उत्‍पत्ति 11:10-32

उत्‍पत्ति 11:10-32 पवित्र बाइबल (HERV)

यह शेम के परिवार की कथा है। बाढ़ के दो वर्ष बाद जब शेम सौ वर्ष का था उसके पुत्र अर्पक्षद का जन्म हुआ। उसके बाद शेम पाँच सौ वर्ष जीवित रहा। उसके अन्य पुत्र और पुत्रियाँ थीं। जब अर्पक्षद पैंतीस वर्ष का था उसके पुत्र शेलह का जन्म हुआ। शेलह के जन्म होने के बाद अर्पक्षद चार सौ तीन वर्ष जीवित रहा। इन दिनों उसके दूसरे पुत्र और पुत्रियाँ पैदा हुईं। शेलह के तीस वर्ष के होने पर उसके पुत्र एबेर का जन्म हुआ। एबेर के जन्म के बाद शेलह चार सौ तीन वर्ष जीवित रहा। इन दिनों में उसके दूसरे पुत्र और पुत्रियाँ उत्पन्न हुईं। एबेर के चौंतीस वर्ष के होने के बाद उसके पुत्र पेलेग का जन्म हुआ। पेलेग के जन्म के बाद एबेर चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा। इन दिनों में इसको दूसरे पुत्र और पुत्रियाँ हुईं। जब पेलेग तीस वर्ष का हुआ, उसके पुत्र रु का जन्म हुआ। रु के जन्म के बाद पेलेग दो सौ नौ वर्ष और जीवित रहा। उन दिनों में उसके अन्य पुत्रियों और पुत्रों का जन्म हुआ। जब रु बत्तीस वर्ष का हुआ, उसके पुत्र सरूग का जन्म हुआ। सरूग के जन्म के बाद रु दो सौ सात वर्ष और जीवित रहा। इन दिनों उसके दूसरे पुत्र और पुत्रियाँ हुईं। जब सरुग तीस वर्ष का हुआ, उसके पुत्र नाहोर का जन्म हुआ। नाहोर के जन्म के बाद सरुग दो सौ वर्ष और जीवित रहा। इन दिनों में उसके दूसरे पुत्रों और पुत्रियों का जन्म हुआ। जब नाहोर उनतीस वर्ष का हुआ, उसके पुत्र तेरह का जन्म हुआ। तेरह के जन्म के बाद नाहोर एक सौ उन्नीस वर्ष और जीवित रहा। इन दिनों में उसके दूसरी पुत्रियों और पुत्रों का जन्म हुआ। तेरह जब सत्तर वर्ष का हुआ, उसके पुत्र अब्राम, नाहोर और हारान का जन्म हुआ। यह तेरह के परिवार की कथा है। तेरह अब्राम, नाहोर और हारान का पिता था। हारान लूत का पिता था। हारान अपनी जन्मभूमि कसदियों के उर नगर में मरा। जब हारान मरा तब उसका पिता तेरह जीवित था। अब्राम और नाहोर दोनों ने विवाह किया। अब्राम की पत्नी सारै थी। नाहोर की पत्नी मिल्का थी। मिल्का हारान की पुत्री थी। हारान मिल्का और यिस्का का बाप था। सारै के कोई बच्चा नहीं था क्योंकि वह किसी बच्चे को जन्म देने योग्य नहीं थी। तेरह ने अपने परिवार को साथ लिया और कसदियों के उर नगर को छोड़ दिया। उन्होंने कनान की यात्रा करने का इरादा किया। तेरह ने अपने पुत्र अब्राम, अपने पोते लूत (हारान का पुत्र), अपनी पुत्रवधू (अब्राम की पत्नी) सारै को साथ लिया। उन्होंने हारान तक यात्रा की और वहाँ ठहरना तय किया। तेरह दो सौ पाँच वर्ष जीवित रहा। तब वह हारान में मर गया।

उत्‍पत्ति 11:10-32 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

ये शेम के वंशज हैं : जलप्रलय के दो वर्ष पश्‍चात् जब शेम सौ वर्ष का हुआ तब उसने अर्पक्षद को उत्‍पन्न किया। अर्पक्षद के जन्‍म के पश्‍चात् शेम पांच सौ वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियाँ भी उत्‍पन्न हुईं। जब अर्पक्षद पैंतीस वर्ष का हुआ तब उसने शेलह को उत्‍पन्न किया। शेलह के जन्‍म के पश्‍चात् अर्पक्षद चार सौ तीन वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियाँ भी उत्‍पन्न हुईं। जब शेलह तीस वर्ष का हुआ तब उसने एबर को उत्‍पन्न किया। एबर के जन्‍म के पश्‍चात् शेलह चार सौ तीन वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियाँ भी उत्‍पन्न हुईं जब एबर चौंतीस वर्ष का हुआ तब उसने पेलग को उत्‍पन्न किया। पेलग के जन्‍म के पश्‍चात् एबर चार सौ तीस वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियाँ भी उत्‍पन्न हुईं। जब पेलग तीस वर्ष का हुआ तब उसने रऊ को उत्‍पन्न किया। रऊ के जन्‍म के पश्‍चात् पेलग दौ सौ नौ वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियाँ भी उत्‍पन्न हुईं। जब रऊ बत्तीस वर्ष का हुआ तब उसने सरुग को उत्‍पन्न किया। सरुग के जन्‍म के पश्‍चात् रऊ दो सौ सात वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियाँ भी उत्‍पन्न हुईं। जब सरुग तीस वर्ष का हुआ तब उसने नाहोर को उत्‍पन्न किया। नाहोर के जन्‍म के पश्‍चात् सरुग दो सौ वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियाँ भी उत्‍पन्न हुईं। जब नाहोर उनतीस वर्ष का हुआ तब उसने तेरह को उत्‍पन्न किया। तेरह के जन्‍म के पश्‍चात् नाहोर एक सौ उन्नीस वर्ष तक जीवित रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियाँ भी उत्‍पन्न हुईं। जब तेरह सत्तर वर्ष का हुआ तब उसने अब्राम, नाहोर और हारान को उत्‍पन्न किया। ये तेरह के वंशज हैं : उसने अब्राम, नाहोर और हारान को उत्‍पन्न किया। हारान ने लोट को उत्‍पन्न किया। हारान की मृत्‍यु उसके पिता तेरह के जीवन काल में ही कसदी जाति के ऊर नामक नगर में हुई, जो उसका जन्‍म स्‍थान था। अब्राम और नाहोर ने विवाह किया। अब्राम की पत्‍नी का नाम सारय और नाहोर की पत्‍नी का नाम मिल्‍का था। मिल्‍का हारान की पुत्री थी और हारान मिल्‍का और यिस्‍का दोनों का पिता था। सारय बांझ थी। उसके कोई सन्‍तान न थी। तेरह ने अपने पुत्र अब्राम, हारान के पुत्र अर्थात् अपने पौत्र लोट और अब्राम की पत्‍नी एवं अपनी बहू सारय को साथ लेकर कसदी जाति के ऊर नगर को छोड़ दिया। वह कनान देश की ओर चल पड़ा। परन्‍तु जब वे हारान नामक देश में पहुँचे तब वहीं बस गए। तेरह की पूर्ण आयु दो सौ पांच वर्ष की थी। उसकी मृत्‍यु हारान देश में हुई।

उत्‍पत्ति 11:10-32 Hindi Holy Bible (HHBD)

शेम की वंशावली यह है। जल प्रलय के दो वर्ष पश्चात जब शेम एक सौ वर्ष का हुआ, तब उसने अर्पक्षद को जन्म दिया। और अर्पक्षद ने जन्म के पश्चात शेम पांच सौ वर्ष जीवित रहा; और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुई॥ जब अर्पक्षद पैंतीस वर्ष का हुआ, तब उसने शेलह को जन्म दिया। और शेलह के जन्म के पश्चात अर्पक्षद चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुईं॥ जब शेलह तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा एबेर को जन्म हुआ। और एबेर के जन्म के पश्चात शेलह चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुईं॥ जब एबेर चौंतीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा पेलेग का जन्म हुआ। और पेलेग के जन्म के पश्चात एबेर चार सौ तीस वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुईं॥ जब पेलेग तीस वर्ष को हुआ, तब उसके द्वारा रू का जन्म हुआ। और रू के जन्म के पश्चात पेलेग दो सौ नौ वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुई॥ जब रू बत्तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा सरूग का जन्म हुआ। और सरूग के जन्म के पश्चात रू दो सौ सात वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुईं॥ जब सरूग तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा नाहोर का जन्म हुआ। और नाहोर के जन्म के पश्चात सरूग दो सौ वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुईं॥ जब नाहोर उनतीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा तेरह का जन्म हुआ। और तेरह के जन्म के पश्चात नाहोर एक सौ उन्नीस वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुईं॥ जब तक तेरह सत्तर वर्ष का हुआ, तब तक उसके द्वारा अब्राम, और नाहोर, और हारान उत्पन्न हुए॥ तेरह की यह वंशावली है। तेरह ने अब्राम, और नाहोर, और हारान को जन्म दिया; और हारान ने लूत को जन्म दिया। और हारान अपने पिता के साम्हने ही, कस्दियों के ऊर नाम नगर में, जो उसकी जन्म भूमि थी, मर गया। अब्राम और नाहोर ने स्त्रियां ब्याह लीं: अब्राम की पत्नी का नाम तो सारै, और नाहोर की पत्नी का नाम मिल्का था, यह उस हारान की बेटी थी, जो मिल्का और यिस्का दोनों का पिता था। सारै तो बांझ थी; उसके संतान न हुई। और तेरह अपना पुत्र अब्राम, और अपना पोता लूत जो हारान का पुत्र था, और अपनी बहू सारै, जो उसके पुत्र अब्राम की पत्नी थी इन सभों को ले कर कस्दियों के ऊर नगर से निकल कनान देश जाने को चला; पर हारान नाम देश में पहुंचकर वहीं रहने लगा। जब तेरह दो सौ पांच वर्ष का हुआ, तब वह हारान देश में मर गया॥

उत्‍पत्ति 11:10-32 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

शेम की वंशावली यह है। जल–प्रलय के दो वर्ष पश्‍चात् जब शेम एक सौ वर्ष का हुआ, तब उससे अर्पक्षद का जन्म हुआ; और अर्पक्षद के जन्म के पश्‍चात् शेम पाँच सौ वर्ष जीवित रहा; और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब अर्पक्षद पैंतीस वर्ष का हुआ, तब उससे शेलह का जन्म हुआ; और शेलह के जन्म के पश्‍चात् अर्पक्षद चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब शेलह तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा एबेर का जन्म हुआ; और एबेर के जन्म के पश्‍चात् शेलह चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब एबेर चौंतीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा पेलेग का जन्म हुआ; और पेलेग के जन्म के पश्‍चात् एबेर चार सौ तीस वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब पेलेग तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा रू का जन्म हुआ; और रू के जन्म के पश्‍चात् पेलेग दो सौ नौ वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब रू बत्तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा सरूग का जन्म हुआ; और सरूग के जन्म के पश्‍चात् रू दो सौ सात वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब सरूग तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा नाहोर का जन्म हुआ; और नाहोर के जन्म के पश्‍चात् सरूग दो सौ वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब नाहोर उनतीस वर्ष का हुआ तब उसके द्वारा तेरह का जन्म हुआ; और तेरह के जन्म के पश्‍चात् नाहोर एक सौ उन्नीस वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब तक तेरह सत्तर वर्ष का हुआ, तब तक उसके द्वारा अब्राम और नाहोर और हारान उत्पन्न हुए। तेरह की वंशावली यह है। तेरह से अब्राम, नाहोर और हारान का जन्म हुआ; और हारान से लूत का जन्म हुआ। हारान अपने पिता के सामने ही कसदियों के ऊर नामक नगर में, जो उसकी जन्मभूमि थी, मर गया। अब्राम और नाहोर दोनों ने विवाह किया। अब्राम की पत्नी का नाम सारै और नाहोर की पत्नी का नाम मिल्का था। यह उस हारान की बेटी थी, जो मिल्का और यिस्का दोनों का पिता था। सारै तो बाँझ थी; उसके सन्तान न हुई। तेरह अपने पुत्र अब्राम, और अपने पोते लूत, जो हारान का पुत्र था, और अपनी बहू सारै, जो उसके पुत्र अब्राम की पत्नी थी, इन सभों को लेकर कसदियों के ऊर नगर से निकल कनान देश जाने को चला; पर हारान नामक देश में पहुँचकर वहीं रहने लगा। जब तेरह दो सौ पाँच वर्ष का हुआ; तब वह हारान देश में मर गया।

उत्‍पत्ति 11:10-32 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

शेम की वंशावली यह है। जल-प्रलय के दो वर्ष पश्चात् जब शेम एक सौ वर्ष का हुआ, तब उसने अर्पक्षद को जन्म दिया। और अर्पक्षद के जन्म के पश्चात् शेम पाँच सौ वर्ष जीवित रहा; और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब अर्पक्षद पैंतीस वर्ष का हुआ, तब उसने शेलह को जन्म दिया। और शेलह के जन्म के पश्चात् अर्पक्षद चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब शेलह तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा एबेर का जन्म हुआ। और एबेर के जन्म के पश्चात् शेलह चार सौ तीन वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब एबेर चौंतीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा पेलेग का जन्म हुआ। और पेलेग के जन्म के पश्चात् एबेर चार सौ तीस वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब पेलेग तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा रू का जन्म हुआ। और रू के जन्म के पश्चात् पेलेग दो सौ नौ वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब रू बत्तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा सरूग का जन्म हुआ। और सरूग के जन्म के पश्चात् रू दो सौ सात वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब सरूग तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा नाहोर का जन्म हुआ। और नाहोर के जन्म के पश्चात् सरूग दो सौ वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब नाहोर उनतीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा तेरह का जन्म हुआ; और तेरह के जन्म के पश्चात् नाहोर एक सौ उन्नीस वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं। जब तक तेरह सत्तर वर्ष का हुआ, तब तक उसके द्वारा अब्राम, और नाहोर, और हारान उत्पन्न हुए। तेरह की वंशावली यह है: तेरह ने अब्राम, और नाहोर, और हारान को जन्म दिया; और हारान ने लूत को जन्म दिया। और हारान अपने पिता के सामने ही, कसदियों के ऊर नाम नगर में, जो उसकी जन्म-भूमि थी, मर गया। अब्राम और नाहोर दोनों ने विवाह किया। अब्राम की पत्नी का नाम सारै, और नाहोर की पत्नी का नाम मिल्का था। यह उस हारान की बेटी थी, जो मिल्का और यिस्का दोनों का पिता था। सारै तो बाँझ थी; उसके सन्तान न हुई। और तेरह अपने पुत्र अब्राम, और अपने पोते लूत, जो हारान का पुत्र था, और अपनी बहू सारै, जो उसके पुत्र अब्राम की पत्नी थी, इन सभी को लेकर कसदियों के ऊर नगर से निकल कनान देश जाने को चला; पर हारान नामक देश में पहुँचकर वहीं रहने लगा। जब तेरह दो सौ पाँच वर्ष का हुआ, तब वह हारान देश में मर गया।

उत्‍पत्ति 11:10-32 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

शेम के वंश का विवरण यह है: जलप्रलय के दो साल बाद अरफाक्साद का जन्म हुआ तब शेम 100 साल के थे. अरफाक्साद के जन्म के बाद शेम 500 वर्ष और जीवित रहे. इनके अतिरिक्त उनके और पुत्र-पुत्रियां पैदा हुईं. जब अरफाक्साद 35 साल के हुए, तब शेलाह का जन्म हुआ. शेलाह के जन्म के बाद अरफाक्साद 403 वर्ष और जीवित रहे तथा उनके और पुत्र-पुत्रियां पैदा हुईं. जब शेलाह 30 वर्ष के हुए, तब एबर का जन्म हुआ. एबर के जन्म के बाद शेलाह 403 वर्ष और जीवित रहे तथा उनके और पुत्र-पुत्रियां पैदा हुईं. जब एबर 34 वर्ष के हुए, तब पेलेग का जन्म हुआ. पेलेग के जन्म के बाद एबर 430 वर्ष और जीवित रहे तथा उनके और पुत्र-पुत्रियां पैदा हुईं. जब पेलेग 30 वर्ष के हुए, तब रेउ का जन्म हुआ. रेउ के जन्म के बाद पेलेग 209 वर्ष और जीवित रहे तथा उनके और पुत्र-पुत्रियां पैदा हुईं. जब रेउ 32 वर्ष के हुए, तब सेरुग का जन्म हुआ. सेरुग के जन्म के बाद रेउ 207 वर्ष और जीवित रहे तथा उनके और पुत्र-पुत्रियां पैदा हुईं. जब सेरुग 30 वर्ष के हुए, तब नाहोर का जन्म हुआ. नाहोर के जन्म के बाद सेरुग 200 वर्ष और जीवित रहे तथा उनके और पुत्र-पुत्रियां पैदा हुईं. जब नाहोर 29 वर्ष के हुए, तब तेराह का जन्म हुआ. तेराह के जन्म के बाद नाहोर 119 वर्ष और जीवित रहे तथा उनके और पुत्र-पुत्रियां पैदा हुईं. जब तेराह 70 वर्ष के हुए, तब अब्राम, नाहोर तथा हारान का जन्म हुआ. तेराह के वंशज ये हैं: तेराह से अब्राम, नाहोर तथा हारान का जन्म हुआ; हारान ने लोत को जन्म दिया. हारान की मृत्यु उनके पिता के जीवित रहते उसकी जन्मभूमि कसदियों के ऊर में हुई. अब्राम तथा नाहोर ने विवाह किया. अब्राम की पत्नी का नाम सारय तथा नाहोर की पत्नी का नाम मिलकाह था, जो हारान की पुत्री थी. हारान की अन्य पुत्री का नाम यिसकाह था. सारय बांझ थी. उनकी कोई संतान न थी. तेराह ने अपने पुत्र अब्राम तथा अपने पोते लोत को, जो हारान का पुत्र था तथा अब्राम की पत्नी सारय को अपने साथ लिया और वे सब कसदियों के ऊर से हारान नामक जगह पहुंचे और वहीं रहने लगे. हारान में तेराह की मृत्यु हो गई, तब वे 205 वर्ष के थे.