योहन 5:39-47
योहन 5:39-47 पवित्र बाइबल (HERV)
तुम शास्त्रों का अध्ययन करते हो क्योंकि तुम्हारा विचार है कि तुम्हें उनके द्वारा अनन्त जीवन प्राप्त होगा। किन्तु ये सभी शास्त्र मेरी ही साक्षी देते हैं। फिर भी तुम जीवन प्राप्त करने के लिये मेरे पास नहीं आना चाहते। “मैं मनुष्य द्वारा की गयी प्रशंसा पर निर्भर नहीं करता। किन्तु मैं जानता हूँ कि तुम्हारे भीतर परमेश्वर का प्रेम नहीं है। मैं अपने पिता के नाम से आया हूँ फिर भी तुम मुझे स्वीकार नहीं करते किन्तु यदि कोई और अपने ही नाम से आए तो तुम उसे स्वीकार कर लोगे। तुम मुझमें विश्वास कैसे कर सकते हो, क्योंकि तुम तो आपस में एक दूसरे से प्रशंसा स्वीकार करते हो। उस प्रशंसा की तरफ देखते तक नहीं जो एकमात्र परमेश्वर से आती है। ऐसा मत सोचो कि मैं परम पिता के आगे तुम्हें दोषी ठहराऊँगा। जो तुम्हें दोषी सिद्ध करेगा वह तो मूसा होगा जिस पर तुमने अपनी आशाएँ टिकाई हुई हैं। यदि तुम वास्तव में मूसा में विश्वास करते तो तुम मुझमें भी विश्वास करते क्योंकि उसने मेरे बारे में लिखा है। जब तुम, जो उसने लिखा है उसी में विश्वास नहीं करते, तो मेरे वचन में विश्वास कैसे करोगे?”
योहन 5:39-47 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
“तुम लोग यह समझ कर धर्मग्रन्थ का अनुशीलन करते हो कि उस में तुम्हें शाश्वत जीवन का मार्ग मिलेगा। वही धर्मग्रन्थ मेरे विषय में साक्षी देता है। फिर भी तुम लोग जीवन प्राप्त करने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते। “मैं मनुष्यों की ओर से सम्मान नहीं चाहता। पर मैं तुम्हें जानता हूँ कि तुम में परमेश्वर का प्रेम नहीं है। मैं अपने पिता के नाम पर आया हूँ, फिर भी तुम लोग मुझे स्वीकार नहीं करते। यदि कोई अन्य अपने ही नाम पर आए, तो तुम लोग उस को स्वीकार करोगे। तुम लोग एक-दूसरे से सम्मान चाहते हो और उस सम्मान की खोज नहीं करते, जो एकमात्र परमेश्वर से प्राप्त होता है। तब तुम कैसे विश्वास कर सकते हो? यह न समझो कि मैं पिता के सामने तुम लोगों पर अभियोग लगाऊंगा। तुम पर अभियोग लगाने वाले तो मूसा हैं, जिन पर तुम ने आशा बाँध रखी है। यदि तुम ने मूसा पर विश्वास किया होता, तो मुझ पर भी विश्वास करते; क्योंकि उन्होंने मेरे विषय में लिखा है। यदि तुम लोग उनके लेखों पर विश्वास नहीं करते, तो मेरे कथन पर कैसे विश्वास करोगे?”
योहन 5:39-47 Hindi Holy Bible (HHBD)
तुम पवित्र शास्त्र में ढूंढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उस में अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है। फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते। मैं मनुष्यों से आदर नहीं चाहता। परन्तु मैं तुम्हें जानता हूं, कि तुम में परमेश्वर का प्रेम नहीं। मैं अपने पिता के नाम से आया हूं, और तुम मुझे ग्रहण नहीं करते; यदि कोई और अपने ही नाम से आए, तो उसे ग्रहण कर लोगे। तुम जो एक दूसरे से आदर चाहते हो और वह आदर जो अद्वैत परमेश्वर की ओर से है, नहीं चाहते, किस प्रकार विश्वास कर सकते हो? यह न समझो, कि मैं पिता के साम्हने तुम पर दोष लगाऊंगा: तुम पर दोष लगाने वाला तो है, अर्थात मूसा जिस पर तुम ने भरोसा रखा है। क्योंकि यदि तुम मूसा की प्रतीति करते, तो मेरी भी प्रतीति करते, इसलिये कि उस ने मेरे विषय में लिखा है। परन्तु यदि तुम उस की लिखी हुई बातों की प्रतीति नहीं करते, तो मेरी बातों की क्योंकर प्रतीति करोगे॥
योहन 5:39-47 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है; और यह वही है जो मेरी गवाही देता है; फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते। मैं मनुष्यों से आदर नहीं चाहता। परन्तु मैं तुम्हें जानता हूँ कि तुम में परमेश्वर का प्रेम नहीं। मैं अपने पिता के नाम से आया हूँ, और तुम मुझे ग्रहण नहीं करते; यदि अन्य कोई अपने ही नाम से आए, तो उसे ग्रहण कर लोगे। तुम जो एक दूसरे से आदर चाहते हो और वह आदर जो एकमात्र परमेश्वर की ओर से है, नहीं चाहते, किस प्रकार विश्वास कर सकते हो? यह न समझो कि मैं पिता के सामने तुम पर दोष लगाऊँगा; तुम पर दोष लगानेवाला तो मूसा है, जिस पर तुम ने भरोसा रखा है। क्योंकि यदि तुम मूसा का विश्वास करते, तो मेरा भी विश्वास करते, इसलिये कि उसने मेरे विषय में लिखा है। परन्तु यदि तुम उसकी लिखी हुई बातों पर विश्वास नहीं करते, तो मेरी बातों पर कैसे विश्वास करोगे?”
योहन 5:39-47 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है; फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते। मैं मनुष्यों से आदर नहीं चाहता। परन्तु मैं तुम्हें जानता हूँ, कि तुम में परमेश्वर का प्रेम नहीं। मैं अपने पिता परमेश्वर के नाम से आया हूँ, और तुम मुझे ग्रहण नहीं करते; यदि कोई और अपने ही नाम से आए, तो उसे ग्रहण कर लोगे। तुम जो एक दूसरे से आदर चाहते हो और वह आदर जो एकमात्र परमेश्वर की ओर से है, नहीं चाहते, किस प्रकार विश्वास कर सकते हो? यह न समझो, कि मैं पिता के सामने तुम पर दोष लगाऊँगा, तुम पर दोष लगानेवाला तो है, अर्थात् मूसा है जिस पर तुम ने भरोसा रखा है। क्योंकि यदि तुम मूसा पर विश्वास करते, तो मुझ पर भी विश्वास करते, इसलिए कि उसने मेरे विषय में लिखा है। (लूका 24:27) परन्तु यदि तुम उसकी लिखी हुई बातों पर विश्वास नहीं करते, तो मेरी बातों पर क्यों विश्वास करोगे?”
योहन 5:39-47 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
तुम शास्त्रों का मनन इस विश्वास में करते हो कि उनमें अनंत काल का जीवन बसा है. ये सभी शास्त्र मेरे ही विषय में गवाही देते हैं. यह सब होने पर भी जीवन पाने के लिए तुम मेरे पास आना नहीं चाहते. “मनुष्य की प्रशंसा मुझे स्वीकार नहीं क्योंकि मैं तुम्हें जानता हूं और मुझे यह भी मालूम है कि परमेश्वर का प्रेम तुम्हारे मन में है ही नहीं. तुम मुझे ग्रहण नहीं करते जबकि मैं अपने पिता के नाम में आया हूं किंतु यदि कोई अपने ही नाम में आए तो तुम उसे ग्रहण कर लोगे. तुम मुझमें विश्वास कैसे कर सकते हो यदि तुम एक दूसरे से प्रशंसा की आशा करते हो और उस प्रशंसा के लिए कोई प्रयास नहीं करते, जो एकमात्र परमेश्वर से प्राप्त होती है? “यह विचार अपने मन से निकाल दो कि पिता के सामने मैं तुम पर आरोप लगाऊंगा; तुम पर दोषारोपण तो मोशेह करेंगे—मोशेह, जिन पर तुमने आशा लगा रखी है. यदि तुम वास्तव में मोशेह में विश्वास करते तो मुझमें भी करते क्योंकि उन्होंने मेरे ही विषय में लिखा है. जब तुम उनके लेखों का ही विश्वास नहीं करते तो मेरी बातों का विश्वास कैसे करोगे?”