निर्गमन 7:14-25

निर्गमन 7:14-25 पवित्र बाइबल (HERV)

तब यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, “फ़िरौन हठ पकड़े हुए है। फिरौन लोगों को जाने से मना करता है। सवेरे फ़िरौन नदी पर जाएगा। उसके साथ नील नदी के किनारे—किनारे जाओ। उस लाठी को अपने साथ ले लो जो साँप बनी थी। उससे यह कहो, ‘हिब्रू लोगों के परमेश्वर यहोवा ने हमको तुम्हारे पास भेजा है। यहोवा ने मुझे तुमसे यह कहने को कहा है, मेरे लोगों को मेरी उपासना करने के लिए मरुभूमि में जाने दो। तुमने भी अब तक यहोवा की बात पर कान नहीं दिया है। इसलिए यहोवा कहता है कि, मैं ऐसा करूँगा जिससे तुम जानोगे कि मैं यहोवा हूँ। जो मैं अपने हाथ की इस लाठी को लेकर नील नदी के पानी पर मारुँगा और नील नदी खून में बदल जाएगी। तब नील नदी की मछलियाँ मर जाएंगी और नदी से दुर्गन्ध आने लगेगी। और मिस्री लोग नदी से पानी नहीं पी पाएंगे।’” यहोवा ने मूसा को यह आदेश दिया, “हारून से कहो कि वह नदियों, नहरों, झीलों तथा तालाबों सभी स्थानों पर जहाँ मिस्र के लोग पानी एकत्र करते हैं, अपने हाथ की लाठी को बढ़ाए। जब वह ऐसा करेगा तो सारा जल खून में बदल जाएगा। सारा पानी, यहाँ तक कि लकड़ी और पत्थर के घड़ों का पानी भी, खून में बदल जाएगा।” इसलिए मूसा और हारून ने यहोवा का जैसा आदेश था, वैसा किया। उसने लाठी को उठाया और नील नदी के पानी पर मारा। उसने यह फ़िरौन और उसके अधिकारियों के सामने किया। फिर नदी का सारा जल खून में बदल गया। नदी में मछलियाँ मर गईं और नदी से दुर्गन्ध आने लगी। इसलिए मिस्री नदी से पानी नहीं पी सकते थे। मिस्र में सर्वत्र खून था। जादूगरों ने अपनी जादूगरी दिखाई और उन्होंने भी वैसा ही किया। इसलिए फ़िरौन ने मूसा और हारून को सुनने से इन्कार कर दिया। यह ठीक वैसा ही हुआ जैसा यहोवा ने कहा था। फिरौन मुड़ा और अपने घर चला गया। फ़िरौन ने, मूसा और हारून ने जो कुछ किया, उसकी उपेक्षा की। मिस्री नदी से पानी नहीं पी सकते थे। इसलिए पीने के पानी के लिए उन्होंने नदी के चारों ओर कुएँ खोदे। यहोवा द्वारा नील नदी के बदले जाने के बाद सात दिन बीत गये।

निर्गमन 7:14-25 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

प्रभु ने मूसा से कहा, ‘फरओ का हृदय कठोर हो गया है। वह मेरे लोगों को नहीं जाने देगा। अत: जब फरओ सबेरे नदी की ओर आएगा, तब तू उसके पास जाना। तू नील नदी के किनारे उसकी प्रतीक्षा करना। जो लाठी सर्प बन गई थी, उसे अपने हाथ में लेना। तू उससे कहना : इब्रानियों के परमेश्‍वर, प्रभु ने मुझे आपके पास भेजा है। उसने कहा है, “मेरे लोगों को जाने दे कि वे निर्जन प्रदेश में मेरी सेवा करें।” देख, अब तक तूने मेरी बात नहीं सुनी। प्रभु यों कहता है, “तू इस बात से जानेगा कि मैं प्रभु हूं : मैं अपने हाथ की लाठी से नील नदी के जल पर प्रहार करूंगा, और जल रक्‍त में बदल जाएगा। नील नदी की मछलियां मर जाएंगी। उसका जल दुर्गन्‍धमय हो जाएगा। मिस्र निवासी नील नदी का जल पीना घृणित समझेंगे।” ’ प्रभु ने मूसा से कहा, ‘हारून से कहना : अपनी लाठी ले और अपने हाथ को मिस्र देश के समस्‍त जल अर्थात् नदियों, नहरों, तालाबों और जल-कुण्‍डों पर उठा कि जल रक्‍त बन जाए। तब समस्‍त मिस्र देश में, लकड़ी और पत्‍थरों के जलपात्रों का जल रक्‍त बन जाएगा।’ जैसी प्रभु ने मूसा और हारून को आज्ञा दी थी, उन्‍होंने वैसा ही किया। हारून ने फरओ और उसके दरबारियों के सम्‍मुख अपनी लाठी उठाई और नील नदी के जल पर प्रहार किया। नील नदी का समस्‍त जल रक्‍त बन गया। नील नदी की मछलियां मर गईं। उसका जल दुर्गन्‍धमय हो गया। अत: मिस्र निवासी नील नदी का जल पी न सके। समस्‍त मिस्र देश में रक्‍त ही रक्‍त था। मिस्र देश के जादूगरों ने भी अपने तन्‍त्र-मन्‍त्र से वैसा ही किया। अतएव फरओ का हृदय हठीला बना रहा। उसने मूसा और हारून की बातें नहीं सुनीं, जैसा प्रभु ने कहा था। फरओ अपने महल को लौट गया। उसने इस बात को हृदय में स्‍थान नहीं दिया। मिस्र निवासियों ने पीने के जल के लिए नील नदी के आसपास खुदाई की; क्‍योंकि वे नील नदी का जल न पी सके। जिस दिन प्रभु ने नील नदी पर प्रहार किया, तब से सात दिन व्‍यतीत हो चुके थे।

निर्गमन 7:14-25 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब यहोवा ने मूसा से कहा, फिरोन का मन कठोर हो गया है और वह इस प्रजा को जाने नहीं देता। इसलिये बिहान को फिरौन के पास जा, वह तो जल की ओर बाहर आएगा; और जो लाठी सर्प बन गई थी, उसको हाथ में लिए हुए नील नदी के तट पर उससे भेंट करने के लिये खड़ा रहना। और उससे इस प्रकार कहना, कि इब्रियों के परमेश्वर यहोवा ने मुझे यह कहने के लिये तेरे पास भेजा है, कि मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे कि जिस से वे जंगल में मेरी उपासना करें; और अब तक तू ने मेरा कहना नहीं माना। यहोवा यों कहता है, इस से तू जान लेगा कि मैं ही परमेश्वर हूं; देख, मैं अपने हाथ की लाठी को नील नदी के जल पर मारूंगा, और जल लोहू बन जाएगा, और जो मछलियां नील नदी में हैं वे मर जाएंगी, और नील नदी बसाने लगेगी, और नदी का पानी पीने के लिये मिस्रियों का जी न चाहेगा। फिर यहोवा ने मूसा से कहा, हारून से कह, कि अपनी लाठी ले कर मिस्र देश में जितना जल है, अर्थात उसकी नदियां, नहरें, झीलें, और पोखरे, सब के ऊपर अपना हाथ बढ़ा कि उनका जल लोहू बन जाए; और सारे मिस्र देश में काठ और पत्थर दोनों भांति के जलपात्रों में लोहू ही लोहू हो जाएगा। तब मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा ही के अनुसार किया, अर्थात उसने लाठी को उठा कर फिरौन और उसके कर्मचारियों के देखते नील नदी के जल पर मारा, और नदी का सब जल लोहू बन गया। और नील नदी में जो मछलियां थीं वे मर गई; और नदी से दुर्गन्ध आने लगी, और मिस्री लोग नदी का पानी न पी सके; और सारे मिस्र देश में लोहू हो गया। तब मिस्र के जादूगरों ने भी अपने तंत्र-मंत्रो से वैसा ही किया; तौभी फिरौन का मन हठीला हो गया, और यहोवा के कहने के अनुसार उसने मूसा और हारून की न मानी। फिरौन ने इस पर भी ध्यान नहीं दिया, और मुंह फेर के अपने घर में चला गया। और सब मिस्री लोग पीने के जल के लिये नील नदी के आस पास खोदने लगे, क्योंकि वे नदी का जल नहीं पी सकते थे। और जब यहोवा ने नील नदी को मारा था तब से सात दिन हो चुके थे॥

निर्गमन 7:14-25 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब यहोवा ने मूसा से कहा, “फ़िरौन का मन कठोर हो गया है और वह इस प्रजा को जाने नहीं देता। इसलिये सबेरे के समय फ़िरौन के पास जा, वह तो जल की ओर बाहर आएगा; और जो लाठी सर्प बन गई थी, उसको हाथ में लिए हुए नील नदी के तट पर उससे भेंट करने के लिये खड़ा रहना। और उससे इस प्रकार कहना, ‘इब्रियों के परमेश्‍वर यहोवा ने मुझे यह कहने के लिये तेरे पास भेजा है कि मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे, जिससे वे जंगल में मेरी उपासना करें; और अब तक तू ने मेरा कहना नहीं माना। यहोवा यों कहता है, इससे तू जान लेगा कि मैं ही परमेश्‍वर हूँ; देख, मैं अपने हाथ की लाठी को नील नदी के जल पर मारूँगा, और जल लहू बन जाएगा, और जो मछलियाँ नील नदी में हैं वे मर जाएँगी, और नील नदी बसाने लगेगी, और नदी का पानी पीने के लिये मिस्रियों का जी न चाहेगा’।” फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून से कह कि अपनी लाठी लेकर मिस्र देश में जितना जल है, अर्थात् उसकी नदियाँ, नहरें, झीलें, और पोखरे, सब के ऊपर अपना हाथ बढ़ा कि उनका जल लहू बन जाए; और सारे मिस्र देश में काठ और पत्थर दोनों भाँति के जलपात्रों में लहू ही लहू हो जाएगा।” तब मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार किया, अर्थात् उसने लाठी को उठाकर फ़िरौन और उसके कर्मचारियों के देखते नील नदी के जल पर मारा, और नदी का सब जल लहू बन गया। और नील नदी में जो मछलियाँ थीं वे मर गईं; और नदी से दुर्गन्ध आने लगी, और मिस्री लोग नदी का पानी न पी सके; और सारे मिस्र देश में लहू हो गया। तब मिस्र के जादूगरों ने भी अपने तंत्र–मंत्रों से वैसा ही किया; तौभी फ़िरौन का मन हठीला हो गया, और यहोवा के कहने के अनुसार उसने मूसा और हारून की न मानी। फ़िरौन ने इस पर भी ध्यान नहीं दिया, और मुँह फेर के अपने घर चला गया। और सब मिस्री लोग पीने के जल के लिये नील नदी के आस पास खोदने लगे, क्योंकि वे नदी का जल नहीं पी सकते थे। जब यहोवा ने नील नदी को मारा था तब से सात दिन हो चुके थे।

निर्गमन 7:14-25 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब यहोवा ने मूसा से कहा, “फ़िरौन का मन कठोर हो गया है और वह इस प्रजा को जाने नहीं देता। इसलिए सवेरे के समय फ़िरौन के पास जा, वह तो जल की ओर बाहर आएगा; और जो लाठी सर्प बन गई थी, उसको हाथ में लिए हुए नील नदी के तट पर उससे भेंट करने के लिये खड़े रहना। और उससे इस प्रकार कहना, ‘इब्रियों के परमेश्वर यहोवा ने मुझे यह कहने के लिये तेरे पास भेजा है कि मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे कि जिससे वे जंगल में मेरी उपासना करें; और अब तक तूने मेरा कहना नहीं माना। यहोवा यह कहता है, इससे तू जान लेगा कि मैं ही परमेश्वर हूँ; देख, मैं अपने हाथ की लाठी को नील नदी के जल पर मारूँगा, और जल लहू बन जाएगा, और जो मछलियाँ नील नदी में हैं वे मर जाएँगी, और नील नदी से दुर्गन्ध आने लगेगी, और मिस्रियों का जी नदी का पानी पीने के लिये न चाहेगा।’” फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून से कह कि अपनी लाठी लेकर मिस्र देश में जितना जल है, अर्थात् उसकी नदियाँ, नहरें, झीलें, और जलकुण्ड, सब के ऊपर अपना हाथ बढ़ा कि उनका जल लहू बन जाए; और सारे मिस्र देश में काठ और पत्थर दोनों भाँति के जलपात्रों में लहू ही लहू हो जाएगा।” (प्रका. 8:8, प्रका. 11:6) तब मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा ही के अनुसार किया, अर्थात् उसने लाठी को उठाकर फ़िरौन और उसके कर्मचारियों के देखते नील नदी के जल पर मारा, और नदी का सब जल लहू बन गया। और नील नदी में जो मछलियाँ थीं वे मर गई; और नदी से दुर्गन्ध आने लगी, और मिस्री लोग नदी का पानी न पी सके; और सारे मिस्र देश में लहू हो गया। (प्रका. 16:3) तब मिस्र के जादूगरों ने भी अपने तंत्र-मंत्रों से वैसा ही किया; तो भी फ़िरौन का मन हठीला हो गया, और यहोवा के कहने के अनुसार उसने मूसा और हारून की न मानी। फ़िरौन ने इस पर भी ध्यान नहीं दिया, और मुँह फेरकर अपने घर में चला गया। और सब मिस्री लोग पीने के जल के लिये नील नदी के आस-पास खोदने लगे, क्योंकि वे नदी का जल नहीं पी सकते थे। जब यहोवा ने नील नदी को मारा था तब से सात दिन हो चुके थे।

निर्गमन 7:14-25 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

तब याहवेह ने मोशेह से कहा, “फ़रोह का मन बहुत कठोर हो गया है, वह लोगों को जाने नहीं देगा. सुबह जब फ़रोह नदी की ओर जाएगा, तब तुम नदी पर उनसे मिलना और तुम्हारे हाथ में वही लाठी रखना, जो सांप बन गई थी. तुम फ़रोह से यह कहना ‘याहवेह ने, जो इब्रियों के परमेश्वर हैं, मुझे तुमको यह कहने के लिए भेजा है कि मेरे लोगों को जाने दो कि वे निर्जन प्रदेश में जाकर मेरी आराधना कर सकें; लेकिन अभी तक तुमने यह बात नहीं मानी है. याहवेह ने यह कहा है कि तुम जान जाओगे कि मैं ही याहवेह हूं, तुम देखना कि नदी के जल पर मैं इस लाठी से, जो मेरे हाथ में है, मारूंगा और पानी खून बन जाएगा. और उसमें सब मछलियां मर जायेंगी और नदी से बदबू आएगी और मिस्र के लोग नील नदी से पानी नहीं पी पायेंगे.’ ” फिर याहवेह ने मोशेह से कहा, “अहरोन से यह कहो: ‘अपनी लाठी मिस्र देश की नदियों, नालों, तालाबों और जल-कुं‍डों की ओर बढ़ाए ताकि सारा पानी लहू बन जाये—चाहे पानी बर्तन में हो या पत्थर के पात्र में.’ ” मोशेह तथा अहरोन ने वैसा ही किया, जैसा याहवेह ने उनसे कहा. उन्होंने लाठी उठाई और नील नदी के जल पर मारा. फ़रोह एवं उसके सेवक यह सब देख रहे थे. एकदम नील नदी का पूरा पानी लहू बन गया. नील नदी में जो मछलियां थी, मर गईं. नदी में इतनी दुर्गंध थी कि मिस्र के लोग नील नदी का पानी नहीं पी सकते थे. पूरे मिस्र देश में रक्त फैल गया. अपने तंत्र मंत्र से मिस्र के जादूगरों ने भी यही कर दिखाया; तौभी फ़रोह का मन और कठोर हो गया और उसने उनकी बात नहीं मानी. फ़रोह पर इन सब बातों का कोई असर नहीं हुआ और वह अपने घर चला गया. मिस्र के लोग पीने के पानी के लिए नील नदी के पास गड्ढे खोदने लगे, क्योंकि नील नदी का पानी पीने योग्य नहीं रहा था. याहवेह द्वारा नील नदी के पानी को लहू बनाए सात दिन हो चुके थे.