व्‍यवस्‍था-विवरण 26:12-15

व्‍यवस्‍था-विवरण 26:12-15 पवित्र बाइबल (HERV)

“जब तुम सारा दशमांश जो तीसरे वर्ष (दशमांश का वर्ष) तुम्हारी फ़सल का दिया जाना है, दे चुको तब तुम्हें लेवीवंशियों, विदेशियों, अनाथों और विधवाओं को इसे देना चाहिए। तब हर एक नगर में वे खा सकते हैं और सन्तुष्ट किये जा सकते हैं। तुम यहोवा अपने परमेश्वर से कहोगे, ‘मैंने अपने घर से अपनी फसल का पवित्र भाग दशमांश बाहर निकाल दिया है। मैंने इसे उन सभी लेवीवंशियों, विदेशियों, अनाथों और विधवाओं को दे दिया है। मैंने उन सभी आदेशों का पालन करने से इन्कार नहीं किया है। मैं उन्हें भूला नहीं हूँ। मैंने यह भोजन तब नहीं किया जब मैं शोक मना रहा था। मैंने इस अन्न को तब अलग नहीं किया जब मैं अपवित्र था। मैंने इस अन्न में से कोई भाग मरे व्यक्ति के लिये नहीं दिया है। मैंने यहोवा, मेरे परमेश्वर, तेरी आज्ञाओं का पालन किया है। मैंने वह सब कुछ किया है जिसके लिये तूने आदेश दिया है। तू अपने पवित्र आवास स्वर्ग से नीचे निगाह डाल और अपने लोगों, इस्राएलियों को आशीर्वाद दे और तू उस देश को आशीर्वाद दे जिसे तूने हम लोगों को वैसा ही दिया है जैसा तूने हमारे पूर्वजों को अच्छी चीज़ों से भरा—पुरा देश देने का वचन दिया था।’

व्‍यवस्‍था-विवरण 26:12-15 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

‘जब तू तीसरे वर्ष, अर्थात् दशमांश वर्ष में, अपनी उपज का समस्‍त दशमांश लेवीय जन, प्रवासी, पितृहीन और विधवा को चुका देगा कि वे तेरे नगर में भर पेट भोजन करें तब तू अपने परमेश्‍वर के सामने यह घोषित करना, “मैंने अपने घर में से पवित्र अंश को निकाल लिया। जो आज्ञाएं तूने मुझे दी हैं, उनके अनुसार मैंने वह अंश लेवीय जन, प्रवासी, पितृहीन और विधवा को दे दिया। इस प्रकार मैंने तेरी आज्ञाओं का उल्‍लंघन नहीं किया और न मैं उनको भूला ही हूँ। जब मैं शोक मना रहा था तब मैंने दशमांश में से नहीं खाया। जब मैं अशुद्ध स्‍थिति में था तब मैंने उसको चढ़ावे के लिए निकालकर नहीं रखा। मैंने उसमें से कुछ भी अंश मृत व्यक्‍ति को अर्पित नहीं किया। इस प्रकार मैंने अपने प्रभु परमेश्‍वर की वाणी सुनी। जो आज्ञाएं तूने मुझे दी थीं, उसके अनुसार मैंने कार्य किया। तू अपने पवित्र निवास स्‍थान से, स्‍वर्ग से हम पर दृष्‍टि कर। अपने निज लोग इस्राएलियों को, इस देश की भूमि को, जो तूने हमें दी है, दूध और शहद की नदियों वाले हमारे इस देश को, जो तूने हमारे पूर्वजों से खायी हुई शपथ के अनुसार हमें प्रदान किया है आशिष दे।”

व्‍यवस्‍था-विवरण 26:12-15 Hindi Holy Bible (HHBD)

और जितने अच्छे पदार्थ तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे और तेरे घराने को दे, उनके कारण तू लेवीयों और अपने मध्य में रहने वाले परदेशियों सहित आनन्द करना॥ और तू अपने परमेश्वर यहोवा से कहना, कि मैं ने तेरी सब आज्ञाओं के अनुसार पवित्र ठहराई हुई वस्तुओं को अपने घर से निकाला, और लेवीय, परदेशी, अनाथ, और विधवा को दे दिया है; तेरी किसी आज्ञा को मैं ने न तो टाला है, और न भूला है। उन वस्तुओं में से मैं ने शोक के समय नहीं खाया, और न उन में से कोई वस्तु अशुद्धता की दशा में घर से निकाली, और न कुछ शोक करने वालों को दिया; मैं ने अपने परमेश्वर यहोवा की सुन ली, मैं ने तेरी सब आज्ञाओं के अनुसार किया है। तू स्वर्ग में से जो तेरा पवित्र धाम है दृष्टि करके अपनी प्रजा इस्राएल को आशीष दे, और इस दूध और मधु की धाराओं के देश की भूमि पर आशीष दे, जिसे तू ने हमारे पूर्वजों से खाई हुई शपथ के अनुसार हमें दिया है।

व्‍यवस्‍था-विवरण 26:12-15 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

“तीसरे वर्ष जो दशमांश देने का वर्ष ठहरा है, जब तू अपनी सब भाँति की बढ़ती के दशमांश को निकाल चुके, तब उसे लेवीय, परदेशी, अनाथ, और विधवा को देना, कि वे तेरे फाटकों के भीतर खाकर तृप्‍त हों; और तू अपने परमेश्‍वर यहोवा से कहना, ‘मैं ने तेरी सब आज्ञाओं के अनुसार पवित्र ठहराई हुई वस्तुओं को अपने घर से निकाला, और लेवीय, परदेशी, अनाथ, और विधवा को दे दिया है; तेरी किसी आज्ञा को मैं ने न तो टाला है, और न भूला है। उन वस्तुओं में से मैं ने शोक के समय नहीं खाया, और न उनमें से कोई वस्तु अशुद्धता की दशा में घर से निकाली, और न कुछ शोक करनेवालों को दिया; मैं ने अपने परमेश्‍वर यहोवा की सुन ली, मैं ने तेरी सब आज्ञाओं के अनुसार किया है। तू स्वर्ग में से, जो तेरा पवित्र धाम है, दृष्‍टि करके अपनी प्रजा इस्राएल को आशीष दे, और इस दूध और मधु की धाराओं के देश की भूमि पर आशीष दे, जिसे तू ने हमारे पूर्वजों से खाई हुई शपथ के अनुसार हमें दिया है।’

व्‍यवस्‍था-विवरण 26:12-15 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

“तीसरे वर्ष जो दशमांश देने का वर्ष ठहरा है, जब तू अपनी सब भाँति की बढ़ती के दशमांश को निकाल चुके, तब उसे लेवीय, परदेशी, अनाथ, और विधवा को देना, कि वे तेरे फाटकों के भीतर खाकर तृप्त हों; और तू अपने परमेश्वर यहोवा से कहना, ‘मैंने तेरी सब आज्ञाओं के अनुसार पवित्र ठहराई हुई वस्तुओं को अपने घर से निकाला, और लेवीय, परदेशी, अनाथ, और विधवा को दे दिया है; तेरी किसी आज्ञा को मैंने न तो टाला है, और न भूला है। उन वस्तुओं में से मैंने शोक के समय नहीं खाया, और न उनमें से कोई वस्तु अशुद्धता की दशा में घर से निकाली, और न कुछ शोक करनेवालों को दिया; मैंने अपने परमेश्वर यहोवा की सुन ली, मैंने तेरी सब आज्ञाओं के अनुसार किया है। तू स्वर्ग में से जो तेरा पवित्र धाम है दृष्टि करके अपनी प्रजा इस्राएल को आशीष दे, और इस दूध और मधु की धाराओं के देश की भूमि पर आशीष दे, जिसे तूने हमारे पूर्वजों से खाई हुई शपथ के अनुसार हमें दिया है।’

व्‍यवस्‍था-विवरण 26:12-15 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

जब तृतीय साल में, जो दसवें अंश का साल है, तुम अपना समग्र दसवां अंश दे चुको, तब तुम यह उस लेवी को, उस प्रवासी को, अनाथ, और विधवा को दे दोगे, जिससे वे तुम्हारे साथ नगर में इसका उपभोग करते हुए संतुष्ट रह सकें. याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर की उपस्थिति में तुम्हारे वचन ऐसे हों: “मैंने आपके आदेश के अनुरूप अपने घर में से पवित्र अंश लेकर मुझे दिए गए आपके आदेश के अनुसार लेवियों, यहां प्रवास कर रहे विदेशियों, अनाथों और विधवाओं को दे दिया है. न तो मैंने आपके आदेशों की आज्ञा टाली है, न ही उन्हें भुलाया है मैंने इसका उपभोग न तो विलाप की स्थिति में किया है, न मैंने अशुद्धता की अवस्था में इसको छुआ है, और न मैंने इसमें से कुछ किसी मरे हुए को समर्पित किया है. मैंने शब्दश; याहवेह अपने परमेश्वर के आदेश का पालन किया है. अपने पवित्र निवास स्थान स्वर्ग से दृष्टि कीजिए और अपनी प्रजा इस्राएल को और उस भूमि को, जो आपने हमारे पूर्वजों को अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार प्रदान की है, जिसमें दूध और शहद की बहुतायत है, समृद्धि प्रदान कीजिए.”