यशायाह 59:15-16
यशायाह 59:15-16 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
हाँ, सच्चाई खो गई, और जो बुराई से भागता है वह शिकार हो जाता है। यह देखकर यहोवा ने बुरा माना, क्योंकि न्याय जाता रहा। उसने देखा कि कोई भी पुरुष नहीं, और इस से अचम्भा किया कि कोई विनती करने वाला नहीं; तब उसने अपने ही भुजबल से उद्धार किया, और अपने धर्मी होने के कारण वह सम्भल गया।
यशायाह 59:15-16 पवित्र बाइबल (HERV)
सच्चाई चली गई और वे लोग लूटे गये जो भला करना चाहते थे। यहोवा ने ढूँढा था किन्तु कोई भी, कहीं भी अच्छाई न मिल पायी। यहोवा ने खोज देखा किन्तु उसे कोई व्यक्ति नहीं मिला जो लोगों के साथ खड़ा हो और उनको सहारा दे। इसलिये यहोवा ने स्वयं अपनी शक्ति का और स्वयं अपनी नेकी का प्रयोग किया और यहोवा ने लोगों को बचा लिया।
यशायाह 59:15-16 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
हमारे जीवन में सत्य का अभाव है; जो बुराई से दूर रहता है, वही ठगा जाता है। प्रभु ने यह देखा, वह अप्रसन्न हुआ कि न्याय का अस्तित्व नहीं रहा। उसने देखा कि किसी में भी पुरुषार्थ नहीं रहा। यह देखकर उसे अचरज हुआ कि कोई भी ऐसा मनुष्य नहीं है, जो बुराई से संघर्ष करे। अत: उसने अपने भुजबल से विजय प्राप्त की, और उसकी धार्मिकता ने उसका साथ दिया।
यशायाह 59:15-16 Hindi Holy Bible (HHBD)
हां, सच्चाई खोई, और जो बुराई से भागता है सो शिकार हो जाता है॥ यह देखकर यहोवा ने बुरा माना, क्योंकि न्याय जाता रहा, उसने देखा कि कोई भी पुरूष नहीं, और इस से अचम्भा किया कि कोई बिनती करने वाला नहीं; तब उसने अपने ही भुजबल से उद्धार किया, और अपने धर्मी होने के कारण वह सम्भल गया।
यशायाह 59:15-16 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
हाँ, सच्चाई खो गई, और जो बुराई से भागता है वह शिकार हो जाता है। यह देखकर यहोवा ने बुरा माना, क्योंकि न्याय जाता रहा। उसने देखा कि कोई भी पुरुष नहीं, और इससे अचम्भा किया कि कोई विनती करनेवाला नहीं; तब उसने अपने ही भुजबल से उद्धार किया, और अपने धर्मी होने के कारण वह सम्भल गया। (यहे. 22:30, इब्रा. 7:25, प्रका. 5:1-5, भज. 98:1)
यशायाह 59:15-16 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
हां यह सच है कि सच्चाई नहीं रही, वह जो बुराई से भागता है, वह खुद शिकार हो जाता है. न्याय तथा मुक्ति याहवेह ने देखा तथा उन्हें यह सब अच्छा नहीं लगा क्योंकि कहीं भी सच्चाई और न्याय नहीं रह गया है. उसने देखा वहां कोई भी मनुष्य न था, और न कोई मध्यस्थता करनेवाला है; तब उसी के हाथ ने उसका उद्धार किया, तथा उसके धर्म ने उसे स्थिर किया.