योहन 13:12-17

योहन 13:12-17 पवित्र बाइबल (HERV)

जब वह उनके पाँव धो चुका तो उसने अपने बाहरी वस्त्र फिर पहन लिये और वापस अपने स्थान पर आकर बैठ गया। और उनसे बोला, “क्या तुम जानते हो कि मैंने तुम्हारे लिये क्या किया है? तुम लोग मुझे ‘गुरु’ और ‘प्रभु’ कहते हो। और तुम उचित हो। क्योंकि मैं वही हूँ। इसलिये यदि मैंने प्रभु और गुरु होकर भी जब तुम्हारे पैर धोये हैं तो तुम्हें भी एक दूसरे के पैर धोना चाहिये। मैंने तुम्हारे सामने एक उदाहरण रखा है ताकि तुम दूसरों के साथ वही कर सको जो मैंने तुम्हारे साथ किया है। मैं तुम्हें सत्य कहता हूँ एक दास स्वामी से बड़ा नहीं है और न ही एक संदेशवाहक उससे बड़ा है जो उसे भेजता है। यदि तुम लोग इन बातों को जानते हो और उन पर चलते हो तो तुम सुखी होगे।

योहन 13:12-17 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

जब येशु उन सब के पैर धो चुके, तब वह अपने वस्‍त्र पहन कर फिर बैठ गये और उन से बोले, “क्‍या तुम समझे कि मैंने तुम्‍हारे साथ क्‍या किया? तुम मुझे गुरु और प्रभु कहते हो और ठीक ही कहते हो, क्‍योंकि मैं वही हूँ। इसलिए यदि मैं, तुम्‍हारे प्रभु और गुरु ने तुम्‍हारे पैर धोये हैं, तो तुम्‍हें भी एक दूसरे के पैर धोने चाहिए। मैंने तुम्‍हें एक उदाहरण दिया है, जिससे जैसा मैंने तुम्‍हारे साथ किया है, वैसा ही तुम भी किया करो। मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : सेवक अपने स्‍वामी से बड़ा नहीं होता और न भेजा हुआ अपने भेजने वाले से। यदि तुम ये बातें जानते हो और इनके अनुसार आचरण करते हो तो तुम धन्‍य हो।

योहन 13:12-17 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

जब वह उनके पाँव धो चुका और अपने कपड़े पहनकर फिर बैठ गया तो उनसे कहने लगा, “क्या तुम समझे कि मैंने तुम्हारे साथ क्या किया? तुम मुझे गुरु, और प्रभु, कहते हो, और भला कहते हो, क्योंकि मैं वहीं हूँ। यदि मैंने प्रभु और गुरु होकर तुम्हारे पाँव धोए; तो तुम्हें भी एक दूसरे के पाँव धोना चाहिए। क्योंकि मैंने तुम्हें नमूना दिखा दिया है, कि जैसा मैंने तुम्हारे साथ किया है, तुम भी वैसा ही किया करो। मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, दास अपने स्वामी से बड़ा नहीं; और न भेजा हुआ अपने भेजनेवाले से। तुम तो ये बातें जानते हो, और यदि उन पर चलो, तो धन्य हो।

योहन 13:12-17 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

जब मसीह येशु शिष्यों के पांव धोकर, अपने बाहरी कपड़े दोबारा पहनकर भोजन के लिए बैठ गए, तो उन्होंने शिष्यों से कहा, “तुम समझ रहे हो कि मैंने तुम्हारे साथ यह क्या किया है? तुम लोग मुझे ‘गुरु’ और ‘प्रभु,’ कहते हो, सही ही है—क्योंकि मैं वह हूं. इसलिये यदि मैंने, ‘प्रभु’ और ‘गुरु’ होकर भी तुम्हारे पांव धोए हैं, तो सही है कि तुम भी एक दूसरे के पांव धोओ. मैंने तुम्हारे सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है—तुम भी वैसा ही करो, जैसा मैंने तुम्हारे साथ किया है. मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं: दास अपने स्वामी से बढ़कर नहीं होता और न ही कोई भेजा हुआ दूत अपने भेजनेवाले से. ये सब तो तुम जानते ही हो. सुखद होगा तुम्हारा जीवन यदि तुम इनका पालन भी करो.