योहन 7:1-27
योहन 7:1-27 पवित्र बाइबल (HERV)
इसके बाद यीशु ने गलील की यात्रा की। वह यहूदिया जाना चाहता था क्योंकि यहूदी उसे मार डालना चाहते थे। यहूदियों का खेमों का पर्व आने वाला था। इसलिये यीशु के बंधुओं ने उससे कहा, “तुम्हें यह स्थान छोड़कर यहूदिया चले जाना चाहिये। ताकि तुम्हारे अनुयायी तुम्हारे कामों को देख सकें। कोई भी वह व्यक्ति जो लोगों में प्रसिद्ध होना चाहता है अपने कामों को छिपा कर नहीं करता। क्योंकि तुम आश्चर्य कर्म करते हो इसलिये सारे जगत के सामने अपने को प्रकट करो।” यीशु के भाई तक उसमें विश्वास नहीं करते थे। यीशु ने उनसे कहा, “मेरे लिये अभी ठीक समय नहीं आया है। पर तुम्हारे लिये हर समय ठीक है। यह जगत तुमसे घृणा नहीं कर सकता पर मुझसे घृणा करता है। क्योंकि मैं यह कहता रहता हूँ कि इसकी करनी बुरी है। इस पर्व में तुम लोग जाओ, मैं नहीं जा रहा क्योंकि मेरे लिए अभी ठीक समय नहीं आया है।” ऐसा कहने के बाद यीशु गलील मे रुक गया। जब उसके भाई पर्व में चले गये तो वह भी गया। पर वह खुले तौर पर नही; छिप कर गया था। यहूदी नेता उसे पर्व में यह कहते खोज रहे थे, “वह मनुष्य कहाँ है?” यीशु के बारे में छिपे-छिपे उस भीड़ में तरह-तरह की बातें हो रही थीं। कुछ कह रहे थे, “वह अच्छा व्यक्ति है।” पर दूसरों ने कहा, “नहीं, वह लोगों को भटकाता है।” कोई भी उसके बारे में खुलकर बातें नहीं कर पा रहा था क्योंकि वे लोग यहूदी नेताओं से डरते थे। जब वह पर्व लगभग आधा बीत चुका था, यीशु मन्दिर में गया और उसने उपदेश देना शुरू किया। यहूदी नेताओं ने अचरज के साथ कहा, “यह मनुष्य जो कभी किसी पाठशाला में नहीं गया फिर इतना कुछ कैसे जानता है?” उत्तर देते हुए यीशु ने उनसे कहा, “जो उपदेश मैं देता हूँ मेरा अपना नहीं है बल्कि उससे आता है, जिसने मुझे भेजा है। यदि मनुष्य वह करना चाहे, जो परम पिता की इच्छा है तो वह यह जान जायेगा कि जो उपदेश मैं देता हूँ वह उसका है या मैं अपनी ओर से दे रहा हूँ। जो अपनी ओर से बोलता है, वह अपने लिये यश कमाना चाहता है; किन्तु वह जो उसे यश देने का प्रयत्न करता है, जिसने उसे भेजा है, वही व्यक्ति सच्चा है। उसमें कहीं कोई खोट नहीं है। क्या तुम्हें मूसा ने व्यवस्था का विधान नहीं दिया? पर तुममें से कोई भी उसका पालन नहीं करता। तुम मुझे मारने का प्रयत्न क्यों करते हो?” लोगों ने जवाब दिया, “तुझ पर भूत सवार है जो तुझे मारने का यत्न कर रहा है।” उत्तर में यीशु ने उनसे कहा, “मैंने एक आश्चर्यकर्म किया और तुम सब चकित हो गये। इसी कारण मूसा ने तुम्हें ख़तना का नियम दिया था। (यह नियम मूसा का नहीं था बल्कि तुम्हारे पूर्वजों से चला आ रहा था।) और तुम सब्त के दिन लड़कों का ख़तना करते हो। यदि सब्त के दिन किसी का ख़तना इसलिये किया जाता है कि मूसा का विधान न टूटे तो इसके लिये तुम मुझ पर क्रोध क्यों करते हो कि मैंने सब्त के दिन एक व्यक्ति को पूरी तरह चंगा कर दिया। बातें जैसी दिखती हैं, उसी आधार पर उनका न्याय मत करो बल्कि जो वास्तव में उचित है उसी के आधार पर न्याय करो।” फिर यरूशलेम में रहने वाले लोगों में से कुछ ने कहा, “क्या यही वह व्यक्ति नहीं है जिसे वे लोग मार डालना चाहते हैं? मगर देखो वह सब लोगों के बीच में बोल रहा है और वे लोग कुछ भी नहीं कह रहे हैं। क्या यह नहीं हो सकता कि यहूदी नेता वास्तव में जान गये हैं कि वही मसीह है। खैर हम जानते हैं कि यह व्यक्ति कहाँ से आया है। जब वास्तविक मसीह आयेगा तो कोई नहीं जान पायेगा कि वह कहाँ से आया।”
योहन 7:1-27 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
इसके पश्चात् येशु गलील प्रदेश में भ्रमण करने लगे। वह यहूदा प्रदेश में भ्रमण करना नहीं चाहते थे, क्योंकि यहूदी धर्मगुरु उन्हें मार डालने की ताक में थे। यहूदियों का मण्डप-पर्व निकट था। इसलिए येशु के भाइयों ने उनसे कहा, “यह प्रदेश छोड़ कर यहूदा प्रदेश जाइए, जिससे आप जो महान् कार्य करते हैं, उन्हें आपके शिष्य भी देख सकें। जो नाम कमाना चाहता है, वह छिप कर काम नहीं करता। जब आप ऐसे कार्य करते ही हैं, तो अपने को दुनिया के सामने प्रकट कर दीजिए।” (येशु के भाई भी उनमें विश्वास नहीं करते थे।) येशु ने उन से कहा, “अब तक मेरा समय नहीं आया है। पर तुम लोगों का समय तो सदा अनुकूल है। संसार तुम से बैर नहीं कर सकता; किन्तु वह मुझ से बैर करता है, क्योंकि मैं उसके विषय में यह साक्षी देता हूँ कि उसके काम बुरे हैं। तुम पर्व के लिए जाओ। मैं इस पर्व के लिए नहीं जाऊंगा, क्योंकि मेरा समय अब तक पूरा नहीं हुआ है।” यह कहकर येशु गलील प्रदेश में ही रह गये। बाद में, जब उनके भाई पर्व के लिए जा चुके थे, तब येशु भी प्रकट रूप में नहीं, बल्कि गुप्त रूप में वहाँ गये। यहूदी धर्मगुरु पर्व में येशु को ढूँढ़ रहे थे, और लोगों से पूछ रहे थे, “वह कहाँ है?” जनता में उनके विषय में बड़ी कानाफूसी हो रही थी। कुछ लोग कहते थे, “वह भला मनुष्य है।” कुछ कहते थे, “नहीं, वह लोगों को पथभ्रष्ट कर रहा है।” फिर भी धर्मगुरुओं के भय के कारण कोई उनके विषय में खुल कर बातें नहीं करता था। जब पर्व के आधे दिन बीत गए, तब येशु मन्दिर में गए, और लोगों को शिक्षा देने लगे। यहूदी धर्मगुरु आश्चर्य में पड़ गये। उन्होंने कहा, “इसने कभी पढ़ा नहीं। तब इसे शास्त्र का ज्ञान कहाँ से प्राप्त हुआ?” येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मेरी शिक्षा मेरी नहीं है। यह उसकी है, जिसने मुझे भेजा है। यदि कोई उसकी इच्छा पूरी करने का संकल्प करेगा, तो वह यह जान जाएगा कि मेरी शिक्षा परमेश्वर की ओर से है अथवा मैं अपनी ओर से बोलता हूँ। जो अपनी ओर से बोलता है वह अपने लिए सम्मान चाहता है; किन्तु जो उसके लिए सम्मान चाहता है, जिसने उसे भेजा, वह सच्चा है और उस में कोई कपट नहीं है। “क्या मूसा ने तुम्हें व्यवस्था नहीं दी? फिर भी तुम लोगों में कोई व्यवस्था का पालन नहीं करता। “तुम लोग मुझे मार डालने की ताक में क्यों रहते हो?” लोगों ने उत्तर दिया, “आप को भूत लगा है। कौन आप को मार डालने की ताक में रहता है!” येशु ने उत्तर दिया, “मैंने एक कार्य किया है, और तुम सब आश्चर्य करते हो। सुनो, निश्चय मूसा ने तुम्हें ख़तना कराने का नियम दिया−यद्यपि वह मूसा से नहीं, बल्कि पूर्वजों से चला आ रहा है, और तुम विश्राम-दिवस पर भी मनुष्य का खतना करते हो। यदि विश्राम-दिवस पर मनुष्य का खतना इसलिए किया जाता है कि मूसा का नियम भंग न हो, तो तुम लोग मुझ से इस बात पर क्यों रुष्ट हो कि मैंने विश्राम-दिवस पर एक मनुष्य को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया? मुँह देखा न्याय मत करो, वरन् निष्पक्ष न्याय करो।” इस पर यरूशलेम के कुछ लोगों ने कहा, “क्या यह वही नहीं है, जिसे हमारे धर्माधिकारी मार डालने की ताक में हैं? देखो तो, यह प्रकट रूप से बोल रहा है और वे इस से कुछ नहीं कहते। क्या उन्होंने सचमुच मान लिया कि यह मसीह है? फिर भी हम जानते हैं कि यह कहाँ का है; परन्तु जब मसीह प्रकट होंगे, तो किसी को यह पता नहीं चलेगा कि वह कहाँ के हैं।”
योहन 7:1-27 Hindi Holy Bible (HHBD)
इन बातों के बाद यीशु गलील में फिरता रहा, क्योंकि यहूदी उसे मार डालने का यत्न कर रहे थे, इसलिये वह यहूदिया में फिरना न चाहता था। और यहूदियों का मण्डपों का पर्व निकट था। इसलिये उसके भाइयों ने उस से कहा, यहां से कूच करके यहूदिया में चला जा, कि जो काम तू करता है, उन्हें तेरे चेले भी देखें। क्योंकि ऐसा कोई न होगा जो प्रसिद्ध होना चाहे, और छिपकर काम करे: यदि तू यह काम करता है, तो अपने तई जगत पर प्रगट कर। क्योंकि उसके भाई भी उस पर विश्वास नहीं करते थे। तब यीशु ने उन से कहा, मेरा समय अभी तक नहीं आया; परन्तु तुम्हारे लिये सब समय है। जगत तुम से बैर नहीं कर सकता, परन्तु वह मुझ से बैर करता है, क्योंकि मैं उसके विरोध में यह गवाही देता हूं, कि उसके काम बुरे हैं। तुम पर्व में जाओ: मैं अभी इस पर्व में नहीं जाता; क्योंकि अभी तक मेरा समय पूरा नहीं हुआ। वह उन से ये बातें कहकर गलील ही में रह गया॥ परन्तु जब उसके भाई पर्व में चले गए, तो वह आप ही प्रगट में नहीं, परन्तु मानो गुप्त होकर गया। तो यहूदी पर्व में उसे यह कहकर ढूंढ़ने लगे कि वह कहां है? और लोगों में उसके विषय चुपके चुपके बहुत सी बातें हुईं: कितने कहते थे; वह भला मनुष्य है: और कितने कहते थे; नहीं, वह लोगों को भरमाता है। तौभी यहूदियों के भय के मारे कोई व्यक्ति उसके विषय में खुलकर नहीं बोलता था। और जब पर्व के आधे दिन बीत गए; तो यीशु मन्दिर में जाकर उपदेश करने लगा। तब यहूदियों ने अचम्भा करके कहा, कि इसे बिन पढ़े विद्या कैसे आ गई? यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, कि मेरा उपदेश मेरा नहीं, परन्तु मेरे भेजने वाले का है। यदि कोई उस की इच्छा पर चलना चाहे, तो वह इस उपदेश के विषय में जान जाएगा कि वह परमेश्वर की ओर से है, या मैं अपनी ओर से कहता हूं। जो अपनी ओर से कुछ कहता है, वह अपनी ही बड़ाई चाहता है; परन्तु जो अपने भेजने वाले की बड़ाई चाहता है वही सच्चा है, और उस में अधर्म नहीं। क्या मूसा ने तुम्हें व्यवस्था नहीं दी? तौभी तुम में से काई व्यवस्था पर नहीं चलता। तुम क्यों मुझे मार डालना चाहते हो? लोगों ने उत्तर दिया; कि तुझ में है; कौन तुझे मार डालना चाहता है? यीशु ने उन को उत्तर दिया, कि मैं ने एक काम किया, और तुम सब अचम्भा करते हो। इसी कारण मूसा ने तुम्हें खतने की आज्ञा दी है (यह नहीं कि वह मूसा की ओर से है परन्तु बाप-दादों से चली आई है), और तुम सब्त के दिन को मनुष्य का खतना करते हो। जब सब्त के दिन मनुष्य का खतना किया जाता है ताकि मूसा की व्यवस्था की आज्ञा टल न जाए, तो तुम मुझ पर क्यों इसलिये क्रोध करते हो, कि मैं ने सब्त के दिन एक मनुष्य को पूरी रीति से चंगा किया। मुंह देखकर न्याय न चुकाओ, परन्तु ठीक ठीक न्याय चुकाओ॥ तब कितने यरूशलेमी कहने लगे; क्या यह वह नहीं, जिस के मार डालने का प्रयत्न किया जा रहा है। परन्तु देखो, वह तो खुल्लमखुल्ला बातें करता है और कोई उस से कुछ नहीं कहता; क्या सम्भव है कि सरदारों ने सच सच जान लिया है; कि यही मसीह है। इस को तो हम जानते हैं, कि यह कहां का है; परन्तु मसीह जब आएगा, तो कोई न जानेगा कि वह कहां का है।
योहन 7:1-27 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
इन बातों के बाद यीशु गलील में फिरता रहा; क्योंकि यहूदी उसे मार डालने का यत्न कर रहे थे, इसलिये वह यहूदिया में फिरना न चाहता था। यहूदियों का झोपड़ियों का पर्व निकट था। इसलिये उसके भाइयों ने उससे कहा, “यहाँ से यहूदिया को जा, कि जो काम तू करता है उन्हें तेरे चेले वहाँ भी देखें। क्योंकि ऐसा कोई न होगा जो प्रसिद्ध होना चाहे, और छिपकर काम करे। यदि तू यह काम करता है, तो अपने आप को जगत पर प्रगट कर।” क्योंकि उसके भाई भी उस पर विश्वास नहीं करते थे। तब यीशु ने उनसे कहा, “मेरा समय अभी तक नहीं आया, परन्तु तुम्हारे लिये सब समय है। संसार तुम से बैर नहीं कर सकता, परन्तु वह मुझ से बैर करता है क्योंकि मैं उसके विरोध में यह गवाही देता हूँ कि उसके काम बुरे हैं। तुम पर्व में जाओ; मैं अभी इस पर्व में नहीं जाता, क्योंकि अभी तक मेरा समय पूरा नहीं हुआ।” वह उनसे ये बातें कहकर गलील ही में रह गया। परन्तु जब उसके भाई पर्व में चले गए तो वह स्वयं भी, प्रगट में नहीं परन्तु मानो गुप्त रूप से गया। यहूदी पर्व में उसे यह कहकर ढूँढ़ने लगे, “वह कहाँ है?” और लोगों में उसके विषय में चुपके चुपके बहुत सी बातें हुईं : कुछ कहते थे, “वह भला मनुष्य है।” और कुछ कहते थे, “नहीं, वह लोगों को भरमाता है।” तौभी यहूदियों के डर के मारे कोई व्यक्ति उसके विषय में खुलकर नहीं बोलता था। जब पर्व के आधे दिन बीत गए; तो यीशु मन्दिर में जाकर उपदेश करने लगा। तब यहूदियों ने चकित होकर कहा, “इसे बिन पढ़े विद्या कैसे आ गई?” यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मेरा उपदेश मेरा नहीं, परन्तु मेरे भेजनेवाले का है। यदि कोई उसकी इच्छा पर चलना चाहे, तो वह इस उपदेश के विषय में जान जाएगा कि यह परमेश्वर की ओर से है या मैं अपनी ओर से कहता हूँ। जो अपनी ओर से कुछ कहता है, वह अपनी ही बड़ाई चाहता है; परन्तु जो अपने भेजनेवाले की बड़ाई चाहता है वही सच्चा है, और उसमें अधर्म नहीं। क्या मूसा ने तुम्हें व्यवस्था नहीं दी? तौभी तुम में से कोई व्यवस्था पर नहीं चलता। तुम क्यों मुझे मार डालना चाहते हो?” लोगों ने उत्तर दिया, “तुझ में दुष्टात्मा है! कौन तुझे मार डालना चाहता है?” यीशु ने उनको उत्तर दिया, “मैं ने एक काम किया, और तुम सब आश्चर्य करते हो। इसी कारण मूसा ने तुम्हें खतने की आज्ञा दी है (यह नहीं कि वह मूसा की ओर से है परन्तु बापदादों से चली आई है), और तुम सब्त के दिन मनुष्य का खतना करते हो। जब सब्त के दिन मनुष्य का खतना किया जाता है ताकि मूसा की व्यवस्था की आज्ञा टल न जाए, तो तुम मुझ पर क्यों इसलिये क्रोध करते हो कि मैं ने सब्त के दिन एक मनुष्य को पूरी रीति से चंगा किया। मुँह देखा न्याय न करो, परन्तु ठीक ठीक न्याय करो।” तब कुछ यरूशलेमवासी कहने लगे, “क्या यह वही नहीं जिसे मार डालने का प्रयत्न किया जा रहा है? परन्तु देखो, वह तो खुल्लमखुल्ला बातें करता है और कोई उससे कुछ नहीं कहता। क्या सरदारों ने सच सच जान लिया है कि यही मसीह है? इसको तो हम जानते हैं कि यह कहाँ का है; परन्तु मसीह जब आएगा तो कोई न जानेगा कि वह कहाँ का है।”
योहन 7:1-27 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
इन बातों के बाद यीशु गलील में फिरता रहा, क्योंकि यहूदी उसे मार डालने का यत्न कर रहे थे, इसलिए वह यहूदिया में फिरना न चाहता था। और यहूदियों का झोपड़ियों का पर्व निकट था। (लैव्य. 23:34) इसलिए उसके भाइयों ने उससे कहा, “यहाँ से कूच करके यहूदिया में चला जा, कि जो काम तू करता है, उन्हें तेरे चेले भी देखें। क्योंकि ऐसा कोई न होगा जो प्रसिद्ध होना चाहे, और छिपकर काम करे: यदि तू यह काम करता है, तो अपने आपको जगत पर प्रगट कर।” क्योंकि उसके भाई भी उस पर विश्वास नहीं करते थे। तब यीशु ने उनसे कहा, “मेरा समय अभी नहीं आया; परन्तु तुम्हारे लिये सब समय है। जगत तुम से बैर नहीं कर सकता, परन्तु वह मुझसे बैर करता है, क्योंकि मैं उसके विरोध में यह गवाही देता हूँ, कि उसके काम बुरे हैं। तुम पर्व में जाओ; मैं अभी इस पर्व में नहीं जाता, क्योंकि अभी तक मेरा समय पूरा नहीं हुआ।” वह उनसे ये बातें कहकर गलील ही में रह गया। परन्तु जब उसके भाई पर्व में चले गए, तो वह आप ही प्रगट में नहीं, परन्तु मानो गुप्त होकर गया। यहूदी पर्व में उसे यह कहकर ढूँढ़ने लगे कि “वह कहाँ है?” और लोगों में उसके विषय चुपके-चुपके बहुत सी बातें हुईं: कितने कहते थे, “वह भला मनुष्य है।” और कितने कहते थे, “नहीं, वह लोगों को भरमाता है।” तो भी यहूदियों के भय के मारे कोई व्यक्ति उसके विषय में खुलकर नहीं बोलता था। और जब पर्व के आधे दिन बीत गए; तो यीशु मन्दिर में जाकर उपदेश करने लगा। तब यहूदियों ने अचम्भा करके कहा, “इसे बिन पढ़े विद्या कैसे आ गई?” यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मेरा उपदेश मेरा नहीं, परन्तु मेरे भेजनेवाले का है। यदि कोई उसकी इच्छा पर चलना चाहे, तो वह इस उपदेश के विषय में जान जाएगा कि वह परमेश्वर की ओर से है, या मैं अपनी ओर से कहता हूँ। जो अपनी ओर से कुछ कहता है, वह अपनी ही बढ़ाई चाहता है; परन्तु जो अपने भेजनेवाले की बड़ाई चाहता है वही सच्चा है, और उसमें अधर्म नहीं। क्या मूसा ने तुम्हें व्यवस्था नहीं दी? तो भी तुम में से कोई व्यवस्था पर नहीं चलता। तुम क्यों मुझे मार डालना चाहते हो?” लोगों ने उत्तर दिया; “तुझ में दुष्टात्मा है! कौन तुझे मार डालना चाहता है?” यीशु ने उनको उत्तर दिया, “मैंने एक काम किया, और तुम सब अचम्भा करते हो। इसी कारण मूसा ने तुम्हें खतने की आज्ञा दी है, यह नहीं कि वह मूसा की ओर से है परन्तु पूर्वजों से चली आई है, और तुम सब्त के दिन को मनुष्य का खतना करते हो। (उत्प. 17:10-13, लैव्य. 12:3) जब सब्त के दिन मनुष्य का खतना किया जाता है ताकि मूसा की व्यवस्था की आज्ञा टल न जाए, तो तुम मुझ पर क्यों इसलिए क्रोध करते हो, कि मैंने सब्त के दिन एक मनुष्य को पूरी रीति से चंगा किया। मुँह देखकर न्याय न करो, परन्तु ठीक-ठीक न्याय करो।” (यशा. 11:3, यूह. 8:15) तब कितने यरूशलेमवासी कहने लगे, “क्या यह वह नहीं, जिसके मार डालने का प्रयत्न किया जा रहा है? परन्तु देखो, वह तो खुल्लमखुल्ला बातें करता है और कोई उससे कुछ नहीं कहता; क्या सम्भव है कि सरदारों ने सच-सच जान लिया है; कि यही मसीह है? इसको तो हम जानते हैं, कि यह कहाँ का है; परन्तु मसीह जब आएगा, तो कोई न जानेगा कि वह कहाँ का है।”
योहन 7:1-27 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
इन बातों के बाद मसीह येशु गलील प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में यात्रा करने लगे. वह यहूदिया प्रदेश में जाना नहीं चाहते थे क्योंकि यहूदी अगुए उनकी हत्या की ताक में थे. यहूदियों का एक पर्व—झोपड़ियों का उत्सव—पास था. मसीह येशु के भाइयों ने उनसे कहा, “यहूदिया चले जाओ जिससे तुम्हारे चेले तुम्हारे इन कामों को देख सकें; ख्याति चाहनेवाला व्यक्ति अपने काम गुप्त में नहीं करता. जब तुम ये काम करते ही हो तो स्वयं को संसार पर प्रकट कर दो.” मसीह येशु के भाइयों तक को उनमें विश्वास नहीं था. इस पर मसीह येशु ने उनसे कहा, “तुम्हारा सही समय तो कभी भी आ सकता है किंतु मेरा सही समय अभी नहीं आया. संसार तुमसे घृणा नहीं कर सकता—वह मुझसे घृणा करता है क्योंकि मैं यह प्रकट करता हूं कि उसके काम बुरे हैं. तुम पर्व में जाओ. मैं अभी नहीं जाऊंगा क्योंकि मेरा समय अभी तक पूरा नहीं हुआ है.” यह कहकर मसीह येशु गलील प्रदेश में ही ठहरे रहे. अपने भाइयों के झोपड़ियों के उत्सव में चले जाने के बाद वे भी गुप्त रूप से वहां गए. उत्सव में कुछ यहूदी अगुए मसीह येशु को खोजते हुए पूछताछ कर रहे थे, “कहां है वह?” यद्यपि मसीह येशु के विषय में लोगों में बड़ा विवाद हो रहा था—कुछ कह रहे थे, “वह भला व्यक्ति है.” और कुछ का कहना था, “नहीं, वह भरमानेवाला है—सबके साथ छल करता है.” तौभी कोई भी व्यक्ति यहूदियों के भय के कारण मसीह येशु के विषय में खुलकर बात नहीं करता था. जब उत्सव के मध्य मसीह येशु मंदिर में जाकर शिक्षा देने लगे, यहूदी अगुए चकित होकर कहने लगे, “यह व्यक्ति बिना पढ़े ज्ञानी कैसे बन गया?” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “यह शिक्षा मेरी नहीं परंतु उनकी है, जिन्होंने मुझे भेजा है. यदि कोई व्यक्ति उनकी इच्छा पूरी करने के लिए प्रण करे तो उसे यह मालूम हो जाएगा कि यह शिक्षा परमेश्वर की ओर से है या मेरी ओर से. वह, जो अपने ही विचार प्रस्तुत करता है, अपना ही आदर चाहता है, परंतु वह, जो अपने भेजनेवाले का आदर चाहता है, वह बिलकुल सच्चा है और उसमें कोई छल नहीं. क्या मोशेह ने तुम्हें व्यवस्था नहीं दी? फिर भी तुममें से कोई उसका पालन नहीं करता. मेरी हत्या की ताक में क्यों हो तुम?” भीड़ ने उत्तर दिया, “कौन तुम्हारी हत्या करना चाहता है? तुम दुष्टात्मा से पीड़ित हो.” मसीह येशु ने कहा, “मैंने शब्बाथ पर एक चमत्कार किया और तुम सब क्रोधित हो गए. मोशेह ने तुम्हें ख़तना विधि दी—परंतु इसको आरंभ करनेवाले मोशेह नहीं, हमारे गोत्रपिता हैं—जिसके अनुसार तुम शब्बाथ पर भी ख़तना करते हो. तुम शब्बाथ पर भी ख़तना करते हो कि मोशेह की व्यवस्था भंग न हो, तो तुम लोग इससे गुस्से में क्यों हो कि मैंने शब्बाथ पर किसी को पूरी तरह स्वस्थ किया? तुम्हारा न्याय बाहरी रूप पर नहीं परंतु सच्चाई पर आधारित हो.” येरूशलेम निवासियों में से कुछ ने यह प्रश्न किया, “क्या यह वही नहीं, वे जिसकी हत्या की ताक में हैं? परंतु देखो, वह भीड़ से खुलकर, बिना डर के बातें करता है और अधिकारी कुछ भी नहीं कहते! कहीं ऐसा तो नहीं कि अधिकारियों को मालूम हो गया है कि यही वास्तव में मसीह हैं? इस व्यक्ति की पृष्ठभूमि हमें मालूम है, किंतु जब मसीह प्रकट होंगे तो किसी को यह मालूम नहीं होगा कि वह कहां के हैं.”