लूकस 23:26-34
लूकस 23:26-34 पवित्र बाइबल (HERV)
जब वे यीशु को ले जा रहे थे तो उन्होंने कुरैन के रहने वाले शमौन नाम के एक व्यक्ति को, जो अपने खेतों से आ रहा था, पकड़ लिया और उस पर क्रूस लाद कर उसे यीशु के पीछे पीछे चलने को विवश किया। लोगों की एक बड़ी भीड़ उसके पीछे चल रही थी। इसमें कुछ ऐसी स्त्रियाँ भी थीं जो उसके लिये रो रही थीं और विलाप कर रही थीं। यीशु उनकी तरफ़ मुड़ा और बोला, “यरूशलेम की पुत्रियों, मेरे लिये मत बिलखो बल्कि स्वयं अपने लिये और अपनी संतान के लिये विलाप करो। क्योंकि ऐसे दिन आ रहे हैं जब लोग कहेंगे, ‘वे स्त्रियाँ धन्य हैं, जो बाँझ हैं और धन्य हैं, वे कोख जिन्होंने किसी को कभी जन्म ही नहीं दिया। वे स्तन धन्य हैं जिन्होंने कभी दूध नहीं पिलाया।’ फिर वे पर्वतों से कहेंगे, ‘हम पर गिर पड़ो’ और पहाड़ियों से कहेंगे ‘हमें ढक लो।’ क्योंकि लोग जब पेड़ हरा है, उसके साथ तब ऐसा करते है तो जब पेड़ सूख जायेगा तब क्या होगा?” दो और व्यक्ति, जो दोनों ही अपराधी थे, उसके साथ मृत्यु दण्ड के लिये बाहर ले जाये जा रहे थे। फिर जब वे उस स्थान पर आये जो “खोपड़ी” कहलता है तो उन्होंने उन दोनों अपराधियों के साथ उसे क्रूस पर चढ़ा दिया, एक अपराधी को उसके दाहिनी ओर दूसरे को बाँई ओर। इस पर यीशु बोला, “हे परम पिता, इन्हें क्षमा करना क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।” फिर उन्होंने पासा फेंक कर उसके कपड़ों का बटवारा कर लिया।
लूकस 23:26-34 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
जब वे येशु को ले जा रहे थे तब उन्होंने गाँव से नगर में आते हुए शिमोन नामक कुरेने-निवासी को पकड़ा और उस पर क्रूस रख दिया, जिससे वह उसे येशु के पीछे-पीछे ले जाए। लोगों की भारी भीड़ उनके पीछे-पीछे चल रही थी। उन में स्त्रियाँ भी थीं, जो अपनी छाती पीटते हुए उनके लिए विलाप कर रही थीं। येशु ने उनकी ओर मुड़ कर कहा, “यरूशलेम की पुत्रियो! मेरे लिए मत रोओ। किन्तु अपने लिए और अपने बच्चों के लिए रोओ, क्योंकि वे दिन आ रहे हैं, जब लोग कहेंगे, ‘धन्य हैं वे स्त्रियाँ, जो बाँझ हैं; धन्य हैं वे गर्भ, जिन्होंने जन्म नहीं दिया और धन्य हैं वे स्तन, जिन्होंने दूध नहीं पिलाया!’ तब लोग पहाड़ों से कहेंगे, ‘हम पर गिर पड़ो’ और पहाड़ियों से ‘हमें ढक लो’; क्योंकि यदि वे हरे-भरे वृक्ष के साथ ऐसा करते हैं, तो उसके सूख जाने पर उसके साथ क्या कुछ नहीं होगा?” वे येशु के साथ दो कुकर्मियों को भी प्राणदण्ड के लिए ले गए। वे ‘खोपड़ी’ नामक स्थान पर पहुँचे। वहाँ उन्होंने येशु को और उन दो कुकर्मियों को भी क्रूस पर चढ़ाया−एक को उनकी दायीं ओर और दूसरे को उनकी बायीं ओर। [येशु ने कहा, “पिता! इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं।”] तब उन्होंने चििट्ठयाँ डाल कर येशु के वस्त्र आपस में बाँट लिये।
लूकस 23:26-34 Hindi Holy Bible (HHBD)
जब वे उसे लिए जाते थे, तो उन्होंने शमौन नाम एक कुरेनी को जो गांव से आ रहा था, पकड़कर उस पर क्रूस को लाद दिया कि उसे यीशु के पीछे पीछे ले चले॥ और लोगों की बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली: और बहुत सी स्त्रियां भी, जो उसके लिये छाती-पीटती और विलाप करती थीं। यीशु ने उन की ओर फिरकर कहा; हे यरूशलेम की पुत्रियों, मेरे लिये मत रोओ; परन्तु अपने और अपने बालकों के लिये रोओ। क्योंकि देखो, वे दिन आते हैं, जिन में कहेंगे, धन्य हैं वे जो बांझ हैं, और वे गर्भ जो न जने और वे स्तन जिन्हों ने दूध न पिलाया। उस समय वे पहाड़ों से कहने लगेंगे, कि हम पर गिरो, और टीलों से कि हमें ढाँप लो। क्योंकि जब वे हरे पेड़ के साथ ऐसा करते हैं, तो सूखे के साथ क्या कुछ न किया जाएगा? वे और दो मनुष्यों को भी जो कुकर्मी थे उसके साथ घात करने को ले चले॥ जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुंचे, तो उन्होंने वहां उसे और उन कुकिर्मयों को भी एक को दाहिनी और और दूसरे को बाईं और क्रूसों पर चढ़ाया। तब यीशु ने कहा; हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहें हैं और उन्होंने चिट्ठियां डालकर उसके कपड़े बांट लिए।
लूकस 23:26-34 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
जब वे उसे लिए जा रहे थे, तो उन्होंने शमौन नामक एक कुरेनी को जो गाँव से आ रहा था, पकड़कर उस पर क्रूस लाद दिया कि उसे यीशु के पीछे–पीछे ले चले। लोगों की बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली और उसमें बहुत सी स्त्रियाँ भी थीं जो उसके लिये छाती–पीटती और विलाप करती थीं। यीशु ने उनकी ओर मुड़कर कहा, “हे यरूशलेम की पुत्रियो, मेरे लिये मत रोओ; परन्तु अपने और अपने बालकों के लिये रोओ। क्योंकि देखो, वे दिन आते हैं, जिनमें लोग कहेंगे, ‘धन्य हैं वे जो बाँझ हैं और वे गर्भ जो न जने और वे स्तन जिन्होंने दूध न पिलाया।’ उस समय ‘वे पहाड़ों से कहने लगेंगे कि हम पर गिरो, और टीलों से कि हमें ढाँप लो।’ क्योंकि जब वे हरे पेड़ के साथ ऐसा करते हैं, तो सूखे के साथ क्या कुछ न किया जाएगा?” वे अन्य दो मनुष्यों को भी जो कुकर्मी थे उसके साथ घात करने को ले चले। जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुँचे, तो उन्होंने वहाँ उसे और उन कुकर्मियों को भी, एक को दाहिनी और दूसरे को बाईं ओर क्रूसों पर चढ़ाया। तब यीशु ने कहा, “हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये जानते नहीं कि क्या कर रहे हैं।” और उन्होंने चिट्ठियाँ डालकर उसके कपड़े बाँट लिए।
लूकस 23:26-34 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
जब वे उसे लिए जा रहे थे, तो उन्होंने शमौन नाम एक कुरेनी को जो गाँव से आ रहा था, पकड़कर उस पर क्रूस को लाद दिया कि उसे यीशु के पीछे-पीछे ले चले। और लोगों की बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली: और बहुत सारी स्त्रियाँ भी, जो उसके लिये छाती-पीटती और विलाप करती थीं। यीशु ने उनकी ओर फिरकर कहा, “हे यरूशलेम की पुत्रियों, मेरे लिये मत रोओ; परन्तु अपने और अपने बालकों के लिये रोओ। क्योंकि वे दिन आते हैं, जिनमें लोग कहेंगे, ‘धन्य हैं वे जो बाँझ हैं, और वे गर्भ जो न जने और वे स्तन जिन्होंने दूध न पिलाया।’ उस समय ‘वे पहाड़ों से कहने लगेंगे, कि हम पर गिरो, और टीलों से कि हमें ढाँप लो।’ “क्योंकि जब वे हरे पेड़ के साथ ऐसा करते हैं, तो सूखे के साथ क्या कुछ न किया जाएगा?” वे और दो मनुष्यों को भी जो कुकर्मी थे उसके साथ मार डालने को ले चले। जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुँचे, तो उन्होंने वहाँ उसे और उन कुकर्मियों को भी एक को दाहिनी और दूसरे को बाईं और क्रूसों पर चढ़ाया। तब यीशु ने कहा, “हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये जानते नहीं कि क्या कर रहें हैं?” और उन्होंने चिट्ठियाँ डालकर उसके कपड़े बाँट लिए। (1 पत. 3:9, प्रका. 7:60, यशा. 53:12, भज. 22:18)
लूकस 23:26-34 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
जब सैनिक प्रभु येशु को लेकर जा रहे थे, उन्होंने सायरीनवासी शिमओन को पकड़ा, जो अपने गांव से आ रहा था. उन्होंने प्रभु येशु के लिए निर्धारित क्रूस उस पर लाद दिया कि वह उसे लेकर प्रभु येशु के पीछे-पीछे जाए. बड़ी संख्या में लोग उनके पीछे चल रहे थे. उनमें अनेक स्त्रियां भी थी, जो प्रभु येशु के लिए विलाप कर रही थी. मुड़कर प्रभु येशु ने उनसे कहा, “येरूशलेम की पुत्रियो! मेरे लिए रोना छोड़कर स्वयं अपने लिए तथा अपनी संतान के लिए रोओ. क्योंकि वे दिन आ रहे हैं जब लोग कहेंगे, ‘धन्य हैं वे स्त्रियां, जो बांझ हैं, वे गर्भ, जिन्होंने संतान पैदा नहीं किए और वे स्तन, जिन्होंने दूध नहीं पिलाया!’ “ ‘तब वे पर्वतों से कहेंगे, “हम पर आ गिरो!” और पहाड़ियों से कहेंगे, “हमें ढांप लो!” ’ क्योंकि जब वे एक हरे पेड़ के साथ इस प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं तब क्या होगी सूखे पेड़ की दशा?” राजद्रोह के अपराधी दो व्यक्ति भी प्रभु येशु के साथ मृत्यु दंड के लिए ले जाए जा रहे थे. जब वे कपाल नामक स्थल पर पहुंचे उन्होंने प्रभु येशु तथा उन दोनों राजद्रोहियों को भी क्रूसित कर दिया—एक को प्रभु येशु की दायीं ओर दूसरे को उनकी बायीं ओर. प्रभु येशु ने प्रार्थना की, “पिता, इनको क्षमा कर दीजिए क्योंकि इन्हें यह पता ही नहीं कि ये क्या कर रहे हैं.” उन्होंने पासा फेंककर प्रभु येशु के वस्त्र आपस में बांट लिए.