन और रीतें मेघों सा होता है, जो बड़ी—बड़ी कोरी बातें देने की बनाता है; किन्तु नहीं देता है।

नीतिवचन 25:1-14 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

ये नीतिवचन भी राजा सुलेमान के हैं। इन्‍हें यहूदा प्रदेश के राजा हिजकियाह के लिपिकों ने चर्म-पत्रों पर उतारा था। राजा सुलेमान कहता है: यह परमेश्‍वर की महिमा है कि रहस्‍य, रहस्‍य बना रहे; पर राजा की महिमा तब होती है, जब वह रहस्‍यों से परदा उठाता है। जैसे आकाश की ऊंचाई और पृथ्‍वी की गहराई नापी नहीं जा सकती, वैसे ही राजा के मन में क्‍या है, यह जाना नहीं जा सकता। चांदी में से धातु-मैल निकाल लेने के पश्‍चात् चांदी शुद्ध हो जाती है, और सुनार उससे पात्र बनाता है। ऐसे ही: राजा के दरबार से दुर्जन को निकालने के पश्‍चात् राजा का सिंहासन धर्म की नींव पर सुदृढ़ हो जाता है। राजा के सामने बार-बार मत मंडराना, और न दरबार में प्रमुख आसन पर बैठना; ऐसा न हो कि तुझे लज्‍जित होकर उच्‍चाधिकारी के लिए प्रमुख आसन छोड़ना पड़े। तेरी प्रशंसा तब होगी जब तुझसे यह निवेदन किया जाएगा: ‘आप इस प्रमुख आसन पर बैठिए।’ पड़ोसी की जो बात तेरी आंखों ने देखी है, उसका फैसला कराने के लिए तुरन्‍त अदालत मत जाना: क्‍योंकि यदि तेरा पड़ोसी तुझे अदालत में झूठा सिद्ध कर देगा तो तू अन्‍त में क्‍या करेगा? यदि पड़ोसी के साथ तेरा मतभेद है तो आपस में बातचीत के द्वारा हल कर लेना; और एक-दूसरे का भेद मत खोलना। अन्‍यथा सुननेवाले तेरी निन्‍दा करेंगे, और तेरे अपयश का कभी अन्‍त न होगा। ठीक अवसर पर कही गई बात मानो चांदी की थाली में सोने का सेब है। डांट-डपट को माननेवाले मनुष्‍य के कान में ताड़ना के शब्‍द वैसे ही कीमती होते हैं, जैसे सोने की बाली अथवा स्‍वर्ण आभूषण। जैसे फसल-कटाई की गर्म दोपहर में शीतल जल हृदय में स्‍फूर्ति भर देता है, वैसे ही सच्‍चा सन्‍देशवाहक अपने भेजने वाले मालिकों के लिए होता है; वह अपने स्‍वामी की आत्‍मा को संजीवन कर देता है। जो मनुष्‍य दान देने की शेखी मारता है, पर दान देता नहीं, वह उस हवा और उन बादलों के समान है, जो गरजते हैं, पर बरसते नहीं।

नीतिवचन 25:1-14 Hindi Holy Bible (HHBD)

सुलैमान के नीतिवचन ये भी हैं; जिन्हें यहूदा के राजा हिजकिय्याह के जनों ने नकल की थी॥ परमेश्वर की महिमा, गुप्त रखने में है परन्तु राजाओं की महिमा गुप्त बात के पता लगाने से होती है। स्वर्ग की ऊंचाई और पृथ्वी की गहराई और राजाओं का मन, इन तीनों का अन्त नहीं मिलता। चान्दी में से मैल दूर करने पर सुनार के लिये एक पात्र हो जाता है। राजा के साम्हने से दुष्ट को निकाल देने पर उसकी गद्दी धर्म के कारण स्थिर होगी। राजा के साम्हने अपनी बड़ाई न करना और बड़े लोगों के स्थान में खड़ा न होना; क्योंकि जिस प्रधान का तू ने दर्शन किया हो उसके साम्हने तेरा अपमान न हो, वरन तुझ से यह कहा जाए, आगे बढ़ कर विराज॥ झगड़ा करने में जल्दी न करना नहीं तो अन्त में जब तेरा पड़ोसी तेरा मुंह काला करे तब तू क्या कर सकेगा? अपने पडोसी के साथ वाद विवाद एकान्त में करना और पराये का भेद न खोलना; ऐसा न हो कि सुनने वाला तेरी भी निन्दा करे, और तेरा अपवाद बना रहे॥ जैसे चान्दी की टोकरियों में सोनहले सेब हों वैसे ही ठीक समय पर कहा हुआ वचन होता है। जैसे सोने का नथ और कुन्दन का जेवर अच्छा लगता है, वैसे ही मानने वाले के कान में बुद्धिमान की डांट भी अच्छी लगती है। जैसे कटनी के समय बर्फ की ठण्ड से, वैसे ही विश्वासयोग्य दूत से भी, भेजने वालों का जी ठण्डा होता है। जैसे बादल और पवन बिना दृष्टि निर्लाभ होते हैं, वैसे ही झूठ-मूठ दान देने वाले का बड़ाई मारना होता है॥

नीतिवचन 25:1-14 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

सुलैमान के नीतिवचन ये भी हैं; जिन्हें यहूदा के राजा हिजकिय्याह के जनों ने नकल की थी। परमेश्वर की महिमा, गुप्त रखने में है परन्तु राजाओं की महिमा गुप्त बात के पता लगाने से होती है। स्वर्ग की ऊँचाई और पृथ्वी की गहराई और राजाओं का मन, इन तीनों का अन्त नहीं मिलता। चाँदी में से मैल दूर करने पर वह सुनार के लिये काम की हो जाती है। वैसे ही, राजा के सामने से दुष्ट को निकाल देने पर उसकी गद्दी धर्म के कारण स्थिर होगी। राजा के सामने अपनी बड़ाई न करना और बड़े लोगों के स्थान में खड़ा न होना; उनके लिए तुझ से यह कहना बेहतर है कि, “इधर मेरे पास आकर बैठ” ताकि प्रधानों के सम्मुख तुझे अपमानित न होना पड़े. (लूका 14:10,11) जो कुछ तूने देखा है, वह जल्दी से अदालत में न ला, अन्त में जब तेरा पड़ोसी तुझे शर्मिंदा करेगा तो तू क्या करेगा? अपने पड़ोसी के साथ वाद-विवाद एकान्त में करना और पराए का भेद न खोलना; ऐसा न हो कि सुननेवाला तेरी भी निन्दा करे, और तेरी निन्दा बनी रहे। जैसे चाँदी की टोकरियों में सोने के सेब हों, वैसे ही ठीक समय पर कहा हुआ वचन होता है। जैसे सोने का नत्थ और कुन्दन का जेवर अच्छा लगता है, वैसे ही माननेवाले के कान में बुद्धिमान की डाँट भी अच्छी लगती है। जैसे कटनी के समय बर्फ की ठण्ड से, वैसा ही विश्वासयोग्य दूत से भी, भेजनेवालों का जी ठंडा होता है। जैसे बादल और पवन बिना वृष्टि निर्लाभ होते हैं, वैसे ही झूठ-मूठ दान देनेवाले का बड़ाई मारना होता है।

नीतिवचन 25:1-14 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

ये भी राजा शलोमोन के ही कुछ और नीति वाक्य हैं, जिन्हें यहूदिया राज्य के राजा हिज़किय्याह के लोगों ने तैयार किया है: परमेश्वर की महिमा इसमें है कि वह किसी विषय को गुप्‍त रख देते हैं; जबकि राजा की महिमा किसी विषय की गहराई तक खोजने में होती है. जैसे आकाश की ऊंचाई और पृथ्वी की गहराई, उसी प्रकार राजाओं का हृदय भी रहस्यमय होता है. चांदी में से खोट दूर कर दो, तो चांदीकार के लिए शुद्ध चांदी शेष रह जाती है. राजा के सामने से दुष्टों को हटा दो, तो राज सिंहासन धर्म में प्रतिष्ठित हो जाएगा. न तो राजा के समक्ष स्वयं को सम्मान्य प्रमाणित करो, और न ही किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति का स्थान लेने का प्रयास करो; क्योंकि उत्तम तो यह होगा कि राजा ही तुम्हें आमंत्रित कर यह कहे, “यहां मेरे पास आओ,” इसकी अपेक्षा कि तुम्हें सब की दृष्टि में निम्नतर स्थान पर जाने का आदेश दिया जाए. मात्र इसलिये कि तुमने कुछ देख लिया है, मुकदमा चलाने की उतावली न करना. विवादास्पद विषय पर सीधा उसी व्यक्ति से विचार-विमर्श कर लो, और किसी अन्य व्यक्ति का रहस्य प्रकाशित न करना, कहीं ऐसा न हो कि कोई इसे सुन ले, यह तुम्हारे ही लिए लज्जा का कारण हो जाए और तुम्हारी प्रतिष्ठा स्थायी रूप से नष्ट हो जाए. उचित अवसर पर कहा हुआ वचन चांदी के पात्र में प्रस्तुत स्वर्ण के सेब के समान होता है. तत्पर श्रोता के लिए ज्ञानवान व्यक्ति की चेतावनी वैसी ही होती है जैसे स्वर्ण कर्णफूल अथवा स्वर्ण आभूषण. कटनी के समय की उष्णता में ठंडे पानी के पेय के समान होता है, प्रेषक के लिए वह दूत, जो विश्वासयोग्य है; वह अपने स्वामी के हृदय को प्रफुल्लित कर देता है. बारिश के बिना बादलों और हवा की तरह है जो व्यक्ति उपहार तो देता नहीं, किंतु सबके समक्ष देने की डींग मारता रहता है.