निर्गमन 2:11-25

निर्गमन 2:11-25 पवित्र बाइबल (HERV)

मूसा बड़ा हुआ और युवक हो गया। उसने देखा कि उसके हिब्रू लोग अत्यन्त कठिन काम करने के लिए विवश किए जा रहे हैं। एक दिन मूसा ने एक मिस्री व्यक्ति द्वारा एक हिब्रू व्यक्ति को पिटते देखा। इसलिए मूसा ने चारों ओर नजर घुमाई और देखा कि कोई देख नहीं रहा है। मूसा ने मिस्री को मार डाला और उसे रेत में छिपा दिया। अगले दिन मूसा ने दो हिब्रू व्यक्तियों को परस्पर लड़ते देखा। मूसा ने देखा कि एक व्यक्ति गलती पर था। मूसा ने उस आदमी से कहा, “तुम अपने पड़ोसी को क्यों मार रहे हो?” उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, “क्या किसी ने कहा है कि तुम हमारे शासक और न्यायाधीश बनो? नहीं। मुझे बताओ कि क्या तुम मुझे भी उसी प्रकार मार डालोगे जिस प्रकार तुमने कल मिस्री को मार डाला?” तब मूसा डरा। मूसा ने मन ही मन सोचा, “अब हर एक व्यक्ति जानता है कि मैंने क्या किया है?” फ़िरौन ने सुना कि मूसा ने मिस्री की हत्या की है। मूसा ने जो कुछ किया फ़िरौन ने उसके बारे में सुना, इसलिए उसने मूसा को मार डालने का निश्चय किया। किन्तु मूसा फिरौन की पकड़ से निकल भागा। मूसा मिद्यान देश में गया। उस प्रदेश में मूसा एक कुएँ के समीप रूका। द्यान में एक याजक था जिसकी सात पुत्रियाँ थीं। एक दिन उसकी पुत्रियाँ अपने पिता की भेड़ों के लिए पानी लेने उसी कुएँ पर गईं। वे कठौती को पानी से भरने का प्रयत्न कर रही थीं। किन्तु कुछ चरवाहों ने उन लड़कियों को भगा दिया और पानी नहीं लेने दिया। इसलिए मूसा ने लड़कियों की सहायता की और उनके जानवरों को पानी दिया। तब वे अपने पिता रुएल के पास लौट गईं। उनके पिता ने उनसे पूछा, “आज तुम लोग क्यों जल्दी घर चली आईं?” लड़कियों ने उत्तर दिया, “चरवाहों ने हम लोगों को भगाना चाहा। किन्तु एक मिस्री व्यक्ति ने हम लोगों की सहायता की। उसने हम लोगों के लिए पानी निकाला और हम लोगों के जानवरों को दिया।” इसलिए रुएल ने अपनी पुत्रियों से कहा, “यह व्यक्ति कहाँ है? तुम लोगों ने उसे छोड़ा क्यों? उसे यहाँ बुलाओ और हम लोगों के साथ उसे भोजन करने दो।” मूसा उस आदमी के साथ ठहरने से प्रसन्न हुआ और उस आदमी ने अपनी पुत्री सिप्पोरा को मूसा की पत्नी के रूप में उसे दे दिया। सिप्पोरा ने एक पुत्र को जन्म दिया। मूसा ने अपने पुत्र का नाम गेर्शोम रखा। मूसा ने अपने पुत्र को यह नाम इसलिए दिया कि वह उस देश में अजनबी था जो उसका अपना नहीं था। लम्बा समय बीता और मिस्र का राजा मर गया। इस्राएली लोगों को जब भी कठिन परिश्रम करने के लिए विवश किया जाता था। वे सहायता के लिए पुकारते थे और परमेशवर ने उनकी पुकार सुनी। परमेश्वर ने उनकी प्रार्थनाएँ सुनीं और उस वाचा को याद किया जो उसने इब्राहीम, इसहाक और याकूब के साथ की थी। परमेश्वर ने इस्राएली लोगों के कष्टों को देखा और उसने सोचा कि वह शीघ्र ही उनकी सहायता करेगा।

निर्गमन 2:11-25 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

जब मूसा जवान हुए तब एक दिन यह घटना घटी। वह अपने जाति-भाइयों के पास गए। उन्‍होंने अपने जाति-भाइयों को भारी बोझ से लदे हुए देखा। उन्‍होंने यह भी देखा कि एक मिस्र निवासी उनके एक इब्रानी भाई को मार रहा है। मूसा ने इधर-उधर दृष्‍टि दौड़ायी। जब कोई मनुष्‍य दिखाई नहीं दिया तब उन्‍होंने मिस्र-निवासी की हत्‍या कर दी और उसका शव रेत में छिपा दिया। जब मूसा दूसरे दिन बाहर गए, उन्‍होंने दो इब्रानियों को परस्‍पर लड़ते हुए देखा मूसा ने दोषी व्यक्‍ति से कहा, ‘तुम अपने ही भाई को क्‍यों मार रहे हो?’ वह बोला, ‘किसने आपको हमारे ऊपर मुखिया और न्‍यायाधीश नियुक्‍त किया है? क्‍या आप मुझे भी मार डालना चाहते हैं जैसे आपने मिस्र-निवासी को मार डाला था?’ मूसा डर गए। उन्‍होंने सोचा, ‘निस्‍संदेह, लोगों पर घटना का भेद खुल गया है।’ जब फरओ ने यह बात सुनी तब उसने मूसा का वध करने के लिए उनको खोजा। किन्‍तु वह फरओ के सम्‍मुख से भाग गए। वह मिद्यान देश में रहने लगे। मूसा एक कुएं पर बैठे थे। मिद्यान देश के पुरोहित की सात पुत्रियां थीं। वे कुएं से पानी खींचने आईं। उन्‍होंने अपने पिता की भेड़-बकरियों को पानी पिलाने के लिए नांदों में पानी भरा। किन्‍तु चरवाहे आकर उन्‍हें हटाने लगे। तब मूसा उठे। उन्‍होंने पुरोहित की पुत्रियों की सहायता की और उनके रेवड़ को पानी पिलाया। वे अपने पिता रूएल के पास आईं। उसने पूछा, ‘आज तुम लोग इतने शीघ्र कैसे आ गईं?’ वे बोलीं, ‘एक मिस्र-निवासी पुरुष ने चरवाहों के हाथ से हमें मुक्‍त किया। उसने हमारे लिए पानी भी खींचा, और रेवड़ को पानी पिलाया।’ उसने अपनी पुत्रियों से पूछा, ‘वह कहां है? तुम उस पुरुष को क्‍यों छोड़ आईं? उसे बुलाओ कि वह हमारे साथ भोजन करे।’ मूसा रूएल के साथ रहने को सहमत हो गए। उसने मूसा के साथ अपनी पुत्री सिप्‍पोरा का विवाह कर दिया। वह गर्भवती हुई। उसने एक पुत्र को जन्‍म दिया। मूसा ने कहा, ‘मैं विदेश में प्रवासी हूं’। इसलिए उन्‍होंने उसका नाम गेर्शोम रखा। अनेक वर्षों के बाद मिस्र देश के राजा की मृत्‍यु हो गई। इस्राएली बेगार के कारण कराहते थे। अत: वे सहायता के लिए चिल्‍लाने लगे। बेगार से उत्‍पन्न उनकी दुहाई परमेश्‍वर तक पहुंची। परमेश्‍वर ने उनका कराहना सुना। उसे अब्राहम, इसहाक और याकूब के साथ स्‍थापित अपने विधान का स्‍मरण हुआ। परमेश्‍वर ने इस्राएलियों को देखा। उसने उनकी दुर्दशा पर ध्‍यान दिया।

निर्गमन 2:11-25 Hindi Holy Bible (HHBD)

उन दिनों में ऐसा हुआ कि जब मूसा जवान हुआ, और बाहर अपने भाई बन्धुओं के पास जा कर उनके दु:खों पर दृष्टि करने लगा; तब उसने देखा, कि कोई मिस्री जन मेरे एक इब्री भाई को मार रहा है। जब उसने इधर उधर देखा कि कोई नहीं है, तब उस मिस्री को मार डाला और बालू में छिपा दिया॥ फिर दूसरे दिन बाहर जा कर उसने देखा कि दो इब्री पुरूष आपस में मारपीट कर रहे हैं; उसने अपराधी से कहा, तू अपने भाई को क्यों मारता है? उसने कहा, किस ने तुझे हम लोगों पर हाकिम और न्यायी ठहराया? जिस भांति तू ने मिस्री को घात किया क्या उसी भांति तू मुझे भी घात करना चाहता है? तब मूसा यह सोचकर डर गया, कि निश्चय वह बात खुल गई है। जब फिरौन ने यह बात सुनी तब मूसा को घात करने की युक्ति की। तब मूसा फिरौन के साम्हने से भागा, और मिद्यान देश में जा कर रहने लगा; और वह वहां एक कुएं के पास बैठ गया। मिद्यान के याजक की सात बेटियां थी; और वे वहां आकर जल भरने लगीं, कि कठौतों में भरके अपने पिता की भेड़बकरियों को पिलाएं। तब चरवाहे आकर उन को हटाने लगे; इस पर मूसा ने खड़ा हो कर उनकी सहायता की, और भेड़-बकरियों को पानी पिलाया। जब वे अपने पिता रूएल के पास फिर आई, तब उसने उन से पूछा, क्या कारण है कि आज तुम ऐसी फुर्ती से आई हो? उन्होंने कहा, एक मिस्री पुरूष ने हम को चरवाहों के हाथ से छुड़ाया, और हमारे लिये बहुत जल भरके भेड़-बकरियों को पिलाया। तब उसने अपनी बेटियों से कहा, वह पुरूष कहां है? तुम उसको क्योंछोड़ आई हो? उसको बुला ले आओ कि वह भोजन करे। और मूसा उस पुरूष के साथ रहने को प्रसन्न हुआ; उसने उसे अपनी बेटी सिप्पोरा को ब्याह दिया। और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ, तब मूसा ने यह कहकर, कि मैं अन्य देश में परदेशी हूं, उसका नाम गेर्शोम रखा॥ बहुत दिनों के बीतने पर मिस्र का राजा मर गया। और इस्राएली कठिन सेवा के कारण लम्बी लम्बी सांस ले कर आहें भरने लगे, और पुकार उठे, और उनकी दोहाई जो कठिन सेवा के कारण हुई वह परमेश्वर तक पहुंची। और परमेश्वर ने उनका कराहना सुनकर अपनी वाचा को, जो उसने इब्राहीम, और इसहाक, और याकूब के साथ बान्धी थी, स्मरण किया। और परमेश्वर ने इस्राएलियों पर दृष्टि करके उन पर चित्त लगाया॥

निर्गमन 2:11-25 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

ऐसा हुआ कि जब मूसा जवान हुआ, और बाहर अपने भाई–बन्धुओं के पास जाकर उनके दु:खों पर दृष्‍टि करने लगा; तब उसने देखा कि एक मिस्री जन उसके एक इब्री भाई को मार रहा है। उसने इधर उधर देखा कि कोई नहीं है, तो उस मिस्री को मार डाला और बालू में छिपा दिया। फिर दूसरे दिन बाहर जाकर उसने देखा कि दो इब्री पुरुष आपस में मारपीट कर रहे हैं। उसने अपराधी से कहा, “तू अपने भाई को क्यों मारता है?” उसने कहा, “किसने तुझे हम लोगों पर हाकिम और न्यायी ठहराया? जिस भाँति तू ने मिस्री को घात किया, क्या उसी भाँति तू मुझे भी घात करना चाहता है?” तब मूसा यह सोचकर डर गया, “निश्‍चय वह बात खुल गई है।” जब फ़िरौन ने यह बात सुनी तब मूसा को घात करने की युक्‍ति की। तब मूसा फ़िरौन के सामने से भागा, और मिद्यान देश में जाकर रहने लगा; और वह वहाँ एक कुएँ के पास बैठ गया। मिद्यान के याजक की सात बेटियाँ थीं; और वे वहाँ आकर जल भरने लगीं कि कठौतों में भर के अपने पिता की भेड़–बकरियों को पिलाएँ। तब चरवाहे आकर उनको हटाने लगे; इस पर मूसा ने खड़े होकर उनकी सहायता की, और भेड़–बकरियों को पानी पिलाया। जब वे अपने पिता रूएल के पास लौटीं, तब उसने उनसे पूछा, “क्या कारण है कि आज तुम इतनी जल्दी लौट आई हो।” उन्होंने कहा, “एक मिस्री पुरुष ने हम को चरवाहों के हाथ से छुड़ाया, और हमारे लिये बहुत जल भर के भेड़–बकरियों को पिलाया।” तब उसने अपनी बेटियों से कहा, “वह पुरुष कहाँ है? तुम उसको क्यों छोड़ आई हो? उसको बुला ले आओ कि वह भोजन करे।” और मूसा उस पुरुष के साथ रहने को तैयार हुआ। उसने उससे अपनी बेटी सिप्पोरा का विवाह कर दिया। उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ, तब मूसा ने यह कहकर, “मैं अन्य देश में परदेशी हूँ,” उसका नाम गेर्शोम रखा। बहुत दिनों के बीतने पर मिस्र का राजा मर गया। इस्राएली कठिन सेवा के कारण लम्बी लम्बी साँस लेकर आहें भरने लगे, और पुकार उठे, और उनकी दोहाई जो कठिन सेवा के कारण हुई वह परमेश्‍वर तक पहुँची। परमेश्‍वर ने उनका कराहना सुनकर अपनी वाचा को, जो उसने अब्राहम, इसहाक, और याक़ूब के साथ बाँधी थी, स्मरण किया। और परमेश्‍वर ने इस्राएलियों पर दृष्‍टि करके उन पर चित्त लगाया।

निर्गमन 2:11-25 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

उन दिनों में ऐसा हुआ कि जब मूसा जवान हुआ, और बाहर अपने भाई-बन्धुओं के पास जाकर उनके दुःखों पर दृष्टि करने लगा; तब उसने देखा कि कोई मिस्री जन मेरे एक इब्री भाई को मार रहा है। जब उसने इधर-उधर देखा कि कोई नहीं है, तब उस मिस्री को मार डाला और रेत में छिपा दिया। फिर दूसरे दिन बाहर जाकर उसने देखा कि दो इब्री पुरुष आपस में मारपीट कर रहे हैं; उसने अपराधी से कहा, “तू अपने भाई को क्यों मारता है?” उसने कहा, “किसने तुझे हम लोगों पर हाकिम और न्यायी ठहराया? जिस भाँति तूने मिस्री को घात किया क्या उसी भाँति तू मुझे भी घात करना चाहता है?” तब मूसा यह सोचकर डर गया, “निश्चय वह बात खुल गई है।” जब फ़िरौन ने यह बात सुनी तब मूसा को घात करने की योजना की। तब मूसा फ़िरौन के सामने से भागा, और मिद्यान देश में जाकर रहने लगा; और वह वहाँ एक कुएँ के पास बैठ गया। (इब्रा. 11:27) मिद्यान के याजक की सात बेटियाँ थीं; और वे वहाँ आकर जल भरने लगीं कि कठौतों में भरकर अपने पिता की भेड़-बकरियों को पिलाएँ। तब चरवाहे आकर उनको हटाने लगे; इस पर मूसा ने खड़े होकर उनकी सहायता की, और भेड़-बकरियों को पानी पिलाया। जब वे अपने पिता रूएल के पास फिर आई, तब उसने उनसे पूछा, “क्या कारण है कि आज तुम ऐसी फुर्ती से आई हो?” उन्होंने कहा, “एक मिस्री पुरुष ने हमको चरवाहों के हाथ से छुड़ाया, और हमारे लिये बहुत जल भरकर भेड़-बकरियों को पिलाया।” तब उसने अपनी बेटियों से पूछा, “वह पुरुष कहाँ है? तुम उसको क्यों छोड़ आई हो? उसको बुला ले आओ कि वह भोजन करे।” और मूसा उस पुरुष के साथ रहने को प्रसन्न हुआ; उसने उसे अपनी बेटी सिप्पोरा को ब्याह दिया। और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ, तब मूसा ने यह कहकर, “मैं अन्य देश में परदेशी हूँ,” उसका नाम गेर्शोम रखा। (प्रेरि. 7:29, प्रेरि. 7:6) बहुत दिनों के बीतने पर मिस्र का राजा मर गया। और इस्राएली कठिन सेवा के कारण लम्बी-लम्बी साँस लेकर आहें भरने लगे, और पुकार उठे, और उनकी दुहाई जो कठिन सेवा के कारण हुई वह परमेश्वर तक पहुँची। और परमेश्वर ने उनका कराहना सुनकर अपनी वाचा को, जो उसने अब्राहम, और इसहाक, और याकूब के साथ बाँधी थी, स्मरण किया। (प्रेरि. 7:34) और परमेश्वर ने इस्राएलियों पर दृष्टि करके उन पर चित्त लगाया।

निर्गमन 2:11-25 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

जब मोशेह जवान हुए, तब वह अपने लोगों से मिलने उनके पास गए तो देखा कि वे कड़ी मेहनत कर रहे थे. उसी समय उन्होंने देखा कि एक मिस्री किसी इब्री को मार रहा था. इसलिये मोशेह ने उस मिस्री को मार दिया और उसे रेत में छिपा दिया. अगले दिन मोशेह ने देखा कि दो इब्री आपस में लड़ रहे हैं. इसलिये मोशेह ने उनसे पूछा, “क्यों आपस में लड़ रहे हो?” उस व्यक्ति ने मोशेह को जवाब दिया, “किसने तुम्हें हम पर राजा और न्याय करनेवाला ठहराया है? कहीं तुम्हारा मतलब कल उस मिस्री जैसे मेरी भी हत्या का तो नहीं है?” यह सुनकर मोशेह डर गए और उन्होंने सोचा, “अब यह भेद खुल चुका है.” जब फ़रोह को यह मालूम हुआ, तब उसने मोशेह की हत्या करने को सोचा, किंतु मोशेह फ़रोह के सामने से भागकर मिदियान देश में रहने लगे, वहां एक कुंआ था. मिदियान के पुरोहित की सात पुत्रियां थीं. वे उस कुएं में जल भरने आईं तथा उन्होंने अपने पिता की भेड़-बकरियों के लिए नांदों में जल भरा. तभी कुछ चरवाहे आए और उन कन्याओं को वहां से भगा दिया; तब मोशेह वहां आए और उन कन्याओं का बचाव किया तथा उनकी भेड़-बकरियों को जल पिलाया. जब वे घर लौटीं, तो उनके पिता रियुएल ने उनसे पूछा, “आज इतनी जल्दी कैसे घर लौट आई हो?” उन्होंने उत्तर दिया, “एक मिस्री ने उन चरवाहों से हमारी रक्षा की. यही नहीं, उसने कुएं से जल निकालकर हमें और हमारी भेड़-बकरियों को भी पिलाया.” रियुएल ने अपनी पुत्रियों से पूछा, “वह व्यक्ति कहां है? तुम उसे वहीं क्यों छोड़ आई? उसे भोजन के लिए बुला लाओ!” मोशेह उनके साथ रहने के लिए तैयार हो गए. रियुएल ने अपनी पुत्री ज़ीप्पोराह का विवाह मोशेह के साथ कर दिया. उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया. मोशेह ने उसका नाम गेरशोम रखा, उसका मतलब था, “मैं परदेश में एक अजनबी हूं.” उस लंबे समयकाल के बाद मिस्र देश के राजा की मृत्यु हो गई. इस्राएली अपने दासत्व में कराह रहे थे और दुहाई दे रहे थे. वे सहायता की गुहार कर रहे थे और उनके दासत्व की यह गुहार परमेश्वर तक पहुंची. परमेश्वर ने उनकी कराहट सुनी, और अब्राहाम, यित्सहाक तथा याकोब के साथ की गई अपनी वाचा को याद किया. परमेश्वर ने इस्राएल की ओर दृष्टि की तथा उनकी स्थिति पर ध्यान दिया.

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