इब्रानियों 4:9-11
इब्रानियों 4:9-11 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
अत: जान लो कि परमेश्वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है; क्योंकि जिसने उसके विश्राम में प्रवेश किया है, उसने भी परमेश्वर के समान अपने कामों को पूरा करके विश्राम किया है। अत: हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो कि कोई जन उन के समान आज्ञा न मानकर गिर पड़े।
इब्रानियों 4:9-11 पवित्र बाइबल (HERV)
तो खैर जो भी हो। परमेश्वर के भक्तों के लिए एक वैसी विश्राम रहती ही है जैसी विश्राम सातवें दिन परमेश्वर की थी। क्योंकि जो कोई भी परमेश्वर की विश्राम में प्रवेश करता है, अपने कर्मों से विश्राम पा जाता है। वैसे ही जैसे परमेश्वर ने अपने कर्मों से विश्राम पा लिया। सो आओ हम भी उस विश्राम में प्रवेश पाने के लिए प्रत्येक प्रयत्न करें ताकि उनकी अनाज्ञाकारिता के उदाहरण का अनुसरण करते हुए किसी का भी पतन न हो।
इब्रानियों 4:9-11 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
इसलिए अब भी परमेश्वर की प्रजा के लिए एक विश्राम-दिवस बना हुआ है। जिस व्यक्ति ने परमेश्वर के विश्रामस्थान में प्रवेश किया है, उसने, अर्थात् “येशु”† ने अपना कार्य समाप्त कर उसी प्रकार विश्राम किया है, जिस प्रकार परमेश्वर ने अपना कार्य समाप्त कर विश्राम किया। इसलिए हम उस विश्रामस्थान में प्रवेश करने का पूरा-पूरा प्रयत्न करें; कहीं ऐसा न हो कि उन लोगों की अवज्ञा के अनुकरण में किसी का पतन हो जाए।
इब्रानियों 4:9-11 Hindi Holy Bible (HHBD)
सो जान लो कि परमेश्वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है। क्योंकि जिस ने उसके विश्राम में प्रवेश किया है, उस ने भी परमेश्वर की नाईं अपने कामों को पूरा करके विश्राम किया है। सो हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उन की नाईं आज्ञा न मान कर गिर पड़े।
इब्रानियों 4:9-11 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
इसलिए जान लो कि परमेश्वर के लोगों के लिये सब्त का विश्राम बाकी है। क्योंकि जिसने उसके विश्राम में प्रवेश किया है, उसने भी परमेश्वर के समान अपने कामों को पूरा करके विश्राम किया है। (प्रका. 14:13, उत्प. 2:2) इसलिए हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें, ऐसा न हो, कि कोई जन उनके समान आज्ञा न मानकर गिर पड़े। (इब्रा. 4:1, 2 पत. 1:10,11)
इब्रानियों 4:9-11 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
इसलिये परमेश्वर की प्रजा के लिए अब भी एक शब्बाथ का विश्राम तय है; क्योंकि वह, जो परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करता है, अपने कामों से भी विश्राम करता है, जिस प्रकार स्वयं परमेश्वर ने विश्राम किया था. इसलिये हम उस विश्राम में प्रवेश का पूरे साहस से प्रयास करें, कि किसी को भी उसी प्रकार अनाज्ञाकारिता का दंड भोगना न पड़े.