उत्‍पत्ति 38:1-30

उत्‍पत्ति 38:1-30 पवित्र बाइबल (HERV)

उन्हीं दिनों यहूदा ने अपने भाईयों को छोड़ दिया और हीरा नामक व्यक्ति के साथ रहने चला गया। हीरा अदुल्लाम नगर का था। यहूदा एक कनानी स्त्री से वहाँ मिला और उसने उससे विवाह कर लिया। स्त्री के पिता का नाम शूआ था। कनानी स्त्री ने एक पुत्र को जन्म दिया। उन्होंने उसका नाम एर रखा। बाद में उसने दूसरे पुत्र को जन्म दिया। उन्होंने लड़के का नाम ओनान रखा। बाद में उसे अन्य पुत्र शेला नाम का हुआ। यहूदा तीसरे बच्चे के जन्म के समय कजीब में रहता था। यहूदा ने अपने पुत्र एर के लिए पत्नी के रूप में एक स्त्री को चुना। स्त्री का नाम तामार था। किन्तु एर ने बहुत सी बुरी बातें की। यहोवा उससे प्रसन्न नहीं था। इसलिए यहोवा ने उसे मार डाला। तब यहूदा ने एर के भाई ओनान से कहा, “जाओ और मृत भाई की पत्नी के साथ सोओ तुम उसके पति के समान बनो। अगर बच्चे होंगे तो वे तुम्हारे भाई एर के होंगे।” ओनान जानता था कि इस जोड़े से पैदा बच्चे उसके नहीं होंगे। ओनान ने तामार के साथ शारीरिक सम्बन्ध किया। किन्तु उसने उसे अपना गर्भधारण करने नहीं दिया। इससे यहोवा क्रोधित हुआ। इसलिए यहोवा ने ओनान को भी मार डाला। तब यहूदा ने अपनी पुत्रबधू तामार से कहा, “अपने पिता के घर लौट जाओ। वहीं रहो और तब तक विवाह न करो जब तक मेरा छोटा पुत्र शेला बड़ा न हो जाए।” यहूदा को डर था कि शेला भी अपने भाईयों की तरह मार डाला जाएगा। तामार अपने पिता के घर लौट गई। बाद में शुआ की पुत्री यहूदा की पत्नी मर गई। यहूदा अपने शोक के समय के बाद अदुल्लाम के अपने मित्र हीरा के साथ तिम्नाथ गया। यहूदा अपनी भेड़ों का ऊन काटने तिम्नाथ गया। तामार को यह मालुम हुआ कि उसके ससुर यहूदा अपनी भेड़ों का ऊन काटने तिम्नाथ जा रहा है। तामार सदा ऐसे वस्त्र पहनती थी जिससे मालूम हो कि वह विधवा है। इसलिए उसने कुछ अन्य वस्त्र पहने और मुँह को पर्दे में ढक लिया। तब वह तिम्नाथ नगर के पास एनैम को जाने वाली सड़क के किनारे बैठ गई। तामार जानती थी कि यहूदा का छोटा पुत्र शेला अब बड़ा हो गया है। लेकिन यहूदा उससे उसके विवाह की कोई योजना नहीं बना रहा था। यहूदा ने उसी सड़क से यात्रा की। उसने उसे देखा, किन्तु सोचा कि वह वेश्या है। (उसका मुख वेश्या की तरह ढका हुआ था।) इसलिए यहूदा उसके पास गया और बोला, “मुझे अपने साथ शारीरिक सम्बन्ध करने दो।” (यहूदा नहीं जानता था कि वह उसकी पुत्र वधू तामार है।) तामार बोली, “तुम मुझे कितना दोगे?” यहूदा ने उत्तर दिया, “मैं अपनी रेवड़ से तुम्हें एक नयी बकरी भेजूँगा।” उसने उत्तर दिया, “मैं इसे स्वीकार करती हूँ किन्तु पहले तुम मुझे कुछ रखने को दो जब तक तुम बकरी नहीं भेजते।” यहूदा ने पूछा, “मैं बकरी भेजूँगा इसके प्रमाण के लिए तुम मुझ से क्या लेना चाहोगी?” तामार ने उत्तर दिया, “मुझे विशेष मुहर और इसकी रस्सी, जो तुम अपने पत्रों के लिए प्रयोग करते हो, दो और मुझे अपने टहलने की छड़ी दो।” यहूदा ने ये चीजें उसे दे दीं। तब यहूदा और तामार ने शारीरिक सम्बन्ध किया और तामार गर्भवती हो गई। तामार घर गई और मुख को ढकने वाले पर्दे को हटा दिया। तब उसने फिर अपने को विधवा बताने वाले विशेष वस्त्र पहन लिए। यहूदा ने अपने मित्र हीरा को तामार के घर उसको वचन दी हुई बकरी देने के लिए भेजा। यहूदा ने हीरा से विशेष मुहर तथा टहलने की छड़ी भी उससे लेने के लिए कहा। किन्तु हीरा उसका पता न लगा सका। हीरा ने एनैम नगर के कुछ लोगों से पूछा, “सड़क के किनारे जो वेश्या थी वह कहाँ है?” लोगों ने कहा, “यहाँ कभी कोई वेश्या नहीं थी।” इसलिए यहूदा का मित्र यहूदा के पास लौट गया और उससे कहा, “मैं उस स्त्री का पता नहीं लगा सका। जो लोग उस स्थान पर रहते हैं उन्होंने बताया कि वहाँ कभी कोई वेश्या नहीं थी।” इसलिए यहूदा ने कहा, “उसे वे चीजें रखने दो। मैं नहीं चाहता कि लोग हम पर हँसे। मैंने उसे बकरी देनी चाही, किन्तु हम उसका पता नहीं लगा सके यही पर्याप्त है।” लगभग तीन महीने बाद किसी ने यहूदा से कहा, “तुम्हारी पुत्रवधु तामार ने वेश्या की तरह पाप किया है और अब वह गर्भवती है।” तब यहूदा ने कहा, “उसे बाहर निकालो और मार डालो। उसके शरीर को जला दो।” उसके आदमी तामार को मारने गए। किन्तु तामार ने अपने ससुर के पास सन्देश भेजा। तामार ने कहा, “जिस पुरुष ने मुझे गर्भवती किया है उसी की ये चीजें हैं। तब उसने उसे विशेष मुहर बाजूबन्द और टहलने की छड़ी दिखाई। इन चीजों को देखो। ये किसकी है? यह किस की विशेष मुहर, बाजूबन्द और रस्सी हैं? किसकी यह टहलने की छड़ी है?” यहूदा ने उन चीजों को पहचाना और कहा, “यह ठीक कहती है। मैं गलती पर था। मैंने अपने वचन के अनुसार अपने पुत्र शेला को इसे नहीं दिया।” और यहूदा उसके साथ फिर नहीं सोया। तामार के बच्चा देने का समय आया और उन्होंने देखा कि वह जुड़वे बच्चों को जन्म देगी। जिस समय वह जन्म दे रही थी एक बच्चे ने बाहर हाथ निकाला। धाय ने हाथ पर लाल धागा बाँधा और कहा, “यह बच्चा पहले पैदा हुआ।” लेकिन उस बच्चे ने अपना हाथ वापस भीतर खींच लिया। तब दूसरा बच्चा पहले पैदा हुआ। तब धाय ने कहा, “तुम ही पहले बाहर निकलने में समर्थ हुए।” इसलिए उन्होंने उसका नाम पेरेस रखा। (इस नाम का अर्थ “खुल पड़ना” या “फट पड़ना” है।) इसके बाद दूसरा बच्चा उत्पन्न हुआ। यह बच्चा के हाथ पर लाल धागा था। उन्होंने उसका नाम जेरह रखा।

उत्‍पत्ति 38:1-30 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

एक समय ऐसा हुआ कि यहूदा अपने भाइयों से अलग होकर चला गया। वह अदुल्‍लाम नगर के एक निवासी के पास रहने लगा जिसका नाम हीरा था। वहाँ यहूदा ने एक कनानी मनुष्‍य की पुत्री को देखा। उस मनुष्‍य का नाम शूआ था। यहूदा ने शूआ की पुत्री से विवाह कर लिया। फिर उसके साथ सहवास किया। वह गर्भवती हुई और उसने एक पुत्र को जन्‍म दिया। यहूदा ने उसका नाम एर रखा। वह पुन: गर्भवती हुई। उसने एक और पुत्र को जन्‍म दिया। मां ने उसका नाम ओनन रखा। उसने एक और पुत्र को जन्‍म दिया। मां ने उसका नाम शेला रखा। जब उसने उसे जन्‍म दिया तब वह कजीब नगर में थी। यहूदा ने अपने ज्‍येष्‍ठ पुत्र एर का विवाह किया। उसकी पुत्र-वधू का नाम तामार था। यहूदा का ज्‍येष्‍ठ पुत्र एर प्रभु की दृष्‍टि में बुरा आदमी था। अतएव प्रभु ने उसे मार डाला। यहूदा ने ओनन से कहा, ‘तुम अपने भाई की पत्‍नी के साथ सहवास करो, और देवर का कर्त्तव्‍य पूरा कर अपने भाई के लिए वंश उत्‍पन्न करो।’ किन्‍तु ओनन यह बात जानता था कि तामार से उत्‍पन्न वंश उसका अपना न कहलाएगा। अतएव जब उसने अपने भाई की पत्‍नी के साथ सहवास किया तब वीर्य भूमि पर गिरा दिया जिससे वह अपने मृत भाई को वंश प्रदान न कर सके। उसका यह कार्य प्रभु की दृष्‍टि में बुरा था। अत: प्रभु ने उसे मार डाला। यहूदा ने अपनी बहू तामार से कहा, ‘जब तक मेरा पुत्र शेला युवा न हो जाए, तुम अपने पिता के घर में विधवा के सदृश रहो।’ यहूदा सोचता था कि ऐसा न हो कि शेला भी अपने भाइयों के समान मर जाए। अत: तामार चली गई। वह अपने पिता के घर में रहने लगी। बहुत दिन बीत गए। शूआ की पुत्री अर्थात् यहूदा की पत्‍नी की मृत्‍यु हो गई। उसने अपनी पत्‍नी के लिए शोक मनाया। जब शोक के दिन समाप्‍त हुए और उसको सान्‍त्‍वना प्राप्‍त हुई, तब वह अपने अदुल्‍लामी मित्र हीरा के साथ तिम्‍नाह नगर गया, जहाँ उसकी भेड़-बकरी का ऊन कतरने वाले रहते थे। किसी ने तामार को बताया, ‘तुम्‍हारा ससुर अपनी भेड़-बकरियों का ऊन कतरने के लिए तिम्‍नाह नगर जा रहा है।’ तामार ने विधवा के वस्‍त्र उतार दिए। उसने एक बुरका ओढ़ कर अपने को ढांप लिया और वह तिम्‍नाह के मार्ग पर स्‍थित ए-नईम नगर के प्रवेश-द्वार पर बैठ गई। तामार ने देखा कि उसका देवर शेला जवान हो गया है; पर उसके साथ उसका विवाह नहीं किया गया। जब यहूदा ने तामार को देखा, तब उसे देवदासी समझा; क्‍योंकि वह अपना मुख ढांपे हुए थी। वह मार्ग के किनारे उसके पास गया। उसने तामार से कहा, ‘मुझे अपने साथ सहवास करने दो।’ यहूदा नहीं जानता था कि वह उसकी बहू है। तामार बोली, ‘यदि मैं आपको अपने साथ सहवास करने दूं, तो आप मुझे क्‍या देंगे?’ यहूदा बोला, ‘मैं रेवड़ में से एक बकरी का बच्‍चा तुझे भेज दूंगा।’ तामार ने कहा, ‘जब तक आप उसे भेजेंगे, तब तक क्‍या आप मेरे पास कुछ रेहन रखेंगे?’ यहूदा ने पूछा, ‘मैं रेहन में तुम्‍हें क्‍या दूं?’ तामार ने उत्तर दिया, ‘आपकी मोहर, गले की डोरी और आपके हाथ का डंडा।’ यहूदा ने ये वस्‍तुएँ उसे दे दीं और उसके साथ सहवास किया। तामार उससे गर्भवती हुई। तत्‍पश्‍चात् वह उठकर चली गई। उसने बुरका उतार दिया और विधवा के वस्‍त्र पहिन लिये। यहूदा ने अपने अदुल्‍लामी मित्र हीरा के हाथ बकरी का एक बच्‍चा भेजा कि वह देवदासी के हाथ से रेहन छुड़ा ले। परन्‍तु वह उसको न मिली। हीरा ने उस स्‍थान के लोगों से पुछा, ‘वह देवदासी कहां है जो ए-नईम के प्रवेश-द्वार पर मार्ग के किनारे बैठी थी?’ उन्‍होंने कहा, ‘यहाँ कोई देवदासी नहीं थी।’ उसने लौटकर यहूदा से कहा, ‘मुझे वह नहीं मिली। उस स्‍थान के लोगों का कहना है, यहाँ कोई देवदासी नहीं थी।’ यहूदा बोला, ‘अच्‍छा, वह रेहन की चीजें अपने पास रख ले। अन्‍यथा यहाँ के लोग हमारा मजाक उड़ाएंगे। मैं उसका मूल्‍य चुकाना चाहता था। इसलिए मैंने यह बकरी का बच्‍चा भेजा था, किन्‍तु वह तुम्‍हें नहीं मिली।’ लगभग तीन महीने के पश्‍चात् यहूदा को किसी ने बताया, ‘तुम्‍हारी बहू तामार ने व्‍यभिचार किया है। उसे व्‍यभिचार से गर्भ भी है।’ यहूदा ने कहा, ‘उसे बाहर निकालकर जला दो।’ जब लोग उसे बाहर निकाल रहे थे तब उसने अपने ससुर को यह सन्‍देश भेजा, ‘जिस व्यक्‍ति की ये वस्‍तुएँ हैं, उसका मुझे गर्भ है। कृपया ध्‍यान से देखिए कि ये वस्‍तुएँ−मोहर, डोरी और डण्‍डा−किस व्यक्‍ति की हैं?’ यहूदा ने उन्‍हें पहचान लिया। उसने कहा, ‘वह मुझसे अधिक धार्मिक है; क्‍योंकि मैंने उसके प्रति अपने कर्त्तव्‍य को पूरा नहीं किया और अपने पुत्र शेला का विवाह उससे नहीं किया।’ उस ने तामार के साथ फिर कभी सहवास नहीं किया। जब तामार का प्रसव-काल आया तब ज्ञात हुआ कि उसके गर्भ में जुड़वां बच्‍चे हैं। जब वह बच्‍चों को जन्‍म दे रही थी तब एक बच्‍चे ने हाथ बाहर निकाला। दाई ने उसका हाथ पकड़ा और उस पर एक लाल डोरा बांध कर कहा, ‘यह गर्भ से पहिले बाहर निकला।’ परन्‍तु जब बच्‍चे ने अपना हाथ भीतर कर लिया तब उसका भाई बाहर निकला। दाई ने कहा, ‘अरे! तूने स्‍वयं ही निकलने का मार्ग बना लिया।’ अतएव उसका नाम ‘पेरेस’ रखा गया। उसके जन्‍म के पश्‍चात् उसका भाई जिसके हाथ पर लाल डोरा बंधा था, गर्भ से बाहर निकला। उसका नाम ‘जेरह’ रखा गया।

उत्‍पत्ति 38:1-30 Hindi Holy Bible (HHBD)

उन्हीं दिनों में ऐसा हुआ, कि यहूदा अपने भाईयों के पास से चला गया, और हीरा नाम एक अदुल्लामवासी पुरूष के पास डेरा किया। वहां यहूदा ने शूआ नाम एक कनानी पुरूष की बेटी को देखा; और उसको ब्याह कर उसके पास गया। वह गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ; और यहूदा ने उसका नाम एर रखा। और वह फिर गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ; और उसका नाम ओनान रखा गया। फिर उसके एक पुत्र और उत्पन्न हुआ, और उसका नाम शेला रखा गया: और जिस समय इसका जन्म हुआ उस समय यहूदा कजीब में रहता था। और यहूदा ने तामार नाम एक स्त्री से अपने जेठे एर का विवाह कर दिया। परन्तु यहूदा का वह जेठा एर यहोवा के लेखे में दुष्ट था, इसलिये यहोवा ने उसको मार डाला। तब यहूदा ने ओनान से कहा, अपनी भौजाई के पास जा, और उसके साथ देवर का धर्म पूरा करके अपने भाई के लिये सन्तान उत्पन्न कर। ओनान तो जानता था कि सन्तान तो मेरी न ठहरेगी: सो ऐसा हुआ, कि जब वह अपनी भौजाई के पास गया, तब उसने भूमि पर वीर्य गिराकर नाश किया, जिस से ऐसा न हो कि उसके भाई के नाम से वंश चले। यह काम जो उसने किया उसे यहोवा अप्रसन्न हुआ: और उसने उसको भी मार डाला। तब यहूदा ने इस डर के मारे, कि कहीं ऐसा न हो कि अपने भाइयों की नाईं शेला भी मरे, अपनी बहू तामार से कहा, जब तक मेरा पुत्र शेला सियाना न हो तब तक अपने पिता के घर में विधवा की बैठी रह, सो तामार अपने पिता के घर में जा कर रहने लगी। बहुत समय के बीतने पर यहूदा की पत्नी जो शूआ की बेटी थी सो मर गई; फिर यहूदा शोक से छूटकर अपने मित्र हीरा अदुल्लामवासी समेत अपनी भेड़-बकरियों का ऊन कतराने के लिये तिम्नाथ को गया। और तामार को यह समाचार मिला, कि तेरा ससुर अपनी भेड़-बकरियों का ऊन कतराने के लिये तिम्नाथ को जा रहा है। तब उसने यह सोच कर, कि शेला सियाना तो हो गया पर मैं उसकी स्त्री नहीं होने पाई; अपना विधवापन का पहिरावा उतारा, और घूंघट डाल कर अपने को ढांप लिया, और एनैम नगर के फाटक के पास, जो तिम्नाथ के मार्ग में है, जा बैठी: जब यहूदा ने उसको देखा, उसने उसको वेश्या समझा; क्योंकि वह अपना मुंह ढ़ापे हुए थी। और वह मार्ग से उसकी ओर फिरा और उससे कहने लगा, मुझे अपने पास आने दे, (क्योंकि उसे यह मालूम न था कि वह उसकी बहू है)। और वह कहने लगी, कि यदि मैं तुझे अपने पास आने दूं, तो तू मुझे क्या देगा? उसने कहा, मैं अपनी बकरियों में से बकरी का एक बच्चा तेरे पास भेज दूंगा। तब उसने कहा, भला उस के भेजने तक क्या तू हमारे पास कुछ रेहन रख जाएगा? उस ने पूछा, मैं तेरे पास क्या रेहन रख जाऊं? उस ने कहा, अपनी मुहर, और बाजूबन्द, और अपने हाथ की छड़ी। तब उसने उसको वे वसतुएं दे दीं, और उसके पास गया, और वह उससे गर्भवती हुई। तब वह उठ कर चली गई, और अपना घूंघट उतार के अपना विधवापन का पहिरावा फिर पहिन लिया। तब यहूदा ने बकरी का बच्चा अपने मित्र उस अदुल्लामवासी के हाथ भेज दिया, कि वह रेहन रखी हुई वस्तुएं उस स्त्री के हाथ से छुड़ा ले आए; पर वह स्त्री उसको न मिली। तब उसने वहां के लोगों से पूछा, कि वह देवदासी जो एनैम में मार्ग की एक और बैठी थी, कहां है? उन्होंने कहा, यहां तो कोई देवदासी न थी। सो उसने यहूदा के पास लौट के कहा, मुझे वह नहीं मिली; और उस स्थान के लोगों ने कहा, कि यहां तो कोई देवदासी न थी। तब यहूदा ने कहा, अच्छा, वह बन्धक उस के पास रहने दे, नहीं तो हम लोग तुच्छ गिने जाएंगे: देख, मैं ने बकरी का यह बच्चा भेज दिया, पर वह तुझे नहीं मिली। और तीन महीने के पीछे यहूदा को यह समाचार मिला, कि तेरी बहू तामार ने व्यभिचार किया है; वरन वह व्यभिचार से गर्भवती भी हो गई है। तब यहूदा ने कहा, उसको बाहर ले आओ, कि वह जलाई जाए। जब उसे बाहर निकाल रहे थे, तब उसने, अपने ससुर के पास यह कहला भेजा, कि जिस पुरूष की ये वस्तुएं हैं, उसी से मैं गर्भवती हूं; फिर उसने यह भी कहलाया, कि पहिचान तो सही, कि यह मुहर, और बाजूबन्द, और छड़ी किस की है। यहूदा ने उन्हें पहिचान कर कहा, वह तो मुझ से कम दोषी है; क्योंकि मैं ने उसे अपने पुत्र शेला को न ब्याह दिया। और उसने उससे फिर कभी प्रसंग न किया। जब उसके जनने का समय आया, तब यह जान पड़ा कि उसके गर्भ में जुड़वे बच्चे हैं। और जब वह जनने लगी तब एक बालक ने अपना हाथ बढ़ाया: और धाय ने लाल सूत ले कर उसके हाथ में यह कहते हुथे बान्ध दिया, कि पहिले यही उत्पन्न हुआ। जब उसने हाथ समेट लिया, तब उसका भाई उत्पन्न हो गया: तब उस धाय ने कहा, तू क्यों बरबस निकल आया है? इसलिये उसका नाम पेरेस रखा गया। पीछे उसका भाई जिसके हाथ में लाल सूत बन्धा था उत्पन्न हुआ, और उसका नाम जेरह रखा गया॥

उत्‍पत्ति 38:1-30 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

उन्हीं दिनों में ऐसा हुआ कि यहूदा अपने भाइयों के पास से चला गया, और हीरा नामक एक अदुल्‍लामवासी पुरुष के पास डेरा किया। वहाँ यहूदा ने शूआ नामक एक कनानी पुरुष की बेटी को देखा; और उससे विवाह करके उसके पास गया। वह गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ; और यहूदा ने उसका नाम एर रखा। वह फिर गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र और उत्पन्न हुआ, और उसका नाम ओनान रखा गया। फिर उसके एक पुत्र और उत्पन्न हुआ, और उसका नाम शेला रखा गया; और जिस समय इसका जन्म हुआ उस समय यहूदा कजीब में रहता था। और यहूदा ने तामार नाम की एक स्त्री से अपने जेठे एर का विवाह कर दिया। परन्तु यहूदा का वह जेठा एर यहोवा के लेखे में दुष्‍ट था, इसलिये यहोवा ने उसको मार डाला। तब यहूदा ने ओनान से कहा, “अपनी भौजाई के पास जा, और उसके साथ देवर का धर्म पूरा करके अपने भाई के लिये सन्तान उत्पन्न कर।” ओनान जानता था कि सन्तान मेरी न ठहरेगी; इसलिये ऐसा हुआ कि जब वह अपनी भौजाई के पास गया, तब उसने भूमि पर वीर्य गिराकर नाश किया, जिससे ऐसा न हो कि उसके भाई के नाम से वंश चले। यह काम जो उसने किया उससे यहोवा अप्रसन्न हुआ; और उसने उसको भी मार डाला। तब यहूदा ने इस डर के मारे कि कहीं ऐसा न हो कि अपने भाइयों के समान शेला भी मरे, अपनी बहू तामार से कहा, “जब तक मेरा पुत्र शेला सियाना न हो जाए तब तक अपने पिता के घर में विधवा ही बैठी रह। इसलिये तामार अपने पिता के घर में जाकर रहने लगी। बहुत समय के बीतने पर यहूदा की पत्नी जो शूआ की बेटी थी, वह मर गई; फिर यहूदा शोक के दिन बीतने पर अपने मित्र हीरा अदुल्‍लामवासी समेत अपनी भेड़–बकरियों का ऊन कतरनेवालों के पास तिम्नाथ को गया। और तामार को यह समाचार मिला, “तेरा ससुर अपनी भेड़–बकरियों का ऊन कतराने के लिये तिम्नाथ को जा रहा है।” तब उसने यह सोचकर कि शेला सियाना तो हो गया पर मैं उसकी स्त्री नहीं होने पाई; अपना विधवापन का पहिरावा उतारा और घूँघट डालकर अपने को ढाँप लिया, और एनैम नगर के फाटक के पास, जो तिम्नाथ के मार्ग में है, जा बैठी। जब यहूदा ने उसको देखा, उसने उसको वेश्या समझा; क्योंकि वह अपना मुँह ढाँपे हुए थी। वह मार्ग से उसकी ओर फिरा, और उससे कहने लगा, “मुझे अपने पास आने दे,” (क्योंकि उसे यह मालूम न था कि वह उसकी बहू है।) उसने कहा, “यदि मैं तुझे अपने पास आने दूँ, तो तू मुझे क्या देगा?” उसने कहा, “मैं अपनी बकरियों में से बकरी का एक बच्‍चा तेरे पास भेज दूँगा।” तब उसने कहा, “भला उसके भेजने तक क्या तू हमारे पास कुछ रेहन रख जाएगा?” उसने पूछा, “मैं तेरे पास क्या रेहन रख जाऊँ?” उसने कहा, “अपनी मुहर, और बाजूबन्द, और अपने हाथ की छड़ी।” तब उसने उसको वे वस्तुएँ दे दीं, और उसके पास गया, और वह उससे गर्भवती हुई। तब वह उठकर चली गई, और अपना घूँघट उतार के अपना विधवापन का पहिरावा फिर पहिन लिया। तब यहूदा ने बकरी का एक बच्‍चा अपने मित्र उस अदुल्‍लामवासी के हाथ भेज दिया कि वह रेहन रखी हुई वस्तुएँ उस स्त्री के हाथ से छुड़ा ले आए; पर वह स्त्री उसको न मिली। तब उसने वहाँ के लोगों से पूछा, “वह देवदासी जो एनैम में मार्ग की एक ओर बैठी थी, कहाँ है?” उन्होंने कहा, “यहाँ तो कोई देवदासी न थी।” इसलिये उसने यहूदा के पास लौट के कहा, “मुझे वह नहीं मिली; और उस स्थान के लोगों ने कहा, ‘यहाँ तो कोई देवदासी न थी’।” तब यहूदा ने कहा, “अच्छा, वह बन्धक उसी के पास रहने दे, नहीं तो हम लोग तुच्छ गिने जाएँगे; देख, मैं ने बकरी का यह बच्‍चा भेज दिया था, पर वह तुझे नहीं मिली।” लगभग तीन महीने के बाद यहूदा को यह समाचार मिला, “तेरी बहू तामार ने व्यभिचार किया है; वरन् वह व्यभिचार से गर्भवती भी हो गई है।” तब यहूदा ने कहा, “उसको बाहर ले आओ कि वह जलाई जाए।” जब उसे बाहर निकाला जा रहा था तब उसने अपने ससुर के पास यह कहला भेजा, “जिस पुरुष की ये वस्तुएँ हैं, उसी से मैं गर्भवती हूँ,” फिर उसने यह भी कहलाया, “पहिचान तो सही कि यह मुहर, और बाजूबन्द, और छड़ी किसकी हैं।” यहूदा ने उन्हें पहिचानकर कहा, “वह तो मुझ से कम दोषी है; क्योंकि मैं ने उसका अपने पुत्र शेला से विवाह न किया।” और उसने उससे फिर कभी प्रसंग न किया। जब उसके जनने का समय आया, तब यह जान पड़ा कि उसके गर्भ में जुड़वे बच्‍चे हैं। और जब वह जनने लगी तब एक बालक का हाथ बाहर आया, और धाय ने लाल सूत लेकर उसके हाथ में यह कहते हुए बाँध दिया, “पहले यही उत्पन्न हुआ।” जब उसने हाथ समेट लिया, तब उसका भाई उत्पन्न हो गया। तब उस धाय ने कहा, “तू क्यों बरबस निकल आया है?” इसलिये उसका नाम पेरेस रखा गया। पीछे उसका भाई जिसके हाथ में लाल सूत बन्धा था उत्पन्न हुआ, और उसका नाम जेरह रखा गया।

उत्‍पत्ति 38:1-30 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

उन्हीं दिनों में ऐसा हुआ कि यहूदा अपने भाइयों के पास से चला गया, और हीरा नामक एक अदुल्लामवासी पुरुष के पास डेरा किया। वहाँ यहूदा ने शूआ नामक एक कनानी पुरुष की बेटी को देखा; और उससे विवाह करके उसके पास गया। वह गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ; और यहूदा ने उसका नाम एर रखा। और वह फिर गर्भवती हुई, और उसके एक पुत्र और उत्पन्न हुआ; और उसका नाम ओनान रखा गया। फिर उसके एक पुत्र और उत्पन्न हुआ, और उसका नाम शेला रखा गया; और जिस समय इसका जन्म हुआ उस समय यहूदा कजीब में रहता था। और यहूदा ने तामार नामक एक स्त्री से अपने जेठे एर का विवाह कर दिया। परन्तु यहूदा का वह जेठा एर यहोवा के लेखे में दुष्ट था, इसलिए यहोवा ने उसको मार डाला। तब यहूदा ने ओनान से कहा, “अपनी भौजाई के पास जा, और उसके साथ देवर का धर्म पूरा करके अपने भाई के लिये सन्तान उत्पन्न कर।” ओनान तो जानता था कि सन्तान मेरी न ठहरेगी; इसलिए ऐसा हुआ कि जब वह अपनी भौजाई के पास गया, तब उसने भूमि पर वीर्य गिराकर नाश किया, जिससे ऐसा न हो कि उसके भाई के नाम से वंश चले। यह काम जो उसने किया उससे यहोवा अप्रसन्न हुआ और उसने उसको भी मार डाला। तब यहूदा ने इस डर के मारे कि कहीं ऐसा न हो कि अपने भाइयों के समान शेला भी मरे, अपनी बहू तामार से कहा, “जब तक मेरा पुत्र शेला सयाना न हो जाए तब तक अपने पिता के घर में विधवा ही बैठी रह।” इसलिए तामार अपने पिता के घर में जाकर रहने लगी। बहुत समय के बीतने पर यहूदा की पत्नी जो शूआ की बेटी थी, वह मर गई; फिर यहूदा शोक के दिन बीतने पर अपने मित्र हीरा अदुल्लामवासी समेत अपनी भेड़-बकरियों का ऊन कतरनेवालों के पास तिम्नाह को गया। और तामार को यह समाचार मिला, “तेरा ससुर अपनी भेड़-बकरियों का ऊन कतराने के लिये तिम्नाह को जा रहा है।” तब उसने यह सोचकर कि शेला सयाना तो हो गया पर मैं उसकी स्त्री नहीं होने पाई; अपना विधवापन का पहरावा उतारा और घूँघट डालकर अपने को ढाँप लिया, और एनैम नगर के फाटक के पास, जो तिम्नाह के मार्ग में है, जा बैठी। जब यहूदा ने उसको देखा, उसने उसको वेश्या समझा; क्योंकि वह अपना मुँह ढाँपे हुए थी। वह मार्ग से उसकी ओर फिरा, और उससे कहने लगा, “मुझे अपने पास आने दे,” (क्योंकि उसे यह मालूम न था कि वह उसकी बहू है।) और वह कहने लगी, “यदि मैं तुझे अपने पास आने दूँ, तो तू मुझे क्या देगा?” उसने कहा, “मैं अपनी बकरियों में से बकरी का एक बच्चा तेरे पास भेज दूँगा।” तब उसने कहा, “भला उसके भेजने तक क्या तू हमारे पास कुछ रेहन रख जाएगा?” उसने पूछा, “मैं तेरे पास क्या रेहन रख जाऊँ?” उसने कहा, “अपनी मुहर, और बाजूबन्द, और अपने हाथ की छड़ी।” तब उसने उसको वे वस्तुएँ दे दीं, और उसके पास गया, और वह उससे गर्भवती हुई। तब वह उठकर चली गई, और अपना घूँघट उतारकर अपना विधवापन का पहरावा फिर पहन लिया। तब यहूदा ने बकरी का बच्चा अपने मित्र उस अदुल्लामवासी के हाथ भेज दिया कि वह रेहन रखी हुई वस्तुएँ उस स्त्री के हाथ से छुड़ा ले आए; पर वह स्त्री उसको न मिली। तब उसने वहाँ के लोगों से पूछा, “वह देवदासी जो एनैम में मार्ग की एक ओर बैठी थी, कहाँ है?” उन्होंने कहा, “यहाँ तो कोई देवदासी न थी।” इसलिए उसने यहूदा के पास लौटकर कहा, “मुझे वह नहीं मिली; और उस स्थान के लोगों ने कहा, ‘यहाँ तो कोई देवदासी न थी।’” तब यहूदा ने कहा, “अच्छा, वह बन्धक उसी के पास रहने दे, नहीं तो हम लोग तुच्छ गिने जाएँगे; देख, मैंने बकरी का यह बच्चा भेज दिया था, पर वह तुझे नहीं मिली।” लगभग तीन महीने के बाद यहूदा को यह समाचार मिला, “तेरी बहू तामार ने व्यभिचार किया है; वरन् वह व्यभिचार से गर्भवती भी हो गई है।” तब यहूदा ने कहा, “उसको बाहर ले आओ कि वह जलाई जाए।” जब उसे बाहर निकाला जा रहा था, तब उसने, अपने ससुर के पास यह कहला भेजा, “जिस पुरुष की ये वस्तुएँ हैं, उसी से मैं गर्भवती हूँ,” फिर उसने यह भी कहलाया, “पहचान तो सही कि यह मुहर, और बाजूबन्द, और छड़ी किसकी हैं।” यहूदा ने उन्हें पहचानकर कहा, “वह तो मुझसे कम दोषी है; क्योंकि मैंने उसका अपने पुत्र शेला से विवाह न किया।” और उसने उससे फिर कभी प्रसंग न किया। जब उसके जनने का समय आया, तब यह जान पड़ा कि उसके गर्भ में जुड़वे बच्चे हैं। और जब वह जनने लगी तब एक बालक का हाथ बाहर आया, और दाई ने लाल सूत लेकर उसके हाथ में यह कहते हुए बाँध दिया, “पहले यही उत्पन्न हुआ।” जब उसने हाथ समेट लिया, तब उसका भाई उत्पन्न हो गया। तब उस दाई ने कहा, “तू क्यों बरबस निकल आया है?” इसलिए उसका नाम पेरेस रखा गया। पीछे उसका भाई जिसके हाथ में लाल सूत बन्धा था उत्पन्न हुआ, और उसका नाम जेरह रखा गया।

उत्‍पत्ति 38:1-30 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

जब उन्हीं दिनों यहूदाह अपने भाइयों के बीच से निकलकर हीराह नामक अदुल्लामवासी व्यक्ति के साथ रहने चले गये. तब शुआ नामक एक कनानी व्यक्ति की पुत्री से मिले और उन्होंने उससे विवाह कर लिया और उससे प्रेम किया; और उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका एर नाम रखा. उसने एक और पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम ओनान रखा. उसने एक और पुत्र को जन्म दिया, जिसका शेलाह नाम रखा. तब यहूदाह केज़ीब में रहते थे. यहूदाह ने एर, का विवाह तामार नामक स्त्री से किया. यहूदाह का बड़ा बेटा याहवेह के दृष्टि में दुष्ट था; इसलिये याहवेह ने उसे मार डाला. यहूदाह ने ओनान से कहा, “अपने भाई की पत्नी के साथ देवर का कर्तव्य पूरा करके अपने भाई के लिए संतान पैदा करो.” ओनान ने कहा, ये संतान मेरी नहीं होगी; इसलिये जब कभी वह समागम करता, अपना वीर्य भूमि पर गिरा देता था कि उससे उसके भाई के लिए कोई संतान पैदा न हो सके. उसका यह काम याहवेह को अच्छा नहीं लगा, इसलिये याहवेह ने उसके प्राण ले लिए. यह देख यहूदाह ने अपनी बहू तामार से कहा, “जब तक मेरा पुत्र शेलाह, विवाह के योग्य न हो जाए, अपने पिता के घर विधवा बनकर रहना.” यहूदाह को डर था कि इस पुत्र की भी मृत्यु उसके भाइयों के समान हो जाए. इसलिये तामार अपने पिता के घर चली गई. बहुत समय बाद शुआ की पुत्री अर्थात् यहूदाह की पत्नी की मृत्यु हो गई. यहूदाह अपने शोक के समय के बाद अपनी भेड़ों के ऊन कतरने वालों के पास तिमनाह को गया. उसके साथ उसका मित्र अदुल्लामी हीराह भी था. जब तामार को यह बताया गया, “तुम्हारे ससुर तिमनाह जा रहे हैं,” तब तामार ने अपने विधवा के वस्त्र उतार दिए, और अपना मुंह घूंघट से छिपाकर एक चादर लपेट ली तथा तिमनाह के मार्ग पर एनाइम के प्रवेश द्वार पर बैठ गई. यह इसलिये किया क्योंकि उसका देवर शेलाह जवान हो चुका था तथा उससे उसका विवाह नहीं किया गया था. वहां से निकलते हुए उसे देख यहूदाह ने उसे वेश्या समझा, क्योंकि उसने मुंह ढक रखा था. इसलिये यहूदाह उसके पास गया और उससे कहा, “मुझे तुम्हारे साथ संभोग करना है.” यहूदाह को यह मालूम नहीं था कि वह उसकी ही बहू थी. उसने पूछा, “क्या मजदूरी दोगे?” यहूदाह ने उत्तर दिया, “मैं तुम्हें अपने झुंड में से एक बकरी भिजवा दूंगा.” तब तामार ने कहा, “उसे भिजवाने तक उसके बदले में क्या दोगे?” यहूदाह ने पूछा, “क्या चाहती हो?” उसने उत्तर दिया, “तुम्हारी मुद्रामोहर, तुम्हारा बाजूबन्द तथा तुम्हारे हाथ की लाठी.” तब यहूदाह ने उसे ये देकर उससे संभोग किया और चला गया. तामार यहूदाह से गर्भवती हो गई. तामार ने घर जाकर अपना विधवा वस्त्र वापस पहन लिया. जब यहूदाह ने अपने अदुल्लामी मित्र के हाथ वह शावक बकरी उस स्त्री के लिए भेजी, तो वहां उसे वह स्त्री नहीं मिली. उसने आस-पास लोगों से पूछा, “वह वेश्या कहां है, जो एनाइम मार्ग पर बैठा करती है?” उन्होंने कहा, “यहां कोई वेश्या कभी थी ही नहीं.” इसलिये वह यहूदाह के पास लौट गया और उसे बताया, “वह मुझे नहीं मिली. इतना ही नहीं, वहां लोगों ने बताया कि वहां तो कभी कोई वेश्या थी ही नहीं.” यह सुन यहूदाह ने उससे कहा, “तब तो उसे वे चीज़ें रख लेने दो अन्यथा तुच्छ हम ही बन जाएंगे. मैंने तो उसके लिए बकरी भिजवा दी थी, किंतु हम उसका पता नहीं लगा सके.” लगभग तीन माह बाद यहूदाह को बताया गया, “तुम्हारी बहू ने व्यभिचार किया है और वह गर्भवती है.” यहूदाह ने कहा, “उसे बाहर लाओ ताकि उसे जला दें!” जब उसे बाहर ला रहे थे, तो उसने अपने ससुर को यह संदेश भेजा, “मैं उस व्यक्ति से गर्भवती हूं जिसकी ये वस्तुएं हैं.” तामार ने कहा, “देखो, कि यह मुद्रामोहर, बाजूबन्द तथा लाठी किसकी है?” यहूदाह ने ये वस्तुएं देखते ही पहचान लीं और कहा, “वह तो मुझसे कम दोषी है, क्योंकि मैंने ही उसे शेलाह की पत्नी होने से रोका था.” यहूदाह ने उससे पुनः संभोग नहीं किया. जब प्रसव का समय आया तब पता चला कि उसके गर्भ में जुड़वां बच्‍चे हैं. जब प्रसव पीड़ा हो रही थी एक ने हाथ बाहर निकाला तो धाय ने उसके हाथ में यह कहते हुए लाल डोरी बांध दी, “कि यह पहले जन्मा है.” लेकिन उसने अपना हाथ अंदर खींच लिया और उसके भाई का जन्म उससे पहले हुआ. तब धाय ने कहा, “तुम ही पहले बाहर निकलने में समर्थ हुए!” इसलिये उसका नाम पेरेज़ रखा. फिर उसके भाई का जन्म हुआ, जिसके हाथ पर वह लाल डोर बांधी गई थी. उसका नाम ज़ेराह रखा.

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