इब्रानियों 5:12-14
इब्रानियों 5:12-14 पवित्र बाइबल (HERV)
वास्तव में इस समय तक तो तुम्हें शिक्षा देने वाला बन जाना चाहिए था। किन्तु तुम्हें तो अभी किसी ऐसे व्यक्ति की ही आवश्यकता है जो तुम्हें नए सिरे से परमेश्वर की शिक्षा की प्रारम्भिक बातें ही सिखाए। तुम्हें तो बस अभी दूध ही चाहिए, ठोस आहार नहीं। जो अभी दुध-मुहा बच्चा ही है, उसे धार्मिकता के वचन की पहचान नहीं होती। किन्तु ठोस आहार तो उन बड़ों के लिए ही होता है जिन्होंने अपने अनुभव से भले-बुरे में पहचान करना सीख लिया है।
इब्रानियों 5:12-14 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
इस समय तक आप लोगों को शिक्षक हो जाना चाहिए था, किन्तु यह आवश्यक हो गया है कि कोई आप को दुबारा परमेश्वर के वचनों का प्रारम्भिक ज्ञान दे। आप लोगों को ठोस भोजन की नहीं, बल्कि दूध की आवश्यकता है। जो दूध पर ही निर्वाह करता है, वह शिशु है और धार्मिकता की शिक्षा समझने में असमर्थ है, जब कि सिद्ध व्यक्ति ठोस भोजन करते हैं। वे अनुभवी हैं और अभ्यास के कारण उनकी ज्ञानेन्द्रियां भला-बुरा पहचानने में समर्थ हैं।
इब्रानियों 5:12-14 Hindi Holy Bible (HHBD)
समय के विचार से तो तुम्हें गुरू हो जाना चाहिए था, तौभी क्या यह आवश्यक है, कि कोई तुम्हें परमेश्वर के वचनों की आदि शिक्षा फिर से सिखाए ओर ऐसे हो गए हो, कि तुम्हें अन्न के बदले अब तक दूध ही चाहिए। क्योंकि दूध पीने वाले बच्चे को तो धर्म के वचन की पहिचान नहीं होती, क्योंकि वह बालक है। पर अन्न सयानों के लिये है, जिन के ज्ञानेन्द्रिय अभ्यास करते करते, भले बुरे में भेद करने के लिये पक्के हो गए हैं॥
इब्रानियों 5:12-14 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
समय के विचार से तो तुम्हें गुरु हो जाना चाहिए था, तौभी यह आवश्यक हो गया है कि कोई तुम्हें परमेश्वर के वचनों की आदि शिक्षा फिर से सिखाए। तुम तो ऐसे हो गए हो कि तुम्हें अन्न के बदले अब तक दूध ही चाहिए। क्योंकि दूध पीनेवाले बच्चे को तो धर्म के वचन की पहिचान नहीं होती, क्योंकि वह बालक है। पर अन्न सयानों के लिये है, जिनकी ज्ञानेन्द्रियाँ अभ्यास करते–करते भले–बुरे में भेद करने में निपुण हो गई हैं।
इब्रानियों 5:12-14 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
समय के विचार से तो तुम्हें गुरु हो जाना चाहिए था, तो भी यह आवश्यक है, कि कोई तुम्हें परमेश्वर के वचनों की आदि शिक्षा फिर से सिखाए? तुम तो ऐसे हो गए हो, कि तुम्हें अन्न के बदले अब तक दूध ही चाहिए। क्योंकि दूध पीनेवाले को तो धार्मिकता के वचन की पहचान नहीं होती, क्योंकि वह बच्चा है। पर अन्न सयानों के लिये है, जिनकी ज्ञानेन्द्रियाँ अभ्यास करते-करते, भले बुरे में भेद करने में निपुण हो गई हैं।
इब्रानियों 5:12-14 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
समय के अनुसार तो तुम्हें अब तक शिक्षक बन जाना चाहिए था किंतु अब आवश्यक यह हो गया है कि कोई तुम्हें दोबारा परमेश्वर के ईश्वरीय वचनों के शुरू के सिद्धांतों की शिक्षा दे. तुम्हें ठोस आहार नहीं, दूध की ज़रूरत हो गई है! वह जो मात्र दूध का सेवन करता है, धार्मिकता की शिक्षा से अपरिचित है, क्योंकि वह शिशु है. ठोस आहार सयानों के लिए होता है, जिन्होंने लगातार अभ्यास के द्वारा अपनी ज्ञानेन्द्रियों को इसके प्रति निपुण बना लिया है कि क्या सही है और क्या गलत.