मत्ती 13:33-58

मत्ती 13:33-58 पवित्र बाइबल (HERV)

उसने उन्हें एक दृष्टान्त कथा और कही: “स्वर्ग का राज्य खमीर के समान है, जिसे किसी स्त्री ने तीन बार आटे में मिलाया और तब तक उसे रख छोड़ा जब तक वह सब का सब खमीर नहीं हो गया।” यीशु ने लोगों से यह सब कुछ दृष्टान्त-कथाओं के द्वारा कहा। वास्तव में वह उनसे दृष्टान्त-कथाओं के बिना कुछ भी नहीं कहता था। ऐसा इसलिये था कि परमेश्वर ने भविष्यवक्ता के द्वारा जो कुछ कहा था वह पूरा होः परमेश्वर ने कहा, “मैं दृष्टान्त कथाओं के द्वारा अपना मुँह खोलूँगा। सृष्टि के आदिकाल से जो बातें छिपी रही हैं, उन्हें उजागर करूँगा।” फिर यीशु उस भीड़ को विदा करके घर चला आया। तब उसके शिष्यों ने आकर उससे कहा, “खेत के खरपतवार के दृष्टान्त का अर्थ हमें समझा।” उत्तर में यीशु बोला, “जिसने उत्तम बीज बोया था, वह है मनुष्य का पुत्र। और खेत यह संसार है। अच्छे बीज का अर्थ है, स्वर्ग के राज्य के लोग। खरपतवार का अर्थ है, वे व्यक्ति जो शैतान की संतान हैं। वह शत्रु जिसने खरपतवार बीजे थे, शैतान है और कटाई का समय है, इस जगत का अंत और कटाई करने वाले हैं स्वर्गदूत। “ठीक वैसे ही जैसे खरपतवार को इकट्ठा करके आग में जला दिया गया, वैसे ही सृष्टि के अंत में होगा। मनुष्य का पुत्र अपने दूतों को भेजेगा और वे उसके राज्य से सभी पापियों को और उनको, जो लोगों को पाप के लिये प्रेरित करते हैं, इकट्ठा करके धधकते भाड़ में झोंक देंगे जहाँ बस दाँत पीसना और रोना ही रोना होगा। तब धर्मी अपने परम पिता के राज्य में सूरज की तरह चमकेंगे। जो सुन सकता है, सुन ले! “स्वर्ग का राज्य खेत में गड़े धन जैसा है। जिसे किसी मनुष्य ने पाया और फिर उसे वहीं गाड़ दिया। वह इतना प्रसन्न हुआ कि उसने जो कुछ उसके पास था, जाकर बेच दिया और वह खेत मोल ले लिया। “स्वर्ग का राज्य ऐसे व्यापारी के समान है जो अच्छे मोतियों की खोज में हो। जब उसे एक अनमोल मोती मिला तो जाकर जो कुछ उसके पास था, उसने बेच डाला, और मोती मोल ले लिया। “स्वर्ग का राज्य मछली पकड़ने के लिए झील में फेंके गए एक जाल के समान भी है। जिसमें तरह तरह की मछलियाँ पकड़ी गयीं। जब वह जाल पूरा भर गया तो उसे किनारे पर खींच लिया गया। और वहाँ बैठ कर अच्छी मछलियाँ छाँट कर टोकरियों में भर ली गयीं किन्तु बेकार मछलियाँ फेंक दी गयीं। सृष्टि के अन्त में ऐसा ही होगा। स्वर्गदूत आयेंगे और धर्मियों में से पापियों को छाँट कर धधकते भाड़ में झोंक देंगे जहाँ बस रोना और दाँत पीसना होगा।” यीशु ने अपने शिष्यों से पूछा, “तुम ये सब बातें समझते हो?” उन्होंने उत्तर दिया, “हाँ!” यीशु ने अपने शिष्यों से कहा, “देखो, इसीलिये हर धर्मशास्त्री जो परमेश्वर के राज्य को जानता है, एक ऐसे गृहस्वामी के समान है, जो अपने कठोर से नई-पुरानी वस्तुओं को बाहर निकालता है।” इन दृष्टान्त कथाओं को समाप्त करके वह वहाँ से चल दिया। और अपने देश आ गया। फिर उसने यहूदी आराधनालयों में उपदेश देना आरम्भ कर दिया। इससे हर कोई अचरज में पड़ कर कहने लगा, “इसे ऐसी सूझबूझ और चमत्कारी शक्ति कहाँ से मिली? क्या यह वही बढ़ई का बेटा नहीं है? क्या इसकी माँ का नाम मरियम नहीं है? याकूब, यूसुफ, शमौन और यहूदा इसी के तो भाई हैं न? क्या इसकी सभी बहनें हमारे ही बीच नहीं हैं? तो फिर उसे यह सब कहाँ से मिला?” सो उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया। फिर यीशु ने कहा, “किसी नबी का अपने गाँव और घर को छोड़ कर, सब आदर करते हैं।” सो उनके अविश्वास के कारण उसने वहाँ अधिक आश्चर्य कर्म नहीं किये।

मत्ती 13:33-58 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

येशु ने उन्‍हें एक और दृष्‍टान्‍त सुनाया, “स्‍वर्ग का राज्‍य उस खमीर के सदृश है, जिसे ले कर किसी स्‍त्री ने दस किलो आटे में मिलाया और होते-होते सारा आटा खमीर हो गया।” येशु ने दृष्‍टान्‍तों में ही ये सब बातें लोगों से कहीं। वह बिना दृष्‍टान्‍त के उन से कुछ नहीं कहते थे, जिससे नबी का यह कथन पूरा हो जाए, “मैं दृष्‍टान्‍तों में बोलूँगा। सृष्‍टि के आरम्‍भ से जो गुप्‍त है, उसे मैं प्रकट करूँगा।” येशु लोगों को विदा कर घर आए। उनके शिष्‍यों ने उनके पास आ कर कहा, “खेत के जंगली बीज का दृष्‍टान्‍त हमें समझा दीजिए।” येशु ने उन्‍हें उत्तर दिया, “अच्‍छा बीज बोने वाला मानव-पुत्र है; खेत संसार है। अच्‍छा बीज राज्‍य की संतान है; जंगली बीज दुष्‍ट आत्‍मा की संतान है। बोने वाला शत्रु शैतान है। कटनी संसार का अन्‍त है। लुनने वाले स्‍वर्गदूत हैं। जिस तरह लोग जंगली बीज के पौधे एकत्र कर आग में जला देते हैं, वैसा ही संसार के अन्‍त में होगा। मानव-पुत्र अपने स्‍वर्गदूतों को भेजेगा और वे उसके राज्‍य के सब बाधक तत्‍वों और कुकर्मियों को एकत्र कर आग के कुण्‍ड में झोंक देंगे। वहाँ वे लोग रोएँगे और दाँत पीसते रहेंगे। तब धर्मी अपने पिता के राज्‍य में सूर्य की तरह चमकेंगे। जिसके कान हों, वह सुन ले। “स्‍वर्ग का राज्‍य खेत में छिपे हुए खजाने के सदृश है, जिसे कोई मनुष्‍य पाता है और छिपा देता है। तब वह उमंग में जाता और अपना सब कुछ बेच कर उस खेत को खरीद लेता है। “फिर, स्‍वर्ग का राज्‍य उस व्‍यापारी के सदृश है जो उत्तम मोतियों की खोज में था। जब उसे एक बहुमूल्‍य मोती मिला तब उसने जाकर अपना सब कुछ बेच दिया और उस मोती को मोल ले लिया। “फिर, स्‍वर्ग का राज्‍य समुद्र में डाले हुए उस जाल के सदृश है, जो हर तरह की मछलियाँ बटोर लाता है। जाल के भर जाने पर मछुए उसे किनारे खींच लेते हैं। तब वे बैठ कर अच्‍छी मछलियाँ चुन-चुन कर टोकरियों में जमा करते हैं और खराब मछलियाँ फेंक देते हैं। संसार के अन्‍त में ऐसा ही होगा। स्‍वर्गदूत आकर धर्मियों में से दुष्‍टों को अलग करेंगे और उन्‍हें आग के कुण्‍ड में झोंक देंगे। वहाँ वे लोग रोएँगे और दाँत पीसते रहेंगे। “क्‍या तुम लोग ये सब बातें समझ गये?” शिष्‍यों ने उत्तर दिया, “जी हाँ।” येशु ने उन से कहा, “इस कारण प्रत्‍येक शास्‍त्री, जो स्‍वर्ग के राज्‍य के विषय में शिक्षा पा चुका है, उस गृहस्‍थ के सदृश है, जो अपने भंडार से नयी और पुरानी वस्‍तुएँ निकालता है।” येशु इन दृष्‍टान्‍तों को समाप्‍त कर वहाँ से चले गये। येशु अपने नगर में आए, और लोगों को उनके सभागृह में शिक्षा देने लगे। लोगों को आश्‍चर्य हुआ। उन्‍होंने कहा, “इसे यह बुद्धि और आश्‍चर्यपूर्ण कार्य करने का यह सामर्थ्य कहाँ से मिला? क्‍या यह बढ़ई का पुत्र नहीं है? क्‍या मरियम इसकी माँ नहीं? क्‍या याकूब, यूसुफ़, शिमोन और यहूदा इसके भाई नहीं? क्‍या इसकी सब बहनें हमारे बीच नहीं रहतीं? तो यह सब इसे कहाँ से मिला?” इस प्रकार लोगों को येशु के विषय में भ्रम हुआ। येशु ने उन से कहा, “अपने नगर और अपने घर को छोड़कर नबी का अपमान कहीं नहीं होता।” लोगों के अविश्‍वास के कारण उन्‍होंने वहाँ सामर्थ्य के अधिक कार्य नहीं किए।

मत्ती 13:33-58 Hindi Holy Bible (HHBD)

उस ने एक और दृष्टान्त उन्हें सुनाया; कि स्वर्ग का राज्य खमीर के समान है जिस को किसी स्त्री ने लेकर तीन पसेरी आटे में मिला दिया और होते होते वह सब खमीर हो गया॥ ये सब बातें यीशु ने दृष्टान्तों में लोगों से कहीं, और बिना दृष्टान्त वह उन से कुछ न कहता था। कि जो वचन भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो कि मैं दृष्टान्त कहने को अपना मुंह खोलूंगा: मैं उन बातों को जो जगत की उत्पत्ति से गुप्त रही हैं प्रगट करूंगा॥ तब वह भीड़ को छोड़ कर घर में आया, और उसके चेलों ने उसके पास आकर कहा, खेत के जंगली दाने का दृष्टान्त हमें समझा दे। उस ने उन को उत्तर दिया, कि अच्छे बीज का बोने वाला मनुष्य का पुत्र है। खेत संसार है, अच्छा बीज राज्य के सन्तान, और जंगली बीज दुष्ट के सन्तान हैं। जिस बैरी ने उन को बोया वह शैतान है; कटनी जगत का अन्त है: और काटने वाले स्वर्गदूत हैं। सो जैसे जंगली दाने बटोरे जाते और जलाए जाते हैं वैसा ही जगत के अन्त में होगा। मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा, और वे उसके राज्य में से सब ठोकर के कारणों को और कुकर्म करने वालों को इकट्ठा करेंगे। और उन्हें आग के कुंड में डालेंगे, वहां रोना और दांत पीसना होगा। उस समय धर्मी अपने पिता के राज्य में सूर्य की नाईं चमकेंगे; जिस के कान हों वह सुन ले॥ स्वर्ग का राज्य खेत में छिपे हुए धन के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने पाकर छिपा दिया, और मारे आनन्द के जाकर और अपना सब कुछ बेचकर उस खेत को मोल लिया॥ फिर स्वर्ग का राज्य एक व्यापारी के समान है जो अच्छे मोतियों की खोज में था। जब उसे एक बहुमूल्य मोती मिला तो उस ने जाकर अपना सब कुछ बेच डाला और उसे मोल ले लिया॥ फिर स्वर्ग का राज्य उस बड़े जाल के समान है, जो समुद्र में डाला गया, और हर प्रकार की मछिलयों को समेट लाया। और जब भर गया, तो उस को किनारे पर खींच लाए, और बैठकर अच्छी अच्छी तो बरतनों में इकट्ठा किया और निकम्मी, निकम्मीं फेंक दी। जगत के अन्त में ऐसा ही होगा: स्वर्गदूत आकर दुष्टों को धमिर्यों से अलग करेंगे, और उन्हें आग के कुंड में डालेंगे। वहां रोना और दांत पीसना होगा। क्या तुम ने ये सब बातें समझीं? उन्होंने उस से कहा, हां; उस ने उन से कहा, इसलिये हर एक शास्त्री जो स्वर्ग के राज्य का चेला बना है, उस गृहस्थ के समान है जो अपने भण्डार से नई और पुरानी वस्तुएं निकालता है॥ जब यीशु ये सब दृष्टान्त कह चुका, तो वहां से चला गया। और अपने देश में आकर उन की सभा में उन्हें ऐसा उपदेश देने लगा; कि वे चकित होकर कहने लगे; कि इस को यह ज्ञान और सामर्थ के काम कहां से मिले? क्या यह बढ़ई का बेटा नहीं? और क्या इस की माता का नाम मरियम और इस के भाइयों के नाम याकूब और यूसुफ और शमौन और यहूदा नहीं? और क्या इस की सब बहिनें हमारे बीच में नहीं रहतीं? फिर इस को यह सब कहां से मिला? सो उन्होंने उसके कारण ठोकर खाई, पर यीशु ने उन से कहा, भविष्यद्वक्ता अपने देश और अपने घर को छोड़ और कहीं निरादर नहीं होता। और उस ने वहां उन के अविश्वास के कारण बहुत सामर्थ के काम नहीं किए॥

मत्ती 13:33-58 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

उसने एक और दृष्‍टान्त उन्हें सुनाया : “स्वर्ग का राज्य खमीर के समान है जिसको किसी स्त्री ने लेकर तीन पसेरी आटे में मिला दिया और होते–होते वह सब खमीरा हो गया।” ये सब बातें यीशु ने दृष्‍टान्तों में लोगों से कहीं, और बिना दृष्‍टान्त वह उनसे कुछ न कहता था, कि जो वचन भविष्यद्वक्‍ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो : “मैं दृष्‍टान्त कहने को अपना मुँह खोलूँगा : मैं उन बातों को जो जगत की उत्पत्ति से गुप्‍त रही हैं प्रगट करूँगा।” तब वह भीड़ को छोड़कर घर में आया, और उसके चेलों ने उसके पास आकर कहा, “खेत के जंगली दाने का दृष्‍टान्त हमें समझा दे।” उसने उनको उत्तर दिया, “अच्छे बीज का बोनेवाला मनुष्य का पुत्र है। खेत संसार है, अच्छा बीज राज्य की सन्तान, और जंगली बीज दुष्‍ट की सन्तान हैं। जिस शत्रु ने उनको बोया वह शैतान है; कटनी जगत का अन्त है, और काटनेवाले स्वर्गदूत हैं। अत: जैसे जंगली दाने बटोरे जाते और जलाए जाते हैं वैसा ही जगत के अन्त में होगा। मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा, और वे उसके राज्य में से सब ठोकर के कारणों को और कुकर्म करनेवालों को इकट्ठा करेंगे, और उन्हें आग के कुण्ड में डालेंगे, जहाँ रोना और दाँत पीसना होगा। उस समय धर्मी अपने पिता के राज्य में सूर्य के समान चमकेंगे। जिसके कान हों वह सुन ले। “स्वर्ग का राज्य खेत में छिपे हुए धन के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने पाया और छिपा दिया, और मारे आनन्द के जाकर अपना सब कुछ बेच दिया और उस खेत को मोल ले लिया। “फिर स्वर्ग का राज्य एक व्यापारी के समान है जो अच्छे मोतियों की खोज में था। जब उसे एक बहुमूल्य मोती मिला तो उसने जाकर अपना सब कुछ बेच डाला और उसे मोल ले लिया। “फिर स्वर्ग का राज्य उस बड़े जाल के समान है जो समुद्र में डाला गया, और हर प्रकार की मछलियों को समेट लाया। और जब जाल भर गया, तो मछुए उसको किनारे पर खींच लाए, और बैठकर अच्छी–अच्छी तो बर्तनों में इकट्ठा कीं और निकम्मी निकम्मी फेंक दीं। जगत के अन्त में ऐसा ही होगा। स्वर्गदूत आकर दुष्‍टों को धर्मियों से अलग करेंगे, और उन्हें आग के कुण्ड में डालेंगे। जहाँ रोना और दाँत पीसना होगा। “क्या तुम ने ये सब बातें समझीं?” उन्होंने उससे कहा, “हाँ।” उसने उनसे कहा, “इसलिये हर एक शास्त्री जो स्वर्ग के राज्य का चेला बना है, उस गृहस्थ के समान है जो अपने भण्डार से नई और पुरानी वस्तुएँ निकालता है।” जब यीशु ये सब दृष्‍टान्त कह चुका, तो वहाँ से चला गया। और अपने नगर में आकर उनके आराधनालय में उन्हें ऐसा उपदेश देने लगा कि वे चकित होकर कहने लगे, “इसको यह ज्ञान और सामर्थ्य के काम कहाँ से मिले? क्या यह बढ़ई का बेटा नहीं? और क्या इसकी माता का नाम मरियम और इसके भाइयों के नाम याकूब, यूसुफ, शमौन और यहूदा नहीं?* और क्या इसकी सब बहिनें हमारे बीच में नहीं रहतीं? फिर इसको यह सब कहाँ से मिला?” इस प्रकार उन्होंने उसके कारण ठोकर खाई, पर यीशु ने उनसे कहा, “भविष्यद्वक्‍ता का अपने देश और अपने घर को छोड़ और कहीं निरादर नहीं होता।” और उसने वहाँ उनके अविश्‍वास के कारण बहुत से सामर्थ्य के काम नहीं किए।

मत्ती 13:33-58 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

उसने एक और दृष्टान्त उन्हें सुनाया, “स्वर्ग का राज्य ख़मीर के समान है जिसको किसी स्त्री ने लेकर तीन पसेरी आटे में मिला दिया और होते-होते वह सब ख़मीर हो गया।” ये सब बातें यीशु ने दृष्टान्तों में लोगों से कहीं, और बिना दृष्टान्त वह उनसे कुछ न कहता था। कि जो वचन भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो: “मैं दृष्टान्त कहने को अपना मुँह खोलूँगा मैं उन बातों को जो जगत की उत्पत्ति से गुप्त रही हैं प्रगट करूँगा।” तब वह भीड़ को छोड़कर घर में आया, और उसके चेलों ने उसके पास आकर कहा, “खेत के जंगली दाने का दृष्टान्त हमें समझा दे।” उसने उनको उत्तर दिया, “अच्छे बीज का बोनेवाला मनुष्य का पुत्र है। खेत संसार है, अच्छा बीज राज्य के सन्तान, और जंगली बीज दुष्ट के सन्तान हैं। जिस शत्रु ने उनको बोया वह शैतान है; कटनी जगत का अन्त है: और काटनेवाले स्वर्गदूत हैं। अतः जैसे जंगली दाने बटोरे जाते और जलाए जाते हैं वैसा ही जगत के अन्त में होगा। मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा, और वे उसके राज्य में से सब ठोकर के कारणों को और कुकर्म करनेवालों को इकट्ठा करेंगे। और उन्हें आग के कुण्ड में डालेंगे, वहाँ रोना और दाँत पीसना होगा। उस समय धर्मी अपने पिता के राज्य में सूर्य के समान चमकेंगे। जिसके कान हों वह सुन ले। “स्वर्ग का राज्य खेत में छिपे हुए धन के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने पाकर छिपा दिया, और आनन्द के मारे जाकर अपना सब कुछ बेचकर उस खेत को मोल लिया। “फिर स्वर्ग का राज्य एक व्यापारी के समान है जो अच्छे मोतियों की खोज में था। जब उसे एक बहुमूल्य मोती मिला तो उसने जाकर अपना सब कुछ बेच डाला और उसे मोल ले लिया। “फिर स्वर्ग का राज्य उस बड़े जाल के समान है, जो समुद्र में डाला गया, और हर प्रकार की मछलियों को समेट लाया। और जब जाल भर गया, तो मछुए किनारे पर खींच लाए, और बैठकर अच्छी-अच्छी तो बरतनों में इकट्ठा कीं और बेकार-बेकार फेंक दीं। जगत के अन्त में ऐसा ही होगा; स्वर्गदूत आकर दुष्टों को धर्मियों से अलग करेंगे, और उन्हें आग के कुण्ड में डालेंगे। वहाँ रोना और दाँत पीसना होगा। “क्या तुम ये सब बातें समझ गए?” चेलों ने उत्तर दिया, “हाँ।” फिर यीशु ने उनसे कहा, “इसलिए हर एक शास्त्री जो स्वर्ग के राज्य का चेला बना है, उस गृहस्थ के समान है जो अपने भण्डार से नई और पुरानी वस्तुएँ निकालता है।” जब यीशु ये सब दृष्टान्त कह चुका, तो वहाँ से चला गया। और अपने नगर में आकर उनके आराधनालय में उन्हें ऐसा उपदेश देने लगा; कि वे चकित होकर कहने लगे, “इसको यह ज्ञान और सामर्थ्य के काम कहाँ से मिले? क्या यह बढ़ई का बेटा नहीं? और क्या इसकी माता का नाम मरियम और इसके भाइयों के नाम याकूब, यूसुफ, शमौन और यहूदा नहीं? और क्या इसकी सब बहनें हमारे बीच में नहीं रहती? फिर इसको यह सब कहाँ से मिला?” इस प्रकार उन्होंने उसके कारण ठोकर खाई, पर यीशु ने उनसे कहा, “भविष्यद्वक्ता का अपने नगर और अपने घर को छोड़ और कहीं निरादर नहीं होता।” और उसने वहाँ उनके अविश्वास के कारण बहुत सामर्थ्य के काम नहीं किए।

मत्ती 13:33-58 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

येशु ने उनके सामने एक और दृष्टांत प्रस्तुत किया: “स्वर्ग-राज्य खमीर के समान है, जिसे एक स्त्री ने लेकर तीन माप आटे में मिला दिया और होते-होते सारा आटा खमीर बन गया, यद्यपि आटा बड़ी मात्रा में था.” येशु ने ये पूरी शिक्षाएं भीड़ को दृष्टान्तों में दीं. कोई भी शिक्षा ऐसी न थी, जो दृष्टांत में न दी गई कि भविष्यवक्ता द्वारा की गई यह भविष्यवाणी पूरी हो जाए: मैं दृष्टान्तों में वार्तालाप करूंगा, मैं वह सब कहूंगा, जो सृष्टि के आरंभ से गुप्‍त है. जब येशु भीड़ को छोड़कर घर के भीतर चले गए, उनके शिष्यों ने उनके पास आकर उनसे विनती की, “गुरुवर, हमें खेत के जंगली बीज का दृष्टांत समझा दीजिए.” येशु ने दृष्टांत की व्याख्या इस प्रकार की, “अच्छे बीज बोनेवाला मनुष्य का पुत्र है. खेत यह संसार है. अच्छा बीज राज्य की संतान हैं तथा जंगली बीज शैतान की. शत्रु, जिसने उनको बोया है, शैतान है. कटनी इस युग का अंत तथा काटने के लिए निर्धारित मज़दूर स्वर्गदूत हैं. “इसलिये ठीक जिस प्रकार जंगली पौधे कटने के बाद आग में भस्म कर दिए जाते हैं, युग के अंत में ऐसा ही होगा. मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा और वे उसके राज्य में पतन के सभी कारणों तथा कुकर्मियों को इकट्ठा करेंगे और उन्हें आग कुंड में झोंक देंगे, जहां लगातार रोना तथा दांतों का पीसना होता रहेगा. तब धर्मी अपने पिता के राज्य में सूर्य के समान चमकेंगे. जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले.” “स्वर्ग-राज्य खेत में छिपाए गए उस खजाने के समान है, जिसे एक व्यक्ति ने पाया और दोबारा छिपा दिया. आनंद में उसने अपनी सारी संपत्ति बेचकर उस खेत को मोल ले लिया. “स्वर्ग-राज्य उस व्यापारी के समान है, जो अच्छे मोतियों की खोज में था. एक कीमती मोती मिल जाने पर उसने अपनी सारी संपत्ति बेचकर उस मोती को मोल ले लिया. “स्वर्ग-राज्य समुद्र में डाले गए उस जाल के समान है, जिसमें सभी प्रजातियों की मछलियां आ जाती हैं. जब वह जाल भर गया और खींचकर तट पर लाया गया, उन्होंने बैठकर अच्छी मछलियों को टोकरी में इकट्ठा कर लिया तथा निकम्मी को फेंक दिया. युग के अंत में ऐसा ही होगा. स्वर्गदूत आएंगे और दुष्टों को धर्मियों के मध्य से निकालकर अलग करेंगे तथा उन्हें आग के कुंड में झोंक देंगे, जहां रोना तथा दांतों का पीसना होता रहेगा. “क्या तुम्हें अब यह सब समझ आया?” उन्होंने उत्तर दिया. “जी हां, प्रभु.” येशु ने उनसे कहा, “यही कारण है कि व्यवस्था का हर एक शिक्षक, जो स्वर्ग-राज्य के विषय में प्रशिक्षित किया जा चुका है, परिवार के प्रधान के समान है, जो अपने भंडार से नई और पुरानी हर एक वस्तु को निकाल लाता है.” दृष्टान्तों में अपनी शिक्षा दे चुकने पर येशु उस स्थान से चले गए. तब येशु अपने गृहनगर में आए और वहां वह यहूदी सभागृह में लोगों को शिक्षा देने लगे. इस पर वे चकित होकर आपस में कहने लगे, “इस व्यक्ति को यह ज्ञान तथा इन अद्भुत कामों का सामर्थ्य कैसे प्राप्‍त हो गया? क्या यह उस बढ़ई का पुत्र नहीं? और क्या इसकी माता का नाम मरियम नहीं और क्या याकोब, योसेफ़, शिमओन और यहूदाह इसके भाई नहीं? और क्या इसकी बहनें हमारे बीच नहीं? तब इसे ये सब कैसे प्राप्‍त हो गया?” वे येशु के प्रति क्रोध से भर गए. इस पर येशु ने उनसे कहा, “अपने गृहनगर और परिवार के अलावा भविष्यवक्ता कहीं भी अपमानित नहीं होता.” लोगों के अविश्वास के कारण येशु ने उस नगर में अधिक अद्भुत काम नहीं किए.