इब्रानियों 2:14-18

इब्रानियों 2:14-18 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

इसलिये जब कि लड़के मांस और लहू के भागी हैं, तो वह आप भी उनके समान उनका सहभागी हो गया, ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्‍ति मिली थी, अर्थात् शैतान को निकम्मा कर दे; और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्व में फँसे थे, उन्हें छुड़ा ले। क्योंकि वह तो स्वर्गदूतों को नहीं वरन् अब्राहम के वंश को संभालता है। इस कारण उस को चाहिए था, कि सब बातों में अपने भाइयों के समान बने; जिससे वह उन बातों में जो परमेश्‍वर से सम्बन्ध रखती हैं, एक दयालु और विश्‍वासयोग्य महायाजक बने ताकि लोगों के पापों के लिये प्रायश्‍चित करे। क्योंकि जब उसने परीक्षा की दशा में दु:ख उठाया, तो वह उनकी भी सहायता कर सकता है जिनकी परीक्षा होती है।

इब्रानियों 2:14-18 पवित्र बाइबल (HERV)

क्योंकि संतान माँस और लहू युक्त थी इसलिए वह भी उनकी इस मनुष्यता में सहभागी हो गया ताकि अपनी मृत्यु के द्वारा वह उसे अर्थात् शैतान को नष्ट कर सके जिसके पास मारने की शक्ति है। और उन व्यक्तियों को मुक्त कर ले जिनका समूचा जीवन मृत्यु के प्रति अपने भय के कारण दासता में बीता है। क्योंकि यह निश्चित है कि वह स्वर्गदूतों की नहीं बल्कि इब्राहीम के वंशजों की सहायता करता है। इसलिए उसे हर प्रकार से उसके भाईयों के जैसा बनाया गया ताकि वह परमेश्वर की सेवा में दयालु और विश्वसनीय महायाजक बन सके। और लोगों को उनके पापों की क्षमा दिलाने के लिए बलि दे सके। क्योंकि उसने स्वयं उस समय, जब उसकी परीक्षा ली जा रही थी, यातनाएँ भोगी हैं। इसलिए जिनकी परीक्षा ली जा रही है, वह उनकी सहायता करने में समर्थ है।

इब्रानियों 2:14-18 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

परिवार की समस्‍त सन्‍तति का रक्‍त-मांस एक ही होता है, इसलिए येशु ने भी हमारा रक्‍त-मांस धारण किया, जिससे वह अपनी मृत्‍यु द्वारा मृत्‍यु पर अधिकार रखने वाले शैतान को परास्‍त करें और उन मनुष्‍यों को मुक्‍त कर दें, जो मृत्‍यु के भय के कारण जीवन-भर दासत्‍व में जकड़े रहे। निस्‍संदेह येशु स्‍वर्गदूतों की नहीं, बल्‍कि अब्राहम के वंशजों की सुधि लेते हैं। इसलिए यह आवश्‍यक था कि वह सभी बातों में अपने भाई-बहिनों† के सदृश बन जायें, जिससे वह परमेश्‍वर-सम्‍बन्‍धी बातों में मनुष्‍यों के दयालु और विश्‍वस्‍त महापुरोहित के रूप में प्रजा के पापों का प्रायश्‍चित कर सकें। येशु की परीक्षा ली गयी है और उन्‍होंने स्‍वयं दु:ख भोगा है इसलिए वह परीक्षा में पड़े हुए लोगों की सहायता कर सकते हैं।

इब्रानियों 2:14-18 Hindi Holy Bible (HHBD)

इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे। और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले। क्योंकि वह तो स्वर्गदूतों को नहीं वरन इब्राहीम के वंश को संभालता है। इस कारण उस को चाहिए था, कि सब बातों में अपने भाइयों के समान बने; जिस से वह उन बातों में जो परमेश्वर से सम्बन्ध रखती हैं, एक दयालु और विश्वास योग्य महायाजक बने ताकि लोगों के पापों के लिये प्रायश्चित्त करे। क्योंकि जब उस ने परीक्षा की दशा में दुख उठाया, तो वह उन की भी सहायता कर सकता है, जिन की परीक्षा होती है॥

इब्रानियों 2:14-18 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

इसलिए जबकि बच्चे माँस और लहू के भागी हैं, तो वह आप भी उनके समान उनका सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात् शैतान को निकम्मा कर दे, (रोम. 8:3, कुलु. 2:15) और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्व में फँसे थे, उन्हें छुड़ा ले। क्योंकि वह तो स्वर्गदूतों को नहीं वरन् अब्राहम के वंश को सम्भालता है। (गला. 3:29, यशा. 41:8-10) इस कारण उसको चाहिए था, कि सब बातों में अपने भाइयों के समान बने; जिससे वह उन बातों में जो परमेश्वर से सम्बंध रखती हैं, एक दयालु और विश्वासयोग्य महायाजक बने ताकि लोगों के पापों के लिये प्रायश्चित करे। क्योंकि जब उसने परीक्षा की दशा में दुःख उठाया, तो वह उनकी भी सहायता कर सकता है, जिनकी परीक्षा होती है।

इब्रानियों 2:14-18 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

इसलिये कि संतान लहू और मांस की होती है, मसीह येशु भी लहू और मांस के हो गए कि मृत्यु के द्वारा वह उसे अर्थात् शैतान को, जिसमें मृत्यु का सामर्थ्य था, बलहीन कर दें और वह उन सभी को स्वतंत्र कर दें, जो मृत्यु के भय के कारण जीवन भर दासत्व के अधीन होकर रह गए थे. यह तो सुनिश्चित है कि वह स्वर्गदूतों की नहीं परंतु अब्राहाम के वंशजों की सहायता करते हैं. इसलिये हर एक पक्ष में मसीह येशु का मनुष्य के समान बन जाना ज़रूरी था, कि सबके पापों के लिए वह प्रायश्चित बलि होने के लिए परमेश्वर के सामने कृपालु, और विश्वासयोग्य महापुरोहित बन जाएं. स्वयं उन्होंने अपनी परख के अवसर पर दुःख उठाया, इसलिये वह अब उन्हें सहायता प्रदान करने में सक्षम हैं, जिन्हें परीक्षा में डालकर परखा जा रहा है.