यहोशुअ 24:14-31

यहोशुअ 24:14-31 पवित्र बाइबल (HERV)

तब यहोशू ने लोगों से कहा, “अब तुम लोगों ने यहोवा का कथन सुन लिया है। इसलिये तुम्हें यहोवा का सम्मान करना चाहिए और उसकी सच्ची सेवा करनी चाहिए। उन असत्य देवताओं को फेंक दो जिन्हें तुम्हारे पूर्वज पूजते थे। यह सब कुछ बहुत समय पहले फरात नदी की दूसरी ओर, मिस्र में भी हुआ था। अब तुम्हें यहोवा की सेवा करनी चाहिये। “किन्तु संभव है कि तुम यहोवा की सेवा करना नहीं चाहते। तुम्हें स्वयं ही आज यह चुन लेना चाहिए। तुम्हें आज निश्चय कर लेना चाहिए कि तुम किसकी सेवा करोगे। तुम उन देवताओं की सेवा करोगे जिनकी सेवा तुम्हारे पूर्वज उस समय करते थे जब वे नदी की दूसरी ओर रहते थे? या तुम उन एमोरी लोगों के देवताओं की सेवा करना चाहते हो जो यहाँ रहते थे? किन्तु मैं तुम्हें बताता हूँ कि मैं क्या करूँगा। जहाँ तक मेरी और मेरे परिवार की बात है, हम यहोवा की सेवा करेंगे!” तब लोगों ने उत्तर दिया, “नहीं, हम यहोवा का अनुसरण करना कभी नहीं छोड़ेंगे। नहीं, हम लोग कभी अन्य देवताओं की सेवा नहीं करेंगे! हम जानते हैं कि वह परमेश्वर यहोवा था जो हमारे लोगों को मिस्र से लाया। हम लोग उस देश में दास थे। किन्तु यहोवा ने हम लोगों के लिये वहाँ बड़े—बड़े काम किये। वह उस देश से हम लोगों को बाहर लाया और उस समय तक हमारी रक्षा करता रहा जब तक हम लोगों ने अन्य देशों से होकर यात्रा की। तब यहोवा ने उन एमोरी लोगों को हराने में हमारी सहायता की जो उस प्रदेश में रहते थे जिसमें आज हम रहते हैं। इसलिए हम लोग यहोवा की सेवा करते रहेंगे। क्यों? क्योंकि वह हमारा परमेश्वर है।” तब यहोवा ने कहा, “तुम यहोवा की पर्याप्त सेवा अच्छी तरह नहीं कर सकोगे। यहोवा, पवित्र परमेश्वर है और परमेश्वर अपने लोगों द्वारा अन्य देवताओं की पूजा से घृणा करता है। यदि तुम उस तरह परमेश्वर के विरुद्ध जाओगे तो परमेश्वर तुमको क्षमा नहीं करेगा। तुम यहोवा को छोड़ोगे और अन्य देवताओं की सेवा करोगे तब यहोवा तुम पर भंयकर विपत्तियाँ लायेगा। यहोवा तुमको नष्ट करेगा। यहोवा तुम्हारे लिये अच्छा रहा है, किन्तु यदि तुम उसके विरूद्ध चलते हो तो वह तुम्हें नष्ट कर देगा।” किन्तु लोगों ने यहोशू से कहा, “नहीं! हम यहोवा की सेवा करेंगे।” तब यहोशू ने कहा, “स्वयं अपने और अपने साथ के लोगों के चारों ओर देखो। क्या तुम जानते हो और स्वीकार करते हो कि तुमने यहोवा की सेवा करना चुना है? क्या तुम सब इसके गवाह हो?” लोगों ने उत्तर दिया, “हाँ, यह सत्य है! हम लोग ध्यान रखेंगे कि हम लोगों ने यहोवा की सेवा करना चुना है।” तब यहोशू ने कहा, “इसलिए अपने बीच जो असत्य देवता रखते हो उन्हें फेंक दो। अपने पूरे हृदय से इस्राएल के परमेश्वर यहोवा से प्रेम करो।” तब लगों ने यहोशू से कहा, “हम लोग यहोवा, अपने परमेश्वर की सेवा करेंगे। हम लोग उसकी आज्ञा का पालन करेंगे।” इसलिये यहोशू ने लोगों के लिये उस दिन एक वाचा की। यहोशू ने इस वाचा को उन लोगों द्वारा पालन करने के लिये एक नियम बना दिया। यह शकेम नामक नगर में हुआ। यहोशू ने इन बातों को परमेश्वर के व्यवस्था की किताब में लिखा। तब यहोशू एक बड़ी शिला लाया। यह शिला इस वाचा का प्रमाण थी। उसने उस शिला को यहोवा के पवित्र तम्बू के निकट बांज के पेड़े के नीचे रखा। तब योहशू ने सभी लोगों से कहा, “यह शिला तुम्हें उसे याद दिलाने में सहायक होगी जो कुछ हम लोगों ने आज कहा है। यह शिला तब यहाँ थी जब परमेश्वर हम लोगों से बात कर रहा था। इसलिये यह शिला कुछ ऐसी रेहेगी जो तुम्हें यह याद दिलाने में सहायता करेगी कि आज के दिन क्या हुआ था। यह शिला तुम्हारे प्रति एक साक्षी बनी रहेगी। यह तुम्हें तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के विपरीत जाने से रोकेगी।” तब यहोशू ने लोगों से अपने घरों को लौट जाने को कहा तो हर एक व्यक्ति अपने प्रदेश को लौट गया। उसके बाद नून का पुत्र यहोशू मर गया। वह एक सौ दस वर्ष का था। यहोशू अपनी भूमि तिम्नत्सेरह में दफनाया गया। यह गाश पर्वत के उत्तर में एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश में था। इस्राएल के लोगों ने यहोशू के जीवन काल में यहोवा की सेवा की और यहोशू के मरने के बाद भी, लोग यहोवा की सेवा करते रहे। इस्राएल के लोग तब तक यहोवा की सेवा करते रहे जब तक उनके नेता जीवित रहे। ये वे नेता थे, जिन्होंने वह सब कुछ देखा था जो यहोवा ने इस्राएल के लिये किया था।

यहोशुअ 24:14-31 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

‘इसलिए हे इस्राएलियो, अब प्रभु की भक्‍ति करो। निष्‍कपट भाव और सच्‍चाई से उसकी सेवा करो। जिन देवताओं की आराधना तुम्‍हारे पूर्वज मसोपोतामिया और मिस्र देश में करते थे, उन्‍हें भूल जाओ और केवल प्रभु की आराधना करो। यदि प्रभु की आराधना करना तुम्‍हें अपनी दृष्‍टि में बुरा लगता है तो तुम्‍हें आज ही इस बात का निर्णय करना होगा कि तुम किसकी आराधना करोगे : क्‍या उन देवताओं की आराधना करोगे, जिनकी आराधना तुम्‍हारे पूर्वज मसोपोतामिया में करते थे? या एमोरी जाति के देवताओं की आराधना करोगे जिसके देश में तुम निवास कर रहे हो? जहां तक मेरा और मेरे परिवार का प्रश्‍न है, हम प्रभु ही की आराधना करेंगे।’ इस्राएली लोगों ने उत्तर दिया ‘प्रभु हमें क्षमा करें!’ उन्‍होंने कहा, ‘प्रभु को त्‍याग कर अन्‍य देवताओं की आराधना करने का विचार हम कभी नहीं करेंगे। हमारा प्रभु परमेश्‍वर ही हमें तथा हमारे पूर्वजों को मिस्र देश से, दासत्‍व के घर से बाहर निकाल लाया है। उसने हमारी आंखों के सामने कितने आश्‍चर्यपूर्ण कार्य करके अद्भुत चिह्‍न दिखाए। जिस-जिस मार्ग पर हम चले, जिन-जिन जातियों के देशों में से हम गुजरे, उन सब में प्रभु ने ही हमारी रक्षा की। प्रभु ने ही सब जातियों को, इस देश में रहनेवाली एमोरी जाति को हमारे सामने से निकाला है। हम भी प्रभु की आराधना करेंगे; क्‍योंकि वह हमारा परमेश्‍वर है।’ यहोशुअ ने लोगों से कहा, ‘तुम प्रभु की आराधना नहीं कर सकते; क्‍योंकि वह पवित्र परमेश्‍वर है। वह ईष्‍र्यालु परमेश्‍वर है। वह तुम्‍हारे अपराधों और पापों को नहीं क्षमा करेगा। यदि तुम प्रभु को त्‍यागकर अन्‍य जातियों के देवताओं की आराधना करोगे तो वह तुमसे विमुख हो जाएगा। वह तुम्‍हारी भलाई करने के पश्‍चात् भी तुम्‍हारा अनिष्‍ट कर सकता है। तुम्‍हें पूर्णत: नष्‍ट कर सकता है।’ पर इस्राएली लोगों ने यहोशुअ से कहा, ‘नहीं, नहीं! हम प्रभु ही की आराधना करेंगे।’ यहोशुअ ने कहा, ‘तुम स्‍वयं इस बात के गवाह हो कि तुमने ही प्रभु की आराधना करने का निर्णय किया है।’ उन्‍होंने कहा, ‘हम गवाह हैं!’ यहोशुअ ने कहा, ‘तब तुम अन्‍य जातियों के देवताओं की मूर्तियां, जो तुम्‍हारे मध्‍य स्‍थापित हैं, हटा दो; और इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर की ओर अपना हृदय लगाओ।’ लोगों ने यहोशुअ से कहा ‘हम अपने प्रभु परमेश्‍वर की आराधना करेंगे, और उसकी वाणी को सुनेंगे।’ अत: यहोशुअ ने उस दिन इस्राएली लोगों के लिए एक विधान स्‍थापित किया। उसने वहां शकेम में, संविधियों और न्‍यास-सिद्धान्‍त निश्‍चित किए। उसने ये बातें परमेश्‍वर की व्‍यवस्‍था की पुस्‍तक में लिखीं। तत्‍पश्‍चात् उसने एक बड़ा पत्‍थर उठाया, और उसको प्रभु के निवास-स्‍थान में बांज वृक्ष के नीचे प्रतिष्‍ठित किया। यहोशुअ ने सब लोगों से कहा, ‘देखो! यह पत्‍थर हमारा गवाह है। जो बातें प्रभु ने हमसे कही हैं, उन सब को इस पत्‍थर ने सुना है। इसलिए यदि तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर को धोखा दोगे तो यह पत्‍थर तुम्‍हारे विरुद्ध साक्षी देगा।’ उसके बाद यहोशुअ ने सब लोगों को विदा कर दिया। प्रत्‍येक व्यक्‍ति अपने पैतृक भूमि-भाग को लौट गया। इन घटनाओं के पश्‍चात् प्रभु के सेवक यहोशुअ बेन-नून की एक सौ दस वर्ष की उम्र में मृत्‍यु हुई। उन्‍होंने उसके शव को उसके पैतृक भूमि-भाग तिम्‍नत-सेराह नगर में गाड़ा, जो एफ्रइम पहाड़ी प्रदेश में गाश पर्वत के उत्तर में स्‍थित है। जब तक यहोशुअ जीवित रहा, इस्राएली लोग प्रभु की आराधना करते रहे। वे उसकी मृत्‍यु के पश्‍चात् भी प्रभु की आराधना करते रहे। उस समय तक इस्राएली धर्मवृद्ध जीवित थे। उन्‍हें उन सब आश्‍चर्यपूर्ण कार्यों की स्‍मृति थी जो प्रभु ने इस्राएली समाज के लिए किए थे।

यहोशुअ 24:14-31 Hindi Holy Bible (HHBD)

इसलिये अब यहोवा का भय मानकर उसकी सेवा खराई और सच्चाई से करो; और जिन देवताओं की सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार और मिस्र में करते थे, उन्हें दूर करके यहोवा की सेवा करो। और यदि यहोवा की सेवा करनी तुम्हें बुरी लगे, तो आज चुन लो कि तुम किस की सेवा करोगे, चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे, और चाहे एमोरियों के देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा की सेवा नित करूंगा। तब लोगों ने उत्तर दिया, यहोवा को त्यागकर दूसरे देवताओं की सेवा करनी हम से दूर रहे; क्योंकि हमारा परमेश्वर यहोवा वही है जो हम को और हमारे पुरखाओं को दासत्व के घर, अर्थात मिस्र देश से निकाल ले आया, और हमारे देखते बड़े बड़े आश्चर्य कर्म किए, और जिस मार्ग पर और जितनी जातियों के मध्य में से हम चले आते थे उन में हमारी रक्षा की; और हमारे साम्हने से इस देश में रहनेवाली एमोरी आदि सब जातियों को निकाल दिया है; इसलिये हम भी यहोवा की सेवा करेंगे, क्योंकि हमारा परमेश्वर वही है। यहोशू ने लोगों से कहा, तुम से यहोवा की सेवा नहीं हो सकती; क्योंकि वह पवित्र परमेश्वर है; वह जलन रखनेवाला ईश्वर है; वह तुम्हारे अपराध और पाप क्षमा न करेगा। यदि तुम यहोवा को त्यागकर पराए देवताओं की सेवा करने लगोगे, तो यद्दपि वह तुम्हारा भला करता आया है तौभी वह फिरकर तुम्हारी हानि करेगा और तुम्हारा अन्त भी कर डालेगा। लोगों ने यहोशू से कहा, नहीं; हम यहोवा ही की सेवा करेंगे। यहोशू ने लोगों से कहा, तुम आप ही अपने साक्षी हो कि तुम ने यहोवा की सेवा करनी अंगीकार कर ली है। उन्होंने कहा, हां, हम साक्षी हैं। यहोशू ने कहा, अपने बीच पराए देवताओं को दूर करके अपना अपना मन इस्राएल के परमेश्वर की ओर लगाओ। लोगों ने यहोशू से कहा, हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही की सेवा करेंगे, और उसी की बात मानेंगे। तब यहोशू ने उसी दिन उन लोगों से वाचा बन्धाई, और शकेम में उनके लिये विधि और नियम ठहराया॥ यह सारा वृत्तान्त यहोशू ने परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक में लिख दिया; और एक बड़ा पत्थर चुनकर वहां उस बांज वृक्ष के तले खड़ा किया, जो यहोवा के पवित्र स्थान में था। तब यहोशू ने सब लोगों से कहा, सुनो, यह पत्थर हम लोगों का साक्षी रहेगा, क्योंकि जितने वचन यहोवा ने हम से कहें हैं उन्हें इस ने सुना है; इसलिये यह तुम्हारा साक्षी रहेगा, ऐसा न हो कि तुम अपने परमेश्वर से मुकर जाओ। तब यहोशू ने लोगों को अपने अपने निज भाग पर जाने के लिये विदा किया॥ इन बातों के बाद यहोवा का दास, नून का पुत्र यहोशू, एक सौ दस वर्ष का हो कर मर गया। और उसको तिम्नत्सेरह में, जो एप्रैम के पहाड़ी देश में गाश नाम पहाड़ की उत्तर अलंग पर है, उसी के भाग में मिट्टी दी गई। और यहोशू के जीवन भर, और जो वृद्ध लोग यहोशू के मरने के बाद जीवित रहे और जानते थे कि यहोवा ने इस्राएल के लिये कैसे कैसे काम किए थे, उनके भी जीवन भर इस्राएली यहोवा ही की सेवा करते रहे।

यहोशुअ 24:14-31 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

“इसलिये अब यहोवा का भय मानकर उसकी सेवा खराई और सच्‍चाई से करो; और जिन देवताओं की सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार और मिस्र में करते थे, उन्हें दूर करके यहोवा की सेवा करो। और यदि यहोवा की सेवा करनी तुम्हें बुरी लगे, तो आज चुन लो कि तुम किस की सेवा करोगे, चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे, और चाहे एमोरियों के देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा ही की सेवा नित करूँगा।” तब लोगों ने उत्तर दिया, “यहोवा को त्यागकर दूसरे देवताओं की सेवा करनी हम से दूर रहे; क्योंकि हमारा परमेश्‍वर यहोवा वही है जो हम को और हमारे पुरखाओं को दासत्व के घर, अर्थात् मिस्र देश से निकाल ले आया, और हमारे देखते देखते बड़े बड़े आश्‍चर्यकर्म किए, और जिस मार्ग पर और जितनी जातियों के मध्य में से हम चले आते थे उनसे हमारी रक्षा की; और हमारे सामने से इस देश में रहनेवाली एमोरी आदि सब जातियों को निकाल दिया है; इसलिये हम भी यहोवा की सेवा करेंगे, क्योंकि हमारा परमेश्‍वर वही है।” यहोशू ने लोगों से कहा, “तुम से यहोवा की सेवा नहीं हो सकती; क्योंकि वह पवित्र परमेश्‍वर है; वह जलन रखनेवाला ईश्‍वर है; वह तुम्हारे अपराध और पाप क्षमा न करेगा। यदि तुम यहोवा को त्यागकर पराए देवताओं की सेवा करने लगोगे, तो यद्यपि वह तुम्हारा भला करता आया है तौभी वह फिरकर तुम्हारी हानि करेगा, और तुम्हारा अन्त भी कर डालेगा।” लोगों ने यहोशू से कहा, “नहीं; हम यहोवा ही की सेवा करेंगे।” यहोशू ने लोगों से कहा, “तुम आप ही अपने साक्षी हो कि तुम ने यहोवा की सेवा करनी चुन ली है।” उन्होंने कहा, “हाँ, हम साक्षी हैं।” यहोशू ने कहा, “अपने बीच में से पराए देवताओं को दूर करके अपना अपना मन इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा की ओर लगाओ।” लोगों ने यहोशू से कहा, “हम तो अपने परमेश्‍वर यहोवा ही की सेवा करेंगे, और उसी की बात मानेंगे।” तब यहोशू ने उसी दिन उन लोगों से वाचा बन्धाई, और शकेम में उनके लिये विधि और नियम ठहराए। यह सारा वृत्तान्त यहोशू ने परमेश्‍वर की व्यवस्था की पुस्तक में लिख दिया; और एक बड़ा पत्थर चुनकर वहाँ उस बांजवृक्ष के तले खड़ा किया, जो यहोवा के पवित्रस्थान में था। तब यहोशू ने सब लोगों से कहा, “सुनो, यह पत्थर हम लोगों का साक्षी रहेगा, क्योंकि जितने वचन यहोवा ने हम से कहे हैं उन्हें इसने सुना है; इसलिये यह तुम्हारा साक्षी रहेगा, ऐसा न हो कि तुम अपने परमेश्‍वर से मुकर जाओ।” तब यहोशू ने लोगों को अपने अपने निज भाग पर जाने के लिये विदा किया। इन बातों के बाद यहोवा का दास, नून का पुत्र यहोशू, एक सौ दस वर्ष का होकर मर गया। और उसको तिम्नत्सेरह में, जो एप्रैम के पहाड़ी देश में गाश नामक पहाड़ के उत्तर में है, उसी के भाग में मिट्टी दी गई। यहोशू के जीवन भर, और जो वृद्ध लोग यहोशू के मरने के बाद जीवित रहे और जानते थे कि यहोवा ने इस्राएल के लिये कैसे कैसे काम किए थे, उनके भी जीवन भर इस्राएली यहोवा ही की सेवा करते रहे।

यहोशुअ 24:14-31 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

“इसलिए अब यहोवा का भय मानकर उसकी सेवा खराई और सच्चाई से करो; और जिन देवताओं की सेवा तुम्हारे पुरखा फरात के उस पार और मिस्र में करते थे, उन्हें दूर करके यहोवा की सेवा करो। और यदि यहोवा की सेवा करनी तुम्हें बुरी लगे, तो आज चुन लो कि तुम किसकी सेवा करोगे, चाहे उन देवताओं की जिनकी सेवा तुम्हारे पुरखा महानद के उस पार करते थे, और चाहे एमोरियों के देवताओं की सेवा करो जिनके देश में तुम रहते हो; परन्तु मैं तो अपने घराने समेत यहोवा ही की सेवा नित करूँगा।” तब लोगों ने उत्तर दिया, “यहोवा को त्याग कर दूसरे देवताओं की सेवा करनी हम से दूर रहे; क्योंकि हमारा परमेश्वर यहोवा वही है जो हमको और हमारे पुरखाओं को दासत्व के घर, अर्थात् मिस्र देश से निकाल ले आया, और हमारे देखते बड़े-बड़े आश्चर्यकर्म किए, और जिस मार्ग पर और जितनी जातियों के मध्य में से हम चले आते थे उनमें हमारी रक्षा की; और हमारे सामने से इस देश में रहनेवाली एमोरी आदि सब जातियों को निकाल दिया है; इसलिए हम भी यहोवा की सेवा करेंगे, क्योंकि हमारा परमेश्वर वही है।” (प्रेरि. 7:45) यहोशू ने लोगों से कहा, “तुम से यहोवा की सेवा नहीं हो सकती; क्योंकि वह पवित्र परमेश्वर है; वह जलन रखनेवाला परमेश्वर है; वह तुम्हारे अपराध और पाप क्षमा न करेगा। यदि तुम यहोवा को त्याग कर पराए देवताओं की सेवा करने लगोगे, तो यद्यपि वह तुम्हारा भला करता आया है तो भी वह फिरकर तुम्हारी हानि करेगा और तुम्हारा अन्त भी कर डालेगा।” लोगों ने यहोशू से कहा, “नहीं; हम यहोवा ही की सेवा करेंगे।” यहोशू ने लोगों से कहा, “तुम आप ही अपने साक्षी हो कि तुम ने यहोवा की सेवा करनी चुन ली है।” उन्होंने कहा, “हाँ, हम साक्षी हैं।” यहोशू ने कहा, “अपने बीच में से पराए देवताओं को दूर करके अपना-अपना मन इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की ओर लगाओ।” लोगों ने यहोशू से कहा, “हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही की सेवा करेंगे, और उसी की बात मानेंगे।” तब यहोशू ने उसी दिन उन लोगों से वाचा बँधाई, और शेकेम में उनके लिये विधि और नियम ठहराया। यह सारा वृत्तान्त यहोशू ने परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक में लिख दिया; और एक बड़ा पत्थर चुनकर वहाँ उस बांज वृक्ष के तले खड़ा किया, जो यहोवा के पवित्रस्थान में था। तब यहोशू ने सब लोगों से कहा, “सुनो, यह पत्थर हम लोगों का साक्षी रहेगा, क्योंकि जितने वचन यहोवा ने हम से कहे हैं उन्हें इसने सुना है; इसलिए यह तुम्हारा साक्षी रहेगा, ऐसा न हो कि तुम अपने परमेश्वर से मुकर जाओ।” तब यहोशू ने लोगों को अपने-अपने निज भाग पर जाने के लिये विदा किया। इन बातों के बाद यहोवा का दास, नून का पुत्र यहोशू, एक सौ दस वर्ष का होकर मर गया। और उसको तिम्नत्सेरह में, जो एप्रैम के पहाड़ी देश में गाश नामक पहाड़ के उत्तर में है, उसी के भाग में मिट्टी दी गई। और यहोशू के जीवन भर, और जो वृद्ध लोग यहोशू के मरने के बाद जीवित रहे और जानते थे कि यहोवा ने इस्राएल के लिये कैसे-कैसे काम किए थे, उनके भी जीवन भर इस्राएली यहोवा ही की सेवा करते रहे।

यहोशुअ 24:14-31 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

“अब याहवेह के प्रति आदर, भय और पूर्ण मन तथा सत्य से उनकी सेवा करो, उन देवताओं को छोड़ो, जिनकी उपासना तुम्हारे पूर्वज उस समय तक करते रहे, जब वे उस नदी के पार और मिस्र देश में रहते थे. आराधना केवल याहवेह ही की करो. यदि इस समय तुम्हें याहवेह की सेवा करना अच्छा नहीं लग रहा है, तो आज ही यह निर्णय कर लो कि किसकी सेवा करोगे तुम; उन देवताओं की, जिनकी उपासना तुम्हारे पूर्वज फरात नदी के पार किया करते थे या अमोरियों के उन देवताओं की, जिनके देश में तुम अब रह रहे हो. जहां तक मेरा और मेरे परिवार की बात है, हम तो याहवेह ही की सेवा-वन्दना करेंगे.” यह सुन उपस्थित लोगों ने कहा, “ऐसा कभी न होगा कि हम याहवेह को छोड़, उन देवताओं की सेवा-वन्दना करें. हमारे परमेश्वर याहवेह ही हैं, जिन्होंने हमें तथा हमारे पूर्वजों को मिस्र देश से बाहर निकाला है. वही हैं, जिन्होंने हमारे सामने अनोखे काम किए, तथा हमारी पूरी यात्रा में हम सबके साथ थे, जो हमें मार्ग में मिले थे, और हमारी रक्षा की. याहवेह ने ही हमारे बीच से अमोरियों को और सब जातियों को निकाले, तब तो हम भी याहवेह ही की सेवा-वन्दना करेंगे, क्योंकि वही हैं हमारा परमेश्वर.” तब यहोशू ने लोगों से कहा, “याहवेह की सेवा-वन्दना करने की ताकत तुम लोगों में नहीं है. वह पवित्र परमेश्वर हैं. वह ईर्ष्या रखनेवाला परमेश्वर हैं; वह न तो तुम्हारे अपराधों को और न ही तुम्हारे पापों को क्षमा करेंगे. अब यदि तुम याहवेह को छोड़कर उन देवताओं की उपासना करोगे, तो हालांकि अब तक तुम्हारा भला ही किया है, फिर भी वह तुम्हारे विरुद्ध हानि करेंगे और तुम नाश हो जाओगे.” प्रजा ने यहोशू से कहा, “ऐसा नहीं होगा. हम याहवेह ही की सेवा-वन्दना करेंगे.” तब यहोशू ने उनसे कहा, “अपने आपके गवाह तुम खुद हो, कि तुमने याहवेह के पक्ष में निर्णय लिया है कि तुम उन्हीं की सेवा-वन्दना करते रहोगे.” उन्होंने जवाब दिया, “हम गवाह हैं.” इस पर यहोशू ने कहा, “तो अपने बीच से दूसरे देवताओं को दूर हटा दो और अपना हृदय याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की ओर कर दो.” लोगों ने यहोशू को उत्तर दिया, “सेवा-आराधना तो हम याहवेह, हमारे परमेश्वर ही की करेंगे और हम उन्हीं के आदेशों का पालन भी करेंगे.” यहोशू ने उस दिन लोगों के साथ पक्का वादा किया तथा शेकेम में उनको नियम एवं विधि बताई. यहोशू ने वह सब परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक में लिख दिया. फिर उन्होंने एक बड़ा पत्थर लेकर याहवेह के पवित्र स्थान के निकट, बांज वृक्ष के नीचे खड़ा कर दिया. यहोशू ने सब लोगों से कहा, “देखो, यह पत्थर अब हमारे लिए गवाह होगा, क्योंकि इसने याहवेह द्वारा हमसे कही बातों को सुन लिया है. इसलिये अब यही तुम्हारा गवाह होगा, यदि तुम्हारा मन परमेश्वर के विरुद्ध हो जाएं.” यह कहकर यहोशू ने लोगों को भेज दिया. और सभी अपने-अपने घर पर चले गए. इसके बाद याहवेह के सेवक नून के पुत्र यहोशू की मृत्यु हो गई. इस समय उनकी आयु एक सौ दस वर्ष कि थी. उन्होंने उन्हें तिमनथ-सेरह में, उन्हीं की भूमि पर दफना दिया. वह जगह एफ्राईम के पर्वतीय क्षेत्र में गाश पर्वत के उत्तर दिशा में है. इस्राएल जन यहोशू तथा यहोशू के बाद पुरनियों के सारे जीवनकाल में याहवेह की सेवा और स्तुति करते रहे. ये उन सभी महान कामों को अनुभव किये थे, जो याहवेह द्वारा इस्राएल की भलाई के लिए किए गए थे.

यहोशुअ 24:14-31

यहोशुअ 24:14-31 HINCLBSI