याकूब 1:14-15
याकूब 1:14-15 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
हर एक व्यक्ति स्वयं अपनी ही अभिलाषा में पड़कर तथा फंसकर परीक्षा में जा पड़ता है. तब अभिलाषा गर्भधारण करती है और पाप को जन्म देती है और फिर पाप बढ़ जाता है और मृत्यु उत्पन्न करता है.
याकूब 1:14-15 पवित्र बाइबल (HERV)
हर कोई अपनी ही बुरी इच्छाओं के भ्रम में फँसकर परीक्षा में पड़ता है। फिर जब वह इच्छा गर्भवती होती है तो पाप पूरा बढ़ जाता है और वह मृत्यु को जन्म देता है।
याकूब 1:14-15 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
जो प्रलोभन में पड़ता है, वह अपनी ही वासना द्वारा खींचा और बहकाया जाता है। वासना के गर्भ से पाप का जन्म होता है और पाप विकसित हो कर मृत्यु को जन्म देता है।
याकूब 1:14-15 Hindi Holy Bible (HHBD)
परन्तु प्रत्येक व्यक्ति अपनी ही अभिलाषा में खिंच कर, और फंस कर परीक्षा में पड़ता है। फिर अभिलाषा गर्भवती होकर पाप को जनती है और पाप जब बढ़ जाता है तो मृत्यु को उत्पन्न करता है।
याकूब 1:14-15 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
परन्तु प्रत्येक व्यक्ति अपनी ही अभिलाषा से खिंचकर और फँसकर परीक्षा में पड़ता है। फिर अभिलाषा गर्भवती होकर पाप को जनती है और पाप जब बढ़ जाता है तो मृत्यु को उत्पन्न करता है।