यशायाह 6:1-3
यशायाह 6:1-3 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
जिस वर्ष उज्जिय्याह राजा मरा, मैं ने प्रभु को बहुत ही ऊँचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया। उससे ऊँचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छ: छ: पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुँह को ढाँपे थे और दो से अपने पाँवों को, और दो से उड़ रहे थे। वे एक दूसरे से पुकार पुकारकर कह रहे थे : “सेनाओं का यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है; सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है।”
यशायाह 6:1-3 पवित्र बाइबल (HERV)
जिस वर्ष राजा उज्जिय्याह की मृत्यु हुई, मैंने अपने अद्भुत स्वामी के दर्शन किये। वह एक बहुत ऊँचे सिंहासन पर विराजमान था। उसके लम्वे चोगे से मन्दिर भर गया था। यहोवा के चारों ओर साराप स्वर्गदूत खड़े थे। हर साराप (स्वर्गदूत) के छः छः पंख थे। इनमें से दो पंखों का प्रयोग वे अपने मुखों को ढकने के लिए किया करते थे तथा दो पंखों का प्रयोग अपने पैरों को ढकने के लिये करते थे और दो पंखों को वे उड़ने के काम में लाते थे। हर स्वर्गदूत दूसरे स्वर्गदूत से पुकार—पुकार कर कह रहे थे, “पवित्र, पवित्र, पवित्र, सर्वशक्तिशाली यहोवा परम पवित्र है! यहोवा की महिमा सारी धरती पर फैली है।” स्वर्गदूतों की वाणी के स्वर बहुत ऊँचे थे।
यशायाह 6:1-3 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
जिस वर्ष राजा उज्जियाह की मृत्यु हुई, मैंने यह दर्शन देखा : एक बहुत ऊंचे सिंहासन पर स्वामी बैठा है। उसकी राजसी पोशाक के छोर से मन्दिर भर गया है। उसके ऊपर की ओर साराप स्वर्गदूत खड़े थे। प्रत्येक दूत के छ: पंख थे। वे दो पंखों से अपना मुंह ढके थे। उन्होंने दो पंखों से अपने पैर को ढांप लिया था; और शेष दो पंखों से वे उड़ रहे थे। एक दूत दूसरे दूत से उच्च स्वर में यह कह रहा था : ‘पवित्र, पवित्र, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु पवित्र है। सम्पूर्ण पृथ्वी उसके तेज से परिपूर्ण है।’
यशायाह 6:1-3 Hindi Holy Bible (HHBD)
जिस वर्ष उज्जिय्याह राजा मरा, मैं ने प्रभु को बहुत ही ऊंचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया। उस से ऊंचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छ: छ: पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुंह को ढांपे थे और दो से अपने पांवों को, और दो से उड़ रहे थे। और वे एक दूसरे से पुकार पुकारकर कह रहे थे: सेनाओं का यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है; सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है।
यशायाह 6:1-3 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
जिस वर्ष उज्जियाह राजा मरा, मैंने प्रभु को बहुत ही ऊँचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्र के घेर से मन्दिर भर गया। (प्रका. 4:2,6, मत्ती 25:3, प्रका. 7:10) उससे ऊँचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छः छः पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुँह को ढाँपे थे और दो से अपने पाँवों को, और दो से उड़ रहे थे। और वे एक दूसरे से पुकार पुकारकर कह रहे थे: “सेनाओं का यहोवा पवित्र, पवित्र, पवित्र है; सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है।” (प्रका. 4:8, प्रका. 15:8)
यशायाह 6:1-3 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
यशायाह का दर्शन है उस वर्ष जब राजा उज्जियाह की मृत्यु हुई, उस वर्ष मैंने प्रभु को ऊंचे सिंहासन पर बैठे देखा, उनके वस्त्र से मंदिर ढंक गया है. और उनके ऊपर स्वर्गदूत दिखाई दिए जिनके छः-छः पंख थे: सबने दो पंखों से अपना मुंह ढंक रखा था, दो से अपने पैर और दो से उड़ रहे थे. वे एक दूसरे से इस प्रकार कह रहे थे: “पवित्र, पवित्र, पवित्र हैं सर्वशक्तिमान याहवेह; सारी पृथ्वी उनके तेज से भरी है.”