निर्गमन 26:1-14
निर्गमन 26:1-14 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
“फिर निवास–स्थान के लिये दस परदे बनवाना; इनको बटी हुई सनीवाले और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के साथ बनवाना। एक एक परदे की लम्बाई अट्ठाइस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो : सब परदे एक ही नाप के हों। पाँच परदे एक दूसरे से जुड़े हुए हों; और फिर जो पाँच परदे रहेंगे वे भी एक दूसरे से जुड़े हुए हों। और जहाँ ये दोनों परदे जोड़े जाएँ वहाँ के दोनों छोरों पर नीले नीले फन्दे लगवाना। दोनों छोरों में पचास पचास फन्दे ऐसे लगवाना कि वे आमने–सामने हों। और सोने के पचास अंकड़े बनवाना; और परदों के पंचों को अंकड़ों के द्वारा एक दूसरे से ऐसा जुड़वाना कि निवास–स्थान मिलकर एक हो जाए। “फिर निवास के ऊपर तम्बू का काम देने के लिये बकरी के बाल के ग्यारह परदे बनवाना। एक एक परदे की लम्बाई तीस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो; ग्यारहों परदे एक ही नाप के हों। और पाँच परदे अलग और फिर छ: परदे अलग जुड़वाना, और छठवें परदे को तम्बू के सामने मोड़ कर दुहरा कर देना। और तू पचास अंकड़े उस परदे के छोर में जो बाहर से मिलाया जाएगा और पचास ही अंकड़े दूसरी ओर के परदे की छोर में जो बाहर से मिलाया जाएगा बनवाना। और पीतल के पचास अंकड़े बनाना, और अंकड़ों को फन्दों में लगाकर तम्बू को ऐसा जुड़वाना कि वह मिलकर एक हो जाए। और तम्बू के परदों का लटका हुआ भाग, अर्थात् जो आधा पट रहेगा, वह निवास की पिछली ओर लटका रहे। और तम्बू के परदों की लम्बाई में से हाथ भर इधर, और हाथ भर उधर निवास के ढाँकने के लिये उसके दोनों ओर लटका हुआ रहे। फिर तम्बू के लिये लाल रंग से रंगी हुई मेढ़ों की खालों का एक ओढ़ना और उसके ऊपर सूइसों की खालों का भी एक ओढ़ना बनवाना।
निर्गमन 26:1-14 पवित्र बाइबल (HERV)
यहोवा ने मूसा से कहा, “पवित्त्र तम्बू दस कनातों से बनाओ। इन कनातों को अच्छे रेशम तथा नीले, लाल और बैंगनी कपड़ों से बनाओ। किसी कुशल कारीगर को चाहिए कि वह करूबों को पंख सहित कनातों पर काढ़े। हर एक कनात को एक बराबर बनाओ। हर एक कनात चौदह गज़ लम्बी और दो गज चौड़ी होनी चाहिए। सभी कनातों को दो भागों में सीओ। एक भाग में पाँच कनातों को एक साथ सीओ और दूसरे भाग में पाँच को एक साथ। आखिरी कनात के सिरे के नीचे छल्ले बनाओ। इन छल्लों को बनाने के लिए नीला कपड़ा उपयोग में लाओ। कनातों के दोनों भागों में एक ओर नीचे छल्ले होंगे। पहले भाग की आखिरी कनात में पचास छल्ले होंगे और दूसरे भाग की आखिरी कनात में पचास। तब पचास सोने के कड़े छल्लों को एक साथ मिलाने के लिए बनाओ। यह कनातों को इस प्रकार जोड़ेंगे कि पवित्र तम्बू एक ही हो जाएगा।” “तब तुम दूसरा तम्बू बनाओगे जो पवित्र तम्बू को ढकेगा। इस तम्बू को बनाने के लिए बकरियों के बाल से बनी ग्यारह कनातों का उपयोग करो। ये सभी कनातें एक बराबर होनी चाहिए। वे पन्द्रह गज लम्बी और दो गज चौड़ी होनी चाहिए। एक भाग में पाँच कनातों को एक साथ सीओ तब बाकी छः कनातों को दूसरे भाग में एक साथ सीओ। छठी कनात का उपयोग तम्बू के सामने के पर्दे के लिए करो। इसे इस प्रकार लपेटो कि यह द्वार की तरह खुले। एक भाग की आखिरी कनात के सिरे पर पचास छल्ले बनाओ, ऐसा ही दूसरे भाग की आखिरी कनात के लिए करो। तब पचास काँसे के कड़े बनाओ। इन काँसे के कड़ों का उपयोग छल्लों को एक साथ जोड़ने के लिए करो। ये कनातों को एक साथ तम्बू के रूप में जोड़ेंगे। ये कनातें पवित्र तम्बू से अधिक लम्बी होंगी। इस प्रकार अन्त के कनात का आधा हिस्सा तम्बू के पीछे किनारों के नीचे लटका रहेगा।” “वहाँ अट्ठारह इंच कनात तम्बू के बगलों में निचले किनारों से लटकती रहेगी। यह तम्बू को पूरी तरह ढक लेगी। बाहरी आवरण को ढकने के लिए दो अन्य पर्दे बनाओ। एक लाल रंगे मेढ़े के चमड़े से बनाना चाहिए तथा दूसरा पर्दा सुइसों के चमड़े का बना होना चाहिए।
निर्गमन 26:1-14 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
‘तू दस परदों का एक निवास-स्थान बनाना। ये परदे पतले सूत से बुने हुए नीले, बैंजनी और लोहित रंग के वस्त्र के होने चाहिए। तू उन पर कुशलता से करूबों के चित्रों की कढ़ाई करना। प्रत्येक परदे की लम्बाई बारह मीटर साठ सेंटीमीटर और चौड़ाई एक मीटर अस्सी सेंटीमीटर होगी। सब परदे एक ही नाप के होंगे। पाँच परदे एक-दूसरे से जोड़े जाएँगे। इसी प्रकार शेष पाँच परदे भी एक-दूसरे से जोड़े जाएँगे। पहले जुड़े हुए परदे के छोर में नीले रंग के फन्दे डाले जाएँगे। इसी प्रकार दूसरे जुड़े हुए परदे के छोर में भी नीले रंग के फन्दे डालना। पहले जुड़े परदे में पचास फन्दे डालना, और दूसरे जुड़े परदे के छोर में भी पचास फन्दे डालना। फन्दे आमने-सामने होने चाहिए। तू सोने के पचास अंकड़े बनाना, और जुड़े हुए परदों को इन अंकड़ों के द्वारा जोड़ देना जिससे पूरा निवास-स्थान एक बन जाए। ‘तू निवास-स्थान के ऊपर, तम्बू के लिए बकरी के बाल के परदे बनाना। तू कुल ग्यारह परदे बनाना। प्रत्येक परदे की लम्बाई साढ़े तेरह मीटर और चौड़ाई एक मीटर अस्सी सेंटीमीटर होगी। ये ग्यारह परदे एक ही नाप के होंगे। तू पाँच परदों को एक-दूसरे से जोड़ना। इसी प्रकार शेष छ: परदों को परस्पर जोड़ना। किन्तु तू छठे परदे को तम्बू के सम्मुख दोहराकर लटका देना। तू पहले जुड़े हुए परदे के छोर में पचास फन्दे डालना। ऐसे ही दूसरे जुड़े हुए परदे के छोर में पचास फन्दे डालना। ‘तू पीतल के पचास अंकड़े बनाना। उन्हें फन्दों में डालकर तम्बू को जोड़ देना, जिससे वह एक बन जाए। तम्बू के परदों का बचा हुआ भाग, आधा परदा, जो बच जाता है, वह निवास-स्थान की पिछली ओर लटकता रहेगा। तम्बू के परदों की लम्बाई में बचा हुआ भाग निवास-स्थान के दोनों ओर, अगल-बगल, उसे ढांपने के लिए पैंतालीस सेंटीमीटर इधर, पैंतालीस सेंटीमीटर उधर लटकता रहे। तू तम्बू के लिए मेढ़े और सूंस के पके हुए चमड़े का आवरण बनाना।
निर्गमन 26:1-14 Hindi Holy Bible (HHBD)
फिर निवासस्थान के लिये दस परदे बनवाना; इन को बटी हुई सनी वाले और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के साथ बनवाना। एक एक परदे की लम्बाई अट्ठाईस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो; सब परदे एक ही नाप के हों। पांच परदे एक दूसरे से जुड़े हुए हों; और फिर जो पांच परदे रहेंगे वे भी एक दूसरे से जुड़े हुए हों। और जहां ये दोनों पर दे जोड़े जाएं वहां की दोनों छोरों पर नीली नीली फलियां लगवाना। दोनों छोरों में पचास पचास फलियां ऐसे लगवाना कि वे आम्हने साम्हने हों। और सोने के पचास अंकड़े बनवाना; और परदों के पंचो को अंकड़ों के द्वारा एक दूसरे से ऐसा जुड़वाना कि निवासस्थान मिलकर एक ही हो जाए। फिर निवास के ऊपर तम्बू का काम देने के लिये बकरी के बाल के ग्यारह परदे बनवाना। एक एक परदे की लम्बाई तीस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो; ग्यारहों परदे एक ही नाप के हों। और पांच परदे अलग और फिर छ: परदे अलग जुड़वाना, और छटवें परदे को तम्बू के साम्हने मोड़ कर दुहरा कर देना। और तू पचास अंकड़े उस परदे की छोर में जो बाहर से मिलाया जाएगा और पचास ही अंकड़े दूसरी ओर के परदे की छोर में जो बाहर से मिलाया जाएगा बनवाना। और पीतल के पचास अंकड़े बनाना, और अंकड़ों को फलियों में लगाकर तम्बू को ऐसा जुड़वाना कि वह मिलकर एक ही हो जाए। और तम्बू के परदों का लटका हुआ भाग, अर्थात जो आधा पट रहेगा, वह निवास की पिछली ओर लटका रहे। और तम्बू के परदों की लम्बाई में से हाथ भर इधर, और हाथ भर उधर निवास के ढांकने के लिये उसकी दोनों अलंगों पर लटका हुआ रहे। फिर तम्बू के लिये लाल रंग से रंगी हुई मेढों की खालों का एक ओढ़ना और उसके ऊपर सूइसों की खालों का भी एक ओढ़ना बनवाना॥
निर्गमन 26:1-14 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
“फिर निवास–स्थान के लिये दस परदे बनवाना; इनको बटी हुई सनीवाले और नीले, बैंजनी और लाल रंग के कपड़े का कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के साथ बनवाना। एक एक परदे की लम्बाई अट्ठाइस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो : सब परदे एक ही नाप के हों। पाँच परदे एक दूसरे से जुड़े हुए हों; और फिर जो पाँच परदे रहेंगे वे भी एक दूसरे से जुड़े हुए हों। और जहाँ ये दोनों परदे जोड़े जाएँ वहाँ के दोनों छोरों पर नीले नीले फन्दे लगवाना। दोनों छोरों में पचास पचास फन्दे ऐसे लगवाना कि वे आमने–सामने हों। और सोने के पचास अंकड़े बनवाना; और परदों के पंचों को अंकड़ों के द्वारा एक दूसरे से ऐसा जुड़वाना कि निवास–स्थान मिलकर एक हो जाए। “फिर निवास के ऊपर तम्बू का काम देने के लिये बकरी के बाल के ग्यारह परदे बनवाना। एक एक परदे की लम्बाई तीस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो; ग्यारहों परदे एक ही नाप के हों। और पाँच परदे अलग और फिर छ: परदे अलग जुड़वाना, और छठवें परदे को तम्बू के सामने मोड़ कर दुहरा कर देना। और तू पचास अंकड़े उस परदे के छोर में जो बाहर से मिलाया जाएगा और पचास ही अंकड़े दूसरी ओर के परदे की छोर में जो बाहर से मिलाया जाएगा बनवाना। और पीतल के पचास अंकड़े बनाना, और अंकड़ों को फन्दों में लगाकर तम्बू को ऐसा जुड़वाना कि वह मिलकर एक हो जाए। और तम्बू के परदों का लटका हुआ भाग, अर्थात् जो आधा पट रहेगा, वह निवास की पिछली ओर लटका रहे। और तम्बू के परदों की लम्बाई में से हाथ भर इधर, और हाथ भर उधर निवास के ढाँकने के लिये उसके दोनों ओर लटका हुआ रहे। फिर तम्बू के लिये लाल रंग से रंगी हुई मेढ़ों की खालों का एक ओढ़ना और उसके ऊपर सूइसों की खालों का भी एक ओढ़ना बनवाना।
निर्गमन 26:1-14 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
“फिर निवास-स्थान के लिये दस पर्दे बनवाना; इनको बटी हुई सनीवाले और नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े का कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के साथ बनवाना। एक-एक पर्दे की लम्बाई अट्ठाईस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो; सब पर्दे एक ही नाप के हों। पाँच पर्दे एक दूसरे से जुड़े हुए हों; और फिर जो पाँच पर्दे रहेंगे वे भी एक दूसरे से जुड़े हुए हों। और जहाँ ये दोनों पर्दे जोड़े जाएँ वहाँ की दोनों छोरों पर नीले-नीले फंदे लगवाना। दोनों छोरों में पचास-पचास फंदे ऐसे लगवाना कि वे आमने-सामने हों। और सोने के पचास अंकड़े बनवाना; और परदों के छल्लों को अंकड़ों के द्वारा एक दूसरे से ऐसा जुड़वाना कि निवास-स्थान मिलकर एक ही हो जाए। “फिर निवास के ऊपर तम्बू का काम देने के लिये बकरी के बाल के ग्यारह पर्दे बनवाना। एक-एक पर्दे की लम्बाई तीस हाथ और चौड़ाई चार हाथ की हो; ग्यारहों पर्दे एक ही नाप के हों। और पाँच पर्दे अलग और फिर छः पर्दे अलग जुड़वाना, और छठवें पर्दे को तम्बू के सामने मोड़कर दुहरा कर देना। और तू पचास अंकड़े उस पर्दे की छोर में जो बाहर से मिलाया जाएगा और पचास ही अंकड़े दूसरी ओर के पर्दे की छोर में जो बाहर से मिलाया जाएगा बनवाना। और पीतल के पचास अंकड़े बनाना, और अंकड़ों को फंदों में लगाकर तम्बू को ऐसा जुड़वाना कि वह मिलकर एक ही हो जाए। और तम्बू के परदों का लटका हुआ भाग, अर्थात् जो आधा पट रहेगा, वह निवास की पिछली ओर लटका रहे। और तम्बू के परदों की लम्बाई में से हाथ भर इधर, और हाथ भर उधर निवास को ढाँकने के लिये उसकी दोनों ओर पर लटका हुआ रहे। फिर तम्बू के लिये लाल रंग से रंगी हुई मेढ़ों की खालों का एक ओढ़ना और उसके ऊपर सुइसों की खालों का भी एक ओढ़ना बनवाना।
निर्गमन 26:1-14 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
“फिर पवित्र स्थान के लिए कुशल कारीगरों द्वारा दस पर्दे बनाना, जो बंटी हुई मलमल और नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों से बने हों और उस पर कढ़ाई के काम किए हुए करूबों के चित्र हों. हर पर्दे की लंबाई बारह मीटर साठ सेंटीमीटर और चौड़ाई एक मीटर अस्सी सेंटीमीटर हो. हर पर्दा एक ही नाप का हो. पांच पर्दों को एक साथ जोड़ना और इसी प्रकार दूसरे पांच पर्दे भी एक साथ जुड़े. फिर पहले पांच पर्दे के किनारी पर तथा इसी तरह दूसरी पांच पर्दे के किनारी पर भी नीले रंग का फंदा बनाना. एक पर्दे में पचास फंदे और दूसरे में भी पचास फंदे. वे फंदे एक दूसरे के सामने बनाना. फिर, सोने के पचास अंकुड़े बनवाना. और उन अंकुड़ों से दोनों पर्दों को मिलाना, जिससे पवित्र स्थान मिलकर एक हो जाए. “फिर बकरे के रोमों से ग्यारह पर्दे बनवाना जो पवित्र स्थान के ऊपर का हिस्सा है. हर पर्दे की लंबाई साढ़े तेरह मीटर और चौड़ाई एक मीटर अस्सी सेंटीमीटर हो. ग्यारहों पर्दे एक ही नाप के हों. उन पर्दों में पांच को जोड़कर एक पर्दा बनवाना. और बाकी छः पर्दों को जोड़कर एक और पर्दा बनवाना. छठे पर्दे को तंबू के सामने मोड़ देना. और दोनों अलग-अलग पर्दों की एक-एक किनारी पर पचास-पचास फंदे लगाना. फिर कांसे के पचास अंकुड़े बनवाना. उन अंकुड़ों में फंदे लगवाना और तंबू के दोनों तरफ इस प्रकार जोड़ना कि वे एक बन जाए. पर्दों का जो भाग बचा है, उसका आधा भाग पवित्र स्थान के पीछे लटका देना और पर्दों की लंबाई में बचा हुआ भाग पवित्र स्थान के दोनों तरफ ढकने के लिए पैंतालीस-पैंतालीस सेंटीमीटर दोनों ओर लटका हुआ छोड़ देना. तंबू के लिए लाल रंग से रंगी हुई भेडों की खाल का एक ओढ़ना बनवाना और फिर उसके ऊपर लगाने के लिए सूस के चमड़े का एक और ओढ़ना बनवाना.