निर्गमन 4:1-31

निर्गमन 4:1-31 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब मूसा ने उत्तर दिया, “वे मेरा विश्‍वास नहीं करेंगे और न मेरी सुनेंगे, वरन् कहेंगे, ‘यहोवा ने तुझ को दर्शन नहीं दिया’।” यहोवा ने उससे कहा, “तेरे हाथ में वह क्या है?” वह बोला, “लाठी।” उसने कहा, “उसे भूमि पर डाल दे।” जब उसने उसे भूमि पर डाला तब वह सर्प बन गई, और मूसा उसके सामने से भागा। तब यहोवा ने मूसा से कहा, “हाथ बढ़ाकर उसकी पूँछ पकड़ ले, ताकि वे लोग विश्‍वास करें कि तुम्हारे पितरों के परमेश्‍वर अर्थात् अब्राहम के परमेश्‍वर, इसहाक के परमेश्‍वर, और याक़ूब के परमेश्‍वर, यहोवा ने तुझ को दर्शन दिया है।” जब उसने हाथ बढ़ाकर उसको पकड़ा तब वह उसके हाथ में फिर लाठी बन गया। फिर यहोवा ने उससे यह भी कहा, “अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप।” अत: उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप लिया; फिर जब उसे निकाला तब क्या देखा कि उसका हाथ कोढ़ के कारण हिम के समान श्‍वेत हो गया है। तब उसने कहा, “अपना हाथ छाती पर फिर रखकर ढाँप।” उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप लिया; और जब उस ने उसको छाती पर से निकाला तब क्या देखता है कि वह फिर सारी देह के समान हो गया। तब यहोवा ने कहा, “यदि वे तेरी बात का विश्‍वास न करें, और पहले चिह्न को न मानें, तो दूसरे चिह्न का विश्‍वास करेंगे। और यदि वे इन दोनों चिह्नों का विश्‍वास न करें और तेरी बात को न मानें, तब तू नील नदी से कुछ जल लेकर सूखी भूमि पर डालना; और जो जल तू नदी से निकालेगा वह सूखी भूमि पर लहू बन जायेगा।” मूसा ने यहोवा से कहा, “हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुँह और जीभ का भद्दा हूँ।” यहोवा ने उससे कहा, “मनुष्य का मुँह किसने बनाया है? और मनुष्य को गूँगा, या बहिरा, या देखनेवाला, या अंधा, मुझ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है? अब जा, मैं तेरे मुख के संग होकर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊँगा।” उसने कहा, “हे मेरे प्रभु, कृपया किसी और को तू भेज।” तब यहोवा का कोप मूसा पर भड़का और उसने कहा, “क्या तेरा भाई लेवीय हारून नहीं है? मुझे निश्‍चय है कि वह बोलने में निपुण है, और वह तुझ से भेंट के लिये निकला आता है; और तुझे देखकर मन में आनन्दित होगा। इसलिये तू उसे ये बातें सिखाना; और मैं उसके मुख के संग और तेरे मुख के संग होकर जो कुछ तुम्हें करना होगा वह तुम को सिखलाता जाऊँगा। वह तेरी ओर से लोगों से बातें किया करेगा; वह तेरे लिये मुँह और तू उसके लिये परमेश्‍वर ठहरेगा। और तू इस लाठी को हाथ में लिए जा, और इसी से इन चिह्नों को दिखाना।” तब मूसा अपने ससुर यित्रो के पास लौटा और उससे कहा, “मुझे विदा कर कि मैं मिस्र में रहनेवाले अपने भाइयों के पास जाकर देखूँ कि वे अब तक जीवित हैं या नहीं।” यित्रो ने कहा, “कुशल से जा।” और यहोवा ने मिद्यान देश में मूसा से कहा, “मिस्र को लौट जा; क्योंकि जो मनुष्य तेरे प्राण के प्यासे थे वे सब मर गए हैं।” तब मूसा अपनी पत्नी और बेटों को गदहे पर चढ़ाकर मिस्र देश की ओर परमेश्‍वर की उस लाठी को हाथ में लिये हुए लौटा। तब यहोवा ने मूसा से कहा, “जब तू मिस्र में पहुँचे तब ध्यान रहे कि जो चमत्कार मैं ने तेरे वश में किए हैं उन सभों को फ़िरौन को दिखलाना; परन्तु मैं उसके मन को हठीला करूँगा, और वह मेरी प्रजा को जाने न देगा। और तू फ़िरौन से कहना, ‘यहोवा यों कहता है, कि इस्राएल मेरा पुत्र वरन् मेरा जेठा है, और मैं जो तुझ से कह चुका हूँ कि मेरे पुत्र को जाने दे कि वह मेरी सेवा करे; और तू ने अब तक उसे जाने नहीं दिया, इस कारण मैं अब तेरे पुत्र वरन् तेरे जेठे को घात करूँगा’।” तब ऐसा हुआ कि मार्ग पर सराय में यहोवा ने मूसा से भेंट करके उसे मार डालना चाहा। तब सिप्पोरा ने एक तेज चकमक पत्थर लेकर अपने बेटे की खलड़ी को काट डाला, और मूसा के पाँवों पर यह कहकर फेंक दिया, “निश्‍चय तू मेरे लिए लहूवाला मेरा पति है।” तब यहोवा ने उसको छोड़ दिया। उस समय खतने के कारण वह बोली, “तू लहूवाला पति है।” तब यहोवा ने हारून से कहा, “मूसा से भेंट करने को जंगल में जा।” वह गया और परमेश्‍वर के पर्वत पर उससे मिला और उसको चूमा। तब मूसा ने हारून को यह बतलाया कि यहोवा ने क्या क्या बातें कहकर उसको भेजा है, और कौन–कौन से चिह्न दिखलाने की आज्ञा उसे दी है। तब मूसा और हारून ने जाकर इस्राएलियों के सब पुरनियों को इकट्ठा किया। और जितनी बातें यहोवा ने मूसा से कही थीं वह सब हारून ने उन्हें सुनाईं, और लोगों के सामने वे चिह्न भी दिखलाए। और लोगों ने उनका विश्‍वास किया; और यह सुनकर कि यहोवा ने इस्राएलियों की सुधि ली और उनके दु:खों पर दृष्‍टि की है, उन्होंने सिर झुकाकर दण्डवत् किया।

निर्गमन 4:1-31 पवित्र बाइबल (HERV)

तब मूसा ने परमेश्वर से कहा, “किन्तु इस्राएल के लोग मुझ पर विश्वास नहीं करेंगे जब मैं उनसे कहूँगा कि तूने मुझे भेजा है। वे कहेंगे, ‘यहोवा ने तुमसे बातें नहीं कीं।’” किन्तु परमेश्वर ने मूसा से कहा, “तुमने अपने हाथ में क्या ले रखा है?” मूसा ने उत्तर दिया, “यह मेरी टहलने की लाठी है।” तब परमेश्वर ने कहा, “अपनी लाठी को जमीन पर फेंको।” इसलिए मूसा ने अपनी लाठी को जमीन पर फेंका और लाठी एक साँप बन गयी। मूसा डरा और इससे दूर भागा। किन्तु यहोवा ने मूसा से कहा, “आगे बढ़ो और साँप की पूँछ पकड़ लो।” इसलिए मूसा आगे बढ़ा और उसने साँप की पूँछ पकड़ लीया। जब मूसा ने ऐसा किया तो साँप फिर लाठी बन गयी। तब परमेश्वर ने कहा, “अपनी लाठी का इसी प्रकार उपयोग करो और लोग विश्वास करेंगे कि तुमने यहोवा अर्थात् अपने पूर्वजों के परमेश्वर, इब्राहीम के परमेश्वर, इसहाक के परमेश्वर तथा याकूब के परमेश्वर को देखा है।” तब यहोवा ने मूसा से कहा, “मैं तुमको दूसरा प्रमाण दूँगा। तुम अपने हाथ को अपने लबादे के अन्दर करो।” इसलिए मूसा ने अपने लबादे को खोला और हाथ को अन्दर किया। तब मूसा ने अपने हाथ को लबादे से बाहर निकाला और वह बदला हुआ था। उसका हाथ बर्फ की तरह सफेद दागों से ढका था। तब परमेश्वर ने कहा, “अब तुम अपना हाथ फिर लबादे के भीतर रखो।” इसलिए मूसा ने फिर अपना हाथ अपने लबादे के भीतर किया। तब मूसा ने अपना हाथ बाहर निकाला और उसका हाथ बदल गया था। अब उसका हाथ पहले की तरह ठीक हो गया था। तब परमेश्वर ने कहा, “यदि लोग तुम्हारा विश्वास लाठी का उपयोग करने पर न करें, तो वे तुम पर तब विश्वास करेंगे जब तुम इस चिन्ह को दिखाओगे। यदि वे दोनों चीजों को दिखाने के बाद भी विश्वास न करें तो तुम नील नदी से कुछ पानी लेना। पानी को ज़मीन पर गिराना शुरु करना और ज्यों ही यह ज़मीन को छूएगा, खून बन जाएगा।” किन्तु मूसा ने यहोवा से कहा, “किन्तु हे यहोवा, मैं सच कहता हूँ मैं कुशल वक्ता नहीं हूँ। मैं लोगों से कुशलतापूर्वक बात करने के योग्य नहीं हुआ और अब तुझ से बातचीत करने के बाद भी मैं कुशल वक्ता नहीं हूँ। तू जानता हैं कि मैं धीरे—धीरे बोलता हूँ और उत्तम शब्दों का उपयोग नहीं करता।” तब यहोवा ने उससे कहा, “मनुष्य का मुँह किसने बनाया? और एक व्यक्ति को कौन बोलने और सुनने में असमर्थ बना सकता है? मनुष्य को कौन देखनेवाला और अन्धा बना सकता है? यह मैं हूँ जो इन सभी चीजों को कर सकता हूँ। मैं यहोवा हूँ। इसलिए जाओ। जब तुम बोलोगे, मैं तुम्हारे साथ रहूँगा। मैं तुम्हें बोलने के लिए शब्द दूँगा।” किन्तु मूसा ने कहा, “मेरे यहोवा, मैं दूसरे व्यक्ति को भेजने के लिए प्रार्थना करता हूँ मुझे न भेज।” यहोवा मूसा पर क्रोधित हुआ। यहोवा ने कहा, “मैं तुमको सहायता के लिए एक व्यक्ति दूँगा। मैं तुम्हारे भाई हारून का उपयोग करूँगा। वह कुशल वक्ता है। हारून पहले ही तुम्हारे पास आ रहा था। वह तुमको देखकर बहुत प्रसन्न होगा। वह तुम्हारे साथ फ़िरौन के पास जाएगा। मैं तुम्हें बताऊँगा कि तुम्हें क्या कहना है। तब तुम हारून को बताओगे। हारून फ़िरौन से कहने के लिए उचित शब्द चुनेगा। हारून ही तुम्हारे लिए लोगों से बात करेगा। तुम उसके लिए महान राजा के रूप में रहोगे और वह तुम्हारा अधिकृत वक्ता होगा। इसलिए जाओ और अपनी लाठी साथ ले जाओ। अपनी लाठी और दूसरे चमत्कारों का उपयोग लोगों को यह दिखाने के लिए करो कि मैं तुम्हारे साथ हूँ।” तब मूसा अपने ससुर यित्रो के पास लौटा। मूसा ने यित्रो से कहा, “मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि मुझे मिस्र में अपने लोगों के पास जाने दें। मैं यह देखना चाहता हूँ कि क्या वे अभी तक जीवित हैं?” यित्रो ने मूसा से कहा, “तुम शान्तिपूर्वक जा सकते हो।” उस समय जब मूसा मिद्यान में ही था, परमेश्वर ने उससे कहा, “इस समय तुम्हारे लिए मिस्र को जाना सुरक्षित है। जो व्यक्ति तुमको मारना चाहते थे वे मर चुके हैं।” इसलिए मूसा ने अपनी पत्नी और अपने पुत्रों को लिया और उन्हें गधे पर बिठाया। तब मूसा ने मिस्र देश की वापसी यात्रा की। मूसा उस लाठी को अपने साथ ले गया जिसमें परमेश्वर की शक्ति थी। जिस समय मूसा मिस्र की वापसी यात्रा पर था, परमेश्वर उससे बोला। परमेश्वर ने कहा, “जब तुम फ़िरौन से बात करो तो उन सभी चमत्कारों को दिखाना। याद रखना जिन्हें दिखाने की शक्ति मैंने तुम्हें दी है। किन्तु फ़िरौन को मैं बहुत हठी बना दूँगा। वह लोगों को जाने नहीं देगा। तब तुम फ़िरौन से कहना: यहोवा कहता है, ‘इस्राएल मेरा पहलौठा पुत्र है और मैं तुम से कहता हूँ कि मेरे पुत्र को जाने दो तथा मेरी उपासना करने दो। यदि तुम इस्राएल को जाने से मना करते हो तो मैं तुम्हारे पहलौठे पुत्र को मार डालूँगा।’” मूसा मिस्र की अपनी यात्रा करता रहा। यात्रियों के लिए बने एक स्थान पर वह सोने के लिए रूका। यहोवा इस स्थान पर मूसा से मिला और उसे मार डालने की कोशिश की। किन्तु सिप्पोरा ने पत्थर का एक तेज़ चाकू लिया और अपने पुत्र का खतना किया। उसने चमड़े को लिया और उसके पैर छुए। तब उसने मूसा से कहा, “तुम मेरे खून बहाने वाले पति हो।” सिप्पोरा ने यह इसलिए कहा कि उसे अपने पुत्र का खतना करना पड़ा था। इसलिए परमेश्वर ने मूसा को क्षमा किया और उसे मारा नहीं। यहोवा ने हारून से बात की थी। यहोवा ने उससे कहा था, “मरूभूमि में जाओ और मूसा से मिलो।” इसलिए हारून गया और परमेश्वर के पहाड़ पर मूसा से मिला। जब हारून ने मूसा को देखा, उसने उसे चूमा। मूसा ने हारून को यहोवा द्वारा भेजे जाने का कारण बताया और मूसा ने हारून को उन चमत्कारों और उन संकेतों को भी समझाया जिन्हें उसे प्रमाण रूप में प्रदर्शित करना था। मूसा ने हारून को वह सब कुछ बताया जो यहोवा ने कहा था। इस प्रकार मूसा और हारून गए और उन्होंने इस्राएल के लोगों के सभी बुजुर्गों (नेताओ) को इकट्ठा किया। तब हारून ने लोगों से कहा। उसने लोगों को वे सारी बातें बताईं जो यहोवा ने मूसा से कहीं थीं। तब मूसा ने सब लोगों को दिखाने के लिए सारे प्रमाणों को करके दिखाया। लोगों ने विश्वास किया कि परमेश्वर ने मूसा को भेजा है। उन्होंने झुक कर प्रणाम किया और परमेश्वर की उपासना की, क्योंकि वे जान गए कि परमेश्वर इस्राएल के लोगों की सहायता करने आ गया है और उन्होंने परमेश्वर की इसलिए उपासना की क्योंकि वे जान गए कि यहोवा ने उनके कष्टों को देखा है।

निर्गमन 4:1-31 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

मूसा ने उत्तर दिया, ‘पर देख, वे मुझ पर विश्‍वास नहीं करेंगे, वे मेरी बात नहीं सुनेंगे; क्‍योंकि वे कहेंगे, “प्रभु ने तुझे दर्शन नहीं दिया।” ’ प्रभु ने मूसा से पूछा, ‘तेरे हाथ में यह क्‍या है?’ उन्‍होंने उत्तर दिया, ‘लाठी।’ प्रभु ने कहा, ‘इसे भूमि पर फेंक दे।’ मूसा ने उसे भूमि पर फेंका तो वह सर्प बन गई। मूसा उसके सम्‍मुख से हट गए। प्रभु ने मूसा से कहा, ‘अपना हाथ बढ़ा और उसकी पूंछ से उसे पकड़।’ उन्‍होंने अपना हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ा, और वह उनके हाथ में पुन: लाठी बन गई।’ प्रभु ने कहा, ‘इस प्रकार उन्‍हें विश्‍वास होगा कि उनके पूर्वजों के परमेश्‍वर, अब्राहम के परमेश्‍वर, इसहाक के परमेश्‍वर और याकूब के परमेश्‍वर, मुझ-प्रभु ने तुझे दर्शन दिया है।’ तत्‍पश्‍चात् प्रभु ने उनसे पुन: कहा, ‘अपना हाथ वस्‍त्र के भीतर छाती पर रख।’ मूसा ने वस्‍त्र के भीतर छाती पर अपना हाथ रखा। जब उन्‍होंने उसे बाहर निकाला तब उनका हाथ बर्फ के समान कोढ़ जैसा सफेद हो गया। परमेश्‍वर ने कहा, ‘अब अपना हाथ फिर से वस्‍त्र के भीतर छाती पर रख।’ अत: मूसा ने पुन: अपना हाथ वस्‍त्र के भीतर छाती पर रखा। जब उन्‍होंने उसे छाती से बाहर निकाला तब वह उनके शेष शरीर के सदृश जैसा का तैसा हो गया। परमेश्‍वर ने कहा, ‘यदि वे तुझ पर विश्‍वास न करें, अथवा प्रथम चिह्‍न पर ध्‍यान न दें तो वे दूसरे चिह्‍न पर ध्‍यान देंगे। यदि वे इन दोनों चिह्‍नों पर भी विश्‍वास न करें, और तेरी बात को न सुनें तो तू नील नदी का जल लेना और उसे सूखी भूमि पर उण्‍डेलना। जो जल तू नील नदी से लेगा, वह सूखी भूमि पर रक्‍त बन जाएगा।’ मूसा ने प्रभु से कहा, ‘हे मेरे स्‍वामी, मैं कुशल वक्‍ता नहीं हूं। मैं न पहले कभी था, और न जब से तू अपने सेवक से वार्तालाप करने लगा है, मैं हूं। मुझे बोलने में कठिनाई होती है और मेरी जीभ लड़खड़ाती है।’ प्रभु ने उनसे पुन: कहा, ‘किसने मनुष्‍य का मुंह बनाया? कौन उसे गूंगा, बहरा, दृष्‍टिवाला अथवा अन्‍धा बनाता है? क्‍या मैं प्रभु ही उसे ऐसा नहीं बनाता? अब जा, मैं तेरी वाणी पर निवास करूंगा। जो बोलना है, वह मैं तुझे सिखाऊंगा।’ पर मूसा ने कहा, ‘हे मेरे स्‍वामी, कृपया तू किसी अन्‍य व्यक्‍ति को भेज।’ तब प्रभु का क्रोध मूसा के प्रति भड़का। प्रभु ने कहा, ‘क्‍या लेवी के वंश का हारून तेरा भाई नहीं है? मैं जानता हूं कि वह अच्‍छे से बोल सकता है। देख, वह तुझसे भेंट करने को आ रहा है। जब वह तुझे देखेगा तब अपने हृदय में आनन्‍दित होगा। तू उससे बात करना। तू अपने शब्‍द उसके मुंह में डालना। मैं तेरी और उसकी वाणी पर निवास करूंगा। जो कार्य तुम्‍हें करना है, वह मैं तुम्‍हें सिखाऊंगा। हारून तेरी ओर से मेरे लोगों से बात करेगा। वह तेरा प्रवक्‍ता होगा, और तू उसके लिए ईश्‍वर के सदृश। तू अपने साथ यह लाठी ले जाना। तू इसके द्वारा आश्‍चर्यपूर्ण कार्य करके चिह्‍न दिखाना।’ मूसा वहां से चले गए। वह अपने ससुर यित्रो के पास लौटे। उन्‍होंने कहा, ‘कृपया, मुझे जाने दीजिए। मैं अपने भाई-बन्‍धुओं के पास, जो मिस्र देश में हैं, लौटूंगा। मैं जाकर देखूंगा कि क्‍या वे अब तक जीवित हैं।’ यित्रो ने मूसा से कहा, ‘शान्‍ति से जाओ।’ प्रभु ने मिद्यान देश में मूसा से कहा, ‘मिस्र देश को लौट जा; क्‍योंकि जो लोग तेरे प्राण लेना चाहते थे, वे सब मर चुके हैं।’ अत: मूसा ने अपनी पत्‍नी और पुत्रों को गधे पर बैठाया और मिस्र देश की ओर लौटे। मूसा ने अपने हाथ में परमेश्‍वर की लाठी ली। प्रभु ने मूसा से कहा, ‘जब तू मिस्र देश लौटेगा तब, देख, फरओ के सम्‍मुख उन सब आश्‍चर्यपूर्ण कार्यों को करना, जिनको करने का सामर्थ्य मैंने तुझे दिया है। किन्‍तु मैं उसका हृदय हठीला बनाऊंगा, और वह मेरे लोगों को नहीं जाने देगा। तब तुम फरओ से कहना, “प्रभु यों कहता है : इस्राएल मेरा ज्‍येष्‍ठ पुत्र है, और मैं तुझसे कहता हूं, ‘मेरे पुत्र को जाने दे कि वह मेरी सेवा करे।’ यदि तू उसे नहीं जाने देगा, तो देख, मैं तेरे ज्‍येष्‍ठ पुत्र का वध करूंगा।” ’ प्रभु मार्ग की एक सराय में मूसा से मिला और उसने मूसा को मार डालना चाहा। पर सिप्‍पोरा ने एक तेज चकमक पत्‍थर लेकर अपने पुत्र का खतना किया और कटी हुई चमड़ी से मूसा का पैर स्‍पर्श किया। वह बोली, ‘निश्‍चय ही रक्‍त के मेरे दूल्‍हा आप हैं।’ प्रभु ने उन्‍हें छोड़ दिया। सिप्‍पोरा ने खतना के कारण कहा था, ‘रक्‍त के मेरे दूल्‍हा आप हैं।’ प्रभु ने हारून को आदेश दिया, ‘मूसा से भेंट करने के लिए निर्जन प्रदेश की ओर जा।’ अतएव हारून गया। वह परमेश्‍वर के पर्वत पर मूसा से मिला और उनका चुम्‍बन लिया। जो बातें प्रभु ने मूसा के द्वारा प्रेषित की थीं एवं जिन चिह्‍नों को प्रदर्शित करने का उन्‍हें आदेश दिया था, उन सबको मूसा ने हारून को बताया। तत्‍पश्‍चात् मूसा और हारून ने जाकर इस्राएलियों के सब धर्मवृद्धों को एकत्र किया। जो बातें प्रभु ने मूसा से कही थीं, उन्‍हें हारून ने इस्राएलियों को सुनाया। हारून ने उनकी आंखों के सम्‍मुख आश्‍चर्यपूर्ण कार्य करके चिह्‍न भी दिखाए। उन्‍होंने विश्‍वास किया। जब उन्‍होंने सुना कि प्रभु ने इस्राएलियों की सुध ली है, उनकी दु:ख-पीड़ा पर दृष्‍टि की है, तब उन्‍होंने सिर झुकाकर वन्‍दना की।

निर्गमन 4:1-31 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब मूसा ने उतर दिया, कि वे मेरी प्रतीति न करेंगे और न मेरी सुनेंगे, वरन कहेंगे, कि यहोवा ने तुझ को दर्शन नहीं दिया। यहोवा ने उससे कहा, तेरे हाथ में वह क्या है? वह बोला, लाठी। उसने कहा, उसे भूमि पर डाल दे; जब उसने उसे भूमि पर डाला तब वह सर्प बन गई, और मूसा उसके साम्हने से भागा। तब यहोवा ने मूसा से कहा, हाथ बढ़ाकर उसकी पूंछ पकड़ ले कि वे लोग प्रतीति करें कि तुम्हारे पितरों के परमेश्वर अर्थात इब्राहीम के परमेश्वर, इसहाक के परमेश्वर, और याकूब के परमेश्वर, यहोवा ने तुझ को दर्शन दिया है। तब उसने हाथ बढ़ाकर उसको पकड़ा तब वह उसके हाथ में फिर लाठी बन गई। फिर यहोवा ने उससे यह भी कहा, कि अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप। सो उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप लिया; फिर जब उसे निकाला तब क्या देखा, कि उसका हाथ कोढ़ के कारण हिम के समान श्वेत हो गया है। तब उसने कहा, अपना हाथ छाती पर फिर रखकर ढांप। और उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढांप लिया; और जब उसने उसको छाती पर से निकाला तब क्या देखता है, कि वह फिर सारी देह के समान हो गया। तब यहोवा ने कहा, यदि वे तेरी बात की प्रतीति न करें, और पहिले चिन्ह को न मानें, तो दूसरे चिन्ह की प्रतीति करेंगे। और यदि वे इन दोनों चिन्होंकी प्रतीति न करें और तेरी बात को न मानें, तब तू नील नदी से कुछ जल ले कर सूखी भूमि पर डालना; और जो जल तू नदी से निकालेगा वह सूखी भूमि पर लोहू बन जायेगा। मूसा ने यहोवा से कहा, हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहिले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुंह और जीभ का भद्दा हूं। यहोवा ने उससे कहा, मनुष्य का मुंह किस ने बनाया है? और मनुष्य को गूंगा, वा बहिरा, वा देखने वाला, वा अन्धा, मुझ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है? अब जा, मैं तेरे मुख के संग हो कर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊंगा। उसने कहा, हे मेरे प्रभु, जिस को तू चाहे उसी के हाथ से भेज। तब यहोवा का कोप मूसा पर भड़का और उसने कहा, क्या तेरा भाई लेवीय हारून नहीं है? मुझे तो निश्चय है कि वह बोलने में निपुण है, और वह तेरी भेंट के लिये निकला भी आता है, और तुझे देखकर मन में आनन्दित होगा। इसलिये तू उसे ये बातें सिखाना; और मैं उसके मुख के संग और तेरे मुख के संग हो कर जो कुछ तुम्हें करना होगा वह तुम को सिखलाता जाऊंगा। और वह तेरी ओर से लोगों से बातें किया करेगा; वह तेरे लिये मुंह और तू उसके लिये परमेश्वर ठहरेगा। और तू इस लाठी को हाथ में लिए जा, और इसी से इन चिन्हों को दिखाना॥ तब मूसा अपने ससुर यित्रो के पास लौटा और उससे कहा, मुझे विदा कर, कि मैं मिस्र में रहने वाले अपने भाइयों के पास जा कर देखूं कि वे अब तक जीवित हैं वा नहीं। यित्रो ने कहा, कुशल से जा। और यहोवा ने मिद्यान देश में मूसा से कहा, मिस्र को लौट जा; क्योंकि जो मनुष्य तेरे प्राण के प्यासे थे वे सब मर गए हैं तब मूसा अपनी पत्नी और बेटों को गदहे पर चढ़ाकर मिस्र देश की ओर परमेश्वर की उस लाठी को हाथ में लिये हुए लौटा। और यहोवा ने मूसा से कहा, जब तू मिस्र में पहुंचे तब सावधान हो जाना, और जो चमत्कार मैं ने तेरे वश में किए हैं उन सभों को फिरौन को दिखलाना; परन्तु मैं उसके मन को हठीला करूंगा, और वह मेरी प्रजा को जाने न देगा। और तू फिरौन से कहना, कि यहोवा यों कहता है, कि इस्राएल मेरा पुत्र वरन मेरा जेठा है, और मैं जो तुझ से कह चुका हूं, कि मेरे पुत्र को जाने दे कि वह मेरी सेवा करे; और तू ने अब तक उसे जाने नहीं दिया, इस कारण मैं अब तेरे पुत्र वरन तेरे जेठे को घात करूंगा। और ऐसा हुआ कि मार्ग पर सराय में यहोवा ने मूसा से भेंट करके उसे मार डालना चाहा। तब सिप्पोरा ने एक तेज चकमक पत्थर ले कर अपने बेटे की खलड़ी को काट डाला, और मूसा के पावों पर यह कहकर फेंक दिया, कि निश्चय तू लोहू बहाने वाला मेरा पति है। तब उसने उसको छोड़ दिया। और उसी समय खतने के कारण वह बोली, तू लोहू बहाने वाला पति है। तब यहोवा ने हारून से कहा, मूसा से भेंट करने को जंगल में जा। और वह गया, और परमेश्वर के पर्वत पर उससे मिला और उसको चूमा। तब मूसा ने हारून को यह बतलाया कि यहोवा ने क्या क्या बातें कहकर उसको भेजा है, और कौन कौन से चिन्ह दिखलाने की आज्ञा उसे दी है। तब मूसा और हारून ने जा कर इस्राएलियों के सब पुरनियों को इकट्ठा किया। और जितनी बातें यहोवा ने मूसा से कही थी वह सब हारून ने उन्हें सुनाईं, और लोगों के साम्हने वे चिन्ह भी दिखलाए। और लोगों ने उनकी प्रतीति की; और यह सुनकर, कि यहोवा ने इस्राएलियों की सुधि ली और उनके दु:खों पर दृष्टि की है, उन्होंने सिर झुका कर दण्डवत की॥

निर्गमन 4:1-31 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब मूसा ने उत्तर दिया, “वे मुझ पर विश्वास न करेंगे और न मेरी सुनेंगे, वरन् कहेंगे, ‘यहोवा ने तुझको दर्शन नहीं दिया।’” यहोवा ने उससे कहा, “तेरे हाथ में वह क्या है?” वह बोला, “लाठी।” उसने कहा, “उसे भूमि पर डाल दे।” जब उसने उसे भूमि पर डाला तब वह सर्प बन गई, और मूसा उसके सामने से भागा। तब यहोवा ने मूसा से कहा, “हाथ बढ़ाकर उसकी पूँछ पकड़ ले, ताकि वे लोग विश्वास करें कि तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर अर्थात् अब्राहम के परमेश्वर, इसहाक के परमेश्वर, और याकूब के परमेश्वर, यहोवा ने तुझको दर्शन दिया है।” जब उसने हाथ बढ़ाकर उसको पकड़ा तब वह उसके हाथ में फिर लाठी बन गई। फिर यहोवा ने उससे यह भी कहा, “अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप।” अतः उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप लिया; फिर जब उसे निकाला तब क्या देखा, कि उसका हाथ कोढ़ के कारण हिम के समान श्वेत हो गया है। तब उसने कहा, “अपना हाथ छाती पर फिर रखकर ढाँप।” और उसने अपना हाथ छाती पर रखकर ढाँप लिया; और जब उसने उसको छाती पर से निकाला तब क्या देखता है कि वह फिर सारी देह के समान हो गया। तब यहोवा ने कहा, “यदि वे तेरी बात पर विश्वास न करें, और पहले चिन्ह को न मानें, तो दूसरे चिन्ह पर विश्वास करेंगे। और यदि वे इन दोनों चिन्हों पर विश्वास न करें और तेरी बात को न मानें, तब तू नील नदी से कुछ जल लेकर सूखी भूमि पर डालना; और जो जल तू नदी से निकालेगा वह सूखी भूमि पर लहू बन जाएगा।” (निर्ग. 7:19) मूसा ने यहोवा से कहा, “हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुँह और जीभ का भद्दा हूँ।” यहोवा ने उससे कहा, “मनुष्य का मुँह किसने बनाया है? और मनुष्य को गूँगा, या बहरा, या देखनेवाला, या अंधा, मुझ यहोवा को छोड़ कौन बनाता है? अब जा, मैं तेरे मुख के संग होकर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखाता जाऊँगा।” उसने कहा, “हे मेरे प्रभु, कृपया तू किसी अन्य व्यक्ति को भेज।” तब यहोवा का कोप मूसा पर भड़का और उसने कहा, “क्या तेरा भाई लेवीय हारून नहीं है? मुझे तो निश्चय है कि वह बोलने में निपुण है, और वह तुझ से भेंट करने के लिये निकल भी गया है, और तुझे देखकर मन में आनन्दित होगा। इसलिए तू उसे ये बातें सिखाना; और मैं उसके मुख के संग और तेरे मुख के संग होकर जो कुछ तुम्हें करना होगा वह तुम को सिखाता जाऊँगा। वह तेरी ओर से लोगों से बातें किया करेगा; वह तेरे लिये मुँह और तू उसके लिये परमेश्वर ठहरेगा। और तू इस लाठी को हाथ में लिए जा, और इसी से इन चिन्हों को दिखाना।” तब मूसा अपने ससुर यित्रो के पास लौटा और उससे कहा, “मुझे विदा कर, कि मैं मिस्र में रहनेवाले अपने भाइयों के पास जाकर देखूँ कि वे अब तक जीवित हैं या नहीं।” यित्रो ने कहा, “कुशल से जा।” और यहोवा ने मिद्यान देश में मूसा से कहा, “मिस्र को लौट जा; क्योंकि जो मनुष्य तेरे प्राण के प्यासे थे वे सब मर गए हैं।” (मत्ती 2:20) तब मूसा अपनी पत्नी और बेटों को गदहे पर चढ़ाकर मिस्र देश की ओर परमेश्वर की उस लाठी को हाथ में लिये हुए लौटा। और यहोवा ने मूसा से कहा, “जब तू मिस्र में पहुँचे तब सावधान हो जाना, और जो चमत्कार मैंने तेरे वश में किए हैं उन सभी को फ़िरौन को दिखलाना; परन्तु मैं उसके मन को हठीला करूँगा, और वह मेरी प्रजा को जाने न देगा। (रोम. 9:18) और तू फ़िरौन से कहना, ‘यहोवा यह कहता है, कि इस्राएल मेरा पुत्र वरन् मेरा पहलौठा है, और मैं जो तुझ से कह चुका हूँ, कि मेरे पुत्र को जाने दे कि वह मेरी सेवा करे; और तूने अब तक उसे जाने नहीं दिया, इस कारण मैं अब तेरे पुत्र वरन् तेरे पहलौठे को घात करूँगा।’” तब ऐसा हुआ कि मार्ग पर सराय में यहोवा ने मूसा से भेंट करके उसे मार डालना चाहा। तब सिप्पोरा ने एक तेज चकमक पत्थर लेकर अपने बेटे की खलड़ी को काट डाला, और मूसा के पाँवों पर यह कहकर फेंक दिया, “निश्चय तू लहू बहानेवाला मेरा पति है।” तब उसने उसको छोड़ दिया। और उसी समय खतने के कारण वह बोली, “तू लहू बहानेवाला पति है।” तब यहोवा ने हारून से कहा, “मूसा से भेंट करने को जंगल में जा।” और वह गया, और परमेश्वर के पर्वत पर उससे मिला और उसको चूमा। तब मूसा ने हारून को यह बताया कि यहोवा ने क्या-क्या बातें कहकर उसको भेजा है, और कौन-कौन से चिन्ह दिखलाने की आज्ञा उसे दी है। तब मूसा और हारून ने जाकर इस्राएलियों के सब पुरनियों को इकट्ठा किया। और जितनी बातें यहोवा ने मूसा से कही थीं वह सब हारून ने उन्हें सुनाई, और लोगों के सामने वे चिन्ह भी दिखलाए। और लोगों ने उन पर विश्वास किया; और यह सुनकर कि यहोवा ने इस्राएलियों की सुधि ली और उनके दुःखों पर दृष्टि की है, उन्होंने सिर झुकाकर दण्डवत् किया। (निर्ग. 3:15,18)

निर्गमन 4:1-31 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

यह सुन मोशेह ने पूछा, “क्या होगा जब वे मेरी बात का न विश्वास करें और न मानें, और कहें, ‘यह असंभव है कि याहवेह तुम पर प्रकट हुए हों?’ ” याहवेह ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम्हारे हाथ में क्या है?” मोशेह ने उत्तर दिया, “एक लाठी.” याहवेह ने कहा, “उसे भूमि पर डाल दो!” तब मोशेह ने उसे भूमि पर डाल दी. वह लाठी सांप बन गई, मोशेह डरकर दूर चले गए. याहवेह ने मोशेह से कहा, “अपना हाथ बढ़ाकर उसकी पूंछ पकड़ लो!” तब मोशेह ने अपना हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ लिया और वह उनके हाथ में आते ही लाठी बन गई! याहवेह ने कहा, “यह देखकर वे विश्वास करेंगे कि तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर, अब्राहाम, यित्सहाक तथा याकोब के परमेश्वर ही, तुम पर प्रकट हुए हैं.” फिर याहवेह ने मोशेह से दुबारा कहा “अब अपना हाथ वस्त्र के भीतर अपनी छाती पर रखो.” मोशेह ने अपना हाथ अपनी छाती पर रखकर बाहर निकाला, तुरंत उनका हाथ कुष्ठ के कारण हिम जैसा श्वेत हो गया. तब याहवेह ने उनसे कहा, “अपना हाथ वापस अपनी छाती पर रखो!” मोशेह ने अपना हाथ वापस अपनी छाती पर रखा; और जब उन्होंने अपना हाथ छाती से बाहर निकाला, वह वापस पहले जैसा सही हो गया. “यदि वे तुम्हारी बात का विश्वास न करें या उस पहले वाले चिन्ह को न मानें, हो सकता है कि वे दूसरे चिन्ह पर विश्वास कर लें. किंतु यदि वे इन दोनों चिन्हों पर भी विश्वास न करें और तुम्हारी बात को भी न माने, तब तुम नील नदी से कुछ जल लेकर सूखी भूमि पर डाल देना; नील नदी से लिया गया वह जल सूखी भूमि पर डालते ही खून बन जाएगा.” तब मोशेह ने याहवेह से कहा, “याहवेह परमेश्वर, मुझे माफ करें, मैं अच्छी तरह से बोल नहीं सकता हूं, पहले भी नहीं बोल सकता था, और न जब से आपने अपने दास से बात की थी, मेरी ज़ुबान तुतली और धीमी है!” याहवेह ने उनसे पूछा, “किसने मनुष्य का मुंह बनाया है? कौन उसे गूंगा या बहिरा बनाता है? कौन है जो उसको बोलने की शक्ति या देखने के लिए रोशनी देता है? क्या मैं, स्वयं याहवेह नहीं? अब जाओ. मैं, हां, मैं तुम्हें बोलने की मदद करूंगा, और बताऊंगा, कि तुम्हें क्या बोलना है.” किंतु मोशेह ने मना किया और कहा, “प्रभु, अपने दास को माफ कर दे, कृपया आप किसी दूसरे को भेज दीजिए.” याहवेह मोशेह से नाराज हुए. उन्होंने मोशेह से कहा, “तुम्हारा भाई, अहरोन, जो लेवी है, वह तुमसे मिलने यहीं आ रहा है. तुम्हें देखकर वह खुश हो जाएगा. तुम उसे यह सब बताना और उसके मुंह में बातें डालना इसके अलावा मैं—हां मैं, तुम दोनों की बोलने में सहायता करूंगा, मैं तुम दोनों को सही मार्ग पर चलना सिखाऊंगा. वह तुम्हारी ओर से लोगों से बात करेगा व तुम अहरोन के परमेश्वर समान होंगे. इस लाठी को तुम अपने हाथ में ही रखना, इसी से तुम अद्भुत काम कर पाओगे.” मोशेह वहां से आकर अपने ससुर येथ्रो से मिलने गए और उनसे कहा, “कृपया मुझे जाने दीजिए ताकि मैं मिस्र देश में अपने भाई-बंधुओं से मिलकर पता करूं कि उनमें से कोई अब भी ज़िंदा है या नहीं.” येथ्रो ने उनसे कहा, “तुम शांति से जाओ.” मिदियान देश में ही मोशेह को याहवेह की ओर से यह आदेश मिल चुका था, “मिस्र देश को लौट जाओ, क्योंकि उन सभी की मृत्यु हो चुकी है, जो तुम्हारी हत्या करना चाहते थे.” फिर मोशेह अपनी पत्नी एवं पुत्रों को गधे पर बैठाकर मिस्र देश को लौट गए. परमेश्वर के कहे अनुसार मोशेह परमेश्वर की लाठी अपने हाथ में ली हुई थी. याहवेह ने मोशेह से कहा, “मिस्र देश पहुंचकर तुम वे सभी चिन्ह फ़रोह को दिखाना जो मैंने तुम्हारे वश में किए हैं, परंतु मैं फ़रोह के मन को कठोर कर दूंगा, और वह इस्राएलियों को जाने न देगा. तब तुम फ़रोह से कहना, ‘याहवेह का संदेश यह है: इस्राएल मेरा पुत्र—मेरा पहलौठा है. यह मेरा आदेश है कि मेरे पुत्र को जाने दो, कि वह मेरी आराधना कर सके; परंतु तुम उन्हें जाने नहीं दे रहे हो. इस कारण मैं तुम्हारे बड़े बेटे को मार दूंगा.’ ” मार्ग में सराय पर याहवेह मोशेह के पास आए कि उनको मार दें. लेकिन ज़ीप्पोराह ने एक नुकीले पत्थर से अपने पुत्र की खलड़ी को काटकर मोशेह के पैरों पर डाल दिया और कहा, “आप लहू बहानेवाले मेरे दूल्हा हैं!” इसलिये याहवेह ने मोशेह को नहीं छुआ. यही वह समय था जब ज़ीप्पोराह ने कहा था, “आप वास्तव में रक्त बहानेवाले दूल्हा हैं,” क्योंकि उसी समय ख़तना किया था. याहवेह ने अहरोन से कहा, “निर्जन प्रदेश में जाकर मोशेह से मिलो.” और अहरोन परमेश्वर के पर्वत पर गये और मोशेह से मिले. अहरोन ने मोशेह का चुंबन किया. मोशेह ने अहरोन को वह सब बातें बताईं जिन्हें कहने के लिये याहवेह ने उसे भेजा था. मोशेह ने वह अद्भुत चिन्ह भी बताए, जिन्हें याहवेह ने मोशेह को करने की आज्ञा दी थी. मोशेह तथा अहरोन ने इस्राएलियों के सब प्रधानों को बुलाया. अहरोन ने उनको वह सब बात बताई, जो याहवेह ने मोशेह से कही थी. फिर उन्होंने सब लोगों के सामने वह चिन्ह भी दिखाये. चिन्ह देखकर लोगों ने उनका विश्वास किया और जब उन्हें यह पता चला कि याहवेह ने इस्राएलियों की ओर कान लगाया है और उनके दुखों की ओर ध्यान दिया है, तब उन्होंने झुककर प्रणाम किया और परमेश्वर की आराधना की.