नीतिवचन 10:1-16

नीतिवचन 10:1-16 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

सुलैमान के नीतिवचन। बुद्धिमान पुत्र से पिता आनन्दित होता है, परन्तु मूर्ख पुत्र के कारण माता उदास रहती है। दुष्‍टों के रखे हुए धन से लाभ नहीं होता, परन्तु धर्म के कारण मृत्यु से बचाव होता है। धर्मी को यहोवा भूखों मरने नहीं देता, परन्तु दुष्‍टों की अभिलाषा वह पूरी होने नहीं देता। जो काम में ढिलाई करता है, वह निर्धन हो जाता है, परन्तु काम–काजी लोग अपने हाथों के द्वारा धनी होते हैं। जो बेटा धूपकाल में बटोरता है वह बुद्धि से काम करनेवाला है, परन्तु जो बेटा कटनी के समय भारी नींद में पड़ा रहता है, वह लज्जा का कारण होता है। धर्मी पर बहुत से आशीर्वाद होते हैं, परन्तु उपद्रव दुष्‍टों का मुँह छा लेता है। धर्मी को स्मरण करके लोग आशीर्वाद देते हैं, परन्तु दुष्‍टों का नाम मिट जाता है। जो बुद्धिमान है, वह आज्ञाओं को स्वीकार करता है, परन्तु जो बकवादी और मूढ़ है, वह पछाड़ खाता है। जो खराई से चलता है वह निडर चलता है, परन्तु जो टेढ़ी चाल चलता है उसकी चाल प्रगट हो जाती है। जो नैन से सैन करता है उस से औरों को दु:ख मिलता है, और जो बकवादी और मूढ़ है, वह पछाड़ खाता है। धर्मी का मुँह तो जीवन का सोता है, परन्तु उपद्रव दुष्‍टों का मुँह छा लेता है। बैर से तो झगड़े उत्पन्न होते हैं, परन्तु प्रेम से सब अपराध ढँप जाते हैं। समझवालों के वचनों में बुद्धि पाई जाती है, परन्तु निर्बुद्धि की पीठ के लिये कोड़ा है। बुद्धिमान लोग ज्ञान को रख छोड़ते हैं, परन्तु मूढ़ के बोलने से विनाश निकट आता है। धनी का धन उसका दृढ़ नगर है, परन्तु कंगाल की निर्धनता उसके विनाश का कारण है। धर्मी का परिश्रम जीवन के लिये होता है, परन्तु दुष्‍ट के लाभ से पाप होता है।

नीतिवचन 10:1-16 पवित्र बाइबल (HERV)

एक बुद्धिमान पुत्र अपने पिता को आनन्द देता है किन्तु एक मूर्ख पुत्र, माता का दुःख होता है। बुराई से कमाये हुए धन के कोष सदा व्यर्थ रहते हैं! जबकि धार्मिकता मौत से छुड़ाती है। किसी नेक जन को यहोवा भूखा नहीं रहने देगा, किन्तु दुष्ट की लालसा पर पानी फेर देता है। सुस्त हाथ मनुष्य को दरिद्र कर देते हैं, किन्तु परिश्रमी हाथ सम्पत्ति लाते हैं। गर्मियों में जो उपज को बटोर रखता है, वही पुत्र बुद्धिमान है; किन्तु जो कटनी के समय में सोता है वह पुत्र शर्मनाक होता है। धर्मी जनों के सिर आशीषों का मुकुट होता किन्तु दुष्ट के मुख से हिंसा ऊफन पड़ती। धर्मी का वरदान स्मरण मात्र बन जाये; किन्तु दुष्ट का नाम दुर्गन्ध देगा। वह आज्ञा मानेगा जिसका मन विवेकशील है, जबकि बकवासी मूर्ख नष्ट हो जायेगा। विवेकशील व्यक्ति सुरक्षित रहता है, किन्तु टेढ़ी चाल वाले का भण्डा फूटेगा। जो बुरे इरादे से आँख से इशारा करे, उसको तो उससे दुःख ही मिलेगा। और बकवासी मूर्ख नष्ट हो जायेगा। धर्मी का मुख तो जीवन का स्रोत होता है, किन्तु दुष्ट के मुख से हिंसा ऊफन पड़ती है। दुष्ट के मुख से घृणा भेद—भावों को उत्तेजित करती है जबकि प्रेम सब दोषों को ढक लेता है। बुद्धि का निवास सदा समझदार होठों पर होता है, किन्तु जिसमें भले बुरे का बोध नहीं होता, उसके पीठ पर डंडा होता है। बुद्धिमान लोग, ज्ञान का संचय करते रहते, किन्तु मूर्ख की वाणी विपत्ति को बुलाती है। धनी का धन, उनका मज़बूत किला होता, दीन की दीनता पर उसका विनाश है। नेक की कमाई, उन्हें जीवन देती है, किन्तु दुष्ट की आय दण्ड दिलवाती।

नीतिवचन 10:1-16 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

राजा सुलेमान के नीतिवचन : बुद्धिमती संतान के कारण पिता आनन्‍दित रहता है; पर मूर्ख संतान से मां को दु:ख होता है। जो धन अन्‍याय से प्राप्‍त किया जाता है, उससे किसी को लाभ नहीं होता; पर धार्मिकता मनुष्‍य को मृत्‍यु से बचाती है। प्रभु धार्मिक मनुष्‍य को भूखा मरने नहीं देता; पर वह दुर्जन की लालसा पर पानी फेर देता है। गरीबी का कारण आलस्‍य है; पर कठोर परिश्रम से गरीब मनुष्‍य भी धनवान हो जाता है। ग्रीष्‍म ऋतु में, अपने आहार की व्‍यवस्‍था करनेवाला मनुष्‍य बुद्धिमान है; पर, जो मनुष्‍य फसल की कटाई के समय सोता है, वह निंदा का कारण बनता है। धार्मिक मनुष्‍य के सिर पर आशिषों की वर्षा होती है; पर दुर्जन के मुंह में हिंसा ही हिंसा भरी रहती है। धार्मिक मनुष्‍य की मृत्‍यु के बाद भी लोग उसका स्‍मरण कर, दूसरों को आशीर्वाद देते हैं, पर दुर्जन का नाम शीघ्र मिट जाता है। बुद्धिमान मनुष्‍य हृदय से आज्ञाओं पर ध्‍यान देता है; पर बकवादी मूर्ख पूर्णत: नष्‍ट हो जाता है। जिसका आचरण खरा है, वह सुरक्षित है; किन्‍तु कुटिल मार्ग पर चलनेवाले का आचरण अन्‍त में प्रकट हो जाता है। जो मनुष्‍य आंखों से संकेत की भाषा में बात करता है, वह दूसरों को दु:ख देता है; पर साहस से चेतावनी देनेवाला मनुष्‍य शान्‍ति स्‍थापित करता है। धार्मिक मनुष्‍य का मुख जीवन का झरना है; पर दुर्जन के मुख में हिंसा निवास करती है! घृणा लड़ाई-झगड़ों को जन्‍म देती है; पर प्रेम सब अपराधों को क्षमा कर देता है। जिस मनुष्‍य में समझ है, उसके ओंठों पर बुद्धि निवास करती है; पर मूर्ख को छड़ी से हांकना पड़ता है। बुद्धिमान अपनी बातों से ज्ञान का कोष एकत्र करता है, पर जब मूर्ख बक-बक करता है, तब उसका विनाश समीप आ जाता है! धनी का धन उसका दृढ़ नगर है; किन्‍तु गरीब की गरीबी उसके विनाश का कारण है। धार्मिक मनुष्‍य का परिश्रम उसको जीवन को ओर ले जाता है; पर दुर्जन की कमाई उसको पाप की ओर अग्रसर करती है।

नीतिवचन 10:1-16 Hindi Holy Bible (HHBD)

सुलैमान के नीतिवचन॥ बुद्धिमान पुत्र से पिता आनन्दित होता है, परन्तु मूर्ख पुत्र के कारण माता उदास रहती है। दुष्टों के रखे हुए धन से लाभ नही होता, परन्तु धर्म के कारण मृत्यु से बचाव होता है। धर्मी को यहोवा भूखों मरने नहीं देता, परन्तु दुष्टों की अभिलाषा वह पूरी होने नहीं देता। जो काम में ढिलाई करता है, वह निर्धन हो जाता है, परन्तु कामकाजी लोग अपने हाथों के द्वारा धनी होते हैं। जो बेटा धूपकाल में बटोरता है वह बुद्धि से काम करने वाला है, परन्तु जो बेटा कटनी के समय भारी नींद में पड़ा रहता है, वह लज्जा का कारण होता है। धर्मी पर बहुत से आर्शीवाद होते हैं, परन्तु उपद्रव दुष्टों का मुंह छा लेता है। धर्मी को स्मरण करके लोग आशीर्वाद देते हैं, परन्तु दुष्टों का नाम मिट जाता है। जो बुद्धिमान है, वह आज्ञाओं को स्वीकार करता है, परन्तु जो बकवादी और मूढ़ है, वह पछाड़ खाता है। जो खराई से चलता है वह निडर चलता है, परन्तु जो टेढ़ी चाल चलता है उसकी चाल प्रगट हो जाती है। जो नैन से सैन करता है उस से औरों को दुख मिलता है, और जो बकवादी और मूढ़ है, वह पछाड़ खाता है। धर्मी का मुंह तो जीवन का सोता है, परन्तु उपद्रव दुष्टों का मुंह छा लेता है। बैर से तो झगड़े उत्पन्न होते हैं, परन्तु प्रेम से सब अपराध ढंप जाते हैं। समझ वालों के वचनों में बुद्धि पाई जाती है, परन्तु निर्बुद्धि की पीठ के लिये कोड़ा है। बुद्धिमान लोग ज्ञान को रख छोड़ते हैं, परन्तु मूढ़ के बोलने से विनाश निकट आता है। धनी का धन उसका दृढ़ नगर है, परन्तु कंगाल लोग निर्धन होने के कारण विनाश होते हैं। धर्मी का परिश्रम जीवन के लिये होता है, परन्तु दुष्ट के लाभ से पाप होता है।

नीतिवचन 10:1-16 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

सुलैमान के नीतिवचन। बुद्धिमान सन्तान से पिता आनन्दित होता है, परन्तु मूर्ख सन्तान के कारण माता को शोक होता है। दुष्टों के रखे हुए धन से लाभ नहीं होता, परन्तु धर्म के कारण मृत्यु से बचाव होता है। धर्मी को यहोवा भूखा मरने नहीं देता, परन्तु दुष्टों की अभिलाषा वह पूरी होने नहीं देता। जो काम में ढिलाई करता है, वह निर्धन हो जाता है, परन्तु कामकाजी लोग अपने हाथों के द्वारा धनी होते हैं। बुद्धिमान सन्तान धूपकाल में फसल बटोरता है, परन्तु जो सन्तान कटनी के समय भारी नींद में पड़ा रहता है, वह लज्जा का कारण होता है। धर्मी पर बहुत से आशीर्वाद होते हैं, परन्तु दुष्टों के मुँह में उपद्रव छिपा रहता है। धर्मी को स्मरण करके लोग आशीर्वाद देते हैं, परन्तु दुष्टों का नाम मिट जाता है। जो बुद्धिमान है, वह आज्ञाओं को स्वीकार करता है, परन्तु जो बकवादी मूर्ख है, उसका नाश होता है। जो खराई से चलता है वह निडर चलता है, परन्तु जो टेढ़ी चाल चलता है उसकी चाल प्रगट हो जाती है। (प्रेरि. 13:10) जो नैन से सैन करके बुरे काम के लिए इशारा करता है उससे औरों को दुःख होता है, और जो बकवादी मूर्ख है, उसका नाश होगा। धर्मी का मुँह तो जीवन का सोता है, परन्तु दुष्टों के मुँह में उपद्रव छिपा रहता है। बैर से तो झगड़े उत्पन्न होते हैं, परन्तु प्रेम से सब अपराध ढँप जाते हैं। (1 कुरि. 13:7, याकू. 5:20, 1 पत. 4:8) समझवालों के वचनों में बुद्धि पाई जाती है, परन्तु निर्बुद्धि की पीठ के लिये कोड़ा है। बुद्धिमान लोग ज्ञान का संग्रह करते है, परन्तु मूर्ख के बोलने से विनाश होता है। धनी का धन उसका दृढ़ नगर है, परन्तु कंगाल की निर्धनता उसके विनाश का कारण हैं। धर्मी का परिश्रम जीवन की ओर ले जाता है; परन्तु दुष्ट का लाभ पाप की ओर ले जाता है।

नीतिवचन 10:1-16 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

शलोमोन के ज्ञान सूत्र निम्न लिखित हैं: बुद्धिमान संतान पिता के आनंद का विषय होती है, किंतु मूर्ख संतान माता के शोक का कारण. बुराई द्वारा प्राप्‍त किया धन लाभ में वृद्धि नहीं करता, धार्मिकता मृत्यु से सुरक्षित रखती है. याहवेह धर्मी व्यक्ति को भूखा रहने के लिए छोड़ नहीं देते, किंतु वह दुष्ट की लालसा पर अवश्य पानी फेर देते हैं. निर्धनता का कारण होता है आलस्य, किंतु परिश्रमी का प्रयास ही उसे समृद्ध बना देता है. बुद्धिमान है वह पुत्र, जो ग्रीष्मकाल में ही आहार संचित कर रखता है, किंतु वह जो फसल के दौरान सोता है वह एक अपमानजनक पुत्र है. धर्मी आशीषें प्राप्‍त करते जाते हैं, किंतु दुष्ट में हिंसा ही समाई रहती है. धर्मी का जीवन ही आशीर्वाद-स्वरूप स्मरण किया जाता है, किंतु दुष्ट का नाम ही मिट जाता है. बुद्धिमान आदेशों को हृदय से स्वीकार करेगा, किंतु बकवादी मूर्ख विनष्ट होता जाएगा. जिस किसी का चालचलन सच्चाई का है, वह सुरक्षित है, किंतु वह, जो कुटिल मार्ग अपनाता है, पकड़ा जाता है. जो कोई आंख मारता है, वह समस्या उत्पन्‍न कर देता है, किंतु बकवादी मूर्ख विनष्ट हो जाएगा. धर्मी के मुख से निकले वचन जीवन का सोता हैं, किंतु दुष्ट अपने मुख में हिंसा छिपाए रहता है. घृणा कलह की जननी है, किंतु प्रेम सभी अपराधों पर आवरण डाल देता है. समझदार व्यक्ति के होंठों पर ज्ञान का वास होता है, किंतु अज्ञानी के लिए दंड ही निर्धारित है. बुद्धिमान ज्ञान का संचयन करते हैं, किंतु मूर्ख की बातें विनाश आमंत्रित करती है. धनी व्यक्ति के लिए उसका धन एक गढ़ के समान होता है, किंतु निर्धन की गरीबी उसे ले डूबती है. धर्मी का ज्ञान उसे जीवन प्रदान करता है, किंतु दुष्ट की उपलब्धि होता है पाप.