मत्ती 22:36-39
मत्ती 22:36-39 पवित्र बाइबल (HERV)
“गुरु, व्यवस्था में सबसे बड़ा आदेश कौन सा है?” यीशु ने उससे कहा, “‘सम्पूर्ण मन से, सम्पूर्ण आत्मा से और सम्पूर्ण बुद्धि से तुझे अपने परमेश्वर प्रभु से प्रेम करना चाहिये।’ यह सबसे पहला और सबसे बड़ा आदेश है। फिर ऐसा ही दूसरा आदेश यह है: ‘अपने पड़ोसी से वैसे ही प्रेम कर जैसे तू अपने आप से करता है।’
मत्ती 22:36-39 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
“गुरुवर! व्यवस्था-ग्रन्थ में सब से बड़ी आज्ञा कौन-सी है?” येशु ने उस से कहा, “ ‘अपने प्रभु परमेश्वर को अपने सम्पूर्ण हृदय, सम्पूर्ण प्राण और सम्पूर्ण बुद्धि से प्रेम करो।’ यह सब से बड़ी और पहली आज्ञा है। दूसरी आज्ञा इसी के सदृश है : ‘अपने पड़ोसी को अपने समान प्रेम करो।’
मत्ती 22:36-39 Hindi Holy Bible (HHBD)
हे गुरू; व्यवस्था में कौन सी आज्ञा बड़ी है? उस ने उस से कहा, तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। और उसी के समान यह दूसरी भी है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।
मत्ती 22:36-39 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
“हे गुरु, व्यवस्था में कौन सी आज्ञा बड़ी है?” उसने उससे कहा, “तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। और उसी के समान यह दूसरी भी है कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।
मत्ती 22:36-39 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
“हे गुरु, व्यवस्था में कौन सी आज्ञा बड़ी है?” उसने उससे कहा, “तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। और उसी के समान यह दूसरी भी है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।
मत्ती 22:36-39 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
“गुरुवर, व्यवस्था के अनुसार सबसे बड़ी आज्ञा कौन सी है?” येशु ने उसे उत्तर दिया, “तुम प्रभु, अपने परमेश्वर से, अपने सारे हृदय, अपने सारे प्राण तथा अपनी सारी समझ से प्रेम करो. यही प्रमुख तथा सबसे बड़ी आज्ञा है. ऐसी ही दूसरी सबसे बड़ी आज्ञा है: ‘अपने पड़ोसी से वैसे ही प्रेम करो जैसे तुम स्वयं से करते हो.’