नीतिवचन 14:8-12
नीतिवचन 14:8-12 पवित्र बाइबल (HERV)
ज्ञानी जनों का ज्ञान इसी में है, कि वे अपनी राहों का चिंतन करें, मूर्खता मूर्ख की छल में बसती है। पाप के विचारों पर मूर्ख लोग हँसते हैं, किन्तु सज्जनों में सद्भाव बना रहता है। हर मन अपनी निजी पीड़ा को जानता है, और उसका दुःख कोई नहीं बाँट पाता है। दुष्ट के भवन को ढहा दिया जायेगा, किन्तु सज्जन का डेरा फूलेगा फलेगा। ऐसी भी राह होती है जो मनुष्य को उचित जान पड़ती है; किन्तु परिणाम में वह मृत्यु को ले जाती।
नीतिवचन 14:8-12 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
विवेकी मनुष्य की बुद्धि क्या है? अपने मार्ग को पहचानना; परन्तु मूर्खो की मूर्खता केवल धोखा देना है। परमेश्वर दुर्जन को ठुकराता है, पर धार्मिक व्यक्ति उसकी कृपा का पात्र बनता है। केवल हृदय अपनी पीड़ा को जानता है; पर उसके आनन्द में भी दूसरा साझी नहीं हो सकता। दुर्जन का मकान ढह जाता है, पर धार्मिक मनुष्य का डेरा आबाद रहता है। एक ऐसा भी मार्ग है, जो मनुष्य को उचित प्रतीत होता है; किन्तु वह पथिक को मृत्यु के द्वार पर पहुंचाता है।
नीतिवचन 14:8-12 Hindi Holy Bible (HHBD)
चतुर की बुद्धि अपनी चाल का जानना है, परन्तु मूर्खों की मूढ़ता छल करना है। मूढ़ लोग दोषी होने को ठट्ठा जानते हैं, परन्तु सीधे लोगों के बीच अनुग्रह होता है। मन अपना ही दु:ख जानता है, और परदेशी उसके आनन्द में हाथ नहीं डाल सकता। दुष्टों का घर विनाश हो जाता है, परन्तु सीधे लोगों के तम्बू में आबादी होती है। ऐसा मार्ग है, जो मनुष्य को ठीक देख पड़ता है, परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है।
नीतिवचन 14:8-12 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
चतुर की बुद्धि अपनी चाल का जानना है, परन्तु मूर्खों की मूढ़ता छल करना है। मूढ़ लोग पाप का अंगीकार करने को ठट्ठा जानते हैं, परन्तु सीधे लोगों के बीच अनुग्रह होता है। मन अपना ही दु:ख जानता है, और परदेशी उसके आनन्द में हाथ नहीं डाल सकता। दुष्टों के घर का विनाश हो जाता है, परन्तु सीधे लोगों के तम्बू में आबादी होती है। ऐसा मार्ग है, जो मनुष्य को ठीक जान पड़ता है, परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है।
नीतिवचन 14:8-12 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
विवेकी मनुष्य की बुद्धि अपनी चाल को समझना है, परन्तु मूर्खों की मूर्खता छल करना है। मूर्ख लोग पाप का अंगीकार करने को ठट्ठा जानते हैं, परन्तु सीधे लोगों के बीच अनुग्रह होता है। मन अपना ही दुःख जानता है, और परदेशी उसके आनन्द में हाथ नहीं डाल सकता। दुष्टों के घर का विनाश हो जाता है, परन्तु सीधे लोगों के तम्बू में बढ़ती होती है। ऐसा मार्ग है, जो मनुष्य को ठीक जान पड़ता है, परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है।
नीतिवचन 14:8-12 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
विवेकी की बुद्धिमता इसी में होती है, कि वह उपयुक्त मार्ग की विवेचना कर लेता है, किंतु मूर्खों की मूर्खता धोखा है. दोष बलि मूर्खों के लिए ठट्ठा का विषय होता है, किंतु खरे के मध्य होता है अनुग्रह. मनुष्य को स्वयं अपने मन की पीडा का बोध रहता है और अज्ञात व्यक्ति हृदय के आनंद में सम्मिलित नहीं होता. दुष्ट के घर-परिवार का नष्ट होना निश्चित है, किंतु धर्मी का डेरा भरा-पूरा रहता है. एक ऐसा भी मार्ग है, जो उपयुक्त जान पड़ता है, किंतु इसका अंत है मृत्यु-द्वार.