इफिसियों 6:1-9

इफिसियों 6:1-9 पवित्र बाइबल (HERV)

हे बालकों, प्रभु में आस्था रखते हुए माता-पिता की आज्ञा का पालन करो क्योंकि यही उचित है। “अपने माता-पिता का सम्मान कर।” यह पहली आज्ञा है जो इस प्रतिज्ञा से भी युक्त है, “तेरा भला हो और तू धरती पर चिरायु हो।” और हे पिताओं, तुम भी अपने बालकों को क्रोध मत दिलाओ बल्कि प्रभु से मिली शिक्षा और निर्देशों को देते हुए उनका पालन-पोषण करो। हे सेवको, तुम अपने सांसारिक स्वामियों की आज्ञा निष्कपट हृदय से भय और आदर के साथ उसी प्रकार मानो जैसे तुम मसीह की आज्ञा मानते हो। केवल किसी के देखते रहते ही काम मत करो जैसे तुम्हें लोगों के समर्थन की आवश्यकता हो। बल्कि मसीह के सेवक के रूप में काम करो जो अपना मन लगाकर परमेश्वर की इच्छा पूरी करते हैं। उत्साह के साथ एक सेवक के रूप में ऐसे काम करो जैसे मानो तुम लोगों की नहीं प्रभु की सेवा कर रहे हो। याद रखो, तुममें से हर एक, चाहे वह सेवक या स्वतन्त्र है यदि कोई अच्छा काम करता है, तो प्रभु से उसका प्रतिफल पायेगा। हे स्वामियों, तुम भी अपने सेवकों के साथ वैसा ही व्यवहार करो और उन्हें डराना-धमकाना छोड़ दो। याद रखो, उनका और तुम्हारा स्वामी स्वर्ग में है और वह कोई पक्षपात नहीं करता।

इफिसियों 6:1-9 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

बच्‍चो! प्रभु में अपने माता-पिता की आज्ञा मानो, क्‍योंकि यह उचित है। “अपने माता-पिता का आदर करो।” यह पहली ऐसी आज्ञा है जिसके साथ एक प्रतिज्ञा भी जुड़ी हुई है, जो इस प्रकार है, “जिससे तुम्‍हारा कल्‍याण हो और तुम बहुत दिनों तक पृथ्‍वी पर जीते रहो।” आप, जो पिता हैं, अपने बच्‍चों का क्रोध नहीं भड़काएं; बल्‍कि प्रभु के अनुरूप शिक्षा और उपदेश द्वारा उनका पालन-पोषण करें। दासों से मेरा अनुरोध है कि जो लोग इस पृथ्‍वी पर आपके स्‍वामी हैं, आप डरते-काँपते और निष्‍कपट हृदय से उनकी आज्ञा पूरी करें, मानो आप मसीह की सेवा कर रहे हों। आप मनुष्‍यों को प्रसन्न करने के उद्देश्‍य से दिखावा मात्र के लिए नहीं, बल्‍कि मसीह के दासों की तरह ऐसा करें, जो सारे हृदय से परमेश्‍वर की इच्‍छा पूरी करते हैं। आप प्रसन्नता से अपना सेवा-कार्य करते रहें, मानो आप मनुष्‍यों की नहीं, बल्‍कि प्रभु की सेवा करते हों; क्‍योंकि आप जानते हैं कि प्रत्‍येक मनुष्‍य, चाहे वह दास हो या स्‍वतन्‍त्र, जो भी भलाई करेगा, उसका पुरस्‍कार वह प्रभु से प्राप्‍त करेगा। आप जो स्‍वामी हैं, दासों के साथ ऐसा ही व्‍यवहार करें। आप धमकियाँ देना छोड़ दें; क्‍योंकि आप जानते हैं कि स्‍वर्ग में उनका और आपका एक ही स्‍वामी है, और वह किसी के साथ पक्षपात नहीं करता।

इफिसियों 6:1-9 Hindi Holy Bible (HHBD)

हे बालकों, प्रभु में अपने माता पिता के आज्ञाकारी बनो, क्योंकि यह उचित है। अपनी माता और पिता का आदर कर (यह पहिली आज्ञा है, जिस के साथ प्रतिज्ञा भी है)। कि तेरा भला हो, और तू धरती पर बहुत दिन जीवित रहे। और हे बच्चे वालों अपने बच्चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चितावनी देते हुए, उन का पालन-पोषण करो॥ हे दासो, जो लोग शरीर के अनुसार तुम्हारे स्वामी हैं, अपने मन की सीधाई से डरते, और कांपते हुए, जैसे मसीह की, वैसे ही उन की भी आज्ञा मानो। और मनुष्यों को प्रसन्न करने वालों की नाईं दिखाने के लिये सेवा न करो, पर मसीह के दासों की नाईं मन से परमेश्वर की इच्छा पर चलो। और उस सेवा को मनुष्यों की नहीं, परन्तु प्रभु की जानकर सुइच्छा से करो। क्योंकि तुम जानते हो, कि जो कोई जैसा अच्छा काम करेगा, चाहे दास हो, चाहे स्वतंत्र; प्रभु से वैसा ही पाएगा। और हे स्वामियों, तुम भी धमकियां छोड़कर उन के साथ वैसा ही व्यवहार करो, क्योंकि जानते हो, कि उन का और तुम्हारा दोनों का स्वामी स्वर्ग में है, और वह किसी का पक्ष नहीं करता॥

इफिसियों 6:1-9 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

हे बालको, प्रभु में अपने माता–पिता के आज्ञाकारी बनो, क्योंकि यह उचित है। “अपनी माता और पिता का आदर कर (यह पहली आज्ञा है जिसके साथ प्रतिज्ञा भी है) कि तेरा भला हो, और तू धरती पर बहुत दिन जीवित रहे।” हे बच्‍चेवालो, अपने बच्‍चों को रिस न दिलाओ, परन्तु प्रभु की शिक्षा और चेतावनी देते हुए उनका पालन–पोषण करो। हे दासो, जो लोग इस संसार में तुम्हारे स्वामी हैं, अपने मन की सीधाई से डरते और काँपते हुए, जैसे मसीह की वैसे ही उनकी भी आज्ञा मानो। मनुष्यों को प्रसन्न करनेवालों के समान दिखाने के लिये सेवा न करो, पर मसीह के दासों के समान मन से परमेश्‍वर की इच्छा पर चलो, और उस सेवा को मनुष्यों की नहीं परन्तु प्रभु की जानकर सच्‍चे हृदय से करो। क्योंकि तुम जानते हो कि जो कोई जैसा अच्छा काम करेगा, चाहे दास हो चाहे स्वतंत्र, प्रभु से वैसा ही पाएगा। हे स्वामियो, तुम भी धमकियाँ देना छोड़कर उनके साथ वैसा ही व्यवहार करो; क्योंकि तुम जानते हो कि उन का और तुम्हारा दोनों का स्वामी स्वर्ग में है, और वह किसी का पक्ष नहीं करता।

इफिसियों 6:1-9 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

हे बच्चों, प्रभु में अपने माता-पिता के आज्ञाकारी बनो, क्योंकि यह उचित है। “अपनी माता और पिता का आदर कर (यह पहली आज्ञा है, जिसके साथ प्रतिज्ञा भी है), कि तेरा भला हो, और तू धरती पर बहुत दिन जीवित रहे।” (निर्ग. 20:12, व्यव. 5:16) और हे पिताओं, अपने बच्चों को रिस न दिलाओ परन्तु प्रभु की शिक्षा, और चेतावनी देते हुए, उनका पालन-पोषण करो। (व्यव. 6:7, नीति. 3:11,12 नीति. 19:18, नीति. 22:6, कुलु. 3:2) हे दासों, जो लोग संसार के अनुसार तुम्हारे स्वामी हैं, अपने मन की सिधाई से डरते, और काँपते हुए, जैसे मसीह की, वैसे ही उनकी भी आज्ञा मानो। और मनुष्यों को प्रसन्न करनेवालों के समान दिखाने के लिये सेवा न करो, पर मसीह के दासों के समान मन से परमेश्वर की इच्छा पर चलो, और उस सेवा को मनुष्यों की नहीं, परन्तु प्रभु की जानकर सुइच्छा से करो। क्योंकि तुम जानते हो, कि जो कोई जैसा अच्छा काम करेगा, चाहे दास हो, चाहे स्वतंत्र, प्रभु से वैसा ही पाएगा। और हे स्वामियों, तुम भी धमकियाँ छोड़कर उनके साथ वैसा ही व्यवहार करो, क्योंकि जानते हो, कि उनका और तुम्हारा दोनों का स्वामी स्वर्ग में है, और वह किसी का पक्ष नहीं करता। (लूका 6:31, व्यव. 10:17, 2 इति. 19:7)

इफिसियों 6:1-9 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

हे बालको, प्रभु में अपने माता-पिता का आज्ञापालन करें क्योंकि उचित यही है. “अपने माता-पिता का सम्मान करो”—आज्ञाओं में से यह ऐसी पहली आज्ञा है जिसके साथ प्रतिज्ञा जुड़ी है, “तुम्हारा भला हो और तुम पृथ्वी पर बहुत दिन तक जीवित रहो.” तुममें जो पिता हैं, अपनी संतान को क्रोध न दिलाएं, परंतु प्रभु की शिक्षा व अनुशासन में उनका पालन पोषण करें. जो दास हैं, अपने सांसारिक स्वामियों का आज्ञापालन सच्चाई से व एकचित्त होकर ऐसे करें मानो मसीह का. यह सब मात्र दिखावे के लिए व उन्हें प्रसन्‍न करने के उद्देश्य मात्र से नहीं परंतु मसीह के दास के रूप में हृदय से परमेश्वर की इच्छा की पूर्ति करते हुए हो. सच्चे हृदय से स्वामियों की सेवा इस प्रकार करते रहो मानो मनुष्य मात्र की नहीं परंतु प्रभु की सेवा कर रहे हो, यह जानते हुए कि हर एक मनुष्य चाहे वह दास हो या स्वतंत्र, अपने अच्छे कामों का प्रतिफल प्रभु से प्राप्‍त करेगा. जो स्वामी हैं, वे भी दासों के साथ ऐसा ही व्यवहार करें और उन्हें डराना-धमकाना छोड़ दें, यह ध्यान रखते हुए कि तुम्हारे व दासों दोनों ही के स्वामी स्वर्ग में हैं, जिनके स्वभाव में किसी भी प्रकार का भेद-भाव नहीं है.