योना 2:5-10
योना 2:5-10 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
मैं जल से यहाँ तक घिरा हुआ था कि मेरे प्राण निकले जाते थे; गहिरा सागर मेरे चारों ओर था, और मेरे सिर में सिवार लिपटा हुआ था। मैं पहाड़ों की जड़ तक पहुँच गया था; मैं सदा के लिये भूमि में बन्द हो गया था; तौभी हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने मेरे प्राणों को गड़हे में से उठाया है। जब मैं मूर्छा खाने लगा, तब मैं ने यहोवा को स्मरण किया; और मेरी प्रार्थना तेरे पास वरन् तेरे पवित्र मन्दिर में पहुँच गई। जो लोग धोखे की व्यर्थ वस्तुओं पर मन लगाते हैं, वे अपने करुणानिधान को छोड़ देते हैं। परन्तु मैं ऊँचे शब्द से धन्यवाद करके तुझे बलिदान चढ़ाऊँगा; जो मन्नत मैं ने मानी, उसको पूरी करूँगा। उद्धार यहोवा ही से होता है!” तब यहोवा ने मच्छ को आज्ञा दी, और उसने योना को स्थल पर उगल दिया।
योना 2:5-10 पवित्र बाइबल (HERV)
“सागर के जल ने मुझे निगल लिया है। पानी ने मेरा मुख बन्द कर दिया, और मेरा साँस घुट गया। मैं गहन सागर के बीच मैं उतरता चला गया मेरे सिर के चारों ओर शैवाल लिपट गये हैं। मैं सागर की तलहटी पर पड़ा था, जहाँ पर्वत जन्म लेते हैं। मुझको ऐसा लगा, जैसे इस बन्दीगृह के बीच सदा सर्वदा के लिये मुझ पर ताले जड़े हैं। किन्तु हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तूने मुझको मेरी इस कब्र से निकाल लिया! हे परमेश्वर, तूने मुझको जीवन दिया! “जब मैं मूर्छित हो रहा था। तब मैंने यहोवा का स्मरण किया हे यहोवा, मैंने तुझसे विनती की और तूने मेरी प्रार्थनाएं अपने पवित्र मन्दिर में सुनी। “कुछ लोग व्यर्थ के मूर्तियों की पूजा करते हैं, किन्तु उन मूर्तियों ने उनको कभी सहारा नहीं दिया। मुक्ति तो बस केवल यहोवा से आती है! हे यहोवा, मैं तुझे बलियाँ अर्पित करूँगा, और तेरे गुण गाऊँगा। मैं तेरा धन्यवाद करूँगा। मैं तेरी मन्नते मानूँगा और अपनी मन्नतों को पूरा करूँगा।” फिर यहोवा ने उस मछली से कहा और उसने योना को सूखी धरती पर अपने पेट से बाहर उगल दिया।
योना 2:5-10 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
मैं समुद्र में डूब रहा था। मेरे चारों ओर जल ही जल था। मेरे सिर में सिवार लिपट गई थी। मैं पहाड़ों की जड़ तक पहुंच गया था। मैं अधोलोक में आ गया था, जहां अर्गलाओं ने मुझे सदा के लिए बन्द कर लिया था। फिर भी, हे प्रभु मेरे परमेश्वर, तू मेरे जीवन को मृत्यु के गड्ढे से ऊपर ले आया। जब मेरे प्राण मूर्छित थे, मैंने प्रभु को स्मरण किया। प्रभु, मेरी प्रार्थना तुझ तक, तेरे पवित्र मन्दिर में पहुंची। जो उपासक झूठे देवताओं की पूजा करते हैं, वे अपनी सच्ची भक्ति को त्याग देते हैं। पर मैं धन्यवाद-रूपी स्तुति-बलि तुझे अर्पित करूंगा। जो मन्नत मैंने मानी है, उसको पूरा करूंगा। निस्सन्देह प्रभु ही उद्धार करता है।’ प्रभु ने मच्छ को आदेश दिया और उसने योना को समुद्र तट पर उगल दिया।
योना 2:5-10 Hindi Holy Bible (HHBD)
मैं जल से यहां तक घिरा हुआ था कि मेरे प्राण निकले जाते थे; गहिरा सागर मेरे चारों ओर था, और मेरे सिर में सिवार लिपटा हुआ था। मैं पहाड़ों की जड़ तक पहुंच गया था; मैं सदा के लिये भूमि में बन्द हो गया था; तौभी हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने मेरे प्राणों को गड़हे में से उठाया है। जब मैं मूर्छा खाने लगा, तब मैं ने यहोवा को स्मरण किया; और मेरी प्रार्थना तेरे पास वरन तेरे पवित्र मन्दिर में पहुंच गई। जो लोग धोखे की व्यर्थ वस्तुओं पर मन लगाते हैं, वे अपने करूणानिधान को छोड़ देते हैं। परन्तु मैं ऊंचे शब्द से धन्यवाद कर के तुझे बलिदान चढ़ाऊंगा; जो मन्नत मैं ने मानी, उसको पूरी करूंगा। उद्धार यहोवा ही से होता है। और यहोवा ने मगरमच्छ को आज्ञा दी, और उसने योना को स्थल पर उगल दिया॥
योना 2:5-10 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
मैं जल से यहाँ तक घिरा हुआ था कि मेरे प्राण निकले जाते थे; गहरा सागर मेरे चारों ओर था, और मेरे सिर में सिवार लिपटा हुआ था। मैं पहाड़ों की जड़ तक पहुँच गया था; मैं सदा के लिये भूमि में बन्द हो गया था; तो भी हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तूने मेरे प्राणों को गड्ढे में से उठाया है। जब मैं मूर्छा खाने लगा, तब मैंने यहोवा को स्मरण किया; और मेरी प्रार्थना तेरे पास वरन् तेरे पवित्र मन्दिर में पहुँच गई। जो लोग धोखे की व्यर्थ वस्तुओं पर मन लगाते हैं, वे अपने करुणानिधान को छोड़ देते हैं। परन्तु मैं ऊँचे शब्द से धन्यवाद करके तुझे बलिदान चढ़ाऊँगा; जो मन्नत मैंने मानी, उसको पूरी करूँगा। उद्धार यहोवा ही से होता है।” और यहोवा ने महा मच्छ को आज्ञा दी, और उसने योना को स्थल पर उगल दिया।
योना 2:5-10 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
डुबानेवाला पानी मुझे डरा रहा था, गहराई मेरे चारों तरफ थी; समुद्री घांसपात से मेरा सिर लिपटा हुआ था. समुद्र में मैं तो पर्वतों के जड़ तक उतर गया; पृथ्वी के तल ने मुझे सदा के लिए जकड़ लिया था. किंतु आपने, हे याहवेह मेरे परमेश्वर, मुझे गड्ढे में से निकाल लिया. “जब मेरे जीवन का अंत हो रहा था, हे याहवेह, मैंने आपको स्मरण किया, और मेरी प्रार्थना आपके पास, आपके पवित्र मंदिर में पहुंची. “वे जो बेकार की मूर्तियों पर मन लगाते हैं वे अपने आपको परमेश्वर के प्रेम से दूर रखते हैं. पर मैं कृतज्ञता से भरे प्रशंसा के ऊंचे शब्दों के साथ, आपके लिये बलिदान चढ़ाऊंगा. जो मन्नत मैंने मानी है, उसे मैं पूरी करूंगा. मैं कहूंगा, ‘उद्धार याहवेह ही से होता है.’ ” तब याहवेह ने उस मछली को आज्ञा दी, और उसने योनाह को सूखी भूमि पर उगल दिया.