सभा-उपदेशक 6:1-3

सभा-उपदेशक 6:1-3 पवित्र बाइबल (HERV)

मैंने जीवन में एक और बात देखी जो ठीक नहीं है। यह समझना बहुत कठिन है कि परमेश्वर किसी व्यक्ति को बहुत सा धन देता है, सम्पत्तियाँ देता है और आदर देता है। उस व्यक्ति के पास उसकी आवश्यकता की वस्तु होती है और जो कुछ भी वह चाह सकता है वह भी होता है। किन्तु परमेश्वर उस व्यक्ति को उन वस्तुओं का भोग नहीं करने देता। तभी कोई अजनबी आता है और उन सभी वस्तुओं को छीन लेता है। यह एक बहुत बुरी और व्यर्थ बात है। कोई व्यक्ति बहुत दिनों तक जीता है और हो सकता है उसके सौ बच्चे हो जाये। किन्तु यदि वह व्यक्ति उन अच्छी वस्तुओं से संतुष्ट नहीं होता और यदि उसकी मृत्यु के बाद कोई उसे याद नहीं करता है मैं कहता हूँ कि

सभा-उपदेशक 6:1-3 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

मैंने सूर्य के नीचे धरती पर एक और बुराई देखी, जिसके भार से मनुष्‍य दबा रहता है। वह बुराई यह है: परमेश्‍वर मनुष्‍य को धन-सम्‍पत्ति और प्रतिष्‍ठा प्रदान करता है, और मनुष्‍य को अपनी इच्‍छा के अनुसार सब कुछ प्राप्‍त हो जाता है। उसे किसी वस्‍तु का अभाव नहीं रहता। परन्‍तु उस मनुष्‍य को परमेश्‍वर धन-सम्‍पत्ति भोगने का सामर्थ्य नहीं देता; बल्‍कि अनजान व्यक्‍ति उसकी धन-सम्‍पत्ति भोगता है। अत: धन-सम्‍पत्ति निस्‍सार है, यह भयानक दु:ख की बात है। यदि किसी मनुष्‍य के सौ पुत्र उत्‍पन्न होते हैं, और वह लम्‍बी उम्र तक जीवित रहता है, दीर्घ आयु प्राप्‍त करता है, पर यदि वह जीवन के सुखों को भोग न कर पाए, मरने पर अन्‍तिम क्रिया भी उसे न प्राप्‍त हो, तो मैं यह कहूंगा : ऐसे मनुष्‍य से अधूरे माह का जन्‍मा मृत बच्‍चा श्रेष्‍ठ है।

सभा-उपदेशक 6:1-3 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

मैंने सूरज के नीचे एक बुरी बात देखी जो मनुष्य पर बहुत अधिक हावी है. एक व्यक्ति जिसे परमेश्वर ने धन-संपत्ति और सम्मान दिया है जिससे उसे उस किसी भी वस्तु की कमी न हो जिसे उसका मन चाहता है; मगर परमेश्वर ने उसे उनको इस्तेमाल करने की समझ नहीं दी, उनका आनंद तो एक विदेशी लेता है. यह बेकार और बड़ी ही बुरी बात है. यदि एक व्यक्ति सौ पुत्रों का पिता है और वह बहुत साल जीवित रहता है, चाहे उसकी आयु के साल बहुत हों, पर अगर वह अपने जीवन भर में अच्छी वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करता और उसे क्रिया-कर्म ही नहीं किया गया तो मेरा कहना तो यही है कि एक मरा हुआ जन्मा बच्चा उस व्यक्ति से बेहतर है