मत्ती 13:10-15

मत्ती 13:10-15 पवित्र बाइबल (HERV)

फिर यीशु के शिष्यों ने उसके पास जाकर उससे पूछा, “तू उनसे बातें करते हुए दृष्टान्त कथाओं का प्रयोग क्यों करता है?” उत्तर में उसने उनसे कहा, “स्वर्ग के राज्य के भेदों को जानने का अधिकार सिर्फ तुम्हें दिया गया है, उन्हें नहीं। क्योंकि जिसके पास थोड़ा बहुत है, उसे और भी दिया जायेगा और उसके पास बहुत अधिक हो जायेगा। किन्तु जिसके पास कुछ भी नहीं है, उससे जितना सा उसके पास है, वह भी छीन लिया जायेगा। इसलिये मैं उनसे दृष्टान्त कथाओं का प्रयोग करते हुए बात करता हूँ। क्योंकि यद्यपि वे देखते हैं, पर वास्तव में उन्हें कुछ दिखाई नहीं देता, वे यद्यपि सुनते हैं पर वास्तव में न वे सुनते हैं, न समझते हैं। इस प्रकार उन पर यशायाह की यह भविष्यवाणी खरी उतरती है: ‘तुम सुनोगे और सुनते ही रहोगे पर तुम्हारी समझ में कुछ भी न आयेगा, तुम बस देखते ही रहोगे पर तुम्हें कुछ भी न सूझ पायेगा। क्योंकि इनके हृदय जड़ता से भर गये। इन्होंने अपने कान बन्द कर रखे हैं और अपनी आखें मूँद रखी हैं ताकि वे अपनी आँखों से कुछ भी न देखें और वे कान से कुछ न सुन पायें या कि अपने हृदय से कभी न समझें और कभी मेरी ओर मुड़कर आयें और जिससे मैं उनका उद्धार करुँ।’

मत्ती 13:10-15 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

येशु के शिष्‍यों ने आ कर उन से कहा, “आप क्‍यों लोगों को दृष्‍टान्‍तों में शिक्षा देते हैं?” उन्‍होंने उत्तर दिया, “यह इसलिए है कि स्‍वर्गराज्‍य के रहस्‍यों का ज्ञान तुम्‍हें दिया गया है, उन लोगों को नहीं; क्‍योंकि जिसके पास है, उसी को और दिया जाएगा और उसके पास बहुत हो जाएगा। लेकिन जिसके पास नहीं है, उससे वह भी ले लिया जाएगा, जो उसके पास है। मैं उन्‍हें दृष्‍टान्‍तों में शिक्षा देता हूँ, क्‍योंकि वे देखते हुए भी नहीं देखते और सुनते हुए भी न तो सुनते और न समझते हैं। उनके विषय में नबी यशायाह की यह नबूवत पूरी होती है : ‘तुम सुनोगे अवश्‍य, परन्‍तु नहीं समझोगे। तुम देखोगे अवश्‍य, परन्‍तु तुम्‍हें सूझ नहीं पड़ेगा; क्‍योंकि इन लोगों की बुद्धि मारी गयी है। ये कानों से ऊंचा सुनने लगे हैं; इन्‍होंने अपनी आँखें बन्‍द कर ली हैं; जिससे कहीं ऐसा न हो कि ये आँखों से देखें, कानों से सुनें, बुद्धि से समझें और मेरी ओर लौट आएँ और मैं इन्‍हें स्‍वस्‍थ कर दूँ। ’

मत्ती 13:10-15 Hindi Holy Bible (HHBD)

और चेलों ने पास आकर उस से कहा, तू उन से दृष्टान्तों में क्यों बातें करता है? उस ने उत्तर दिया, कि तुम को स्वर्ग के राज्य के भेदों की समझ दी गई है, पर उन को नहीं। क्योंकि जिस के पास है, उसे दिया जाएगा; और उसके पास बहुत हो जाएगा; पर जिस के पास कुछ नहीं है, उस से जो कुछ उसके पास है, वह भी ले लिया जाएगा। मैं उन से दृष्टान्तों में इसलिये बातें करता हूं, कि वे देखते हुए नहीं देखते; और सुनते हुए नहीं सुनते; और नहीं समझते। और उन के विषय में यशायाह की यह भविष्यद्ववाणी पूरी होती है, कि तुम कानों से तो सुनोगे, पर समझोगे नहीं; और आंखों से तो देखोगे, पर तुम्हें न सूझेगा। क्योंकि इन लोगों का मन मोटा हो गया है, और वे कानों से ऊंचा सुनते हैं और उन्होंने अपनी आंखें मूंद लीं हैं; कहीं ऐसा न हो कि वे आंखों से देखें, और कानों से सुनें और मन से समझें, और फिर जाएं, और मैं उन्हें चंगा करूं।

मत्ती 13:10-15 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

चेलों ने पास आकर उससे कहा, “तू लोगों से दृष्‍टान्तों में क्यों बातें करता है?” उस ने उत्तर दिया, “तुम को स्वर्ग के राज्य के भेदों की समझ दी गई है, पर उनको नहीं। क्योंकि जिसके पास है, उसे दिया जाएगा, और उसके पास बहुत हो जाएगा; पर जिसके पास कुछ नहीं है, उससे जो कुछ उसके पास है, वह भी ले लिया जाएगा। मैं उनसे दृष्‍टान्तों में इसलिये बातें करता हूँ कि वे देखते हुए नहीं देखते और सुनते हुए नहीं सुनते, और नहीं समझते। उनके विषय में यशायाह की यह भविष्यद्वाणी पूरी होती है : ‘तुम कानों से तो सुनोगे, पर समझोगे नहीं; और आँखों से तो देखोगे, पर तुम्हें न सूझेगा।* क्योंकि इन लोगों का मन मोटा हो गया है, और वे कानों से ऊँचा सुनते हैं और उन्होंने अपनी आँखें मूंद ली हैं; कहीं ऐसा न हो कि वे आँखों से देखें, और कानों से सुनें और मन से समझें, और फिर जाएँ, और मैं उन्हें चंगा करूँ।’

मत्ती 13:10-15 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

और चेलों ने पास आकर उससे कहा, “तू उनसे दृष्टान्तों में क्यों बातें करता है?” उसने उत्तर दिया, “तुम को स्वर्ग के राज्य के भेदों की समझ दी गई है, पर उनको नहीं। क्योंकि जिसके पास है, उसे दिया जाएगा; और उसके पास बहुत हो जाएगा; पर जिसके पास कुछ नहीं है, उससे जो कुछ उसके पास है, वह भी ले लिया जाएगा। मैं उनसे दृष्टान्तों में इसलिए बातें करता हूँ, कि वे देखते हुए नहीं देखते; और सुनते हुए नहीं सुनते; और नहीं समझते। और उनके विषय में यशायाह की यह भविष्यद्वाणी पूरी होती है: ‘तुम कानों से तो सुनोगे, पर समझोगे नहीं; और आँखों से तो देखोगे, पर तुम्हें न सूझेगा। क्योंकि इन लोगों के मन सुस्त हो गए है, और वे कानों से ऊँचा सुनते हैं और उन्होंने अपनी आँखें मूँद लीं हैं; कहीं ऐसा न हो कि वे आँखों से देखें, और कानों से सुनें और मन से समझें, और फिर जाएँ, और मैं उन्हें चंगा करूँ।’

मत्ती 13:10-15 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

येशु के शिष्यों ने उनके पास आकर उनसे प्रश्न किया, “गुरुवर, आप लोगों को दृष्टान्तों में ही शिक्षा क्यों देते हैं?” उसके उत्तर में येशु ने कहा, “स्वर्ग-राज्य के रहस्य जानने की क्षमता तुम्हें तो प्रदान की गई है, उन्हें नहीं. क्योंकि जिस किसी के पास है उसे और अधिक प्रदान किया जाएगा और वह सम्पन्‍न हो जाएगा किंतु जिसके पास नहीं है उससे वह भी ले लिया जाएगा, जो उसके पास है. यही कारण है कि मैं लोगों को दृष्टान्तों में शिक्षा देता हूं: “क्योंकि वे देखते हुए भी कुछ नहीं देखते तथा सुनते हुए भी कुछ नहीं सुनते और न उन्हें इसका अर्थ ही समझ आता है. उनकी इसी स्थिति के विषय में भविष्यवक्ता यशायाह की यह भविष्यवाणी पूरी हो रही है: “ ‘तुम सुनते तो रहोगे किंतु समझोगे नहीं; तुम देखते तो रहोगे किंतु तुम्हें कोई ज्ञान न होगा; क्योंकि इन लोगों का मन-मस्तिष्क मंद पड़ चुका है. वे अपने कानों से ऊंचा ही सुना करते हैं. उन्होंने अपनी आंखें मूंद रखी हैं कि कहीं वे अपनी आंखों से देखने न लगें, कानों से सुनने न लगें तथा अपने हृदय से समझने न लगें और मेरी ओर फिर जाएं कि मैं उन्हें स्वस्थ कर दूं.’