यहोशुअ 7:3-10

यहोशुअ 7:3-10 पवित्र बाइबल (HERV)

बाद में वे व्यक्ति यहोशू के पास लौटकर आए। उन्होंने कहा, “ऐ कमजोर क्षेत्र है। हम लोगों को उन्हें हराने के लिए अपने सभी लोगों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वहाँ लड़ने के लिए दो हजार या तीन हजार व्यक्तियों को भेजो। अपने सभी लोगों को उपयोग करने की आवश्यकता वहाँ नहीं है। वहाँ पर थोड़े ही व्यक्ति हम लोगों के विरुद्ध लड़ने वाले हैं।” इसलिए लगभग तीन हजार व्यक्ति ऐ गए। किन्तु ऐ के लोगों ने लगभग छत्तीस इस्राएल के व्यक्तियों को मार गिराया और इस्राएल के लोग भाग खड़े हुए। ऐ के लोगों ने नगर—द्वार से लगातार पत्थर की खदानों तक पीछा किया। इस प्रकार ऐ के लोगों ने उन्हें बुरी तरह पीटा। जब इस्राएल के लोगों ने यह देखा तो वे बहुत भयभीत हो उठे और साहस छोड़ बैठे। जब यहोशू ने इसके बारे में सुना तो उसने अपने वस्त्र फाड़ डाले। वह पवित्र सन्दूक के सामने जमीन पर लेट गया। यहोशू वहाँ शाम तक पड़ा रहा। इस्राएल के नेताओं ने भी यही किया। उन्होंने अपने सिरों पर धूलि डाली। तब यहोशू ने कहा, “यहोवा, मेरे स्वामी! तू हमारे लोगों को यरदन नदी के पार लाया। किन्तु तू हमें इतनी दूर क्यों लाया और तब एमोरी लोगों द्वारा हमें क्यों नष्ट होने देता है? हम लोग यरदन नदी के दूसरे तट पर ठहरे रहते और सन्तुष्ट रहते। मेरे योहवा, मैं शपथ पूर्वक कहता हूँ कि अब ऐसा कुछ नहीं है जिसे मैं तुझसे कह सकूँ। इस्राएल ने शुत्रओं के सामने समर्पण कर दिया है। कनानी और इस देश के सभी लोग वह सुनेंगे जो हुआ, तब वे हम लोगों के विरुद्ध आएंगे और हम सभी को मार डालेंगे। तब तू अपने महान नाम की रक्षा के लिये क्या करेगा?” यहोवा ने यहोशू से कहा, “खड़े हो जाओ। तुम मूँह के बल क्यों गिरे हो?

यहोशुअ 7:3-10 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

तत्‍पश्‍चात् वे यहोशुअ के पास लौटे। उन्‍होंने उससे कहा, ‘सब लोगों को ऐ नगर जाने की आवश्‍यकता नहीं। केवल दो या तीन हजार सैनिक वहाँ जाएं और उस पर आक्रमण करें। ऐ नगर के निवासी थोड़े हैं; इसलिए सब इस्राएलियों को वहाँ जाने का कष्‍ट न दीजिए।’ इस प्रकार इस्राएलियों के तीन हजार पुरुष ऐ नगर गए, पर उन्‍हें ऐ नगर के निवासियों के सम्‍मुख से भागना पड़ा। ऐ नगर के निवासियों ने उनके लगभग छत्तीस पुरुष मार डाले। उन्‍हें नगर के प्रवेश-द्वार से बाहर खदेड़ दिया। उन्‍होंने इस्राएली पुरुषों का खदानों तक पीछा किया, और उन्‍हें ढाल पर मारा। इस्राएलियों का जोश ठण्‍डा पड़ गया। वे डर गए। यहोशुअ ने पराजय का शोक प्रकट करने के लिए अपने वस्‍त्र फाड़े। वह सन्‍ध्‍या होने तक प्रभु की मंजूषा के सम्‍मुख भूमि पर औंधे मुंह पड़ा रहा। ऐसा ही इस्राएलियों के धर्मवृद्धों ने भी किया। उन्‍होंने दु:ख प्रकट करने के लिए अपने सिर पर धूल डाली। यहोशुअ ने कहा, ‘हे स्‍वामी! हे प्रभु, तू इस प्रजा को यर्दन नदी के इस पार क्‍यों लाया? हमें एमोरी जाति के हाथ सौंप देने के लिए? हमें नष्‍ट करने के लिए? भला होता कि हम यर्दन नदी के उस पार ही बस गए होते! यह हमारे लिए लाभदायक होता! हे स्‍वामी, मैं क्‍या कह सकता हूँ? इस्राएलियों ने युद्ध में शत्रुओं को अपनी पीठ दिखाई है। कनानी जाति तथा इस देश में रहने वाली अन्‍य जातियां हमारी पराजय के विषय में सुनेंगी। वे हमें घेर लेंगी, और पृथ्‍वी से हमारा नामो-निशान मिटा डालेंगी। तब तू अपने महान नाम के लिए क्‍या करेगा?’ प्रभु ने यहोशुअ से कहा, ‘उठ! तू भूमि पर क्‍यों इस प्रकार औंधे मुंह पड़ा है?

यहोशुअ 7:3-10 Hindi Holy Bible (HHBD)

और उन्होंने यहोशू के पास लौटकर कहा, सब लोग वहां न जाएं, कोई दो वा तीन हजार पुरूष जा कर ऐ को जीत सकते हैं; सब लोगों को वहां जाने का कष्ट न दे, क्योंकि वे लोग थोड़े ही हैं। इसलिये कोई तीन हजार पुरूष वहां गए; परन्तु ऐ के रहने वालों के साम्हने से भाग आए, तब ऐ के रहने वालों ने उन में से कोई छत्तीस पुरूष मार डाले, और अपने फाटक से शबारीम तक उनका पीछा करके उतराई में उन को मारते गए। तब लोगों का मन पिघलकर जल सा बन गया। तब यहोशू ने अपने वस्त्र फाड़े, और वह और इस्राएली वृद्ध लोग यहोवा के सन्दूक के साम्हने मुंह के बल गिरकर पृथ्वी पर सांझ तक पड़े रहे; और उन्होंने अपने अपने सिर पर धूल डाली। और यहोशू ने कहा, हाय, प्रभु यहोवा, तू अपनी इस प्रजा को यरदन पार क्यों ले आया? क्या हमें एमोरियों के वश में करके नष्ट करने के लिये ले आया है? भला होता कि हम संतोष करके यरदन के उस पार रह जाते। हाय, प्रभु मैं क्या कहूं, जब इस्राएलियों ने अपने शत्रुओं को पीठ दिखाई है! क्योंकि कनानी वरन इस देश के सब निवासी यह सुनकर हम को घेर लेंगे, और हमारा नाम पृथ्वी पर से मिटा डालेंगे; फिर तू अपने बड़े नाम के लिये क्या करेगा? यहोवा ने यहोशू से कहा, उठ, खड़ा हो जा, तू क्यों इस भांति मुंह के बल पृथ्वी पर पड़ा है?

यहोशुअ 7:3-10 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

और उन्होंने यहोशू के पास लौटकर कहा, “सब लोग वहाँ न जाएँ, कोई दो तीन हज़ार पुरुष जाकर ऐ को जीत सकते हैं; सब लोगों को वहाँ जाने का कष्‍ट न दे, क्योंकि वे लोग थोड़े ही हैं।” इसलिये कोई तीन हज़ार पुरुष वहाँ गए; परन्तु ऐ के रहनेवालों के सामने से भाग आए, तब ऐ के रहनेवालों ने उनमें से कोई छत्तीस पुरुष मार डाले, और अपने फाटक से शबारीम तक उनका पीछा करके उतराई में उनको मारते गए। तब लोगों का मन पिघलकर जल–सा बन गया। तब यहोशू ने अपने वस्त्र फाड़े, और वह और इस्राएली वृद्ध लोग यहोवा के सन्दूक के सामने मुँह के बल गिरकर पृथ्वी पर साँझ तक पड़े रहे; और उन्होंने अपने अपने सिर पर धूल डाली। और यहोशू ने कहा, “हाय, प्रभु यहोवा, तू अपनी इस प्रजा को यरदन पार क्यों ले आया? क्या हमें एमोरियों के वश में करके नष्‍ट करने के लिये ले आया है? भला होता कि हम संतोष करके यरदन के उस पार रह जाते! हाय, प्रभु मैं क्या कहूँ, जब इस्राएलियों ने अपने शत्रुओं को पीठ दिखाई है! क्योंकि कनानी वरन् इस देश के सब निवासी यह सुनकर हम को घेर लेंगे, और हमारा नाम पृथ्वी पर से मिटा डालेंगे; फिर तू अपने बड़े नाम के लिये क्या करेगा?” यहोवा ने यहोशू से कहा, “उठ, खड़ा हो जा, तू क्यों इस भाँति मुँह के बल पृथ्वी पर पड़ा है?

यहोशुअ 7:3-10 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

और उन्होंने यहोशू के पास लौटकर कहा, “सब लोग वहाँ न जाएँ, कोई दो तीन हजार पुरुष जाकर आई को जीत सकते हैं; सब लोगों को वहाँ जाने का कष्ट न दे, क्योंकि वे लोग थोड़े ही हैं।” इसलिए कोई तीन हजार पुरुष वहाँ गए; परन्तु आई के रहनेवालों के सामने से भाग आए, तब आई के रहनेवालों ने उनमें से कोई छत्तीस पुरुष मार डाले, और अपने फाटक से शबारीम तक उनका पीछा करके उतराई में उनको मारते गए। तब लोगों का मन पिघलकर जल सा बन गया। तब यहोशू ने अपने वस्त्र फाड़े, और वह और इस्राएली वृद्ध लोग यहोवा के सन्दूक के सामने मुँह के बल गिरकर भूमि पर साँझ तक पड़े रहे; और उन्होंने अपने-अपने सिर पर धूल डाली। और यहोशू ने कहा, “हाय, प्रभु यहोवा, तू अपनी इस प्रजा को यरदन पार क्यों ले आया? क्या हमें एमोरियों के वश में करके नष्ट करने के लिये ले आया है? भला होता कि हम संतोष करके यरदन के उस पार रह जाते! हाय, प्रभु मैं क्या कहूँ, जब इस्राएलियों ने अपने शत्रुओं को पीठ दिखाई है! क्योंकि कनानी वरन् इस देश के सब निवासी यह सुनकर हमको घेर लेंगे, और हमारा नाम पृथ्वी पर से मिटा डालेंगे; फिर तू अपने बड़े नाम के लिये क्या करेगा?” यहोवा ने यहोशू से कहा, “उठ, खड़ा हो जा, तू क्यों इस भाँति मुँह के बल भूमि पर पड़ा है?

यहोशुअ 7:3-10 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

और उन्होंने यहोशू को आकर बताया, “ज़रूरी नहीं कि सभी लोग जाकर आक्रमण करें. केवल दो या तीन हजार लोग काफ़ी है अय पर आक्रमण करने के लिए. क्योंकि वहां कम ही लोग हैं.” तब केवल तीन हजार व्यक्ति ही वहां गए; किंतु अय के निवासियों से उन्हें डरकर भागना पड़ा. अय के निवासियों ने लगभग छत्तीस लोगों को मार दिया. उन्होंने शबारीम तक उनका पीछा किया और वहां उनको मार दिया. जब इस्राएल के लोगों ने यह देखा तो वे बहुत भयभीत हो उठे और हिम्मत छोड़ दिये. इस पर यहोशू ने अपने वस्त्र फाड़ डाले. वह याहवेह की संदूक के पास जाकर भूमि पर मुख के बल गिरे और शाम तक वहीं पड़े रहे. उनके साथ इस्राएल के बुजुर्ग भी थे. उन्होंने भी अपने सिर पर धूल डाल ली. यहोशू ने प्रभु याहवेह से बिनती की, “हे याहवेह परमेश्वर, आप इन लोगों को यरदन से पार क्यों लाए, क्या इसलिये कि हम अमोरियों के अधीन कर दिया जाए और हम नष्ट कर दिए जाएं? अच्छा होता कि हम यरदन के पार ही बस जाते! प्रभु, अब मैं क्या कहूं, इस्राएल अपने शत्रुओं के सामने से पीठ दिखाकर भागे है? अब कनानी और इस देश के सभी लोग यह सुनकर हमें घेर लेंगे और पृथ्वी से हमारा नाम मिटा डालेंगे. तब आप अपनी महिमा के लिए क्या करेंगे?” तब याहवेह ने यहोशू को उत्तर दिया, “उठो! मुख के बल क्यों पड़े हुए हो?