योहन 9:1-17

योहन 9:1-17 पवित्र बाइबल (HERV)

जाते हुए उसने जन्म से अंधे एक व्यक्ति को देखा। इस पर यीशु के अनुयायियों ने उससे पूछा, “हे रब्बी, यह व्यक्ति अपने पापों से अंधा जन्मा है या अपने माता-पिता के?” यीशु ने उत्तर दिया, “न तो इसने पाप किए हैं और न इसके माता-पिता ने बल्कि यह इसलिये अंधा जन्मा है ताकि इसे अच्छा करके परमेश्वर की शक्ति दिखायी जा सके। उसके कामों को जिसने मुझे भेजा है, हमें निश्चित रूप से दिन रहते ही कर लेना चाहिये क्योंकि जब रात हो जायेगी कोई काम नहीं कर सकेगा। जब मैं जगत में हूँ मैं जगत की ज्योति हूँ।” इतना कहकर यीशु ने धरती पर थूका और उससे थोड़ी मिट्टी सानी उसे अंधे की आंखों पर मल दिया। और उससे कहा, “जा और शीलोह के तालाब में धो आ।” (शीलोह अर्थात् “भेजा हुआ।”) और फिर उस अंधे ने जाकर आँखें धो डालीं। जब वह लौटा तो उसे दिखाई दे रहा था। फिर उसके पड़ोसी और वे लोग जो उसे भीख माँगता देखने के आदी थे बोले, “क्या यह वही व्यक्ति नहीं है जो बैठा हुआ भीख माँगा करता था?” कुछ ने कहा, “यह वही है,” दूसरों ने कहा, “नहीं, यह वह नहीं है, उसके जैसा दिखाई देता है।” इस पर अंधा कहने लगा, “मैं वही हूँ।” इस पर लोगों ने उससे पूछा, “तुझे आँखों की ज्योति कैसे मिली?” उसने जवाब दिया, “यीशु नाम के एक व्यक्ति ने मिट्टी सान कर मेरी आँखों पर मला और मुझसे कहा, जा और शीलोह में धो आ और मैं जाकर धो आया। बस मुझे आँखों की ज्योति मिल गयी।” फिर लोगों ने उससे पूछा, “वह कहाँ है?” उसने जवाब दिया, “मुझे पता नहीं।” उस व्यक्ति को जो पहले अंधा था, वे लोग फरीसियों के पास ले गये। यीशु ने जिस दिन मिट्टी सानकर उस अंधे को आँखें दी थीं वह सब्त का दिन था। इस तरह फ़रीसी उससे एक बार फिर पूछने लगे, “उसने आँखों की ज्योति कैसे पायी?” उसने बताया, “उसने मेरी आँखों पर गीली मिट्टी लगायी, मैंने उसे धोया और अब मैं देख सकता हूँ।” कुछ फ़रीसी कहने लगे, “यह मनुष्य परमेश्वर की ओर से नहीं है क्योंकि यह सब्त का पालन नहीं करता।” उस पर दूसरे बोले, “कोई पापी आदमी भला ऐसे आश्चर्य कर्म कैसे कर सकता है?” इस तरह उनमें आपस में ही विवाद होने लगा। वे एक बार फिर उस अंधे से बोले, “उसके बारे में तू क्या कहता है? क्योंकि इस तथ्य को तू जानता है कि उसने तुझे आँखे दी हैं।” तब उसने कहा, “वह नबी है।”

योहन 9:1-17 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

मार्ग में येशु ने एक मनुष्‍य को देखा, जो जन्‍म से अन्‍धा था। उनके शिष्‍यों ने उनसे पूछा, “गुरुजी! किसने पाप किया था, इसने अथवा इसके माता-पिता ने, कि यह अन्‍धा जन्‍मा है?” येशु ने उत्तर दिया, “न तो इस मनुष्‍य ने पाप किया और न इसके माता-पिता ने। यह इसलिए जन्‍म से अन्‍धा है कि इसमें परमेश्‍वर के कार्य प्रकट हों। दिन रहते हमें उसके कार्य में लगे रहना चाहिए, जिसने मुझे भेजा है। रात आ रही है, जब कोई भी व्यक्‍ति कार्य नहीं कर सकता। मैं जब तक संसार में हूँ, तब तक संसार की ज्‍योति हूँ।” यह कह कर येशु ने भूमि पर थूका, थूक से मिट्टी का लेप बनाया और वह लेप अन्‍धे की आँखों पर लगा कर उससे कहा, “जाओ, शीलोह के कुण्‍ड में धो लो।” शीलोह का अर्थ है ‘प्रेषित’। वह मनुष्‍य गया। उसने वहाँ आँखें धोईं और वह देखता हुआ लौटा। उसके पड़ोसी और वे लोग, जो उसे पहले भीख माँगते देखा करते थे, बोले, “क्‍या यह वही नहीं है, जो बैठकर भीख माँगा करता था?” कुछ लोगों ने कहा, “हाँ, यह वही है।” कुछ ने कहा, “नहीं, यह उस-जैसा कोई और है।” उसने कहा, “मैं वही हूँ।” इस पर लोगों ने उससे पूछा, “तो, तुम्‍हारी आँखें कैसे खुलीं?” उसने उत्तर दिया, “जो मनुष्‍य येशु कहलाते हैं, उन्‍होंने मिट्टी का लेप बनाया और उसे मेरी आँखों पर लगा कर कहा, ‘शीलोह के कुण्‍ड पर जाओ और धो लो।’ मैं गया और धोने के बाद देखने लगा।” उन्‍होंने उससे पूछा, “वह कहाँ है?” उसने उत्तर दिया, “मैं नहीं जानता।” लोग उस मनुष्‍य को, जो पहले अन्‍धा था, फरीसियों के पास ले गये। जिस दिन येशु ने मिट्टी का लेप बना कर उसकी आँखें खोली थीं, वह विश्राम का दिन था। फरीसियों ने उससे फिर पूछा कि वह कैसे देखने लगा। उसने उनसे कहा, “उन्‍होंने मेरी आँखों पर मिट्टी लगायी, मैंने आँखें धोईं और अब मैं देख रहा हूँ।” इस पर कुछ फरीसियों ने कहा, “वह मनुष्‍य परमेश्‍वर के यहाँ से नहीं आया है; क्‍योंकि वह विश्राम-दिवस के नियम का पालन नहीं करता।” कुछ लोगों ने कहा, “पापी मनुष्‍य ऐसे आश्‍चर्यपूर्ण चिह्‍न कैसे दिखा सकता है?” इस तरह उनमें मतभेद हो गया। उन्‍होंने फिर अन्‍धे से पूछा, “जिस मनुष्‍य ने तुम्‍हारी आँखें खोली हैं, उसके विषय में तुम क्‍या कहते हो?” उसने उत्तर दिया, “वह नबी है।”

योहन 9:1-17 Hindi Holy Bible (HHBD)

फिर जाते हुए उस ने एक मनुष्य को देखा, जो जन्म का अन्धा था। और उसके चेलों ने उस से पूछा, हे रब्बी, किस ने पाप किया था कि यह अन्धा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने? यीशु ने उत्तर दिया, कि न तो इस ने पाप किया था, न इस के माता पिता ने: परन्तु यह इसलिये हुआ, कि परमेश्वर के काम उस में प्रगट हों। जिस ने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आनेवाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता। जब तक मैं जगत में हूं, तब तक जगत की ज्योति हूं। यह कहकर उस ने भूमि पर थूका और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अन्धे की आंखों पर लगाकर। उस से कहा; जा शीलोह के कुण्ड में धो ले, (जिस का अर्थ भेजा हुआ है) सो उस ने जाकर धोया, और देखता हुआ लौट आया। तब पड़ोसी और जिन्हों ने पहले उसे भीख मांगते देखा था, कहने लगे; क्या यह वही नहीं, जो बैठा भीख मांगा करता था? कितनों ने कहा, यह वही है: औरों ने कहा, नहीं; परन्तु उसके समान है: उस ने कहा, मैं वही हूं। तब वे उस से पूछने लगे, तेरी आंखें क्योंकर खुल गईं? उस ने उत्तर दिया, कि यीशु नाम एक व्यक्ति ने मिट्टी सानी, और मेरी आंखों पर लगाकर मुझ से कहा, कि शीलोह में जाकर धो ले; सो मैं गया, और धोकर देखने लगा। उन्होंने उस से पूछा; वह कहां है? उस ने कहा; मैं नहीं जानता॥ लोग उसे जो पहिले अन्धा था फरीसियों के पास ले गए। जिस दिन यीशु ने मिट्टी सानकर उस की आंखे खोलीं थी वह सब्त का दिन था। फिर फरीसियों ने भी उस से पूछा; तेरी आंखें किस रीति से खुल गईं? उस न उन से कहा; उस ने मेरी आंखो पर मिट्टी लगाई, फिर मैं ने धो लिया, और अब देखता हूं। इस पर कई फरीसी कहने लगे; यह मनुष्य परमेश्वर की ओर से नहीं, क्योंकि वह सब्त का दिन नहीं मानता। औरों ने कहा, पापी मनुष्य क्योंकर ऐसे चिन्ह दिखा सकता है? सो उन में फूट पड़ी। उन्होंने उस अन्धे से फिर कहा, उस ने जो तेरी आंखे खोलीं, तू उसके विषय में क्या कहता है? उस ने कहा, यह भविष्यद्वक्ता है।

योहन 9:1-17 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

जाते हुए उसने एक मनुष्य को देखा जो जन्म से अंधा था। उसके चेलों ने उससे पूछा, “हे रब्बी, किसने पाप किया था कि यह अंधा जन्मा, इस मनुष्य ने या इसके माता–पिता ने?” यीशु ने उत्तर दिया, “न तो इसने पाप किया था, न इसके माता–पिता ने; परन्तु यह इसलिये हुआ कि परमेश्‍वर के काम उसमें प्रगट हों। जिसने मुझे भेजा है, हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है; वह रात आनेवाली है जिसमें कोई काम नहीं कर सकता। जब तक मैं जगत में हूँ, तब तक जगत की ज्योति हूँ।” यह कहकर उसने भूमि पर थूका, और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अंधे की आँखों पर लगाकर उससे कहा, “जा, शीलोह के कुण्ड में धो ले” (शीलोह का अर्थ ‘भेजा हुआ’ है)। उसने जाकर धोया, और देखता हुआ लौट आया। तब पड़ोसी और जिन्होंने पहले उसे भीख माँगते देखा था, कहने लगे, “क्या यह वही नहीं, जो बैठा भीख माँगा करता था?” कुछ लोगों ने कहा, “यह वही है,” दूसरों ने कहा, “नहीं, परन्तु उसके समान है।” उसने कहा, “मैं वही हूँ।” तब वे उससे पूछने लगे, “तेरी आँखें कैसे खुल गईं?” उसने उत्तर दिया, “यीशु नामक एक व्यक्‍ति ने मिट्टी सानी, और मेरी आँखों पर लगाकर मुझ से कहा, ‘शीलोह में जाकर धो ले,’ अत: मैं गया और धोया और देखने लगा।” उन्होंने उससे पूछा, “वह कहाँ है?” उसने कहा, “मैं नहीं जानता।” लोग उसे जो पहले अंधा था फरीसियों के पास ले गए। जिस दिन यीशु ने मिट्टी सानकर उसकी आँखें खोली थीं, वह सब्त का दिन था। फिर फरीसियों ने भी उससे पूछा कि उसकी आँखें किस रीति से खुल गईं। उसने उनसे कहा, “उसने मेरी आँखों पर मिट्टी लगाई, फिर मैं ने धो लिया, और अब देखता हूँ।” इस पर कुछ फरीसी कहने लगे, “यह मनुष्य परमेश्‍वर की ओर से नहीं, क्योंकि वह सब्त का दिन नहीं मानता।” दूसरों ने कहा, “पापी मनुष्य ऐसे चिह्न कैसे दिखा सकता है?” अत: उनमें फूट पड़ गई। उन्होंने उस अंधे से फिर कहा, “उसने तेरी आँखें खोलीं हैं। तू उसके विषय में क्या कहता है?” उसने कहा, “वह भविष्यद्वक्‍ता है।”

योहन 9:1-17 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

फिर जाते हुए उसने एक मनुष्य को देखा, जो जन्म से अंधा था। और उसके चेलों ने उससे पूछा, “हे रब्बी, किसने पाप किया था कि यह अंधा जन्मा, इस मनुष्य ने, या उसके माता पिता ने?” यीशु ने उत्तर दिया, “न तो इसने पाप किया था, न इसके माता पिता ने परन्तु यह इसलिए हुआ, कि परमेश्वर के काम उसमें प्रगट हों। जिसने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है। वह रात आनेवाली है जिसमें कोई काम नहीं कर सकता। जब तक मैं जगत में हूँ, तब तक जगत की ज्योति हूँ।” (यूह. 8:12) यह कहकर उसने भूमि पर थूका और उस थूक से मिट्टी सानी, और वह मिट्टी उस अंधे की आँखों पर लगाकर। उससे कहा, “जा, शीलोह के कुण्ड में धो ले” (शीलोह का अर्थ भेजा हुआ है) अतः उसने जाकर धोया, और देखता हुआ लौट आया। (यशा. 35:5) तब पड़ोसी और जिन्होंने पहले उसे भीख माँगते देखा था, कहने लगे, “क्या यह वही नहीं, जो बैठा भीख माँगा करता था?” कुछ लोगों ने कहा, “यह वही है,” औरों ने कहा, “नहीं, परन्तु उसके समान है” उसने कहा, “मैं वही हूँ।” तब वे उससे पूछने लगे, “तेरी आँखें कैसे खुल गईं?” उसने उत्तर दिया, “यीशु नामक एक व्यक्ति ने मिट्टी सानी, और मेरी आँखों पर लगाकर मुझसे कहा, ‘शीलोह में जाकर धो ले,’ तो मैं गया, और धोकर देखने लगा।” उन्होंने उससे पूछा, “वह कहाँ है?” उसने कहा, “मैं नहीं जानता।” लोग उसे जो पहले अंधा था फरीसियों के पास ले गए। जिस दिन यीशु ने मिट्टी सानकर उसकी आँखें खोली थी वह सब्त का दिन था। फिर फरीसियों ने भी उससे पूछा; तेरी आँखें किस रीति से खुल गई? उसने उनसे कहा, “उसने मेरी आँखों पर मिट्टी लगाई, फिर मैंने धो लिया, और अब देखता हूँ।” इस पर कई फरीसी कहने लगे, “यह मनुष्य परमेश्वर की ओर से नहीं, क्योंकि वह सब्त का दिन नहीं मानता।” औरों ने कहा, “पापी मनुष्य कैसे ऐसे चिन्ह दिखा सकता है?” अतः उनमें फूट पड़ी। उन्होंने उस अंधे से फिर कहा, “उसने जो तेरी आँखें खोली, तू उसके विषय में क्या कहता है?” उसने कहा, “यह भविष्यद्वक्ता है।”

योहन 9:1-17 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

वहां से जाते हुए मार्ग में मसीह येशु को जन्म से अंधा एक व्यक्ति मिला, जिसे देख उनके शिष्यों ने उनसे पूछा, “रब्बी, किसके पाप के कारण यह व्यक्ति अंधा जन्मा—इसके या इसके माता-पिता के?” मसीह येशु ने उत्तर दिया, “न इसके और न ही इसके माता-पिता के पाप, के कारण परंतु इसलिये कि इसमें परमेश्वर का काम प्रकट हो. अवश्य है कि मेरे भेजनेवाले का काम हम दिन रहते ही कर लें. रात आ रही है, जब कोई व्यक्ति काम नहीं कर पाएगा. जब तक मैं संसार में हूं, मैं ही हूं संसार की ज्योति.” यह कहने के बाद उन्होंने भूमि पर थूका, थूक से मिट्टी का लेप बनाया और उससे अंधे व्यक्ति की आंखों पर लेप किया और उससे कहा, “जाओ, सीलोअम के कुंड में धो लो.” सीलोअम का अर्थ है भेजा हुआ. इसलिये उसने जाकर धोया और देखता हुआ लौटा. तब उसके पड़ोसी और वे, जिन्होंने उसे इसके पूर्व भिक्षा मांगते हुए देखा था, आपस में कहने लगे, “क्या यह वही नहीं, जो बैठा हुआ भीख मांगा करता था?” कुछ ने पुष्टि की कि यह वही है. कुछ ने कहा. “नहीं, यह मात्र उसके समान दिखता है.” जबकि वह कहता रहा, “मैं वही हूं.” इसलिये उन्होंने उससे पूछा, “तुम्हें दृष्टि प्राप्‍त कैसे हुई?” उसने उत्तर दिया, “येशु नामक एक व्यक्ति ने मिट्टी का लेप बनाया और उससे मेरी आंखों पर लेप कर मुझे आज्ञा दी, ‘जाओ, सीलोअम के कुंड में धो लो.’ मैंने जाकर धोया और मैं देखने लगा.” उन्होंने उससे पूछा, “अब कहां है वह व्यक्ति?” उसने उत्तर दिया, “मैं नहीं जानता.” तब वे उस व्यक्ति को जो पहले अंधा था, फ़रीसियों के पास ले गए. जिस दिन मसीह येशु ने उसे आंख की रोशनी देने की प्रक्रिया में मिट्टी का लेप बनाया था, वह शब्बाथ था. फ़रीसियों ने उस व्यक्ति से पूछताछ की कि उसने दृष्टि प्राप्‍त कैसे की? उसने उन्हें उत्तर दिया, “उन्होंने मेरी आंखों पर मिट्टी का लेप लगाया, मैंने उन्हें धोया और अब मैं देख सकता हूं.” इस पर कुछ फ़रीसी कहने लगे, “वह व्यक्ति परमेश्वर की ओर से नहीं है, क्योंकि वह शब्बाथ के विधान का पालन नहीं करता.” परंतु अन्य कहने लगे, “कोई पापी व्यक्ति ऐसे अद्भुत चिह्न कैसे दिखा सकता है?” इस विषय को लेकर उनमें मतभेद हो गया. अतः उन्होंने जो पहले अंधा था उस व्यक्ति से दोबारा पूछा, “जिस व्यक्ति ने तुम्हें आंखों की रोशनी दी है, उसके विषय में तुम्हारा क्या मत है?” उसने उत्तर दिया, “वह भविष्यवक्ता हैं.”