मत्ती 20:17-34

मत्ती 20:17-34 पवित्र बाइबल (HERV)

जब यीशु अपने बारह शिष्यों के साथ यरूशलेम जा रहा था तो वह उन्हें एक तरफ़ ले गया और चलते चलते उनसे बोला, “सुनो, हम यरूशलेम पहुँचने को हैं। मनुष्य का पुत्र वहाँ प्रमुख याजकों और यहूदी धर्म शास्त्रियों के हाथों सौंप दिया जायेगा। वे उसे मृत्यु दण्ड के योग्य ठहरायेंगे। फिर उसका उपहास करवाने और कोड़े लगवाने को उसे गै़र यहूदियों को सौंप देंगे। फिर उसे क्रूस पर चढ़ा दिया जायेगा किन्तु तीसरे दिन वह फिर जी उठेगा।” फिर जब्दी के बेटों की माँ अपने बेटों समेत यीशु के पास पहुँची और उसने झुक कर प्रार्थना करते हुए उससे कुछ माँगा। यीशु ने उससे पूछा, “तू क्या चाहती है?” वह बोली, “मुझे वचन दे कि मेरे ये दोनों बेटे तेरे राज्य में एक तेरे दाहिनी ओर और दूसरा तेरे बाई ओर बैठे।” यीशु ने उत्तर दिया, “तुम नहीं जानते कि तुम क्या माँग रहे हो। क्या तुम यातनाओं का वह प्याला पी सकते हो, जिसे मैं पीने वाला हूँ?” उन्होंने उससे कहा, “हाँ, हम पी सकते हैं!” यीशु उनसे बोला, “निश्चय ही तुम वह प्याला पीयोगे। किन्तु मेरे दाएँ और बायें बैठने का अधिकार देने वाला मैं नहीं हूँ। यहाँ बैठने का अधिकार तो उनका है, जिनके लिए यह मेरे पिता द्वारा सुरक्षित किया जा चुका है।” जब बाकी दस शिष्यों ने यह सुना तो वे उन दोनों भाईयों पर बहुत बिगड़े। तब यीशु ने उन्हें अपने पास बुलाकर कहा, “तुम जानते हो कि गैर यहूदी राजा, लोगों पर अपनी शक्ति दिखाना चाहते हैं और उनके महत्वपूर्ण नेता, लोगों पर अपना अधिकार जताना चाहते हैं। किन्तु तुम्हारे बीच ऐसा नहीं होना चाहिये। बल्कि तुम में जो बड़ा बनना चाहे, तुम्हारा सेवक बने। और तुम में से जो कोई पहला बनना चाहे, उसे तुम्हारा दास बनना होगा। तुम्हें मनुष्य के पुत्र जैसा ही होना चाहिये जो सेवा कराने नहीं, बल्कि सेवा करने और बहुतों के छुटकारे के लिये अपने प्राणों की फिरौती देने आया है।” जब वे यरीहो नगर से जा रहे थे एक बड़ी भीड़ यीशु के पीछे हो ली। वहाँ सड़क किनारे दो अंधे बैठे थे। जब उन्होंने सुना कि यीशु वहाँ से जा रहा है, वे चिल्लाये, “प्रभु, दाऊद के पुत्र, हम पर दया कर!” इस पर भीड़ ने उन्हें धमकाते हुए चुप रहने को कहा पर वे और अधिक चिल्लाये, “प्रभु! दाऊद के पुत्र हम पर दया कर!” फिर यीशु रुका और उनसे बोला, “तुम क्या चाहते हो, मैं तुम्हारे लिए क्या करूँ?” उन्होंने उससे कहा, “प्रभु, हम चाहते हैं कि हम देख सकें।” यीशु को उन पर दया आयी। उसने उनकी आँखों को छुआ, और तुरंत ही वे फिर देखने लगे। वे उसके पीछे हो लिए।

मत्ती 20:17-34 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

यरूशलेम जाते समय येशु अपने बारह शिष्‍यों को एकान्‍त में ले गए, और मार्ग में उनसे बोले, “देखो, हम यरूशलेम जा रहे हैं। मानव-पुत्र महापुरोहितों और शास्‍त्रियों के हाथ में सौंप दिया जाएगा। वे उसे प्राणदण्‍ड के योग्‍य ठहराएँगे और अन्‍यजातियों के हाथ में सौंप देंगे, जिससे वे उसका उपहास करें, उसे कोड़े लगाएँ और क्रूस पर चढ़ाएँ; लेकिन तीसरे दिन वह जीवित हो उठेगा।” तब जबदी के पुत्रों की माता अपने पुत्रों के साथ येशु के पास आयी। उसने वंदना कर उन से कुछ माँगना चाहा। येशु ने उससे कहा, “क्‍या चाहती हो?” उसने उत्तर दिया, “आप आज्ञा दीजिए कि आपके राज्‍य में मेरे ये दोनों पुत्र एक आपके दाएँ बैठे और दूसरा आपके बाएँ।” येशु ने उसके पुत्रों से कहा, “तुम नहीं जानते कि तुम क्‍या माँग रहे हो। जो प्‍याला मैं पीने वाला हूँ, क्‍या तुम उसे पी सकते हो?” उन्‍होंने उत्तर दिया, “हाँ, हम पी सकते हैं।” इस पर येशु ने उनसे कहा, “मेरा प्‍याला तो तुम पिओगे, किन्‍तु तुम्‍हें अपने दाएँ या बाएँ बैठाना, यह मेरा काम नहीं है। ये स्‍थान उन लोगों के लिए हैं जिनके लिए मेरे पिता ने इन्‍हें तैयार किया है।” जब दस प्रेरितों को यह मालूम हुआ, तब वे दोनों भाइयों पर नाराज हो गये। येशु ने अपने शिष्‍यों को अपने पास बुला कर उनसे कहा, “तुम जानते हो कि संसार के अधिपति अपनी प्रजा पर निरंकुश शासन करते हैं और उनके सत्ताधारी उन पर अधिकार जताते हैं। परन्‍तु तुम में ऐसी बात नहीं होगी। जो तुम में बड़ा होना चाहता है, वह तुम्‍हारा सेवक बने और जो तुम में प्रधान होना चाहता है, वह तुम्‍हारा दास बने; जैसे मानव-पुत्र अपनी सेवा कराने नहीं, बल्‍कि सेवा करने तथा बहुतों के बदले उनकी मुक्‍ति के मूल्‍य में अपने प्राण देने आया है।” जब येशु और उनके शिष्‍य यरीहो नगर से निकल रहे थे, तब एक विशाल जनसमूह येशु के पीछे हो लिया। सड़क के किनारे दो अन्‍धे बैठे हुए थे। जब उन्‍होंने यह सुना कि येशु सामने से गुजर रहे हैं, तब वे पुकार-पुकार कर कहने लगे, “हे प्रभु! दाऊद के वंशज! हम पर दया कीजिए”। लोगों ने उन्‍हें डाँटा कि वे चुप हो जाएँ। किन्‍तु वे और भी जोर से पुकारने लगे, “हे प्रभु! दाऊद के वंशज! हम पर दया कीजिए।” येशु रुक गये। उन्‍होंने उनको बुलाया और कहा, “तुम क्‍या चाहते हो? मैं तुम्‍हारे लिए क्‍या करूँ?” उन्‍होंने उत्तर दिया, “प्रभु! हमारी आँखें खुल जाएँ।” येशु को उन पर दया आयी और उन्‍होंने उनकी आँखों का स्‍पर्श किया। उसी क्षण उनकी दृष्‍टि लौट आयी और वे येशु के पीछे हो लिये।

मत्ती 20:17-34 Hindi Holy Bible (HHBD)

यीशु यरूशलेम को जाते हुए बारह चेलों को एकान्त में ले गया, और मार्ग में उन से कहने लगा। कि देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं; और मनुष्य का पुत्र महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जाएगा और वे उस को घात के योग्य ठहराएंगे। और उस को अन्यजातियों के हाथ सोंपेंगे, कि वे उसे ठट्ठों में उड़ाएं, और कोड़े मारें, और क्रूस पर चढ़ाएं, और वह तीसरे दिन जिलाया जाएगा॥ तब जब्दी के पुत्रों की माता ने अपने पुत्रों के साथ उसके पास आकर प्रणाम किया, और उस से कुछ मांगने लगी। उस ने उस से कहा, तू क्या चाहती है? वह उस से बोली, यह कह, कि मेरे ये दो पुत्र तेरे राज्य में एक तेरे दाहिने और एक तेरे बाएं बैठें। यीशु ने उत्तर दिया, तुम नहीं जानते कि क्या मांगते हो? जो कटोरा मैं पीने पर हूं, क्या तुम पी सकते हो? उन्होंने उस से कहा, पी सकते हैं। उस ने उन से कहा, तुम मेरा कटोरा तो पीओगे पर अपने दाहिने बाएं किसी को बिठाना मेरा काम नहीं, पर जिन के लिये मेरे पिता की ओर से तैयार किया गया, उन्हें के लिये है। यह सुनकर, दसों चेले उन दोनों भाइयों पर क्रुद्ध हुए। यीशु ने उन्हें पास बुलाकर कहा, तुम जानते हो, कि अन्य जातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं। परन्तु तुम में ऐसा न होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने। और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने। जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल करी जाए, परन्तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिये अपने प्राण दे॥ जब वे यरीहो से निकल रहे थे, तो एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली। और देखो, दो अन्धे, जो सड़कर के किनारे बैठे थे, यह सुनकर कि यीशु जा रहा है, पुकारकर कहने लगे; कि हे प्रभु, दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर। लोगों ने उन्हें डांटा, कि चुप रहें, पर वे और भी चिल्लाकर बोले, हे प्रभु, दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर। तब यीशु ने ख़ड़े होकर, उन्हें बुलाया, और कहा; तुम क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये करूं? उन्हों ने उस से कहा, हे प्रभु; यह कि हमारी आंखे खुल जाएं। यीशु ने तरस खाकर उन की आंखे छूई, और वे तुरन्त देखने लगे; और उसके पीछे हो लिए॥

मत्ती 20:17-34 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

यीशु यरूशलेम को जाते हुए बारह चेलों को एकान्त में ले गया, और मार्ग में उनसे कहने लगा, “देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं; और मनुष्य का पुत्र प्रधान याजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जाएगा, और वे उसको घात के योग्य ठहराएँगे।* और उसको अन्यजातियों के हाथ सौंपेंगे कि वे उसे ठट्ठों में उड़ाएँ, और कोड़े मारें, और क्रूस पर चढ़ाएँ, और वह तीसरे दिन जिलाया जाएगा।” तब जब्दी के पुत्रों की माता ने, अपने पुत्रों के साथ यीशु के पास आकर प्रणाम किया, और उससे कुछ माँगने लगी। उसने उससे कहा, “तू क्या चाहती है?” वह उससे बोली, “यह वचन दे कि मेरे ये दो पुत्र तेरे राज्य में एक तेरे दाहिने और एक तेरे बाएँ बैठे।” यीशु ने उत्तर दिया, “तुम नहीं जानते कि क्या माँगते हो। जो कटोरा मैं पीने पर हूँ, क्या तुम पी सकते हो?” उन्होंने उससे कहा, “पी सकते हैं।” उसने उनसे कहा, “तुम मेरा कटोरा तो पीओगे, पर अपने दाहिने और बाएँ किसी को बैठाना मेरा काम नहीं, पर जिनके लिये मेरे पिता की ओर से तैयार किया गया, उन्हीं के लिये है।” यह सुनकर दसों चेले उन दोनों भाइयों पर क्रुद्ध हुए। यीशु ने उन्हें पास बुलाकर कहा, “तुम जानते हो कि अन्यजातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं,वे उन पर अधिकार जताते हैं।* परन्तु तुम में ऐसा नहीं होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने;* और जो तुम में प्रधान होना चाहे, वह तुम्हारा दास बने; जैसे कि मनुष्य का पुत्र; वह इसलिये नहीं आया कि उसकी सेवा टहल की जाए, परन्तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपने प्राण दे।” जब वे यरीहो से निकल रहे थे, तो एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली। और दो अन्धे, जो सड़क के किनारे बैठे थे, यह सुनकर कि यीशु जा रहा है, पुकारकर कहने लगे, “हे प्रभु, दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर।” लोगों ने उन्हें डाँटा कि चुप रहें; पर वे और भी चिल्‍लाकर बोले, “हे प्रभु, दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर।” तब यीशु ने खड़े होकर, उन्हें बुलाया और कहा, “तुम क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये करूँ?” उन्होंने उससे कहा, “हे प्रभु, यह कि हमारी आँखें खुल जाएँ।” यीशु ने तरस खाकर उनकी आँखें छूईं, और वे तुरन्त देखने लगे; और उसके पीछे हो लिए।

मत्ती 20:17-34 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

यीशु यरूशलेम को जाते हुए बारह चेलों को एकान्त में ले गया, और मार्ग में उनसे कहने लगा। “देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं; और मनुष्य का पुत्र प्रधान याजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जाएगा और वे उसको घात के योग्य ठहराएँगे। और उसको अन्यजातियों के हाथ सौंपेंगे, कि वे उसे उपहास में उड़ाएँ, और कोड़े मारें, और क्रूस पर चढ़ाएँ, और वह तीसरे दिन जिलाया जाएगा।” तब जब्दी के पुत्रों की माता ने अपने पुत्रों के साथ उसके पास आकर प्रणाम किया, और उससे कुछ माँगने लगी। उसने उससे कहा, “तू क्या चाहती है?” वह उससे बोली, “यह कह, कि मेरे ये दो पुत्र तेरे राज्य में एक तेरे दाहिने और एक तेरे बाएँ बैठे।” यीशु ने उत्तर दिया, “तुम नहीं जानते कि क्या माँगते हो। जो कटोरा मैं पीने पर हूँ, क्या तुम पी सकते हो?” उन्होंने उससे कहा, “पी सकते हैं।” उसने उनसे कहा, “तुम मेरा कटोरा तो पीओगे पर अपने दाहिने बाएँ किसी को बैठाना मेरा काम नहीं, पर जिनके लिये मेरे पिता की ओर से तैयार किया गया, उन्हीं के लिये है।” यह सुनकर, दसों चेले उन दोनों भाइयों पर क्रुद्ध हुए। यीशु ने उन्हें पास बुलाकर कहा, “तुम जानते हो, कि अन्यजातियों के अधिपति उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं। परन्तु तुम में ऐसा न होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने; और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने; जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिए नहीं आया कि अपनी सेवा करवाए, परन्तु इसलिए आया कि सेवा करे और बहुतों के छुटकारे के लिये अपने प्राण दे।” जब वे यरीहो से निकल रहे थे, तो एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली। और दो अंधे, जो सड़क के किनारे बैठे थे, यह सुनकर कि यीशु जा रहा है, पुकारकर कहने लगे, “हे प्रभु, दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर।” लोगों ने उन्हें डाँटा, कि चुप रहें, पर वे और भी चिल्लाकर बोले, “हे प्रभु, दाऊद की सन्तान, हम पर दया कर।” तब यीशु ने खड़े होकर, उन्हें बुलाया, और कहा, “तुम क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये करूँ?” उन्होंने उससे कहा, “हे प्रभु, यह कि हमारी आँखें खुल जाएँ।” यीशु ने तरस खाकर उनकी आँखें छूई, और वे तुरन्त देखने लगे; और उसके पीछे हो लिए।

मत्ती 20:17-34 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

जब येशु येरूशलेम नगर जाने पर थे, उन्होंने मात्र अपने बारह शिष्यों को अपने साथ लिया. मार्ग में येशु ने उनसे कहा, “यह समझ लो कि हम येरूशलेम नगर जा रहे हैं, जहां मनुष्य के पुत्र को पकड़वाया जाएगा, प्रधान पुरोहितों तथा शास्त्रियों के हाथों में सौंप दिया जाएगा और वे उसे मृत्यु दंड के योग्य घोषित करेंगे. इसके लिए मनुष्य के पुत्र को गैर-यहूदियों के हाथों में सौंप दिया जाएगा कि वे उसका ठट्ठा करें, उसे कोड़े लगवाएं और उसे क्रूस पर चढ़ाएं किंतु वह तीसरे दिन मरे हुओं में से जीवित किया जाएगा.” ज़ेबेदियॉस की पत्नी अपने पुत्रों के साथ येशु के पास आईं तथा येशु के सामने झुककर उनसे एक विनती करनी चाही. येशु ने उनसे पूछा, “आप क्या चाहती हैं?” उन्होंने येशु को उत्तर दिया, “यह आज्ञा दे दीजिए कि आपके राज्य में मेरे ये दोनों पुत्र, एक आपके दायें तथा दूसरा आपके बायें बैठे.” येशु ने दोनों भाइयों से उन्मुख हो कहा, “तुम समझ नहीं रहे कि तुम क्या मांग रहे हो! क्या तुममें उस प्याले को पीने की क्षमता है, जिसे मैं पीने पर हूं?” “हां, प्रभु,” उन्होंने उत्तर दिया. इस पर येशु ने उनसे कहा, “सचमुच मेरा प्याला तो तुम पियोगे, किंतु किसी को अपने दायें या बायें बैठाना मेरा अधिकार नहीं है. यह उनके लिए है, जिनके लिए यह मेरे पिता द्वारा तैयार किया गया है.” यह सुन शेष दस शिष्य इन दोनों भाइयों पर नाराज़ हो गए; किंतु येशु ने उन सभी को अपने पास बुलाकर उनसे कहा, “वे, जो इस संसार में शासक हैं, अपने लोगों पर प्रभुता करते हैं तथा उनके बड़े अधिकारी उन पर अपना अधिकार दिखाया करते हैं. तुममें ऐसा नहीं है, तुममें जो महान बनने की इच्छा रखता है, वह तुम्हारा सेवक बने, तथा तुममें जो कोई श्रेष्ठ होना चाहता है, वह तुम्हारा दास हो. ठीक जैसे मनुष्य का पुत्र यहां इसलिये नहीं आया कि अपनी सेवा करवाए, परंतु इसलिये कि सेवा करे, और अनेकों की छुड़ौती के लिए अपना जीवन बलिदान कर दे.” जब वे येरीख़ो नगर से बाहर निकल ही रहे थे, एक बड़ी भीड़ उनके साथ हो ली. वहां मार्ग के किनारे दो अंधे व्यक्ति बैठे हुए थे. जब उन्हें यह अहसास हुआ कि येशु वहां से जा रहे हैं, वे पुकार-पुकारकर विनती करने लगे, “प्रभु! दावीद की संतान! हम पर कृपा कीजिए!” भीड़ ने उन्हें झिड़कते हुए शांत रहने की आज्ञा दी, किंतु वे और भी अधिक ऊंचे शब्द में पुकारने लगे, “प्रभु! दावीद की संतान! हम पर कृपा कीजिए!” येशु रुक गए, उन्हें पास बुलाया और उनसे प्रश्न किया, “क्या चाहते हो तुम? मैं तुम्हारे लिए क्या करूं?” उन्होंने उत्तर दिया, “प्रभु! हम चाहते हैं कि हम देखने लगें.” तरस खाकर येशु ने उनकी आंखें छुई. तुरंत ही वे देखने लगे और वे येशु के पीछे हो लिए.