शासक ग्रंथ 6:1-40

शासक ग्रंथ 6:1-40 पवित्र बाइबल (HERV)

यहोवा ने फिर देखा कि इस्राएल के लोग पाप कर रहे हैं। इसलिए सात वर्ष तक यहोवा ने मिद्यानी लोगों को इस्राएल को पराजित करने दिया। मिद्यानी लोग बहुत शक्तिशाली थे तथा इस्राएल के लोगों के प्रति बहुत क्रुर थे। इसलिए इस्राएल के लोगों ने पहाड़ों में बहुत से छिपने के स्थान बनाए। उन्होंने अपना भोजन भी गुफाओं और कठिनाई से पता लगाए जा सकने वाले स्थानों में छिपाए। उन्होंने यह किया, क्योंकि मिद्यानी और अमालेकी लोग पूर्व से सदा आते थे और उनकी फसलों को नष्ट करते थे। वे लोग उस प्रदेश में डेरे डालेते थे और उस फसल को नष्ट करते थे जो इस्राएल के लोग लगाते थे। अज्जा नगर के निकट तक के प्रदेश की इस्राएल के लोगों की फसल को वे लोग नष्ट करते थे। वे लोग इस्राएल के लोगों के खाने के लिये कुछ भी नहीं छोड़ते थे। वे उनके लिए भेड़, या पशु या गधे भी नहीं छोड़ते थे। मिद्यानी लोग आए और उन्होने उस प्रदेश में डेरा डाला। वे अपने साथ अपने परिवारों और जानवरों को भी लाए। वे इतने अधिक थे जितने टिड्डियों के दल। उन लोगों और उनके ऊँटों की संख्या इतनी अधिक थी कि उनको गिनना संभव नहीं था। ये सभी लोग उस प्रदेश में आए और उसे रौंद डाला। इस्राएल के लोग मिद्यानी लोगों के कारण बहुत गरीब हो गए। इसलिए इस्राएल के लोगों ने यहोवा को सहायता के लिए रो कर पुकारा। मिद्यानियों ने वे सभी बुरे काम किये। इसलिए इस्राएल के लोग यहोवा से सहायता के लिए रो कर चिल्लाये। इसलिए यहोवा ने उनके पास एक नबी भेजा। नबी ने इस्राएल के लोगों से कहा, “यहोवा, इस्राएल का परमेश्वर यह कहा है कि, ‘तुम लोग मिस्र देश में दास थे। मैंने तुम लोगों को स्वतन्त्र किया और मैं उस देश से तुम्हें बाहर लाया। मैंने मिस्र के शक्तिशाली लोगों से तुम्हारी रक्षा की। तब कनान के लोगों ने तुमको कष्ट दिया। इसलिए मैंने फिर तुम्हारी रक्षा की। मैंने उन लोगों से उनका देश छुड़वाया और मैंने उनका देश तुम्हें दिया।’ तब मैंने तुमसे कहा, ‘में यहोवा तुम्हारा परमेश्वर हूँ। तुम लोग एमोरी लोगों के प्रदेश में रहोगे, किन्तु तुम्हें उनके असत्य देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए।’ परन्तु तुम लोगों ने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया।” उस समय, यहोवा का दूत गिदोन नामक व्यक्ति के पास आया। यहोवा का दूत आया और ओप्रा नामक स्थान पर एक बांज के पेड़ के नीचे बैठा। यह बांज का पेड़ योआश नामक व्यक्ति का था। योआश अबीएजेरी लोगों में से एक था। योआश गिदोन का पिता था। गिदोन कुछ गेहूँ को दाखमधु निकालने के यंत्र में कूट रहा था। यहोवा का दूत गिदोन के पास बैठा। गिदोन मिद्यानी लोगों से अपना गेंहूँ छिपाने का प्रयत्न कर रहा था। यहोवा का दूत गिदोन के सामने प्रकट हुआ और उससे कहा, “यहोवा तुम्हारे साथ है, तुम जैसे शक्तिशाली सैनिकों के साथ है।” तब गिदोन ने कहा, “महोदय, मैं शपथ खाकर कहता हूँ कि यदि यहोवा हमारे साथ है तो हम लोगों को इतने कष्ट क्यों हैं? हम लोगों ने सुना है कि उसने हमारे पूर्वजों के लिए अद्भूत कार्य किये थे। हमारे पूर्वजों ने हम लोगों से कहा कि यहोवा हम लोगों को मिस्र से बाहर लाया। किन्तु अब यहोवा ने हम लोगों को छोड़ दिया है। यहोवा ने मिद्यानी लोगों को हम लोगों को हराने दिया।” यहोवा गिदोन की ओर मुड़ा और उससे बोला, “अपनी शक्ति का प्रयोग करो। जाओ और मिद्यानी लोगों से इस्राएल के लोगों की रक्षा करो। क्या तुम यह नहीं समझते कि वह मैं यहोवा हूँ, जो तुम्हें भेज रहा हूँ?” किन्तु गिदोन ने उत्तर दिया और कहा, “महोदय, क्षमा करें, मैं इस्राएल की रक्षा कैसे कर सकता हूँ? मेरा परिवार मनश्शे के परिवार समूह में सबसे कमजोर है और मैं अपने परिवार में सबसे छोटा हूँ।” यहोवा ने गिदोन को उत्तर दिया और कहा, “मैं निश्चय ही मिद्यानी लोगों को हराने में सहायता करने के लिये तुम्हारे साथ रहूँगा। यह ऐसा मालूम होगा कि तुम एक व्यक्ति के विरद्ध लड़ रहे हो।” तब गिदोन ने यहोवा से कहा, “यदि तू मुझ से प्रसन्न है तो तू प्रमाण दे कि तू सचमुच यहोवा है। कृपा करके तू यहाँ रूक। जब तक मैं लौट न आऊँ तब तक तू न जा। मुझे मेरी भेंट लाने दे और उसे तेरे सामने रखने दे।” अत: यहोवा ने कहा, “मैं तब तक प्रतीक्षा करूँगा जब तक तुम लौटते नहीं।” इसलिए गिदोन गया और उसने एक जवान बकरा खौलते पानी में पकाया। गिदोन ने लगभग एक एपा आटा भी लिया और अखमीरी रोटीयाँ बनाईं। तब गिदोन ने माँस को एक टोकरे में तथा पके माँस के शोरबे को एक बर्तन में लिया। गिदोन ने माँस, पके माँस का शोरबा और अखमीरी रोटियों को निकाला। गिदोन ने वह भोजन बाँज के पेड़ के नीचे यहोवा को दिया। परमेश्वर के दूत ने गिदोन से कहा, “माँस और अखमीरी रोटीयों को वहाँ चट्टान पर रखो। तब शोरबे को गिराओ।” गिदोन ने वैसा ही किया जैसा करने को कहा गया था। यहोवा के दूत ने अपने हाथ में एक छड़ी ले रखी थी। यहोवा के दूत ने माँस और रोटियों को छड़ी के सिरे से छुआ। तब चट्टान से आग जल उठी। गोश्त और रोटियाँ पूरी तरह जल गईं। तब यहोवा का दूत अर्न्तध्यान हो गया। तब गिदोन ने समझा कि वह यहोवा के दूत से बातें कर रहा था। इसलिए गिदोन चिल्ला उठा, “सर्वशक्तिमान यहोवा महान है। मैंने यहोवा के दूत को आमने सामने देखा है।” किन्तु यहोवा ने गिदोन से कहा, “शान्त रहो।” डरो नहीं। तुम मरोगे नहीं। इसलिए गिदोन ने यहोवा की उपासना के लिए उस स्थान पर एक वेदी बनाई। गिदोन ने उस वेदी का नाम “यहोवा शान्ति है” रखा। वह वेदी अब तक ओप्रा में खड़ी है। ओप्रा वहीं है जहाँ एजेरी लोग रहते हैं। उसी रात यहोवा ने गिदोन से बाते कीं। यहोवा ने गिदोन से कहा, “अपने पिता के उस प्रौढ़ बैल को लो जो सात वर्ष का है। तुम्हारे पिता की असत्य देवता बाल की एक वेदी है। उस वेदी की बगल में एक लकड़ी का खम्भा भी है। खम्भा असत्य देवी अशेरा के सम्मान के लिए बनाया गया था। बैल का उपयोग बाल की वेदी को गिराने के लिए करो तथा अशेरा के खम्भे को काट दो। तब यहोवा, अपने परमेश्वर के लिए उचित प्रकार की वेदी बनाओ। इस ऊँचे स्थान पर वह वेदी बनाओ। तब प्रौढ़ बैल को मारो और इस वेदी पर उसे जलाओ। अशेरा के खम्भे की लकड़ी का उपयोग अपनी भेंट को जलाने के लिए करो।” इसलिए गिदोन ने अपने दस नौकरों को लिया और वही किया जो यहोवा ने करने को कहा था। किन्तु गिदोन डर रहा था कि उसका परिवार और उस नगर के लोग देख सकते हैं कि वह क्या कर रहा है। गिदोन ने वही किया जो यहोवा ने उसे करने को कहा किन्तु उसने यह रात में किया, दिन में नहीं। अगली सुबह नगर के लोग सोकर उठे और उन्होंने देखा कि बाल की वेदी नष्ट कर दी गई है। उन्होंने यह भी देखा कि अशेरा का खम्भा काट डाला गया है। अशेरा का खम्भा बाल की वेदी के ठीक पीछे गिरा पड़ा था। उन लोगों ने उस वेदी को भी देखा जिसे गिदोन ने बनाया था और उन्होंने उस वेदी पर बलि दिये गए बैल को भी देखा। नगर के लोगों ने एक दूसरे को देखा और कहा, “हमारी वेदी को किसने गिराया? हमारे अशेरा के खम्भे किसने काटे? इस नयी वेदी पर किसने इस बैल की बलि दी?” उन्होंने कई प्रश्न किये और यह पता लगाना चाहा कि वे काम किसने किये। किसी ने कहा, “योआश के पुत्र गिदोन ने यह काम किया।” इसलिए नगर के लोग योआश के पास आए। उन्होंने योआश से कहा, “तुम्हें अपने पुत्र को बाहर लाना चाहिए। उसने बाल की वेदी को गिराया है और उसने उस अशेरा के खम्भे को काटा है जो उस वेदी की बगल में था। इसलिए तुम्हारे पुत्र को मारा जाना चाहिए।” तब योआश ने उस भीड़ से कहा जो उसके चारों ओर खड़ी थी। योआश ने कहा, “क्या तुम बाल का पक्ष लेने जा रहे हो? क्या तुम बाल की रक्षा करने जा रहे हो? यदि कोई बाल का पक्ष लेता है तो उसे सवेरे मार दिए जाने दो। यदि बाल सचमुच देवता है तो उसे अपनी रक्षा स्वयं करने दो, यदि कोई उस वेदी को गिराता है।” योआश ने कहा, “यदि गिदोन ने बाल की वेदी को गिराया तो बाल को उससे संघर्ष करने दो।” अत: उस दिन योआश ने गिदोन को एक नया नाम दिया। उसने उसे यरूब्बाल कहा। मिद्यानी, अमालेकी एवं पूर्व के अन्य सभी लोग इस्राएल के लोगों के विरुद्ध युद्ध करने के लिए एक साथ मिले। वे लोग यरदन नदी के पार गए और उन्होंने यिज्रेल की घाटी में डेरा डाला। किन्तु गिदोन पर यहोवा की आत्मा उतरी और उसे बड़ी शक्ति प्रदान की। गिदोन ने अबीएजेरी लोगों को अपने साथ चलने के लिए तुरही बजाई। गिदोन ने मनश्शे परिवार समूह के सभी लोगों के पास दूत भेजे। उन दूतों ने मनश्शे के लोगों से अपने हथियार निकालने और युद्ध के लिए तैयार होने को कहा गिदोन ने आशेर, जबूलून और नप्ताली के परिवार समूहों को भी दूत भेजे। इसलिए वे परिवार समूह भी गिदोन से और उसके आदमियों से मिलने गए। तब गिदोन ने यहोवा से कहा, “तूने मुझसे कहा कि तू इस्राएल के लोगों की रक्षा करने में मेरी सहायता करेगा। मुझे प्रमाण दे। मैं खलिहान के फर्श पर एक भेड़ का ऊन रखता हूँ। यदि भेड़ के ऊन पर ओस की बूँदें होंगी, जबकी सारी भूमि सूखी है, तब मैं समझूँगा कि तू अपने कहने के अनुसार मेरा उपयोग इस्राएल की रक्षा करने में करेगा।” और यह ठीक वैसा ही हुआ। गिदोन अगली सुबह उठा और भेड़ के ऊन को निचोड़ा। वह भेड़ के ऊन से प्याला भर पानी निचोड़ सका। तब गीदोन ने परमेश्वर से कहा, “मुझ पर क्रोधित न हो। मुझे केवल एक और प्रश्न करने दे। मुझे भेड़ के ऊन से एक बार और परीक्षण करने दे। इस समय भेड़ के ऊन को उस दशा में सूखा रहने दे जब इसके चारों ओर की भूमि ओस से भीगी हो।” उस रात परमेश्वर ने वही किया। केवल भेड़ की ऊन ही सूखी थी, किन्तु चारों ओर की भूमि ओस से भीगी थी।

शासक ग्रंथ 6:1-40 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

इस्राएलियों ने वही कार्य किया जो प्रभु की दृष्‍टि में बुरा था। अत: प्रभु ने उन्‍हें सात वर्ष के लिए मिद्यानी जाति के हाथ में सौंप दिया। मिद्यानियों की शक्‍ति इस्राएलियों पर छा गई। इस्राएलियों ने मिद्यानियों के कारण पहाड़ों पर अपने लिए गड्ढे, गुफाएँ और गढ़ बना लिए। जब इस्राएली बीज बोते, तब मिद्यानी, अमालेकी और पूर्व के लोग आते और उन पर आक्रमण करते थे। वे इस्राएली लोगों के विरुद्ध पड़ाव डालते और गाजा नगर तक उनके खेतों की उपज नष्‍ट कर देते थे। वे इस्राएलियों के लिए भोजन-वस्‍तु, भेड़, बैल और गधा भी नहीं छोड़ते थे। वे अपने पशुओं और तम्‍बुओं के साथ चढ़ाई करते थे। वे टिड्डी दल के समान असंख्‍य होते थे। उनके सैनिकों और ऊंटों की गणना नहीं की जा सकती थी। जब वे आते, तब देश को उजाड़ देते थे। मिद्यानियों के कारण इस्राएलियों की बड़ी दुर्दशा हो गई। तब इस्राएलियों ने प्रभु की दुहाई दी। जब इस्राएलियों ने मिद्यानियों के कारण प्रभु की दुहाई दी तब प्रभु ने इस्राएलियों के पास एक नबी भेजा। नबी ने उनसे कहा, ‘इस्राएल का प्रभु परमेश्‍वर यों कहता है : “मैं तुम्‍हें मिस्र देश से लाया। मैंने ही तुम्‍हें दासत्‍व के घर से बाहर निकाला। मैंने ही तुम्‍हें मिस्र देश के निवासियों के हाथ से मुक्‍त किया। मैंने तुम्‍हें उनके हाथ से मुक्‍त किया, जो तुम पर अत्‍याचार करते थे। मैंने तुम्‍हारे सम्‍मुख से उन्‍हें उनके देश से निकाल दिया और उनका वह देश तुम्‍हें दे दिया। तब मैंने तुमसे यह कहा था : मैं तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर हूँ। तुम एमोरी जाति के देवताओं की, जिनके देश में निवास करोगे, पूजा मत करना। पर तुमने मेरी वाणी नहीं सुनी।” ’ प्रभु का दूत आया। वह ओप्राह नगर के एक बांज वृक्ष के नीचे बैठ गया। यह अबीएजरी गोत्र के योआश का वृक्ष था। उस समय उसका पुत्र गिद्ओन अंगूर पेरने के कोल्‍हू में गेहूँ साफ कर रहा था कि गेहूँ को मिद्यानियों की दृष्‍टि से छिपाया जा सके। प्रभु के दूत ने दर्शन दिया। उसने गिद्ओन से कहा, ‘ओ महाबली योद्धा, प्रभु तेरे साथ है।’ गिद्ओन ने उससे कहा, ‘स्‍वामी, यदि प्रभु हमारे साथ है तो ये संकट हम पर क्‍यों आए? कहाँ गए प्रभु के आश्‍चर्यपूर्ण कार्य, जिनकी चर्चा हमारे बड़े-बूढ़े लोग हमसे करते हैं? वे हमसे कहते हैं : “निस्‍सन्‍देह, प्रभु ही हमें मिस्र देश से लाया है।” पर अब प्रभु ने हमें त्‍याग दिया, और मिद्यानियों के हाथ सौंप दिया है।’ प्रभु उसकी ओर उन्‍मुख हुआ। उसने कहा, ‘अपनी इसी शक्‍ति के आधार पर जा और इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से मुक्‍त कर। निस्‍सन्‍देह मैं तुझे भेज रहा हूँ।’ पर गिद्ओन ने उससे कहा, ‘स्‍वामी, मैं कैसे इस्राएलियों को मुक्‍त कर सकता हूँ? मेरा वंश मनश्‍शे गोत्र में सबसे दुर्बल है। मैं अपने परिवार में सबसे छोटा हूँ।’ प्रभु ने उससे कहा, ‘मैं तेरे साथ रहूँगा, और तू मिद्यानियों को इस प्रकार मार डालेगा मानो वे केवल एक मनुष्‍य हों!’ गिद्ओन ने उससे कहा, ‘यदि तेरी कृपादृष्‍टि मुझ पर हो तो मुझे कोई चिह्‍न दिखा, जिससे यह प्रकट हो कि तू ही मुझ से वार्तालाप कर रहा है। जब तक मैं लौटकर न आऊं, तब तक तू यहाँ से मत जाना। मैं तेरे लिए अपनी भेंट लाऊंगा और उसको तेरे सम्‍मुख परोसूँगा।’ उसने कहा, ‘जब तक तू लौटकर नहीं आएगा तब तक मैं यहीं ठहरूँगा।’ अत: गिद्ओन घर में आया। उसने बकरी का एक बच्‍चा काटा और दस किलो आटे की बेखमीर रोटियाँ बनाईं। तत्‍पश्‍चात् वह मांस को टोकरी में, और शोरबा को एक बर्तन में रखकर बांज वृक्ष के नीचे गया। जब वह निकट पहुँचा तब परमेश्‍वर के दूत ने उससे कहा, ‘मांस और बेखमीर रोटियाँ ले और उन्‍हें इस चट्टान पर रख दे। तत्‍पश्‍चात् शोरबे को उस पर उण्‍डेल दे।’ गिद्ओन ने ऐसा ही किया। तब प्रभु के दूत ने अपने हाथ की लाठी को मांस और बेखमीर रोटी की ओर बढ़ाया, और लाठी के छोर से उन्‍हें स्‍पर्श किया। उसी क्षण चट्टान से आग निकली, और उसने मांस तथा बेखमीर रोटी को भस्‍म कर दिया। प्रभु का दूत भी गिद्ओन की दृष्‍टि से ओझल हो गया। तब गिद्ओन को अनुभव हुआ कि वह प्रभु का दूत था। गिद्ओन ने कहा, ‘हाय! हे मेरे स्‍वामी, हे प्रभु! मैंने प्रभु के दूत को साक्षात देखा!’ प्रभु ने उससे कहा, ‘तेरा कल्‍याण हो! मत डर! तू मेरे दर्शन के कारण नहीं मरेगा!’ गिद्ओन ने वहाँ प्रभु के लिए एक वेदी निर्मित की और उसका यह नाम रखा : ‘प्रभु कल्‍याण करता है’। यह वेदी आज भी ओप्राह नगर में स्‍थित है, जिस पर अबीएजरी गोत्र का अधिकार है। प्रभु ने उसी रात को गिद्ओन से कहा, ‘अपने पिता के सेवकों में से दस सेवक और सात-वर्षीय एक साँड़ ले। अपने पिता के बअल देवता की वेदी को ताड़ डाल, और वेदी के समीप अशेराह देवी के लकड़ी के खंभों को काट डाल। तत्‍पश्‍चात् अपने प्रभु परमेश्‍वर के लिए यहाँ, चट्टान के उच्‍च शिखर पर निर्धारित विधि के अनुसार एक वेदी बना। उसके बाद सांड़ को अशेराह देवी के खंभों के साथ, जिन्‍हें तू काटेगा, अग्‍नि-बलि के रूप में अर्पित कर। अत: गिद्ओन ने अपने सेवकों में से दस सेवक लिए, और वैसा ही किया, जैसा प्रभु ने उससे कहा था। वह अपने पिता और नगर के लोगों से डरता था। इसलिए उसने यह काम दिन में नहीं किया, वरन् रात में किया। बड़े सबेरे नगर के लोग उठे। उन्‍होंने देखा कि किसी ने बअल देवता की वेदी को तोड़-फोड़ दिया है। वेदी के समीप अशेराह देवी के खंभों को काट डाला है। नवनिर्मित वेदी पर सांड़ की अग्‍नि-बलि चढ़ाई गई है। उन्‍होंने एक-दूसरे से पूछा ‘यह कार्य किसने किया है?’ उन्‍होंने खोज-बीन, जांच-पड़ताल की। तब उन्‍हें किसी ने बताया, ‘योआश के पुत्र गिद्ओन ने यह कार्य किया है।’ अत: नगर के लोगों ने योआश से कहा, ‘अपने पुत्र को बाहर निकालो। उसका वध किया जाएगा, क्‍योंकि उसने बअल देवता की वेदी को तोड़ा है। वेदी के समीप अशेराह देवी के खंभों को काटा है।’ योआश ने अपने आस-पास खड़े हुए लोगों से कहा, ‘क्‍या तुम बअल देवता के लिए बहस ही करते रहोगे, या उसकी रक्षा भी करोगे? जो व्यक्‍ति उसके लिए बहस करेगा, उसे सबेरे तक मृत्‍यु दण्‍ड दे दिया जाएगा। यदि बअल देवता ईश्‍वर है, तो वह अपने पक्ष में स्‍वयं बहस करे; क्‍योंकि उसकी वेदी तोड़ी गई है।’ अत: उस दिन से गिद्ओन का नाम यरूब-बअल पड़ा; अर्थात् ‘बअल उससे स्‍वयं बहस करे!’ क्‍योंकि गिद्ओन ने उसकी वेदी तोड़ी थी। इस घटना के पश्‍चात् मिद्यानी, अमालेकी और पूर्व के निवासी परस्‍पर एकत्र हुए। उन्‍होंने यर्दन नदी पार की और यिज्रएल घाटी में पड़ाव डाला। प्रभु का आत्‍मा गिद्ओन पर उतरा। गिद्ओन ने नरसिंघा फूंका, और अबीएजर गोत्र के पुरुष उसका अनुसरण करने के लिए बुलाए गए। उसने समस्‍त मनश्‍शे गोत्र को दूत भेजे, और वे उसका अनुसरण करने के लिए बुलाए गए। उसने आशेर, जबूलून और नफ्‍ताली कुलों को भी दूत भेजे। वे उससे भेंट करने को गए। तब गिद्ओन ने परमेश्‍वर से कहा, ‘यदि तू मेरे द्वारा इस्राएलियों को मुक्‍त करेगा, जैसा तूने कहा है, तो देख मैं ऊन की कतरन खलियान में रखूँगा। यदि ओस केवल ऊन की कतरन पर पड़ेगी, और शेष भूमि सूखी रहेगी तो मुझे ज्ञात हो जाएगा कि तू मेरे द्वारा इस्राएलियों को मुक्‍त करेगा, जैसा तूने कहा है।’ ऐसा ही हुआ। वह दूसरे दिन सबेरे उठा। उसने ऊन की कतरन को दबाया और उसमें से ओस निचोड़ी। तब उससे इतना पानी निकला कि कटोरा भर गया। गिद्ओन ने परमेश्‍वर से कहा, ‘तेरा क्रोध मेरे प्रति न भड़क उठे! कृपाकर, मुझे एक बार और बोलने की अनुमति दे। मुझे एक बार और ऊन की कतरन को परखने दे : इस बार केवल ऊन की कतरन सूखी रहे, और सारी भूमि पर ओस गिरे।’ परमेश्‍वर ने उस रात ऐसा ही किया। केवल ऊन की कतरन सूखी थी। पर सब भूमि पर ओस गिरी।

शासक ग्रंथ 6:1-40 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब इस्राएलियों ने यहोवा की दृष्टि में बुरा किया, इसलिये यहोवा ने उन्हें मिद्यानियों के वश में सात वर्ष कर रखा। और मिद्यानी इस्राएलियों पर प्रबल हो गए। मिद्यानियों के डर के मारे इस्राएलियों ने पहाड़ों के गहिरे खड्डों, और गुफाओं, और किलों को अपने निवास बना लिए। और जब जब इस्राएली बीज बोते तब तब मिद्यानी और अमालेकी और पूर्वी लोग उनके विरुद्ध चढ़ाई करके अज्जा तक छावनी डाल डालकर भूमि की उपज नाश कर डालते थे, और इस्राएलियों के लिये न तो कुछ भोजनवस्तु, और न भेड़-बकरी, और न गाय-बैल, और न गदहा छोड़ते थे। क्योंकि वे अपने पशुओं और डेरों को लिए हुए चढ़ाई करते, और टिड्डियों के दल के समान बहुत आते थे; और उनके ऊंट भी अनगिनत होते थे; और वे देश को उजाड़ने के लिये उस में आया करते थे। और मिद्यानियों के कारण इस्राएली बड़ी दुर्दशा में पड़ गए; तब इस्राएलियों ने यहोवा की दोहाई दी॥ जब इस्राएलियों ने मिद्यानियों के कारण यहोवा की दोहाई दी, तब यहोवा ने इस्राएलियों के पास एक नबी को भेजा, जिसने उन से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि मैं तुम को मिस्र में से ले आया, और दासत्व के घर से निकाल ले आया; और मैं ने तुम को मिस्रियों के हाथ से, वरन जितने तुम पर अन्धेर करते थे उन सभों के हाथ से छुड़ाया, और उन को तुम्हारे साम्हने से बरबस निकाल कर उनका देश तुम्हें दे दिया; और मैं ने तुम से कहा, कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं; एमोरी लोग जिनके देश में तुम रहते हो उनके देवताओं का भय न मानना। परन्तु तुम ने मेरा कहना नहीं माना॥ फिर यहोवा का दूत आकर उस बांजवृझ के तले बैठ गया, जो ओप्रा में अबीएजेरी योआश का था, और उसका पुत्र गिदोन एक दाखरस के कुण्ड में गेहूं इसलिये झाड़ रहा था कि उसे मिद्यानियों से छिपा रखे। उसको यहोवा के दूत ने दर्शन देकर कहा, हे शूरवीर सूरमा, यहोवा तेरे संग है। गिदोन ने उस से कहा, हे मेरे प्रभु, बिनती सुन, यदि यहोवा हमारे संग होता, तो हम पर यह सब विपत्ति क्यों पड़ती? और जितने आश्चर्यकर्मों का वर्णन हमारे पुरखा यह कहकर करते थे, कि क्या यहोवा हम को मिस्र से छुड़ा नहीं लाया, वे कहां रहे? अब तो यहोवा ने हम को त्याग दिया, और मिद्यानियों के हाथ कर दिया है। तब यहोवा ने उस पर दृष्टि करके कहा, अपनी इसी शक्ति पर जा और तू इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाएगा; क्या मैं ने तुझे नहीं भेजा? उसने कहा, हे मेरे प्रभु, बिनती सुन, मैं इस्राएल को क्योंकर छुड़ाऊ? देख, मेरा कुल मनश्शे में सब से कंगाल है, फिर मैं अपने पिता के घराने में सब से छोटा हूं। यहोवा ने उस से कहा, निश्चय मैं तेरे संग रहूंगा; सो तू मिद्यानियों को ऐसा मार लेगा जैसा एक मनुष्य को। गिदोन ने उस से कहा, यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो मुझे इसका कोई चिन्ह दिखा कि तू ही मुझ से बातें कर रहा है। जब तक मैं तेरे पास फिर आकर अपनी भेंट निकाल कर तेरे साम्हने न रखूं, तब तक तू यहां से न जा। उसने कहा, मैं तेरे लौटने तक ठहरा रहूंगा। तब गिदोन ने जा कर बकरी का एक बच्चा और एक एपा मैदे की अखमीरी रोटियां तैयार कीं; तब मांस को टोकरी में, और जूस को तसले में रखकर बांजवृझ के तले उसके पास ले जा कर दिया। परमेश्वर के दूत ने उस से कहा, मांस और अखमीरी रोटियों को ले कर इस चट्टान पर रख दे, और जूस को उण्डेल दे। उसने ऐसा ही किया। तब यहोवा के दूत ने अपने हाथ की लाठी को बढ़ाकर मांस और अखमीरी रोटियों को छूआ; और चट्टान से आग निकली जिस से मांस और अखमीरी रोटियां भस्म हो गई; तब यहोवा का दूत उसकी दृष्टि से अन्तरध्यान हो गया। जब गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था, तब गिदोन कहने लगा, हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है। यहोवा ने उस से कहा, तुझे शान्ति मिले; मत डर, तू न मरेगा। तब गिदोन ने वहां यहोवा की एक वेदी बनाकर उसका नाम यहोवा शालोम रखा। वह आज के दिन तक अबीएजेरियों के ओप्रा में बनी है। फिर उसी रात को यहोवा ने गिदोन से कहा, अपने पिता का जवान बैल, अर्थात दूसरा सात वर्ष का बैल ले, और बाल की जो वेदी तेरे पिता की है उसे गिरा दे, और जो अशेरा देवी उसके पास है उसे काट डाल; और उस दृढ़ स्थान की चोटी पर ठहराई हुई रीति से अपने परमेश्वर यहोवा की एक वेदी बना; तब उस दूसरे बैल को ले, और उस अशेरा की लकड़ी जो तू काट डालेगा जलाकर होमबलि चढ़ा। तब गिदोन ने अपने संग दस दासों को ले कर यहोवा के वचन के अनुसार किया; परन्तु अपने पिता के घराने और नगर के लोगों के डर के मारे वह काम दिन को न कर सका, इसलिये रात में किया। बिहान को नगर के लोग सवेरे उठ कर क्या देखते हैं, कि बाल की वेदी गिरी पड़ी है, और उसके पास की अशेरा कटी पड़ी है, और दूसरा बैल बनाई हुई वेदी पर चढ़ाया हुआ है। तब वे आपस में कहने लगे, यह काम किस ने किया? और पूछपाछ और ढूंढ़-ढांढ़ करके वे कहने लगे, कि यह योआश के पुत्र गिदोन का काम है। तब नगर के मनुष्यों ने योआश से कहा, अपने पुत्र को बाहर ले आ, कि मार डाला जाए, क्योंकि उसने बाल की वेदी को गिरा दिया है, और उसके पास की अशेरा को भी काट डाला है। योआश ने उन सभों से जो उसके साम्हने खड़े हुए थे कहा, क्या तुम बाल के लिये वाद विवाद करोगे? क्या तुम उसे बचाओगे? जो कोई उसके लिये वाद विवाद करे वह मार डाला जाएगा। बिहान तक ठहरे रहो; तब तक यदि वह परमेश्वर हो, तो जिसने उसकी वेदी गिराई है उस से वह आप ही अपना वाद विवाद करे। इसलिये उस दिन गिदोन का नाम यह कहकर यरूब्बाल रखा गया, कि इस ने जो बाल की वेदी गिराई है तो इस पर बाल आप वाद विवाद कर ले॥ इसके बाद सब मिद्यानी और अमालेकी और पूर्वी इकट्ठे हुए, और पार आकर यिज्रेल की तराई में डेरे डाले। तब यहोवा का आत्मा गिदोन में समाया; और उसने नरसिंगा फूंका, तब अबीएजेरी उसकी सुनने के लिये इकट्ठे हुए। फिर उसने कुल मनश्शे के पास अपने दूत भेजे; और वे भी उसके समीप इकट्ठे हुए। और उसने आशेर, जबूलून, और नप्ताली के पास भी दूत भेजे; तब वे भी उस से मिलने को चले आए। तब गिदोन ने परमेश्वर से कहा, यदि तू अपने वचन के अनुसार इस्राएल को मेरे द्वारा छुड़ाएगा, तो सुन, मैं एक भेड़ी की ऊन खलिहान में रखूंगा, और यदि ओस केवल उस ऊन पर पड़े, और उसे छोड़ सारी भूमि सूखी रह जाए, तो मैं जान लूंगा कि तू अपने वचन के अनुसार इस्राएल को मेरे द्वारा छुड़ाएगा। और ऐसा ही हुआ। इसलिये जब उसने बिहान को सबेरे उठ कर उस ऊन को दबाकर उस में से ओस निचोड़ी, तब एक कटोरा भर गया। फिर गिदोन ने परमेश्वर से कहा, यदि मैं एक बार फिर कहूं, तो तेरा क्रोध मुझ पर न भड़के; मैं इस ऊन से एक बार और भी तेरी परीक्षा करूं, अर्थात केवल ऊन ही सूखी रहे, और सारी भूमि पर ओस पड़े। इस रात को परमेश्वर ने ऐसा ही किया; अर्थात केवल ऊन ही सूखी रह गई, और सारी भूमि पर ओस पड़ी॥

शासक ग्रंथ 6:1-40 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब इस्राएलियों ने यहोवा की दृष्‍टि में बुरा किया, इसलिये यहोवा ने उन्हें मिद्यानियों के वश में सात वर्ष कर रखा। और मिद्यानी इस्राएलियों पर प्रबल हो गए। मिद्यानियों के डर के मारे इस्राएलियों ने पहाड़ों के गहरे खड्डों, और गुफाओं, और किलों को अपने निवास बना लिये। जब जब इस्राएली बीज बोते तब तब मिद्यानी और अमालेकी और पूर्वी लोग उनके विरुद्ध चढ़ाई करके अज्जा तक छावनी डाल डालकर भूमि की उपज नष्‍ट कर डालते थे, और इस्राएलियों के लिये न तो कुछ भोजनवस्तु, और न भेड़–बकरी, और न गाय–बैल, और न गदहा छोड़ते थे। क्योंकि वे अपने पशुओं और डेरों को लिए हुए चढ़ाई करते, और टिड्डियों के दल के समान बहुत आते थे; और उनके ऊँट भी अनगिनत होते थे; और वे देश को उजाड़ने के लिये उसमें आया करते थे। और मिद्यानियों के कारण इस्राएली बड़ी दुर्दशा में पड़ गए; तब इस्राएलियों ने यहोवा की दोहाई दी। जब इस्राएलियों ने मिद्यानियों के कारण यहोवा की दोहाई दी, तब यहोवा ने इस्राएलियों के पास एक नबी भेजा, जिसने उनसे कहा, “इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है : मैं तुम को मिस्र में से ले आया, और दासत्व के घर से निकाल ले आया; और मैं ने तुम को मिस्रियों के हाथ से, वरन् जितने तुम पर अन्धेर करते थे उन सभों के हाथ से छुड़ाया, और उनको तुम्हारे सामने से बरबस निकालकर उनका देश तुम्हें दे दिया; और मैं ने तुम से कहा, ‘मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ; एमोरी लोग जिनके देश में तुम रहते हो उनके देवताओं का भय न मानना।’ परन्तु तुम ने मेरा कहना नहीं माना।” फिर यहोवा का दूत आकर उस बांजवृक्ष के तले बैठ गया, जो ओप्रा में अबीएजेरी योआश का था, और उसका पुत्र गिदोन एक दाखरस के कुण्ड में गेहूँ इसलिये झाड़ रहा था कि उसे मिद्यानियों से छिपा रखे। उसको यहोवा के दूत ने दर्शन देकर कहा, “हे शूरवीर सूरमा, यहोवा तेरे संग है।” गिदोन ने उससे कहा, “हे मेरे प्रभु, विनती सुन, यदि यहोवा हमारे संग होता, तो हम पर यह सब विपत्ति क्यों पड़ती? और जितने आश्‍चर्यकर्मों का वर्णन हमारे पुरखा यह कहकर करते थे, ‘क्या यहोवा हम को मिस्र से छुड़ा नहीं लाया,’ वे कहाँ रहे? अब तो यहोवा ने हम को त्याग दिया, और मिद्यानियों के हाथ कर दिया है।” तब यहोवा ने उस पर दृष्‍टि करके कहा, “अपनी इसी शक्‍ति पर जा और तू इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाएगा। क्या मैं ने तुझे नहीं भेजा?” उसने कहा, “हे मेरे प्रभु, विनती सुन, मैं इस्राएल को कैसे छुड़ाऊँ? देख, मेरा कुल मनश्शे में सबसे कंगाल है, फिर मैं अपने पिता के घराने में सबसे छोटा हूँ।” यहोवा ने उससे कहा, “निश्‍चय मैं तेरे संग रहूँगा; इसलिये तू मिद्यानियों को ऐसा मार लेगा जैसा एक मनुष्य को।” गिदोन ने उससे कहा, “यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो मुझे इसका कोई चिह्न दिखा कि तू ही मुझ से बातें कर रहा है। जब तक मैं तेरे पास फिर आकर अपनी भेंट निकालकर तेरे सामने न रखूँ, तब तक तू यहाँ से न जा।” उसने कहा, “मैं तेरे लौटने तक ठहरा रहूँगा।” तब गिदोन ने जाकर बकरी का एक बच्‍चा और एक एपा मैदे की अखमीरी रोटियाँ तैयार कीं; तब मांस को टोकरी में, और जूस को तसले में रखकर बांजवृक्ष के तले उसके पास ले जाकर दिया। परमेश्‍वर के दूत ने उससे कहा, “मांस और अखमीरी रोटियों को लेकर इस चट्टान पर रख दे, और जूस को उण्डेल दे।” उसने ऐसा ही किया। तब यहोवा के दूत ने अपने हाथ की लाठी को बढ़ाकर मांस और अखमीरी रोटियों को छूआ; और चट्टान से आग निकली जिस से मांस और अखमीरी रोटियाँ भस्म हो गईं; तब यहोवा का दूत उसकी दृष्‍टि से ओझल हो गया। जब गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था, तब गिदोन कहने लगा, “हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात् देखा है।” यहोवा ने उससे कहा, “तुझे शान्ति मिले; मत डर, तू न मरेगा।” तब गिदोन ने वहाँ यहोवा की एक वेदी बनाकर उसका नाम ‘यहोवा शालोम’ रखा। वह आज के दिन तक अबीएजेरियों के ओप्रा में बनी है। फिर उसी रात को यहोवा ने गिदोन से कहा, “अपने पिता का जवान बैल, अर्थात् दूसरा सात वर्ष का बैल ले, और बाल की जो वेदी तेरे पिता की है उसे गिरा दे, और जो अशेरा देवी उसके पास है उसे काट डाल; और उस दृढ़ स्थान की चोटी पर ठहराई हुई रीति से अपने परमेश्‍वर यहोवा की एक वेदी बना; तब उस दूसरे बैल को ले, और उस अशेरा की लकड़ी, जो तू काट डालेगा, जलाकर होमबलि चढ़ा।” तब गिदोन ने अपने संग दस दासों को लेकर यहोवा के वचन के अनुसार किया; परन्तु अपने पिता के घराने और नगर के लोगों के डर के मारे वह काम दिन को न कर सका, इसलिये रात में किया। नगर के लोग सबेरे उठकर क्या देखते हैं, कि बाल की वेदी गिरी पड़ी है, और उसके पास की अशेरा कटी पड़ी है, और दूसरा बैल बनाई हुई वेदी पर चढ़ाया हुआ है। तब वे आपस में कहने लगे, “यह काम किसने किया?” और पूछपाछ और ढूँढ़–ढाँढ़ करके वे कहने लगे, “यह योआश के पुत्र गिदोन का काम है।” तब नगर के मनुष्यों ने योआश से कहा, “अपने पुत्र को बाहर ले आ कि मार डाला जाए, क्योंकि उसने बाल की वेदी को गिरा दिया है, और उसके पास की अशेरा को भी काट डाला है।” योआश ने उन सभों से जो उसके सामने खड़े हुए थे कहा, “क्या तुम बाल के लिये वाद–विवाद करोगे? क्या तुम उसे बचाओगे? जो कोई उसके लिये वाद–विवाद करे वह मार डाला जाएगा। सबेरे तक ठहरे रहो; तब तक यदि वह परमेश्‍वर हो, तो जिस ने उसकी वेदी गिराई है उससे वह आप ही अपना वाद–विवाद करे।” इसलिये उस दिन गिदोन का नाम यह कहकर यरूब्बाल रखा गया, कि इसने जो बाल की वेदी गिराई है तो इस पर बाल आप वाद–विवाद कर ले। इसके बाद सब मिद्यानी और अमालेकी और पूर्वी इकट्ठे हुए, और पार आकर यिज्रेल की तराई में डेरे डाले। तब यहोवा का आत्मा गिदोन में समाया; और उसने नरसिंगा फूँका, तब अबीएजेरी उसकी सुनने के लिये इकट्ठे हुए। फिर उसने समस्त मनश्शे के पास अपने दूत भेजे; और वे भी उसके समीप इकट्ठा हुए। और उसने आशेर, जबूलून, और नप्‍ताली के पास भी दूत भेजे; तब वे भी उससे मिलने को चले आए। तब गिदोन ने परमेश्‍वर से कहा, “यदि तू अपने वचन के अनुसार इस्राएल को मेरे द्वारा छुड़ाएगा, तो सुन, मैं एक भेड़ी की ऊन खलिहान में रखूँगा, और यदि ओस केवल उस ऊन पर पड़े, और उसे छोड़ सारी भूमि सूखी रह जाए, तो मैं जान लूँगा कि तू अपने वचन के अनुसार इस्राएल को मेरे द्वारा छुड़ाएगा।” और ऐसा ही हुआ। इसलिये जब उसने सबेरे उठकर उस ऊन को दबाकर उसमें से ओस निचोड़ी, तब एक कटोरा भर गया। फिर गिदोन ने परमेश्‍वर से कहा, “यदि मैं एक बार फिर कहूँ, तो तेरा क्रोध मुझ पर न भड़के; मैं इस ऊन से एक बार और भी तेरी परीक्षा करूँ, अर्थात् केवल ऊन ही सूखी रहे, और सारी भूमि पर ओस पड़े।” उस रात को परमेश्‍वर ने ऐसा ही किया; अर्थात् केवल ऊन ही सूखी रह गई, और सारी भूमि पर ओस पड़ी।

शासक ग्रंथ 6:1-40 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब इस्राएलियों ने यहोवा की दृष्टि में बुरा किया, इसलिए यहोवा ने उन्हें मिद्यानियों के वश में सात वर्ष कर रखा। और मिद्यानी इस्राएलियों पर प्रबल हो गए। मिद्यानियों के डर के मारे इस्राएलियों ने पहाड़ों के गहरे खड्डों, और गुफाओं, और किलों को अपने निवास बना लिए। और जब जब इस्राएली बीज बोते तब-तब मिद्यानी और अमालेकी और पूर्वी लोग उनके विरुद्ध चढ़ाई करके गाज़ा तक छावनी डाल डालकर भूमि की उपज नाश कर डालते थे, और इस्राएलियों के लिये न तो कुछ भोजनवस्तु, और न भेड़-बकरी, और न गाय-बैल, और न गदहा छोड़ते थे। क्योंकि वे अपने पशुओं और डेरों को लिए हुए चढ़ाई करते, और टिड्डियों के दल के समान बहुत आते थे; और उनके ऊँट भी अनगिनत होते थे; और वे देश को उजाड़ने के लिये उसमें आया करते थे। और मिद्यानियों के कारण इस्राएली बड़ी दुर्दशा में पड़ गए; तब इस्राएलियों ने यहोवा की दुहाई दी। जब इस्राएलियों ने मिद्यानियों के कारण यहोवा की दुहाई दी, तब यहोवा ने इस्राएलियों के पास एक नबी को भेजा, जिसने उनसे कहा, “इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है: मैं तुम को मिस्र में से ले आया, और दासत्व के घर से निकाल ले आया; और मैंने तुम को मिस्रियों के हाथ से, वरन् जितने तुम पर अंधेर करते थे उन सभी के हाथ से छुड़ाया, और उनको तुम्हारे सामने से बरबस निकालकर उनका देश तुम्हें दे दिया; और मैंने तुम से कहा, ‘मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ; एमोरी लोग जिनके देश में तुम रहते हो उनके देवताओं का भय न मानना।’ परन्तु तुम ने मेरा कहना नहीं माना।” फिर यहोवा का दूत आकर उस बांज वृक्ष के तले बैठ गया, जो ओप्रा में अबीएजेरी योआश का था, और उसका पुत्र गिदोन एक दाखरस के कुण्ड में गेहूँ इसलिए झाड़ रहा था कि उसे मिद्यानियों से छिपा रखे। उसको यहोवा के दूत ने दर्शन देकर कहा, “हे शूरवीर सूरमा, यहोवा तेरे संग है।” गिदोन ने उससे कहा, “हे मेरे प्रभु, विनती सुन, यदि यहोवा हमारे संग होता, तो हम पर यह सब विपत्ति क्यों पड़ती? और जितने आश्चर्यकर्मों का वर्णन हमारे पुरखा यह कहकर करते थे, ‘क्या यहोवा हमको मिस्र से छुड़ा नहीं लाया,’ वे कहाँ रहे? अब तो यहोवा ने हमको त्याग दिया, और मिद्यानियों के हाथ कर दिया है।” तब यहोवा ने उस पर दृष्टि करके कहा, “अपनी इसी शक्ति पर जा और तू इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाएगा; क्या मैंने तुझे नहीं भेजा?” उसने कहा, “हे मेरे प्रभु, विनती सुन, मैं इस्राएल को कैसे छुड़ाऊँ? देख, मेरा कुल मनश्शे में सबसे कंगाल है, फिर मैं अपने पिता के घराने में सबसे छोटा हूँ।” यहोवा ने उससे कहा, “निश्चय मैं तेरे संग रहूँगा; सो तू मिद्यानियों को ऐसा मार लेगा जैसा एक मनुष्य को।” गिदोन ने उससे कहा, “यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो मुझे इसका कोई चिन्ह दिखा कि तू ही मुझसे बातें कर रहा है। जब तक मैं तेरे पास फिर आकर अपनी भेंट निकालकर तेरे सामने न रखूँ, तब तक तू यहाँ से न जा।” उसने कहा, “मैं तेरे लौटने तक ठहरा रहूँगा।” तब गिदोन ने जाकर बकरी का एक बच्चा और एक एपा मैदे की अख़मीरी रोटियाँ तैयार कीं; तब माँस को टोकरी में, और रसा को तसले में रखकर बांज वृक्ष के तले उसके पास ले जाकर दिया। परमेश्वर के दूत ने उससे कहा, “माँस और अख़मीरी रोटियों को लेकर इस चट्टान पर रख दे, और रसा को उण्डेल दे।” उसने ऐसा ही किया। तब यहोवा के दूत ने अपने हाथ की लाठी को बढ़ाकर माँस और अख़मीरी रोटियों को छुआ; और चट्टान से आग निकली जिससे माँस और अख़मीरी रोटियाँ भस्म हो गईं; तब यहोवा का दूत उसकी दृष्टि से ओझल हो गया। जब गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था, तब गिदोन कहने लगा, “हाय, प्रभु यहोवा! मैंने तो यहोवा के दूत को साक्षात् देखा है।” यहोवा ने उससे कहा, “तुझे शान्ति मिले; मत डर, तू न मरेगा।” तब गिदोन ने वहाँ यहोवा की एक वेदी बनाकर उसका नाम, ‘यहोवा शालोम रखा।’ वह आज के दिन तक अबीएजेरियों के ओप्रा में बनी है। फिर उसी रात को यहोवा ने गिदोन से कहा, “अपने पिता का जवान बैल, अर्थात् दूसरा सात वर्ष का बैल ले, और बाल की जो वेदी तेरे पिता की है उसे गिरा दे, और जो अशेरा देवी उसके पास है उसे काट डाल; और उस दृढ़ स्थान की चोटी पर ठहराई हुई रीति से अपने परमेश्वर यहोवा की एक वेदी बना; तब उस दूसरे बैल को ले, और उस अशेरा की लकड़ी जो तू काट डालेगा जलाकर होमबलि चढ़ा।” तब गिदोन ने अपने संग दस दासों को लेकर यहोवा के वचन के अनुसार किया; परन्तु अपने पिता के घराने और नगर के लोगों के डर के मारे वह काम दिन को न कर सका, इसलिए रात में किया। नगर के लोग सवेरे उठकर क्या देखते हैं, कि बाल की वेदी गिरी पड़ी है, और उसके पास की अशेरा कटी पड़ी है, और दूसरा बैल बनाई हुई वेदी पर चढ़ाया हुआ है। तब वे आपस में कहने लगे, “यह काम किसने किया?” और पूछपाछ और ढूँढ़-ढाँढ़ करके वे कहने लगे, “यह योआश के पुत्र गिदोन का काम है।” तब नगर के मनुष्यों ने योआश से कहा, “अपने पुत्र को बाहर ले आ, कि मार डाला जाए, क्योंकि उसने बाल की वेदी को गिरा दिया है, और उसके पास की अशेरा को भी काट डाला है।” योआश ने उन सभी से जो उसके सामने खड़े हुए थे कहा, “क्या तुम बाल के लिये वाद विवाद करोगे? क्या तुम उसे बचाओगे? जो कोई उसके लिये वाद विवाद करे वह मार डाला जाएगा। सवेरे तक ठहरे रहो; तब तक यदि वह परमेश्वर हो, तो जिसने उसकी वेदी गिराई है उससे वह आप ही अपना वाद विवाद करे।” इसलिए उस दिन गिदोन का नाम यह कहकर यरूब्बाल रखा गया, कि इसने जो बाल की वेदी गिराई है तो इस पर बाल आप वाद विवाद कर ले। इसके बाद सब मिद्यानी और अमालेकी और पूर्वी इकट्ठे हुए, और पार आकर यिज्रेल की तराई में डेरे डाले। तब यहोवा का आत्मा गिदोन में समाया; और उसने नरसिंगा फूँका, तब अबीएजेरी उसकी सुनने के लिये इकट्ठे हुए। फिर उसने समस्त मनश्शे के पास अपने दूत भेजे; और वे भी उसके समीप इकट्ठे हुए। और उसने आशेर, जबूलून, और नप्ताली के पास भी दूत भेजे; तब वे भी उससे मिलने को चले आए। तब गिदोन ने परमेश्वर से कहा, “यदि तू अपने वचन के अनुसार इस्राएल को मेरे द्वारा छुड़ाएगा, तो सुन, मैं एक भेड़ी की ऊन खलिहान में रखूँगा, और यदि ओस केवल उस ऊन पर पड़े, और उसे छोड़ सारी भूमि सूखी रह जाए, तो मैं जान लूँगा कि तू अपने वचन के अनुसार इस्राएल को मेरे द्वारा छुड़ाएगा।” और ऐसा ही हुआ। इसलिए जब उसने सवेरे उठकर उस ऊन को दबाकर उसमें से ओस निचोड़ी, तब एक कटोरा भर गया। फिर गिदोन ने परमेश्वर से कहा, “यदि मैं एक बार फिर कहूँ, तो तेरा क्रोध मुझ पर न भड़के; मैं इस ऊन से एक बार और भी तेरी परीक्षा करूँ, अर्थात् केवल ऊन ही सूखी रहे, और सारी भूमि पर ओस पड़े” उस रात को परमेश्वर ने ऐसा ही किया; अर्थात् केवल ऊन ही सूखी रह गई, और सारी भूमि पर ओस पड़ी।

शासक ग्रंथ 6:1-40 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

इस्राएल के वंशजों ने वह किया, जो याहवेह की नज़रों में गलत था; इस कारण याहवेह ने उन्हें सात सालों के लिए मिदियानियों के वश में कर दिया. मिदियान की ताकत इस्राएल पर प्रबल होती गई. इस कारण से मिदियान के डर से इस्राएल के वंशजों ने पहाड़ों में मांदें, गुफाएं और गढ़ को अपने निवास बना लिए थे. जब इस्राएली बीज बोते थे, मिदियानी अमालेकियों तथा पूर्वी देश के क्षेत्रों के लोगों के साथ मिलकर इस्राएलियों पर हमला कर करते थे. उनके विरुद्ध शिविर डालकर अज्जाह तक उनकी उपज को नष्ट कर देते थे. इस कारण इस्राएल में न तो भोजन सामग्री बची रह जाती थी, न भेड़ें, न बैल, न गधे. जब वे अपने पशुओं और छावनियों के साथ आते, वे टिड्डी दल के समान लगते थे. उनके ऊंट अनगिनत थे. देश में प्रवेश करते हुए उनका लक्ष्य सिर्फ विनाश ही हुआ करता था. मिदियान के द्वारा इस्राएल की अर्थ व्यवस्था बहुत ही कमजोर हो चुकी थी. इस कारण सहायता के लिए इस्राएलियों ने याहवेह की दोहाई दी. जब मिदियानियों के कारण इस्राएलियों ने याहवेह की दोहाई दी, याहवेह ने इस्राएल के वंशजों के लिए एक भविष्यद्वक्ता भेजा, जिसने उनसे कहा, “यह याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश है, मैं ही था जिसने मिस्र से, दासत्व के घर से, तुम्हें निकाला. मैंने मिस्रियों के अधिकार से, तुम्हारे सभी अत्याचारियों के हाथों से, तुम्हें छुड़ा लिया, उन्हें तुम्हारे सामने से दूर हटाकर तुम्हें उनका देश दे दिया. मैंने तुम्हें यह आश्वासन दिया, ‘मैं याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर हूं. जिन अमोरियों के देश में तुम रह रहे हो, ज़रूरी नहीं कि तुम उनके देवताओं से डर जाओ.’ मगर तुमने मेरे आदेश का पालन नहीं किया.” याहवेह का दूत उस बांज वृक्ष के नीचे आकर बैठ गया, जो ओफ़राह में था. यह वृक्ष अबीएज़री योआश की संपत्ति थी. गिदोन इस समय मिदियानियों से छिपाने के लिये अंगूर पेरने के कोल्हू में गेहूं को भूसी से अलग कर रहा था. याहवेह के दूत ने गिदोन पर प्रकट होकर उसका अभिवादन किया, “वीर योद्धा, याहवेह तुम्हारे पक्ष में है.” गिदोन ने उससे कहा, “माफ कीजिए मेरे स्वामी, यदि याहवेह हमारे पक्ष में हैं, तो हमारे साथ यह सब क्यों हो रहा है? कहां गए वे सभी अद्भुत काम जिनका वर्णन हमारे पूर्वजों ने हमसे किया था? वे कहते थे, ‘क्या वह याहवेह ही न थे, जिन्होंने हमें मिस्र देश से निकाल लिया है?’ किंतु अब तो याहवेह ने हमें छोड़ दिया है, और हमें मिदियानियों के हाथों में सौंप दिया है.” तब याहवेह ने गिदोन से कहा, “अपनी इसी शक्ति में जाकर मिदियानियों के अधिकार से इस्राएलियों को छुड़ाओ. तुम्हारे लिए यह मेरा आदेश है, मैं हूं तुम्हें भेजने वाला.” गिदोन ने याहवेह को उत्तर दिया, “माफ कीजिए मेरे प्रभु, मैं इस्राएल को कैसे छुड़ा सकता हूं? आप ही देखिए, मेरा परिवार मनश्शेह गोत्र में सबसे छोटा माना जाता है, तथा इसके अलावा अपने पिता के परिवार में मैं सबसे छोटा हूं.” जवाब में याहवेह ने कहा, “मगर मैं जो तुम्हारे साथ रहूंगा. तुम सारी मिदियानी सेना को ऐसे हरा दोगे जैसे सिर्फ एक व्यक्ति को.” गिदोन ने याहवेह से कहा, “यदि आप मुझसे संतुष्ट हुए हैं, तो मुझे एक चिन्ह दिखाकर साबित कर दीजिए, कि आप वही हैं, जो आप कह रहे हैं कि आप हैं. कृपया मेरे लौटने तक आप यहीं ठहरिए, कि मैं आपको अपनी भेंट चढ़ा सकूं.” उसने कहा, “तुम्हारे लौटने तक मैं यहीं ठहरूंगा.” गिदोन गया, और उसने एक एफाह आटे की अखमीरी रोटियां और एक मेमने के मांस का व्यंजन तैयार कर एक टोकरी में रखा और एक बर्तन में रसा लेकर बांज वृक्ष के नीचे गया, और वहां इन्हें स्वर्गदूत के सामने परोस दिया. परमेश्वर के दूत ने उससे कहा, “अखमीरी रोटी तथा मांस के व्यंजन को चट्टान पर सजा दो और रसा इनके ऊपर डाल दो.” गिदोन ने ऐसा ही किया. तब स्वर्गदूत ने अपने हाथ की छड़ी को आगे बढ़ाकर अखमीरी रोटी व मांस के व्यंजन को छुआ. चट्टान से आग निकली और अखमीरी रोटी व मांस को चट कर गई. इसके बाद याहवेह का दूत उसकी नज़रों से गायब हो गया. जब गिदोन को यह अहसास हुआ कि वह याहवेह का दूत ही था, वह कह उठा, “हाय, याहवेह परमेश्वर, मैंने तो याहवेह के दूत को आमने सामने देख लिया है.” याहवेह ने उसे आश्वासन दिया, “तुम्हारी मृत्यु नहीं होगी. भयभीत न होओ, तुम्हारा भला हो.” इस कारण गिदोन ने वहां याहवेह के लिए एक वेदी बनाई तथा उसे नाम दिया, याहवेह शालोम हैं. आज तक यह वेदी अबीएज़रियों के ओफ़राह में बनी हुई है. उसी रात याहवेह ने गिदोन से कहा, “अपने पिता का दूसरा बैल जो सात वर्ष का है, उसे लेकर जाओ. अपने पिता के बाल की वेदी गिरा दो तथा उसने निकट खड़े अशेरा को गिरा दो. फिर याहवेह, अपने परमेश्वर के लिए इसी गढ़ के ऊपर अच्छी सी वेदी को बनाओ. इसके बाद उस बैल की होमबलि चढ़ाओ और उसके लिए अशेरा खंभे की लकड़ी का इस्तेमाल करना, जिसे तुम पहले ही काट चुके होगे.” सो गिदोन अपने साथ दस सेवकों को लेकर वहां गया और वही किया, जैसा याहवेह ने आदेश दिया था. अपने पिता के परिवार तथा नगरवासियों के भय से उसने यह रात के समय किया. बड़े तड़के, जब नगरवासियों ने देखा कि बाल की वेदी गिर पड़ी थी, उसके निकट स्थापित की हुई अशेरा काट डाली गई थी, तथा निर्माण की हुई वेदी पर वह बैल को चढ़ाया गया था. वे आपस में सोचने विचारने लगे, “किसने किया है यह?” उनकी खोज तथा पूछताछ के फलस्वरूप, उन्हें सूचित किया गया, “यह योआश के पुत्र गिदोन ने किया है.” फिर नगरवासियों ने योआश को आदेश दिया, “बाहर लाओ अपने पुत्र को, कि उसे मृत्यु दंड दिया जाए, क्योंकि उसने बाल की वेदी गिरा दी, तथा उसके पास की अशेरा को काट डाला है.” किंतु योआश ने अपने उन सभी विरोधियों से कहा, “आपका उद्देश्य बाल के लिए विरोध करना है, या उसे सुरक्षा प्रदान करना? जो कोई बाल का विरोध करेगा, सुबह तक उसका वध कर दिया जाएगा, यदि बाल वास्तव में देवता है, वह स्वयं अपने बारे में बोलेगा, क्योंकि किसी ने उसकी वेदी गिरा दी है.” सो उस दिन योआश ने गिदोन को यरूबाल नाम दे दिया, जिसका मतलब है, “बाल ही उसका विरोध करे,” क्योंकि गिदोन ने बाल की वेदी गिरा दी थी. कुछ समय बाद सभी मिदियानी, अमालेक तथा पूर्वी देशों के लोग एकजुट हो गए यरदन पार कर उन्होंने येज़्रील घाटी में शिविर खड़े कर दिए. याहवेह का आत्मा गिदोन पर उतरा; गिदोन ने तुरही फूंकी और उसने अपने पीछे चलने के लिए अबीएज़ियों को बुलाया. उसने मनश्शेह गोत्र के सारे प्रदेश में दूत भेजे, और पीछे चलने के लिए उनको भी बुलाया. उसने आशेर, ज़ेबुलून तथा नफताली के गोत्रों में भी दूत भेज दिए, वे उससे भेंटकरने आ गए. गिदोन ने परमेश्वर से विनती की, “यदि आप मेरे द्वारा इस्राएल को छुड़वा रहे हैं, जैसा कि आपने ही कहा है, देखिए, मैं खलिहान में ऊन की कतरन छोड़ दूंगा; यदि ओस ऊन की कतरन पर ही पाई जाएगी, और सारी भूमि सूखी; तो मैं इससे समझ लूंगा कि आप अपने वचन के अनुसार मेरे द्वारा इस्राएल को छुड़ाएंगे.” ऐसा ही पाया गया! जब गिदोन ने अगले दिन उसे निचोड़ा, उसने इसमें से एक कटोरे भर जल इकट्ठा कर लिया. इसके बाद गिदोन ने परमेश्वर से विनती की, “कृपया मुझ पर क्रोध न करें; मैं एक बार और विनती करना चाहूंगा. इस बार ऊन की कतरन सूखी बनी रहे, तथा सारी भूमि पर ओस पाई जाए.” परमेश्वर ने उस रात वैसा ही किया; केवल ऊन की कतरन सूखी रही मगर सारी भूमि ओस से भीगी हुई थी.

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