योहन 2:13-25
योहन 2:13-25 Hindi Holy Bible (HHBD)
यहूदियों का फसह का पर्व निकट था और यीशु यरूशलेम को गया। और उस ने मन्दिर में बैल और भेड़ और कबूतर के बेचने वालों ओर सर्राफों को बैठे हुए पाया। और रस्सियों का को ड़ा बनाकर, सब भेड़ों और बैलों को मन्दिर से निकाल दिया, और सर्राफों के पैसे बिथरा दिए, और पीढ़ों को उलट दिया। और कबूतर बेचने वालों से कहा; इन्हें यहां से ले जाओ: मेरे पिता के भवन को व्यापार का घर मत बनाओ। तब उसके चेलों को स्मरण आया कि लिखा है, तेरे घर की धुन मुझे खा जाएगी। इस पर यहूदियों ने उस से कहा, तू जो यह करता है तो हमें कौन सा चिन्ह दिखाता है? यीशु ने उन को उत्तर दिया; कि इस मन्दिर को ढा दो, और मैं उसे तीन दिन में खड़ा कर दूंगा। यहूदियों ने कहा; इस मन्दिर के बनाने में छियालीस वर्ष लगे हें, और क्या तू उसे तीन दिन में खड़ा कर देगा? परन्तु उस ने अपनी देह के मन्दिर के विषय में कहा था। सो जब वह मुर्दों में से जी उठा तो उसके चेलों को स्मरण आया, कि उस ने यह कहा था; और उन्होंने पवित्र शास्त्र और उस वचन की जो यीशु ने कहा था, प्रतीति की॥ जब वह यरूशलेम में फसह के समय पर्व में था, तो बहुतों ने उन चिन्हों को जो वह दिखाता था देखकर उसके नाम पर विश्वास किया। परन्तु यीशु ने अपने आप को उन के भरोसे पर नहीं छोड़ा, क्योंकि वह सब को जानता था। और उसे प्रयोजन न था, कि मनुष्य के विषय में कोई गवाही दे, क्योंकि वह आप ही जानता था, कि मनुष्य के मन में क्या है
योहन 2:13-25 पवित्र बाइबल (HERV)
यहूदियों का फ़सह का पर्व नज़दीक था। इसलिये यीशु यरूशलेम चला गया। वहाँ मन्दिर में यीशु ने देखा कि लोग मवेशियों, भेड़ों और कबूतरों की बिक्री कर रहे हैं और सिक्के बदलने वाले सौदागर अपनी गद्दियों पर बैठे हैं। इसलिये उसने रस्सियों का एक कोड़ा बनाया और सबको मवेशियों और भेड़ों समेत बाहर खदेड़ दिया। मुद्रा बदलने वालों के सिक्के उड़ेल दिये और उनकी चौकियाँ पलट दीं। कबूतर बेचने वालों से उसने कहा, “इन्हें यहाँ से बाहर ले जाओ। मेरे परम पिता के घर को बाजार मत बनाओ!” इस पर उसके शिष्यों को याद आया कि शास्त्रों में लिखा है: “तेरे घर के लिये मेरी धुन मुझे खा डालेगी।” जवाब में यहूदियों ने यीशु से कहा, “तू हमें कौन सा अद्भुत चिन्ह दिखा सकता है, जिससे तू जो कुछ कर रहा है, उसका तू अधिकारी है यह साबित हो सके?” यीशु ने उन्हें जवाब में कहा, “इस मन्दिर को गिरा दो और मैं तीन दिन के भीतर इसे फिर बना दूँगा।” इस पर यहूदी बोले, “इस मन्दिर को बनाने में छियालीस साल लगे थे, और तू इसे तीन दिन में बनाने जा रहा है?” किन्तु अपनी बात में जिस मन्दिर की चर्चा यीशु ने की थी वह उसका अपना ही शरीर था। आगे चलकर जब वह मौत के बाद फिर जी उठा तो उसके अनुयायियों को याद आया कि यीशु ने यह कहा था, और शास्त्रों पर और यीशु के शब्दों पर विश्वास किया। फ़सह के पर्व के दिनों जब यीशु यरूशलेम में था, बहुत से लोगों ने उसके अद्भुत चिन्हों और कर्मों को देखकर उसमें विश्वास किया। किन्तु यीशु ने अपने आपको उनके भरोसे नहीं छोड़ा, क्योंकि वह सब लोगों को जानता था। उसे इस बात की कोई जरूरत नहीं थी कि कोई आकर उसे लोगों के बारे में बताए, क्योंकि लोगों के मन में क्या है, इसे वह जानता था।
योहन 2:13-25 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
यहूदियों का पास्का (फसह) पर्व निकट था। अत: येशु यरूशलेम नगर को गये। वहाँ उन्होंने मन्दिर में बैल, भेड़ें और कबूतर बेचने वालों को तथा अपनी मेजों के सामने बैठे हुए सराफों को देखा। येशु ने रस्सियों का कोड़ा बना कर भेड़ों और बैलों-सहित सब को मन्दिर से बाहर निकाल दिया। उन्होंने सराफों के सिक्के छितरा दिये, उनकी मेजें उलट दीं और कबूतर बेचने वालों से कहा, “यह सब यहाँ से हटा ले जाओ। मेरे पिता के घर को बाजार मत बनाओ।” उनके शिष्यों को धर्मग्रन्थ का यह कथन स्मरण हुआ : “तेरे घर की धुन मुझे खा जाएगी।” यहूदी धर्मगुरुओं ने येशु से कहा, “आप हमें कौन-सा आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखा सकते हैं, जिससे हम यह जानें कि आप को ऐसा करने का अधिकार है?” येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “इस मन्दिर को ढा दो और मैं इसे तीन दिन में फिर खड़ा कर दूँगा।” इस पर उन यहूदियों ने कहा, “इस मन्दिर के निर्माण में छियालीस वर्ष लगे, और आप इसे तीन दिन में खड़ा कर देंगे?” येशु तो अपने देह-रूपी मन्दिर के विषय में कह रहे थे। जब वह मृतकों में से जी उठे, तब उनके शिष्यों को स्मरण हुआ कि येशु ने ऐसा कहा था और उन्होंने धर्मग्रन्थ और येशु के इस कथन पर विश्वास किया। जब येशु पास्का (फसह) पर्व के दिनों में यरूशलेम में थे, तब बहुत-से लोगों ने उनके किये हुए आश्चर्यपूर्ण चिह्न देख कर उनके नाम पर विश्वास किया। परन्तु येशु ने अपने आपको उनके भरोसे पर नहीं छोड़ा; क्योंकि वह सब को जानते थे। उन्हें यह आवश्यकता नहीं थी कि कोई उन्हें मनुष्य के विषय में बताए; क्योंकि वह स्वयं जानते थे कि मनुष्य के मन में क्या है।
योहन 2:13-25 Hindi Holy Bible (HHBD)
यहूदियों का फसह का पर्व निकट था और यीशु यरूशलेम को गया। और उस ने मन्दिर में बैल और भेड़ और कबूतर के बेचने वालों ओर सर्राफों को बैठे हुए पाया। और रस्सियों का को ड़ा बनाकर, सब भेड़ों और बैलों को मन्दिर से निकाल दिया, और सर्राफों के पैसे बिथरा दिए, और पीढ़ों को उलट दिया। और कबूतर बेचने वालों से कहा; इन्हें यहां से ले जाओ: मेरे पिता के भवन को व्यापार का घर मत बनाओ। तब उसके चेलों को स्मरण आया कि लिखा है, तेरे घर की धुन मुझे खा जाएगी। इस पर यहूदियों ने उस से कहा, तू जो यह करता है तो हमें कौन सा चिन्ह दिखाता है? यीशु ने उन को उत्तर दिया; कि इस मन्दिर को ढा दो, और मैं उसे तीन दिन में खड़ा कर दूंगा। यहूदियों ने कहा; इस मन्दिर के बनाने में छियालीस वर्ष लगे हें, और क्या तू उसे तीन दिन में खड़ा कर देगा? परन्तु उस ने अपनी देह के मन्दिर के विषय में कहा था। सो जब वह मुर्दों में से जी उठा तो उसके चेलों को स्मरण आया, कि उस ने यह कहा था; और उन्होंने पवित्र शास्त्र और उस वचन की जो यीशु ने कहा था, प्रतीति की॥ जब वह यरूशलेम में फसह के समय पर्व में था, तो बहुतों ने उन चिन्हों को जो वह दिखाता था देखकर उसके नाम पर विश्वास किया। परन्तु यीशु ने अपने आप को उन के भरोसे पर नहीं छोड़ा, क्योंकि वह सब को जानता था। और उसे प्रयोजन न था, कि मनुष्य के विषय में कोई गवाही दे, क्योंकि वह आप ही जानता था, कि मनुष्य के मन में क्या है
योहन 2:13-25 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
यहूदियों का फसह का पर्व निकट था, और यीशु यरूशलेम को गया। उसने मन्दिर में बैल, भेड़ और कबूतर के बेचनेवालों और सर्राफों को बैठे हुए पाया। तब उसने रस्सियों का कोड़ा बनाकर, सब भेड़ों और बैलों को मन्दिर से निकाल दिया, और सर्राफों के पैसे बिखेर दिये और पीढ़ों को उलट दिया, और कबूतर बेचनेवालों से कहा, “इन्हें यहाँ से ले जाओ। मेरे पिता के घर को व्यापार का घर मत बनाओ।” तब उसके चेलों को स्मरण आया कि लिखा है, “तेरे घर की धुन मुझे खा जाएगी।” इस पर यहूदियों ने उस से कहा, “तू जो यह करता है तो हमें कौन सा चिह्न दिखाता है?” यीशु ने उनको उत्तर दिया, “इस मन्दिर को ढा दो, और मैं इसे तीन दिन में खड़ा कर दूँगा।” यहूदियों ने कहा, “इस मन्दिर के बनाने में छियालीस वर्ष लगे हैं, और क्या तू उसे तीन दिन में खड़ा कर देगा?” परन्तु उसने अपनी देह के मन्दिर के विषय में कहा था। अत: जब वह मुर्दों में से जी उठा तो उसके चेलों को स्मरण आया कि उसने यह कहा था; और उन्होंने पवित्रशास्त्र और उस वचन की जो यीशु ने कहा था, प्रतीति की। जब वह यरूशलेम में फसह के समय पर्व में था, तो बहुतों ने उन चिह्नों को जो वह दिखाता था देखकर उसके नाम पर विश्वास किया। परन्तु यीशु ने अपने आप को उनके भरोसे पर नहीं छोड़ा, क्योंकि वह सब को जानता था; और उसे आवश्यकता न थी कि मनुष्य के विषय में कोई गवाही दे, क्योंकि वह आप ही जानता था कि मनुष्य के मन में क्या है?
योहन 2:13-25 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
यहूदियों का फसह का पर्व निकट था, और यीशु यरूशलेम को गया। और उसने मन्दिर में बैल, और भेड़ और कबूतर के बेचनेवालों ओर सर्राफों को बैठे हुए पाया। तब उसने रस्सियों का कोड़ा बनाकर, सब भेड़ों और बैलों को मन्दिर से निकाल दिया, और सर्राफों के पैसे बिखेर दिये, और मेजें उलट दीं, और कबूतर बेचनेवालों से कहा, “इन्हें यहाँ से ले जाओ। मेरे पिता के भवन को व्यापार का घर मत बनाओ।” तब उसके चेलों को स्मरण आया कि लिखा है, “तेरे घर की धुन मुझे खा जाएगी।” (भज. 69:9) इस पर यहूदियों ने उससे कहा, “तू जो यह करता है तो हमें कौन सा चिन्ह दिखाता है?” यीशु ने उनको उत्तर दिया, “इस मन्दिर को ढा दो, और मैं इसे तीन दिन में खड़ा कर दूँगा।” यहूदियों ने कहा, “इस मन्दिर के बनाने में छियालीस वर्ष लगे हैं, और क्या तू उसे तीन दिन में खड़ा कर देगा?” परन्तु उसने अपनी देह के मन्दिर के विषय में कहा था। फिर जब वह मुर्दों में से जी उठा फिर उसके चेलों को स्मरण आया कि उसने यह कहा था; और उन्होंने पवित्रशास्त्र और उस वचन का जो यीशु ने कहा था, विश्वास किया। जब वह यरूशलेम में फसह के समय, पर्व में था, तो बहुतों ने उन चिन्हों को जो वह दिखाता था देखकर उसके नाम पर विश्वास किया। परन्तु यीशु ने अपने आपको उनके भरोसे पर नहीं छोड़ा, क्योंकि वह सब को जानता था, और उसे प्रयोजन न था कि मनुष्य के विषय में कोई गवाही दे, क्योंकि वह आप जानता था कि मनुष्य के मन में क्या है?
योहन 2:13-25 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
जब यहूदियों का फ़सह उत्सव पास आया तो मसीह येशु अपने शिष्यों के साथ येरूशलेम गए. उन्होंने मंदिर में बैल, भेड़ और कबूतर बेचने वालों तथा साहूकारों को व्यापार करते हुए पाया. इसलिये उन्होंने रस्सियों का एक कोड़ा बनाया और उन सबको बैलों और भेड़ों सहित मंदिर से बाहर निकाल दिया और साहूकारों के सिक्के बिखेर दिए, उनकी चौकियों को उलट दिया और कबूतर बेचने वालों से कहा, “इन्हें यहां से ले जाओ. मेरे पिता के भवन को व्यापारिक केंद्र मत बनाओ.” यह सुन शिष्यों को पवित्र शास्त्र का यह लेख याद आया: “आपके भवन की धुन में जलते जलते मैं भस्म हुआ.” तब यहूदी अगुओं ने मसीह येशु से कहा, “इन कामों पर अपना अधिकार प्रमाणित करने के लिए तुम हमें क्या चिह्न दिखा सकते हो?” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “इस मंदिर को ढाह दो, इसे मैं तीन दिन में दोबारा खड़ा कर दूंगा.” इस पर यहूदी अगुओं ने कहा, “इस मंदिर के निर्माण में छियालीस वर्ष लगे हैं, क्या तुम इसे तीन दिन में खड़ा कर सकते हो?” परंतु मसीह येशु यहां अपने शरीर रूपी मंदिर का वर्णन कर रहे थे. इसलिये मरे हुओं में से जी उठने के बाद शिष्यों को उनका यह कथन याद आया और उन्होंने पवित्र शास्त्र और मसीह येशु द्वारा कहे गए वचन में विश्वास किया. फ़सह उत्सव के समय जब मसीह येशु येरूशलेम में थे, तो उनके द्वारा किए गए अद्भुत चिन्हों को देखकर अनेक लोगों ने उनमें विश्वास किया, किंतु मसीह येशु उनके प्रति आश्वस्त नहीं थे क्योंकि वह मनुष्य के स्वभाव से परिचित थे. उन्हें मनुष्य के विषय में मनुष्य की गवाही की ज़रूरत नहीं थी. वह जानते थे कि मनुष्य क्या है.