लूकस 22:24-29

लूकस 22:24-29 पवित्र बाइबल (HERV)

फिर उनमें यह बात भी उठी कि उनमें से सबसे बड़ा किसे समझा जाये। किन्तु यीशु ने उनसे कहा, “गैर यहूदियों के राजा उन पर प्रभुत्व रखते हैं और वे जो उन पर अधिकार का प्रयोग करते हैं, ‘स्वयं को लोगों का उपकारक’ कहलवाना चाहते हैं। किन्तु तुम वैसै नहीं हो बल्कि तुममें तो सबसे बड़ा सबसे छोटे जैसा होना चाहिये और जो प्रमुख है उसे सेवक के समान होना चाहिए। क्योंकि बड़ा कौन है: वह जो खाने की मेज़ पर बैठा है या वह जो उसे परोसता है? क्या वही नहीं जो मेज पर है किन्तु तुम्हारे बीच मैं वैसा हूँ जो परोसता है। “किन्तु तुम वे हो जिन्होंने मेरी परिक्षाओं में मेरा साथ दिया है। और मैं तुम्हे वैसे ही एक राज्य दे रहा हूँ जैसे मेरे परम पिता ने इसे मुझे दिया था।

लूकस 22:24-29 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

शिष्‍यों में यह विवाद छिड़ गया कि हम में किस को सब से बड़ा समझा जाना चाहिए। येशु ने उन से कहा, “संसार में राजा अपनी प्रजा पर निरंकुश शासन करते हैं और उनके अधिकारी ‘उपकारी’ कहलाना चाहते हैं। परन्‍तु तुम ऐसा न करना। जो तुम में बड़ा है, वह सब से छोटा-जैसा बने और जो नेता है, वह सेवक-जैसा बने। आखिर बड़ा कौन है−वह, जो मेज पर बैठता है अथवा वह, जो परोसता है? वही न, जो मेज पर बैठता है। परन्‍तु मैं तुम्‍हारे बीच में सेवक-जैसा हूँ। “तुम ही हो जो मेरे संकट के समय मेरा साथ देते रहे। जैसे मेरे पिता ने मेरे लिए एक राज्‍य ठहराया है; वैसे ही मैं तुम्‍हारे लिए ठहराता हूँ

लूकस 22:24-29 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

उनमें यह वाद–विवाद भी हुआ कि उन में से कौन बड़ा समझा जाता है। उसने उनसे कहा, “अन्यजातियों के राजा उन पर प्रभुता करते हैं; और जो उन पर अधिकार रखते हैं, वे उपकारक कहलाते हैं।* परन्तु तुम ऐसे न होना; वरन् जो तुम में बड़ा है, वह छोटे के समान और जो प्रधान है, वह सेवक के समान बने। क्योंकि बड़ा कौन है, वह जो भोजन पर बैठा है, या वह जो सेवा करता है? क्या वह नहीं जो भोजन पर बैठा है? परन्तु मैं तुम्हारे बीच में सेवक के समान हूँ। “तुम वह हो, जो मेरी परीक्षाओं में लगातार मेरे साथ रहे; और जैसे मेरे पिता ने मेरे लिये एक राज्य ठहराया है, वैसे ही मैं भी तुम्हारे लिये ठहराता हूँ

लूकस 22:24-29 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

उनमें यह वाद-विवाद भी हुआ; कि हम में से कौन बड़ा समझा जाता है? उसने उनसे कहा, “अन्यजातियों के राजा उन पर प्रभुता करते हैं; और जो उन पर अधिकार रखते हैं, वे उपकारक कहलाते हैं। परन्तु तुम ऐसे न होना; वरन् जो तुम में बड़ा है, वह छोटे के समान और जो प्रधान है, वह सेवक के समान बने। क्योंकि बड़ा कौन है; वह जो भोजन पर बैठा है, या वह जो सेवा करता है? क्या वह नहीं जो भोजन पर बैठा है? पर मैं तुम्हारे बीच में सेवक के समान हूँ। “परन्तु तुम वह हो, जो मेरी परीक्षाओं में लगातार मेरे साथ रहे; और जैसे मेरे पिता ने मेरे लिये एक राज्य ठहराया है, वैसे ही मैं भी तुम्हारे लिये ठहराता हूँ।