यशायाह 55:10-13

यशायाह 55:10-13 पवित्र बाइबल (HERV)

“आकाश से वर्षा और हिम गिरा करते हैं और वे फिर वहीं नहीं लौट जाते जब तक वे धरती को नहीं छू लेते हैं और धरती को गीला नहीं कर देते हैं। फिर धरती पौधों को अंकुरित करती है और उनको बढ़ाती है और वे पौधे किसानों के लिये बीज को उपजाते हैं और लोग उन बीजों से खाने के लिये रोटियाँ बनाते हैं। ऐसे ही मेरे मुख में से मेरे शब्द निकलते हैं और जब तक घटनाओं को घटा नहीं लेते, वे वापस नहीं आते हैं। मेरे शब्द ऐसी घटनाओं को घटाते हैं जिन्हें मैं घटवाना चाहता हूँ। मेरे शब्द वे सभी बातें पूरी करा लेते हैं जिनको करवाने को मैं उनको भेजता हूँ। “जब तुम्हें आनन्द से भरकर शांति और एकता के साथ में उस धरती से छुड़ाकर ले जाया जा रहा होगा जिसमें तुम बन्दी थे, तो तुम्हारे सामने खुशी में पहाड़ फट पड़ेंगे और थिरकने लगेंगे। पहाड़ियाँ नृत्य में फूट पड़ेंगी। तुम्हारे सामने जंगल के सभी पेड़ ऐसे हिलने लगेंगे जैसे तालियाँ पीट रहे हो। जहाँ कंटीली झाड़ियाँ उगा करती हैं वहाँ देवदार के विशाल वृक्ष उगेंगे। जहाँ खरपतवार उगा करते थे, वहाँ हिना के पेड़ उगेंगे। ये बातें उस यहोवा को प्रसिद्ध करेंगी। ये बातें प्रमाणित करेंगी कि यहोवा शक्तिपूर्णहै। यह प्रमाण कभी नष्ट नहीं होगा।”

यशायाह 55:10-13 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

‘आकाश से हिम गिरता है, और वर्षा की बूंदे टपकती हैं; वे लौटकर आकाश को नहीं जातीं, वरन् पृथ्‍वी पर भूमि को सींचती हैं। वे अन्न को उपजाती हैं; और बोनेवाले को बीज और खानेवाले को भोजन प्राप्‍त होता है। ऐसे ही जो शब्‍द मेरे मुंह से निकलता है, वह मेरे पास खाली नहीं लौटेगा; वरन् जिस उद्देश्‍य से मैंने उसको उच्‍चारा था, वह उसको पूरा करेगा; जिसके लिए मैंने उसको भेजा था, वह उसको सफल करेगा।’ तुम इस देश से आनन्‍दपूर्वक निकलोगे, और कुशलतापूर्वक तुम्‍हारा नेतृत्‍व किया जाएगा। मार्ग में आनेवाली पहाड़ियां और पहाड़ तुम्‍हारे सम्‍मुख आनन्‍द के गीत गाएंगे; मैदान के पेड़ हर्ष से तालियाँ बजाएंगे। तब जिन स्‍थानों पर भटकटैया के वृक्ष होते हैं, वहां सनोवर उगेंगे, बिच्‍छू झाड़ियों के स्‍थान पर मेहँदी उग आएगी। यह आश्‍चर्यपूर्ण घटना प्रभु का स्‍मारक चिह्‍न होगी; यह शाश्‍वत चिह्‍न होगा जो कभी नहीं मिटेगा।

यशायाह 55:10-13 Hindi Holy Bible (HHBD)

जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहां यों ही लौट नहीं जाते, वरन भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोने वाले को बीज और खाने वाले को रोटी मिलती है, उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा॥ क्योंकि तुम आनन्द के साथ निकलोगे, और शान्ति के साथ पहुंचाए जाओगे; तुम्हारे आगे आगे पहाड़ और पहाडिय़ां गला खोल कर जयजयकार करेंगी, और मैदान के सब वृक्ष आनन्द के मारे ताली बजाएंगे। तब भटकटैयों की सन्ती सनौवर उगेंगे; और बिच्छु पेड़ों की सन्ती मेंहदी उगेगी; और इस से यहोवा का नाम होगा, जो सदा का चिन्ह होगा और कभी न मिटेगा।

यशायाह 55:10-13 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

“जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहाँ यों ही लौट नहीं जाते, वरन् भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोनेवाले को बीज और खानेवाले को रोटी मिलती है, उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा। “क्योंकि तुम आनन्द के साथ निकलोगे, और शान्ति के साथ पहुँचाए जाओगे; तुम्हारे आगे आगे पहाड़ और पहाड़ियाँ गला खोलकर जयजयकार करेंगी, और मैदान के सब वृक्ष आनन्द के मारे ताली बजाएँगे। तब भटकटैयों के बदले सनौवर उगेंगे; और बिच्छू पेड़ों के बदले मेंहदी उगेगी; और इस से यहोवा का नाम होगा, जो सदा का चिह्न होगा और कभी न मिटेगा।”

यशायाह 55:10-13 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

“जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहाँ ऐसे ही लौट नहीं जाते, वरन् भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोनेवाले को बीज और खानेवाले को रोटी मिलती है, (2 कुरि. 9:10) उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैंने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा। “क्योंकि तुम आनन्द के साथ निकलोगे, और शान्ति के साथ पहुँचाए जाओगे; तुम्हारे आगे-आगे पहाड़ और पहाड़ियाँ गला खोलकर जयजयकार करेंगी, और मैदान के सब वृक्ष आनन्द के मारे ताली बजाएँगे। तब भटकटैयों के बदले सनोवर उगेंगे; और बिच्छू पेड़ों के बदले मेंहदी उगेगी; और इससे यहोवा का नाम होगा, जो सदा का चिन्ह होगा और कभी न मिटेगा।”

यशायाह 55:10-13

यशायाह 55:10-13 HINCLBSIयशायाह 55:10-13 HINCLBSI