अय्‍यूब 1:1-22

अय्‍यूब 1:1-22 पवित्र बाइबल (HERV)

ऊज नाम के प्रदेश में एक व्यक्ति रहा करता था। उसका नाम अय्यूब था। अय्यूब एक बहुत अच्छा और विश्वासी व्यक्ति था। अय्यूब परमेश्वर की उपासना किया करता था और अय्यूब बुरी बातों से दूर रहा करता था। उसके सात पुत्र और तीन पुत्रियाँ थीं। अय्यूब सात हजार भेड़ों, तीन हजार ऊँटो, एक हजार बैलों और पाँच सौ गधियों का स्वामी था। उसके पास बहुत से सेवक थे। अय्यूब पूर्व का सबसे अधिक धनवान व्यक्ति था। अय्यूब के पुत्र बारी—बारी से अपने घरों में एक दूसरे को खाने पर बुलाया करते थे और वे अपनी बहनों को भी वहाँ बुलाते थे। अय्यूब के बच्चे जब जेवनार दे चुकते तो अय्यूब बड़े तड़के उठता और अपने हर बच्चे की ओर से होमबलि अर्पित करता। वह सोचता, “हो सकता है, मेरे बच्चे अपनी जेवनार में परमेश्वर के विरुद्ध भूल से कोई पाप कर बैठे हों।” अय्यूब इसलिये सदा ऐसा किया करता था ताकि उसके बच्चों को उनके पापों के लिये क्षमा मिल जाये। फिर स्वर्गदूतों का यहोवा से मिलने का दिन आया और यहाँ तक कि शैतान भी उन स्वर्गदूतों के साथ था। यहोवा ने शैतान से कहा, “तू कहाँ रहा?” शैतान ने उत्तर देते हुए यहोवा से कहा, “मैं धरती पर इधर उधर घूम रहा था।” इस पर यहोवा ने शैतान से कहा, “क्या तूने मेरे सेवक अय्यूब को देखा? पृथ्वी पर उसके जैसा कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है। अय्यूब एक खरा और विश्वासी व्यक्ति है। वह परमेश्वर की उपासना करता है और बुरी बातों से सदा दूर रहता है।” शैतान ने उत्तर दिया, “निश्चय ही! किन्तु अय्यूब परमेश्वर का एक विशेष कारण से उपासना करता है! तू सदा उसकी, उसके घराने की और जो कुछ उसके पास है उसकी रक्षा करता है। जो कुछ वह करता है, तू उसमें उसे सफल बनाता है। हाँ, तूने उसे आशीर्वाद दिया है। वह इतना धनवान है कि उसके मवेशी और उसका रेवड़ सारे देश में हैं। किन्तु जो कुछ उसके पास है, उस सब कुछ को यदि तू नष्ट कर दे तो मैं तुझे विश्वास दिलाता हूँ कि वह तेरे मुँह पर ही तेरे विरुद्ध बोलने लगेगा।” यहोवा ने शैतान से कहा, “अच्छा, अय्यूब के पास जो कुछ है, उसके साथ, जैसा तू चाहता है, कर किन्तु उसके शरीर को चोट न पहुँचाना।” इसके बाद शैतान यहोवा के पास से चला गया। एक दिन, अय्यूब के पुत्र और पुत्रियाँ अपने सबसे बड़े भाई के घर खाना खा रहे थे और दाखमधु पी रहे थे। तभी अय्यूब के पास एक सन्देशवाहक आया और बोला, “बैल हल जोत रहे थे और पास ही गधे घास चर रहे थे कि शबा के लोगों ने हम पर धावा बोल दिया और तेरे पशुओं को ले गये! मुझे छोड़ सभी दासों को शबा के लोगों ने मार डाला। आपको यह समाचार देने के लिये मैं बच कर भाग निकला हूँ!” अभी वह सन्देशवाहक कुछ कह ही रहा था कि अय्यूब के पास दूसरा सन्देशवाहक आया। दूसरे सन्देशवाहक ने कहा, “आकाश से बिजली गिरी और आपकी भेड़ें और दास जलकर राख हो गये हैं। आपको समाचार देने के लिये केवल मैं ही बच निकल पाया हूँ!” अभी वह सन्देशवाहक अपनी बात कह ही रहा था कि एक और सन्देशवाहक आ गया। इस तीसरे सन्देशवाहक ने कहा, “कसदी के लोगों ने तीन टोलियाँ भेजी थीं जिन्होंने हम पर हमला बोल दिया और ऊँटो को छीन ले गये और उन्होंने सेवकों को मार डाला। आपको समाचार देने के लिये केवल मैं ही बच निकल पाया हूँ!” यह तीसरा दूत अभी बोल ही रहा था कि एक और सन्देशवाहक आगया। इस चौथे सन्देशवाहक ने कहा, “आपके पुत्र और पुत्रियाँ सबसे बड़े भाई के घर खा रहे थे और दाखमधु पी रहे थे। तभी रेगिस्तान से अचानक एक तेज आँधी उठी और उसने मकान को उड़ा कर ढहा दिया। मकान आपके पुत्र और पुत्रियों के ऊपर आ पड़ा और वे मर गये। आपको समाचार देने के लिये केवल मैं ही बच निकल पाया हूँ।” अय्यूब ने जब यह सुना तो उसने अपने कपड़े फाड़ डाले और यह दर्शाने के लिये कि वह दु:खी और व्याकुल है, उसने अपना सिर मुँड़ा लिया। अय्यूब ने तब धरती पर गिरकर परमेश्वर को दण्डवत किया। उसने कहा: “मेरा जब इस संसार के बीच जन्म हुआ था, मैं तब नंगा था, मेरे पास तब कुछ भी नहीं था। जब मैं मरूँगा और यह संसार तजूँगा, मैं नंगा होऊँगा और मेरे पास में कुछ नहीं होगा। यहोवा ही देता है और यहोवा ही ले लेता, यहोवा के नाम की प्रशंसा करो!” जो कुछ घटित हुआ था, उस सब कुछ के कारण न तो अय्यूब ने कोई पाप किया और न ही उसने परमेश्वर को दोष दिया।

अय्‍यूब 1:1-22 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

ऊत्‍स देश में एक मनुष्‍य रहता था। उसका नाम अय्‍यूब था। वह प्रत्‍येक दृष्‍टि से सिद्ध और निष्‍कपट था। वह परमेश्‍वर से डरता और बुराई से दूर रहता था। उसके सात पुत्र और तीन पुत्रियाँ थीं। उसके पास सात हजार भेड़ें, तीन हजार ऊंट, पाँच सौ जोड़ी बैल, पाँच सौ गदहियाँ और बहुत नौकर-चाकर थे। वह मनुष्‍य पूर्व देश के लोगों में सबसे अधिक अमीर था। अय्‍यूब के पुत्र बारी-बारी से एक-दूसरे के घर में जाकर भोज-उत्‍सव में सम्‍मिलित हुआ करते थे। वे सन्‍देश भेजकर अपनी तीनों बहिनों को भी भोज-उत्‍सव में खाने-पीने के लिए निमन्‍त्रित कर लिया करते थे। जब भोज-उत्‍सव के दिन समाप्‍त हो जाते, तब अय्‍यूब सन्‍देश भेजता और अपने पुत्रों को बुलवाकर उनको शुद्ध करता था। वह उनकी शुद्धि के लिए सबेरे उठता और अपने सात पुत्रों की गिनती के अनुसार, सात अग्‍नि-बलि चढ़ाता था, क्‍योंकि अय्‍यूब सोचता था, ‘यह हो सकता है कि मेरे पुत्रों ने पाप किया हो, और अपने हृदय में ईश-निन्‍दा की हो।’ अय्‍यूब प्रत्‍येक भोज-उत्‍सव पर हर बार ऐसा ही किया करता था। एक दिन ईश-पुत्र प्रभु के दरबार में उपस्‍थित हुए। उनके साथ शैतान भी आया। प्रभु ने शैतान से पूछा, ‘तू कहाँ से आ रहा है?’ शैतान ने प्रभु को बताया, ‘मैं पृथ्‍वी पर इधर-उधर घूमते-फिरते हुए यहाँ आया हूँ।’ प्रभु ने शैतान से फिर पूछा, ‘क्‍या तूने मेरे सेवक अय्‍यूब पर ध्‍यान दिया? क्‍या उसके समान सिद्ध और निष्‍कपट, मुझ-परमेश्‍वर से डरनेवाला और बुराई से दूर रहनेवाला कोई मनुष्‍य पृथ्‍वी पर है?’ शैतान ने प्रभु को उत्तर दिया, ‘क्‍या अय्‍यूब बिना मतलब आपसे डरता है? क्‍या आपने उसकी रक्षा के लिए उसके चारों ओर, उसके घर और उसकी हर वस्‍तु के चारों ओर बाड़ा नहीं बांधा है? आपने उसके प्रत्‍येक कार्य को सफल किया है, इसलिए देश में उसकी धन-सम्‍पत्ति की वृद्धि हुई है। यदि आप उसकी धन-सम्‍पत्ति नष्‍ट करने के उद्देश्‍य से उसको हाथ लगाएँ तो वह आपके मुंह पर आपको कोसेगा।’ प्रभु ने शैतान से कहा, ‘अच्‍छा, मैं उसकी धन-सम्‍पत्ति पर तूझे अधिकार देता हूं, केवल उसके शरीर को हाथ न लगाना।’ इसके बाद शैतान प्रभु के दरबार से निकलकर चला गया। एक दिन अय्‍यूब के पुत्र-पुत्रियां बड़े भाई के घर में भोजन कर रहे थे, और अंगूर-रस पी रहे थे। इसी समय अय्‍यूब के पास उसके सेवकों में से एक किसान आया, और उसने कहा, ‘स्‍वामी, हम आपके खेतों में बैलों से हल जोत रहे थे, और गदहियां उनके पास ही चर रही थीं। तभी शबा देश के लुटेरे कारवां ने आक्रमण किया और वे पशुओं को लूटकर ले गए। उन्‍होंने आपके सेवकों को तलवार से मौत के घाट उतार दिया। केवल मैं बच गया और अब आपको खबर देने के लिए आया हूं।’ किसान यह कह ही रहा था कि एक चरवाहा आया, और उसने यह कहा, ‘आकाश से परमेश्‍वर की आग गिरी, और उसने भेड़-बकरियों और सेवकों को भस्‍म कर दिया। केवल मैं बच गया और अब आपको यह खबर देने के लिए आया हूँ।’ चरवाहा यह कह ही रहा था कि एक महावत आया, और उसने यह कहा, ‘कसदी लूटेरों ने हमारे ऊंटों पर तीन ओर से हमला किया, और वे उनको लूटकर ले गए। उन्‍होंने महावतों को तलवार से मौत के घाट उतार दिया। केवल मैं बच गया और अब आपको यह खबर देने के लिए आया हूँ।’ महावत यह कह ही रहा था कि एक युवक आया, और उसने कहा, ‘आपके पुत्र और पुत्रियाँ अपने बड़े भाई के घर में भोजन कर रहे थे, और अंगूर-रस पी रहे थे कि अचानक मरुस्थल की ओर से एक भीषण आंधी आयी। उसने मकान के चारों से ऐसा धक्‍का दिया कि वह आपके जवान पुत्र-पुत्रियों पर गिर पड़ा और वे दबकर मर गये। केवल मैं ही बच गया और अब आपको यह खबर देने के लिये आया हूं।’ तब अय्‍यूब उठा। उसने शोक प्रकट करने के लिए अपना अंगरखा फाड़ा और अपना सिर मुंड़ाया। वह भूमि पर गिरा, और उसने प्रभु की साष्‍टांग वन्‍दना की। उसने कहा, ‘मैं अपनी मां के पेट से नंगा बाहर निकला था। मैं नंगा ही वहाँ लौटूंगा, जहाँ से आया था। प्रभु ने दिया था, प्रभु ने ले लिया। प्रभु का नाम धन्‍य है।’ अय्‍यूब पर ये चारों विपत्तियाँ आई, पर उसने पाप नहीं किया, और न परमेश्‍वर पर मूर्खतापूर्ण आरोप लगाया।

अय्‍यूब 1:1-22 Hindi Holy Bible (HHBD)

ऊज़ देश में अय्यूब नाम एक पुरुष था; वह खरा और सीधा था और परमेश्वर का भय मानता और बुराई से परे रहता था। उसके सात बेटे और तीन बेटियां उत्पन्न हुई। फिर उसके सात हजार भेड़-बकरियां, तीन हजार ऊंट, पांच सौ जोड़ी बैल, और पांच सौ गदहियां, और बहुत ही दास-दासियां थीं; वरन उसके इतनी सम्पत्ति थी, कि पूरबियों में वह सब से बड़ा था। उसके बेटे उपने अपने दिन पर एक दूसरे के घर में खाने-पीने को जाया करते थे; और अपनी तीनों बहिनों को अपने संग खाने-पीने के लिये बुलवा भेजते थे। और जब जब जेवनार के दिन पूरे हो जाते, तब तब अय्यूब उन्हें बुलवा कर पवित्र करता, और बड़ी भोर उठ कर उनकी गिनती के अनुसार होमबलि चढ़ाता था; क्योंकि अय्यूब सोचता था, कि कदाचित मेरे लड़कों ने पाप कर के परमेश्वर को छोड़ दिया हो। इसी रीति अय्यूब सदैव किया करता था। एक दिन यहोवा परमेश्वर के पुत्र उसके साम्हने उपस्थित हुए, और उनके बीच शैतान भी आया। यहोवा ने शैतान से पूछा, तू कहां से आता है? शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, कि पृथ्वी पर इधर-उधर घूमते-फिरते और डोलते-डालते आया हूँ। यहोवा ने शैतान से पूछा, क्या तू ने मेरे दास अय्यूब पर ध्यान दिया है? क्योंकि उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय मानने वाला और बुराई से दूर रहने वाला मनुष्य और कोई नहीं है। शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, क्या अय्यूब परमेश्वर का भय बिना लाभ के मानता है? क्या तू ने उसकी, और उसके घर की, और जो कुछ उसका है उसके चारों ओर बाड़ा नहीं बान्धा? तू ने तो उसके काम पर आशीष दी है, और उसकी सम्पत्ति देश भर में फैल गई है। परन्तु अब अपना हाथ बढ़ाकर जो कुछ उसका है, उसे छू; तब वह तेरे मुंह पर तेरी निन्दा करेगा। यहोवा ने शैतान से कहा, सुन, जो कुछ उसका है, वह सब तेरे हाथ में है; केवल उसके शरीर पर हाथ न लगाना। तब शैतान यहोवा के साम्हने से चला गया। एक दिन अय्यूब के बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पी रहे थे; तब एक दूत अय्यूब के पास आकर कहने लगा, हम तो बैलों से हल जोत रहे थे, और गदहियां उनके पास चर रही थी, कि शबा के लोग धावा कर के उन को ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ। वह अभी यह कह ही रहा था कि दूसरा भी आकर कहने लगा, कि परमेश्वर की आग आकाश से गिरी और उस से भेड़-बकरियां और सेवक जलकर भस्म हो गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ। वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, कि कसदी लोग तीन गोल बान्धकर ऊंटों पर धावा कर के उन्हें ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ। वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, तेरे बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पीते थे, कि जंगल की ओर से बड़ी प्रचण्ड वायु चली, और घर के चारों कोनों को ऐसा झोंका मारा, कि वह जवानों पर गिर पड़ा और वे मर गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ। तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुंड़ाकर भूमि पर गिरा और दण्डवत् कर के कहा, मैं अपनी मां के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊंगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है। इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मूर्खता से दोष लगाया।

अय्‍यूब 1:1-22 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

ऊज़ देश में अय्यूब नामक एक पुरुष था; वह खरा और सीधा था और परमेश्‍वर का भय मानता और बुराई से दूर रहता था। उसके सात बेटे और तीन बेटियाँ उत्पन्न हुईं। उसके सात हज़ार भेड़–बकरियाँ, तीन हज़ार ऊँट, पाँच सौ जोड़ी बैल, और पाँच सौ गदहियाँ, और बहुत से दास–दासियाँ थीं; वरन् उसके पास इतनी सम्पत्ति थी, कि पूर्वी देशों के लोगों में वह सबसे बड़ा था। उसके बेटे बारी–बारी से एक दूसरे के घर में खाने–पीने को जाया करते थे; और अपनी तीनों बहिनों को अपने संग खाने–पीने के लिये बुलवा भेजते थे। जब जब भोज के दिन पूरे हो जाते, तब तब अय्यूब उन्हें बुलवाकर पवित्र करता, और बड़े भोर को उठकर उनकी गिनती के अनुसार होमबलि चढ़ाता था; क्योंकि अय्यूब सोचता था, “कदाचित् मेरे लड़कों ने पाप करके परमेश्‍वर को छोड़ दिया हो।” इसी रीति अय्यूब सदैव किया करता था। एक दिन यहोवा परमेश्‍वर के पुत्र उसके सामने उपस्थित हुए, और उनके बीच शैतान भी आया। यहोवा ने शैतान से पूछा, “तू कहाँ से आता है?” शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, “पृथ्वी पर इधर–उधर घूमते–फिरते और डोलते–डालते आया हूँ।” यहोवा ने शैतान से पूछा, “क्या तू ने मेरे दास अय्यूब पर ध्यान दिया है? क्योंकि उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय माननेवाला और बुराई से दूर रहनेवाला मनुष्य और कोई नहीं है।” शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, “क्या अय्यूब परमेश्‍वर का भय बिना लाभ के मानता है? क्या तू ने उसकी, और उसके घर की, और जो कुछ उसका है उसके चारों ओर बाड़ा नहीं बाँधा? तू ने तो उसके काम पर आशीष दी है, और उसकी सम्पत्ति देश भर में फैल गई है। परन्तु अब अपना हाथ बढ़ाकर जो कुछ उसका है, उसे छू; तब वह तेरे मुँह पर तेरी निन्दा करेगा।” यहोवा ने शैतान से कहा, “सुन, जो कुछ उसका है, वह सब तेरे हाथ में है; केवल उसके शरीर पर हाथ न लगाना।” तब शैतान यहोवा के सामने से चला गया। एक दिन अय्यूब के बेटे–बेटियाँ बड़े भाई के घर में खा रहे और दाखमधु पी रहे थे; तब एक दूत अय्यूब के पास आकर कहने लगा, “हम तो बैलों से हल जोत रहे थे, और गदहियाँ उनके पास चर रही थीं कि शबा के लोग धावा करके उनको ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।” वह अभी यह कह ही रहा था कि दूसरा भी आकर कहने लगा, “परमेश्‍वर की आग आकाश से गिरी और उस से भेड़–बकरियाँ और सेवक जलकर भस्म हो गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।” वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, “कसदी लोग तीन दल बाँधकर ऊँटों पर धावा करके उन्हें ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।” वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, “तेरे बेटे–बेटियाँ बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पीते थे, कि जंगल की ओर से बड़ी प्रचण्ड वायु चली, और घर के चारों कोनों को ऐसा झोंका मारा कि वह जवानों पर गिर पड़ा और वे मर गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।” तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुँड़ाकर भूमि पर गिरा और दण्डवत् करके कहा, “मैं अपनी माँ के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊँगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है।” इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्‍वर पर मूर्खता से दोष लगाया।

अय्‍यूब 1:1-22 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

ऊस देश में अय्यूब नामक एक पुरुष था; वह खरा और सीधा था और परमेश्वर का भय मानता और बुराई से परे रहता था। (अय्यू. 1:8) उसके सात बेटे और तीन बेटियाँ उत्पन्न हुई। फिर उसके सात हजार भेड़-बकरियाँ, तीन हजार ऊँट, पाँच सौ जोड़ी बैल, और पाँच सौ गदहियाँ, और बहुत ही दास-दासियाँ थीं; वरन् उसके इतनी सम्पत्ति थी, कि पूर्वी देशों में वह सबसे बड़ा था। उसके बेटे बारी-बारी से एक दूसरे के घर में खाने-पीने को जाया करते थे; और अपनी तीनों बहनों को अपने संग खाने-पीने के लिये बुलवा भेजते थे। और जब जब दावत के दिन पूरे हो जाते, तब-तब अय्यूब उन्हें बुलवाकर पवित्र करता, और बड़ी भोर को उठकर उनकी गिनती के अनुसार होमबलि चढ़ाता था; क्योंकि अय्यूब सोचता था, “कदाचित् मेरे बच्चों ने पाप करके परमेश्वर को छोड़ दिया हो।” इसी रीति अय्यूब सदैव किया करता था। एक दिन यहोवा परमेश्वर के पुत्र उसके सामने उपस्थित हुए, और उनके बीच शैतान भी आया। यहोवा ने शैतान से पूछा, “तू कहाँ से आता है?” शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, “पृथ्वी पर इधर-उधर घूमते-फिरते और डोलते-डालते आया हूँ।” यहोवा ने शैतान से पूछा, “क्या तूने मेरे दास अय्यूब पर ध्यान दिया है? क्योंकि उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय माननेवाला और बुराई से दूर रहनेवाला मनुष्य और कोई नहीं है।” शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, “क्या अय्यूब परमेश्वर का भय बिना लाभ के मानता है? (प्रका. 12:10) क्या तूने उसकी, और उसके घर की, और जो कुछ उसका है उसके चारों ओर बाड़ा नहीं बाँधा? तूने तो उसके काम पर आशीष दी है, और उसकी सम्पत्ति देश भर में फैल गई है। परन्तु अब अपना हाथ बढ़ाकर जो कुछ उसका है, उसे छू; तब वह तेरे मुँह पर तेरी निन्दा करेगा।” (प्रका. 12:10) यहोवा ने शैतान से कहा, “सुन, जो कुछ उसका है, वह सब तेरे हाथ में है; केवल उसके शरीर पर हाथ न लगाना।” तब शैतान यहोवा के सामने से चला गया। एक दिन अय्यूब के बेटे-बेटियाँ बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पी रहे थे; तब एक दूत अय्यूब के पास आकर कहने लगा, “हम तो बैलों से हल जोत रहे थे और गदहियाँ उनके पास चर रही थीं कि शेबा के लोग धावा करके उनको ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।” वह अभी यह कह ही रहा था कि दूसरा भी आकर कहने लगा, “परमेश्वर की आग आकाश से गिरी और उससे भेड़-बकरियाँ और सेवक जलकर भस्म हो गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।” वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, “कसदी लोग तीन दल बाँधकर ऊँटों पर धावा करके उन्हें ले गए, और तलवार से तेरे सेवकों को मार डाला; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।” वह अभी यह कह ही रहा था, कि एक और भी आकर कहने लगा, “तेरे बेटे-बेटियाँ बड़े भाई के घर में खाते और दाखमधु पीते थे, कि जंगल की ओर से बड़ी प्रचण्ड वायु चली, और घर के चारों कोनों को ऐसा झोंका मारा, कि वह जवानों पर गिर पड़ा और वे मर गए; और मैं ही अकेला बचकर तुझे समाचार देने को आया हूँ।” तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुँड़ाकर भूमि पर गिरा और दण्डवत् करके कहा, (एज्रा 9:3, 1 पत. 5:6) “मैं अपनी माँ के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊँगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है।” (सभो. 5:15) इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्वर पर मूर्खता से दोष लगाया।

अय्‍यूब 1:1-22 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

उज़ देश में अय्योब नामक एक व्यक्ति थे. वे सीधे, खरे, परमेश्वर के श्रद्धा युक्त तथा बुराई से दूर थे. उनके सात पुत्र एवं तीन पुत्रियां थीं, उनके पास सात हजार भेड़ें, तीन हजार ऊंट, पांच सौ जोड़े बैल, पांच सौ गधियां तथा अनेक-अनेक दास-दासियां थीं. पूर्वी देशों में कोई भी उनके तुल्य धनवान न था. उनके पुत्र अपने-अपने जन्मदिन पर अपने घरों में दावत का आयोजन करते थे, जिसमें वे अपनी तीनों बहनों को भी आमंत्रित किया करते थे, कि वे भी भोज में सम्मिलित हों. जब उत्सवों का समय समाप्‍त हो जाता था, तब अय्योब अपनी इन संतानों को अपने यहां बुलाकर उन्हें पवित्र किया करते थे. वह बड़े भोर को उठकर उनकी संख्या के अनुरूप होमबलि अर्पित करते थे. उनकी सोच थी, “संभव है मेरे पुत्रों से कोई पाप हुआ हो और उन्होंने अपने हृदय में ही परमेश्वर के प्रति अनिष्ट किया हो और परमेश्वर को छोड़ दिया हो.” अय्योब यह सब नियमपूर्वक किया करते थे. यह वह दिन था, जब परमेश्वर के पुत्र ने स्वयं को याहवेह के सामने प्रस्तुत किया और शैतान भी उनके साथ आया हुआ था. याहवेह ने शैतान से पूछा, “तुम कहां से आ रहे हो?” शैतान ने याहवेह को उत्तर दिया, “पृथ्वी पर इधर-उधर घूमते-फिरते हुए तथा डोलते-डालते आया हूं.” याहवेह ने शैतान से प्रश्न किया, “क्या तुमने अय्योब, मेरे सेवक पर ध्यान दिया है? कि सारी पृथ्वी पर कोई भी उसके तुल्य नहीं है. वह सीधा, खरा, परमेश्वर के प्रति श्रद्धा युक्त तथा बुराई से दूर है.” शैतान ने याहवेह से पूछा, “क्या अय्योब परमेश्वर के प्रति श्रद्धा बिना लाभ के मानता है? आपने उसके घर के और उसकी संपत्ति के चारों ओर अपनी सुरक्षा का बाड़ा बांध रखा है? आपने उसके श्रम को समृद्ध किया है. उसकी संपत्ति इस देश में फैलती जा रही है. आप हाथ बढ़ाकर उसकी समस्त संपत्ति को छुएं, वह निश्चय आपके सामने आपकी निंदा करने लगेगा.” याहवेह ने शैतान से कहा, “अच्छा सुनो, उसकी समस्त संपत्ति पर मैं तुम्हें अधिकार दे रहा हूं, मात्र ध्यान दो, तुम उसको स्पर्श मत करना.” शैतान याहवेह की उपस्थिति से चला गया. जिस दिन अय्योब के पुत्र-पुत्रियां ज्येष्ठ भाई के घर पर उत्सव में व्यस्त थे, एक दूत ने अय्योब को सूचित किया, “बैल हल चला रहे थे तथा निकट ही गधे चर रहे थे, कि शीबाईयों ने आक्रमण किया और इन्हें लूटकर ले गए. उन्होंने तो हमारे दास-दासियों का तलवार से संहार कर दिया है, मात्र मैं बचते हुए आपको सूचित करने आया हूं!” अभी उसका कहना पूर्ण भी न हुआ था, कि एक अन्य दूत ने आकर सूचना दी, “आकाश से परमेश्वर की ज्वाला प्रकट हुई और हमारी भेड़ें एवं दास-दासियां भस्म हो गए, मैं बचते हुए आपको सूचित करने आया हूं!” उसका कहना अभी पूर्ण भी न हुआ था, कि एक अन्य दूत भी वहां आ पहुंचा और कहने लगा, “कसदियों ने तीन दल बनाकर ऊंटों पर छापा मारा और उन्हें ले गए. दास-दासियों का उन्होंने तलवार से संहार कर दिया है, मात्र मैं बचते हुए आपको सूचित करने आया हूं!” वह अभी कह ही रहा था, कि एक अन्य दूत भी वहां आ पहुंचा और उन्हें सूचित करने लगा, “आपके ज्येष्ठ पुत्र के घर पर आपके पुत्र-पुत्रियां उत्सव में खा-पी रहे थे, कि एक बड़ी आंधी चली, जिसका प्रारंभ रेगिस्तान क्षेत्र से हुआ था, इसने उस घर पर चारों ओर से ऐसा प्रहार किया कि दब कर समस्त युवाओं की मृत्यु हो गई. मात्र मैं बचकर आपको सूचना देने आया हूं!” अय्योब यह सुन उठे, और अपने वस्त्र फाड़ डाले, अपने सिर का मुंडन किया तथा भूमि पर दंडवत किया. उनके वचन थे: “माता के गर्भ से मैं नंगा आया था, और मैं नंगा ही चला जाऊंगा. याहवेह ने दिया था, याहवेह ने ले लिया; धन्य है याहवेह का नाम.” समस्त घटनाक्रम में अय्योब ने न तो कोई पाप किया और न ही उन्होंने परमेश्वर की किसी भी प्रकार की निंदा की.

YouVersion आपके अनुभव को वैयक्तिकृत करने के लिए कुकीज़ का उपयोग करता है। हमारी वेबसाइट का उपयोग करके, आप हमारी गोपनीयता नीति में वर्णित कुकीज़ के हमारे उपयोग को स्वीकार करते हैं।