मत्ती 13:20-21
मत्ती 13:20-21 पवित्र बाइबल (HERV)
“वे बीज जो चट्टानी धरती पर गिरे थे, उनका अर्थ है वह व्यक्ति जो सुसंदेश सुनता है, उसे आनन्द के साथ तत्काल ग्रहण भी करता है। किन्तु अपने भीतर उसकी जड़ें नहीं जमने देता, वह थोड़ी ही देर ठहर पाता है, जब सुसंदेश के कारण उस पर कष्ट और यातनाएँ आती हैं तो वह जल्दी ही डगमगा जाता है।
मत्ती 13:20-21 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
जो पथरीली भूमि में बोया गया है : यह वह है, जो वचन सुनते ही प्रसन्नता से ग्रहण करता है; परन्तु उसकी जड़ गहरी नहीं होती और वह थोड़े ही दिन स्थिर रहता है। वचन के कारण कष्ट या अत्याचार आ पड़ने पर वह तुरन्त विचलित हो जाता है।
मत्ती 13:20-21 Hindi Holy Bible (HHBD)
और जो पत्थरीली भूमि पर बोया गया, यह वह है, जो वचन सुनकर तुरन्त आनन्द के साथ मान लेता है। पर अपने में जड़ न रखने के कारण वह थोड़े ही दिन का है, और जब वचन के कारण क्लेश या उपद्रव होता है, तो तुरन्त ठोकर खाता है।
मत्ती 13:20-21 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
और जो पथरीली भूमि पर बोया गया, यह वह है, जो वचन सुनकर तुरन्त आनन्द के साथ मान लेता है। पर अपने में जड़ न रखने के कारण वह थोड़े ही दिन का है, और जब वचन के कारण क्लेश या उपद्रव होता है, तो तुरन्त ठोकर खाता है।