सभा-उपदेशक 7:1-4
सभा-उपदेशक 7:1-4 पवित्र बाइबल (HERV)
सुयश, अच्छी सुगन्ध से उत्तम है। वह दिन जन्म के दिन से सदा उत्तम है जब व्यक्ति मरता है। उत्तम है वह दिन व्यक्ति जब मरता है। उत्सव में जाने से जाना गर्मी में, सदा उत्तम हुआ करता है। क्योंकि सभी लोगों की मृत्यु तो निश्चित है। हर जीवित व्यक्ति को सोचना चाहिये इसे। हंसी के ठहाके से शोक उत्तम है। क्योंकि जब हमारे मुख पर उदासी का वास होता है, तो हमारे हृदय शुद्ध होते है। विवेकी मनुष्य तो सोचता है मृत्यु की किन्तु मूर्ख जन तो बस सोचते रहते हैं कि गुजरे समय अच्छा।
सभा-उपदेशक 7:1-4 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
नाम की सुगन्ध अनमोल इत्र की सुगन्ध से श्रेष्ठ है। मृत्यु का दिन जन्म के दिन से उत्तम है। भोज के उत्सव में सम्मिलित होने की अपेक्षा मृत्यु-शोक से पीड़ित परिवार में जाना अच्छा है, क्योंकि मृत्यु ही सब मनुष्यों का अन्त है। अत: जीवित व्यक्ति गम्भीरतापूर्वक अपने अन्त पर विचार करेगा। हास्य से श्रेष्ठ है विलाप; क्योंकि मुख का दु:ख हृदय का सुख है। बुद्धिमान व्यक्ति का हृदय शोक-पीड़ित परिवार में लगा रहता है, किन्तु मूर्ख मनुष्य का मन आमोद-प्रमोद करनेवाले घर में लगा रहता है।
सभा-उपदेशक 7:1-4 Hindi Holy Bible (HHBD)
अच्छा नाम अनमोल इत्र से और मृत्यु का दिन जन्म के दिन से उत्तम है। जेवनार के घर जाने से शोक ही के घर जाना उत्तम है; क्योंकि सब मनुष्यों का अन्त यही है, और जो जीवित है वह मन लगाकर इस पर सोचेगा। हंसी से खेद उत्तम है, क्योंकि मुंह पर के शोक से मन सुधरता है। बुद्धिमानों का मन शोक करने वालों के घर की ओर लगा रहता है परन्तु मूर्खों का मन आनन्द करने वालों के घर लगा रहता है।
सभा-उपदेशक 7:1-4 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
अच्छा नाम अनमोल इत्र से और मृत्यु का दिन जन्म के दिन से उत्तम है। भोज के घर जाने से शोक ही के घर जाना उत्तम है; क्योंकि सब मनुष्यों का अन्त यही है, और जो जीवित है वह मन लगाकर इस पर सोचेगा। हँसी से खेद उत्तम है, क्योंकि मुँह पर के शोक से मन सुधरता है। बुद्धिमानों का मन शोक करनेवालों के घर की ओर लगा रहता है परन्तु मूर्खों का मन आनन्द करनेवालों के घर लगा रहता है।
सभा-उपदेशक 7:1-4 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
अच्छा नाम अनमोल इत्र से और मृत्यु का दिन जन्म के दिन से उत्तम है। भोज के घर जाने से शोक ही के घर जाना उत्तम है; क्योंकि सब मनुष्यों का अन्त यही है, और जो जीवित है वह मन लगाकर इस पर सोचेगा। हँसी से खेद उत्तम है, क्योंकि मुँह पर के शोक से मन सुधरता है। बुद्धिमानों का मन शोक करनेवालों के घर की ओर लगा रहता है परन्तु मूर्खों का मन आनन्द करनेवालों के घर लगा रहता है।
सभा-उपदेशक 7:1-4 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
सम्मानित होना इत्र से कहीं ज्यादा बेहतर है, और मृत्यु के दिन से बेहतर है किसी व्यक्ति के जन्म का दिन. शोक के घर में जाना भोज के घर में जाने से कहीं ज्यादा अच्छा है, क्योंकि हर एक मनुष्य का अंत यही है; और जीवित इस पर ध्यान दें. शोक करना हंसने से अच्छा है, क्योंकि हो सकता है कि चेहरा तो उदास हो मगर हृदय आनंदित. बुद्धिमान का हृदय तो शोक करनेवालों के घर में होता है, मगर निर्बुद्धियों का हृदय भोज के घर में ही होता है.