जन-गणना 13:17-26

जन-गणना 13:17-26 पवित्र बाइबल (HERV)

मूसा जब उन्हें कनान की छानबीन के लिए भेज रहा था, तब उसने कहा, “नेवेक घाटी से होकर पहाड़ी प्रदेश में जाओ। यह देखो कि देश कैसा दिखाई देता है और उन लोगों की जानकारी प्राप्त करो जो वहाँ रहते हैं। वे शक्तिशाली हैं या कमजोर हैं? वे थोड़े हैं या अधिक संख्या में हैं? उस प्रदेश के बारे में जानकारी करो जिसमें वे रहते हैं। क्या यह अच्छा प्रदेश है या बुरा? किस प्रकार के नगरों में वे रहते हैं? क्या उन नगरों के परकोटे हैं? क्या नगर शक्तिशाली ढगं से सुरक्षित है? और प्रदेश के बारे में अन्य बातों की जानकारी प्राप्त करो। क्या भूमि उपज के लिए उपजाऊ है या ऊसर है? क्या जमीन पर पेड़ उगे हैं? और उस भूमि से कुछ फल लाने का प्रयत्न करो।” (यह उस समय की बात है जब अंगूर की पहली फसल पकी हो।) तब उन्होंने प्रदेश की छानबीन की। वे जिन मरुभूमि से रहोब और लेबो हमात तक गए। वे नेगेव से होकर तब तक यात्रा करते रहे जब तक वे हेब्रोन नगर को पहुँचे। (हेब्रोन मिस्र में सोअन नगर के बसने के सात वर्ष पहले बना था।) अहीमन, शेशै और तल्मै वहाँ रहते थे। ये लोग अनाक के वंशज थे। तब वे लोग एश्कोल की घाटी में आये उन व्यक्तियो ने अंगूर की बेल की एक शाखा काटी। उस शाखा में अंगूर का एक गुच्छा था। लोगों में से दो व्यक्ति अपने बीच एक डंडे पर उसे रख कर लाए। वे कुछ अनार ओर अंजीर भी लाए। उस स्थान का नाम एश्कोल की घाटी था। क्योंकि यह वही स्थान है जहाँ इस्राएल के आदमियों में ने अंगुर के गुच्छे काटे थे। उन व्यक्तियों ने उस प्रदेश की छानबीन चालीस दिन तक की। तब वे डेरे को लौटे। वे व्यक्ति मूसा, हारून और अन्य इस्राएल के लोगों के पास कादेश में लौटे। यह पारान मरुभूमि में था। तब उन्होंने मूसा, हारून और सभी लोगों को, जो कुछ देखा सब कुछ सुनाया और उन्होंने उन्हें उस प्रदेश के फलों को दिखाया।

जन-गणना 13:17-26 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

मूसा ने उन्‍हें कनान देश का भेद लेने के लिए भेजा और उनसे कहा, ‘यहाँ से नेगेब होकर पहाड़ी प्रदेश में जाओ, और उस देश को देखो कि वह कैसा है। उसमें निवास करने वाले लोग बलवान् हैं अथवा दुर्बल; वे संख्‍या में थोड़े हैं, अथवा बहुत। जिस देश पर वे निवास करते हैं, वह अच्‍छा है अथवा बुरा। जिन नगरों में वे निवास करते हैं, वे पड़ाव हैं अथवा गढ़। देश समृद्ध है अथवा दरिद्र? वहाँ पेड़-पौधे हैं अथवा नहीं? तुम-सब साहसी बनो! तुम उस देश के कुछ फल भी लाना।’ वे दिन प्रथम पके अंगूरों के दिन थे। गुप्‍तचर चले गए। उन्‍होंने सिन के निर्जन प्रदेश से, हमात घाटी के प्रवेश-द्वार के निकट रहोब नगर तक पूरे देश का भेद ले लिया। वे नेगेब क्षेत्र से होकर गए और उन्‍होंने हेब्रोन नगर में प्रवेश किया। वहाँ ऊंचे-ऊंचे अनक के वंशज अहीमन, शेशय और तलमय रहते थे। (हेब्रोन नगर मिस्र के सोअन नगर से सात वर्ष पूर्व बसा था।) वे एश्‍कोल की घाटी तक गए। वहाँ उन्‍होंने अंगूर का एक गुच्‍छा शाखा-सहित तोड़ा और दो व्यक्‍ति उसको एक डण्‍डे पर लाद कर ले गए। वे अनार और अंजीर के कुछ फल भी ले गए। जो गुच्‍छा इस्राएली वहाँ से काट कर ले गए थे, उसके कारण उस स्‍थान का नाम ‘एश्‍कोल की घाटी’ पड़ा। गुप्‍तचर चालीस दिन के बाद कनान देश का भेद लेकर लौटे। वे पारन के निर्जन प्रदेश में गए और कादेश में मूसा, हारून तथा समस्‍त इस्राएलियों की मंडली के पास आए। उन्‍होंने उन लोगों को तथा समस्‍त इस्राएली मंडली को समाचार दिया और उन्‍हें उस देश के फल दिखाए।

जन-गणना 13:17-26 Hindi Holy Bible (HHBD)

उन को कनान देश के भेद लेने को भेजते समय मूसा ने कहा, इधर से, अर्थात दक्षिण देश हो कर जाओ, और पहाड़ी देश में जा कर उस देश को देख लो कि कैसा है, और उस में बसे हुए लोगों को भी देखो कि वे बलवान् हैं वा निर्बल, थोड़े हैं वा बहुत, और जिस देश में वे बसे हुए हैं सो कैसा है, अच्छा वा बुरा, और वे कैसी कैसी बस्तियों में बसे हुए हैं, और तम्बुओं में रहते हैं वा गढ़ वा किलों में रहते हैं, और वह देश कैसा है, उपजाऊ है वा बंजर है, और उस में वृक्ष हैं वा नहीं। और तुम हियाव बान्धे चलो, और उस देश की उपज में से कुछ लेते भी आना। वह समय पहली पक्की दाखों का था। सो वे चल दिए, और सीन नाम जंगल से ले रहोब तक, जो हमात के मार्ग में है, सारे देश को देखभालकर उसका भेद लिया। सो वे दक्षिण देश हो कर चले, और हेब्रोन तक गए; वहां अहीमन, शेशै, और तल्मै नाम अनाकवंशी रहते थे। हेब्रोन तो मिस्र के सोअन से सात वर्ष पहिले बसाया गया था। तब वे एशकोल नाम नाले तक गए, और वहां से एक डाली दाखों के गुच्छे समेत तोड़ ली, और दो मनुष्य उस एक लाठी पर लटकाए हुए उठा ले चले गए; और वे अनारोंऔर अंजीरों में से भी कुछ कुछ ले आए। इस्त्राएली वहां से जो दाखों का गुच्छा तोड़ ले आए थे, इस कारण उस स्थान का नाम एशकोल नाला रखा गया। चालीस दिन के बाद वे उस देश का भेद ले कर लौट आए। और पारान जंगल के कादेश नाम स्थान में मूसा और हारून और इस्त्राएलियों की सारी मण्डली के पास पहुंचे; और उन को और सारी मण्डली को संदेशा दिया, और उस देश के फल उन को दिखाए।

जन-गणना 13:17-26 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

उनको कनान देश का भेद लेने को भेजते समय मूसा ने कहा, “इधर से, अर्थात् दक्षिण देश होकर जाओ, और पहाड़ी देश में जाकर उस देश को देख लो कि कैसा है, और उसमें बसे हुए लोगों को भी देखो कि वे बलवान् हैं या निर्बल, थोड़े हैं या बहुत, और जिस देश में वे बसे हुए हैं वह कैसा है, अच्छा या बुरा, और वे कैसी कैसी बस्तियों में बसे हुए हैं, और तम्बुओं में रहते हैं या गढ़ अथवा किलों में रहते हैं, और वह देश कैसा है, उपजाऊ है या बंजर है, और उसमें वृक्ष हैं या नहीं। और तुम हियाव बाँधे चलो, और उस देश की उपज में से कुछ लेते भी आना।” वह समय पहली पक्‍की दाखों का था। इसलिये वे चल दिए, और सीन नामक जंगल से ले रहोब तक, जो हमात के मार्ग में है, सारे देश को देख–भाल कर उसका भेद लिया। वे दक्षिण देश होकर चले, और हेब्रोन तक गए; वहाँ अहीमन, शेशै, और तल्मै नामक अनाकवंशी रहते थे। हेब्रोन मिस्र के सोअन से सात वर्ष पहले बसाया गया था। तब वे एशकोल नामक नाले तक गए, और वहाँ से एक डाली दाखों के गुच्छे समेत तोड़ ली, और दो मनुष्य उसे एक लाठी पर लटकाए हुए उठा ले चले गए; और वे अनारों और अंजीरों में से भी कुछ कुछ ले आए। इस्राएली वहाँ से दाखों का गुच्छा तोड़ ले आए थे, इस कारण उस स्थान का नाम एशकोल नाला रखा गया। चालीस दिन के बाद वे उस देश का भेद लेकर लौट आए। और पारान जंगल के कादेश नामक स्थान में मूसा और हारून और इस्राएलियों की सारी मण्डली के पास पहुँचे; और उनको और सारी मण्डली को संदेशा दिया, और उस देश के फल उनको दिखाए।

जन-गणना 13:17-26 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

उनको कनान देश के भेद लेने को भेजते समय मूसा ने कहा, “इधर से, अर्थात् दक्षिण देश होकर जाओ, और पहाड़ी देश में जाकर उस देश को देख लो कि कैसा है, और उसमें बसे हुए लोगों को भी देखो कि वे बलवान हैं या निर्बल, थोड़े हैं या बहुत, और जिस देश में वे बसे हुए हैं वह कैसा है, अच्छा या बुरा, और वे कैसी-कैसी बस्तियों में बसे हुए हैं, और तम्बुओं में रहते हैं या गढ़ अथवा किलों में रहते हैं, और वह देश कैसा है, उपजाऊ है या बंजर है, और उसमें वृक्ष हैं या नहीं। और तुम हियाव बाँधे चलो, और उस देश की उपज में से कुछ लेते भी आना।” वह समय पहली पक्की दाखों का था। इसलिए वे चल दिए, और सीन नामक जंगल से ले रहोब तक, जो हमात के मार्ग में है, सारे देश को देख-भाल कर उसका भेद लिया। वे दक्षिण देश होकर चले, और हेब्रोन तक गए; वहाँ अहीमन, शेशै, और तल्मै नामक अनाकवंशी रहते थे। हेब्रोन मिस्र के सोअन से सात वर्ष पहले बसाया गया था। तब वे एशकोल नामक नाले तक गए, और वहाँ से एक डाली दाखों के गुच्छे समेत तोड़ ली, और दो मनुष्य उसे एक लाठी पर लटकाए हुए उठा ले चले गए; और वे अनारों और अंजीरों में से भी कुछ कुछ ले आए। इस्राएली वहाँ से जो दाखों का गुच्छा तोड़ ले आए थे, इस कारण उस स्थान का नाम एशकोल नाला रखा गया। चालीस दिन के बाद वे उस देश का भेद लेकर लौट आए। और पारान जंगल के कादेश नामक स्थान में मूसा और हारून और इस्राएलियों की सारी मण्डली के पास पहुँचे; और उनको और सारी मण्डली को सन्देशा दिया, और उस देश के फल उनको दिखाए।

जन-गणना 13:17-26 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

कनान देश में भेद लेने के उद्देश्य से भेजते हुए मोशेह ने उन्हें यह आज्ञा दी, “तुम उस नेगेव प्रदेश में जाओ; उसके बाद पर्वतीय प्रदेश में जाना. देखना कि वह देश किस प्रकार का है, वहां के निवासी बलवान हैं या कमजोर, संख्या में कम हैं या बहुत. वह देश, जहां लोग निवास करते हैं, कैसा है वह देश, अच्छा या बुरा? कैसे हैं वे नगर, जहां वे निवास करते हैं, क्या ये नगर खुले में हैं अथवा वे क़िले में बसे हैं? वहां की भूमि कैसी है, उपजाऊ या बंजर? वहां वृक्ष हैं या नहीं? इसके बाद तुम उस देश के कुछ फल साथ ले आने की कोशिश करना.” (यह अंगूरों की पहली पकी फसल का समय है.) तब वे चले गए. उन्होंने ज़िन के निर्जन प्रदेश से लेकर लबो-हामाथ के रेहोब तक उस प्रदेश का भेद लिया. उन लोगों ने जब नेगेव में प्रवेश किया, वे हेब्रोन पहुंच गए, जहां अनाक के घराने के अहीमान, शेशाइ तथा तालमाई निवास करते थे. (हेब्रोन नगर मिस्र देश के ज़ोअन के सात वर्ष पहले बन चुका था.) इसके बाद वे एशकोल घाटी में जा पहुंचे. वहां उन्होंने एक डाली काट ली, जिसमें अंगूरों का एक ही गुच्छा था. इसे उन्होंने एक लाठी पर लादा और दो व्यक्तियों ने उसको उठा लिया. इसके अलावा वे कुछ अनार एवं अंजीर भी ले आए. वह स्थान एशकोल घाटी के नाम से मशहूर हो गया, क्योंकि इस्राएल के घराने वहां से वह अंगूर का गुच्छा साथ ले गए थे. चालीस दिन के बाद वे उस देश का भेद लेकर लौटे. वे पारान के निर्जन प्रदेश के कादेश में मोशेह, अहरोन तथा इस्राएल के घराने की सारी सभा के सामने उपस्थित हुए. उन्होंने उस देश के फल उनके सामने दिखाते हुए सारी सभा के सामने अपना संदेश रख दिया.

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