दानिएल 5:5-26

दानिएल 5:5-26 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

कि उसी घड़ी मनुष्य के हाथ की सी कई उँगलियाँ निकलकर दीवट के सामने राजमन्दिर की दीवार के चूने पर कुछ लिखने लगीं; और हाथ का जो भाग लिख रहा था, वह राजा को दिखाई पड़ा। उसे देखकर राजा भयभीत हो गया, और वह मन ही मन घबरा गया, और उसकी कमर के जोड़ ढीले पड़ गए, और काँपते काँपते उसके घुटने एक दूसरे से टकराने लगे। तब राजा ने ऊँचे शब्द से पुकारकर तन्त्रियों, कसदियों और अन्य भावी बतानेवालों को हाज़िर करवाने की आज्ञा दी। जब बेबीलोन के पण्डित पास आए, तब राजा उनसे कहने लगा, “जो कोई वह लिखा हुआ पढ़कर उसका अर्थ मुझे समझाए उसे बैंजनी रंग का वस्त्र, और उसके गले में सोने की कण्ठमाला पहिनाई जाएगी; और मेरे राज्य में तीसरा वही प्रभुता करेगा।” तब राजा के सब पण्डित लोग भीतर आए, परन्तु उस लिखे हुए को न पढ़ सके और न राजा को उसका अर्थ समझा सके। इस पर बेलशस्सर राजा बहुत घबरा गया और भयातुर हो गया; और उसके प्रधान भी बहुत व्याकुल हुए। राजा और प्रधानों के वचनों को सुनकर, रानी भोज के भवन में आई और कहने लगी, “हे राजा, तू युग युग जीवित रहे, अपने मन में न घबरा और न उदास हो। तेरे राज्य में दानिय्येल नामक एक पुरुष है जिसका नाम तेरे पिता ने बेलतशस्सर रखा था, उसमें पवित्र ईश्‍वरों की आत्मा रहती है, और उस राजा के दिनों में उस में प्रकाश, प्रवीणता और ईश्‍वरों के तुल्य बुद्धि पाई गई। हे राजा, तेरा पिता जो राजा था, उस ने उसको सब ज्योतिषियों, तन्त्रियों, कसदियों और अन्य भावी बतानेवालों का प्रधान ठहराया था, क्योंकि उसमें उत्तम आत्मा, ज्ञान और प्रवीणता, और स्वप्नों का फल बताने और पहेलियाँ खोलने, और सन्देह दूर करने की शक्‍ति पाई गई। इसलिये अब दानिय्येल बुलाया जाए, और वह इसका अर्थ बताएगा।” तब दानिय्येल राजा के सामने भीतर बुलाया गया। राजा दानिय्येल से पूछने लगा, “क्या तू वही दानिय्येल है जो मेरे पिता नबूकदनेस्सर राजा द्वारा यहूदा देश से लाए हुए यहूदी बँधुओं में से है? मैं ने तेरे विषय में सुना है कि ईश्‍वर की आत्मा तुझ में रहती है; और प्रकाश, प्रवीणता और उत्तम बुद्धि तुझ में पाई जाती है। देख, अभी पण्डित और तन्त्री लोग मेरे सामने इसलिये लाए गए थे कि यह लिखा हुआ पढ़ें और उसका अर्थ मुझे बताएँ, परन्तु वे उस बात का अर्थ न समझा सके। परन्तु मैं ने तेरे विषय में सुना है कि दानिय्येल भेद खोल सकता और सन्देह दूर कर सकता है। इसलिये अब यदि तू उस लिखे हुए को पढ़ सके और उसका अर्थ भी मुझे समझा सके, तो तुझे बैंजनी रंग का वस्त्र, और तेरे गले में सोने की कण्ठमाला पहिनाई जाएगी, और राज्य में तीसरा तू ही प्रभुता करेगा।” दानिय्येल ने राजा से कहा, “अपने दान अपने ही पास रख; और जो बदला तू देना चाहता है, वह दूसरे को दे; वह लिखी हुई बात मैं राजा को पढ़ सुनाऊँगा, और उसका अर्थ भी तुझे समझाऊँगा। हे राजा, परमप्रधान परमेश्‍वर ने तेरे पिता नबूकदनेस्सर को राज्य, बड़ाई, प्रतिष्‍ठा और प्रताप दिया था; और उस बड़ाई के कारण जो उस ने उसको दी थी, देश देश और जाति–जाति के सब लोग, और भिन्न–भिन्न भाषा बोलनेवाले उसके सामने काँपते और थरथराते थे; जिसे वह चाहता उसे वह घात करता था, और जिसको वह चाहता उसे वह जीवित रखता था; जिसे वह चाहता उसे वह ऊँचा पद देता था, और जिसको वह चाहता उसे वह गिरा देता था। परन्तु जब उसका मन फूल उठा, और उसकी आत्मा कठोर हो गई, यहाँ तक कि वह अभिमान करने लगा, तब वह अपने राजसिंहासन पर से उतारा गया, और उसकी प्रतिष्‍ठा भंग की गई; वह मनुष्यों में से निकाला गया, और उसका मन पशुओं का सा, और उसका निवास जंगली गदहों के बीच हो गया; वह बैलों के समान घास चरता, और उसका शरीर आकाश की ओस से भींगा करता था, जब तक कि उसने जान न लिया कि परमप्रधान परमेश्‍वर मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है और जिसे चाहता उसी को उस पर अधिकारी ठहराता है। तौभी, हे बेलशस्सर, तू जो उसका पुत्र है, और यह सब कुछ जानता था, तौभी तेरा मन नम्र न हुआ। वरन् तू ने स्वर्ग के प्रभु के विरुद्ध सिर उठाकर उसके भवन के पात्र मँगवाकर अपने सामने रखवा लिए, और अपने प्रधानों और रानियों और रखेलियों समेत तू ने उनमें दाखमधु पिया; और चाँदी–सोने, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवता, जो न देखते न सुनते, न कुछ जानते हैं, उनकी तो स्तुति की परन्तु परमेश्‍वर, जिसके हाथ में तेरा प्राण है, और जिसके वश में तेरा सब चलना फिरना है, उसका सम्मान तू ने नहीं किया। “तब ही यह हाथ का एक भाग उसी की ओर से प्रगट किया गया है और वे शब्द लिखे गए हैं। जो शब्द लिखे गए वे ये हैं : मने, मने, तकेल, और ऊपर्सीन। इस लेख का अर्थ यह है : मने, अर्थात् परमेश्‍वर ने तेरे राज्य के दिन गिनकर उसका अन्त कर दिया है।

दानिएल 5:5-26 पवित्र बाइबल (HERV)

उसी समय अचानक किसी पुरूष का एक हाथ प्रकट हुआ और दीवार पर लिखने लगा। उसकी उंगलियाँ दीवार के लेप को कुरेदती हुई शब्द लिखने लगीं। दीवार के पास राजा के महल में उस हाथ ने दीवार पर लिखा। हाथ जब लिख रहा था तो राजा उसे देख रहा था। राजा बेलशस्सर बहुत भयभीत हो उठा। डर से उसका मुख पीला पड़ गया और उसके घुटने इस प्रकार काँपने लगे कि वे आपस में टकरा रहे थे। उसके पैर इतने बलहीन हो गये कि वह खड़ा भी नहीं रह पा रहा था। राजा ने तांत्रिकों और कसदियों को अपने पास बुलवाया और उनसे कहा, “मुझे जो कोई भी इस लिखावट को पढ़कर बताएगा और मुझे उसका अर्थ समझा देगा, मैं उसे पुरस्कार दूँगा। उस व्यक्ति को मैं बैंगनी पोशाक भेंट करूँगा। मैं उसके गले में सोने का हार पहनाऊँगा और मैं उसे अपने राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शासक बना दूँगा।” सो राजा के सभी बूद्धिमान पुरूष वहा आ गये किन्तु वे उस लिखावट को नहीं पढ़ सके। वे समझ ही नहीं सके कि उसका क्या अर्थ है। राजा बेलशस्सर के हाकिम चक्कर में पड़े हुए थे और राजा तो और भी अधिक भयभीत और चिंतित था। उसका मुख डर से पीला पड़ा हुआ था। तभी जहाँ वह दावत चल रही थी, वहाँ राजा की माँ आई। उसने राजा और उसके राजकीय अधिकारीयों की आवाज़े सुन लीं थी, उसने कहा, “हे राजा, चिरंजीव रह! डर मत! तु अपने मुहँ को डर से इतना पीला मत पड़ने दे! देख, तेरे राज्य में एक ऐसा व्यक्ति है जिसमें पवित्र ईश्वरों की आत्मा बसती है। तेरे पिता के दिनों में इस व्यक्ति ने यह दर्शाया था कि वह रहस्यों को समझ सकता है। उसने यह दिखा दिया था कि वह बहुत चुस्त और बुद्धिमान है। उसने यह प्रकट कर दिया था कि इन बातों में वह ईश्वर के समान है। तेरे दादा राजा नबूकदनेस्सर ने इस व्यक्ति को सभी बुद्धिमान पुरूषों पर मुखिया नियुक्त किया था। वह सभी तांत्रिकों और कसदियों पर हुकूमत करता था। मैं जिस व्यक्ति के बारे में बातें कर रही हूँ उसका नाम दानिय्येल है। किन्तु राजा ने उसे बेलतशस्सर का नाम दे दिया था। बेलतशस्सर (दानिय्येल) बहुत चुस्त है और वह बहुत सी बाते जानता है। वह स्वप्नों की व्याख्या कर सकता है। पहेलियों को समझा सकता है और कठिन से कठिन हलों को सुलझा सकता है। तू दानिय्येल को बुला। दीवार पर जो लिखा है, उसका अर्थ तुझे वही बतायेगा।” सो वह दानिय्येल को राजा के पास ले आये। राजा ने दानिय्येल से कहा, “क्या तेरा नाम दानिय्येल है मेरे पिता महाराज यहूदा से जिन लोगों को बन्दी बनाकर लाये थे, क्या तू उन्ही में से एक है मैंने सुना है, कि ईश्वरों की आत्मा का तुझमें निवास है और मैंने यह भी सुना है कि तू रहस्यों को समझता है, तू बहुत चुस्त और बुद्धिमान है। बुद्धिमान पुरूष और तांत्रिकों को इस दीवार की लिखावट को समझाने के लिए मेरे पास लाया गया। मैं चाहता था कि वे लोग उस लिखावट का अर्थ बतायें। किन्तु दीवार पर लिखी इस लिखावट की व्याख्या वे मुझे नहीं दे पाए। मैंने तेरे बारे में सुना है कि तू बातों के अर्थ की व्याख्या कर सकता है और तू अत्यंत कठिन समस्याओं के उत्तर भी ढ़ँूढ सकता है। यदि दीवार की इस लिखावट को तू पढ़ दे और इसका अर्थ तू मुझे समझा दे तो मैं तुझे यहे वस्तुएँ दूँगा। मैं तुझे बैंगनी रंग की पोशाक प्रदान करूँगा, तेरे गले में सोने का हार पहनाऊँगा। फिर तो तू इस राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शासक बन जायेगा।” इसके बाद दानिय्येल ने राजा को उत्तर देते हुए कहा, “हे राजा बेलशस्सर, तुम अपने उपहार अपने पास रखो, अथवा चाहो तो उन्हें किसी और को दे दो। मैं तुम्हें वैसे ही दीवार की लिखावट पढ़ दूँगा और उसका अर्थ क्या है, यह तुम्हें समझा दूँगा। “हे राजन, परम प्रधान परमेश्वर ने तुम्हारे दादा नबूकदनेस्सर को एक महान शक्तिशाली राजा बनाया था। परमेश्वर ने उन्हें अत्याधिक महत्वपूर्ण बनाया था। बहुत से देशों के लोग और विभिन्न भाषाएँ बोलनेवाले नबूकदनेस्सर से डरा करते थे क्योंकि परम प्रधान परमेश्वर ने उसे एक बहुत बड़ा राजा बनाया था। यदि नबूकदनेस्सर किसी को मार डालना चाहता तो वह मार दिया जाता और यदि वह चाहता कि कोई व्यक्ति जीवित रहे तो उसे जीवित रहने दिया जाता। यदि वह लोगों को बड़ा बनाना चाहता तो वह उन्हें बड़ा बना देता और यदि वह चाहता कि उन्हें महत्वहीन कर दिया जाये तो वह उन्हें महत्वहीन कर देता। “किन्तु नबूकदनेस्सर को अभिमान हो गया और वह हठीला बन गया। सो परमेश्वर द्वारा उससे उसकी शक्ति छींन ली गयी। उसे उसके राज सिंहासन से उतार फेंका गया और उसे महिमा विहीन बना दिया गया। इसके बाद लोगों से दूर भाग जाने के लिये नबूकदनेस्सर को विवश किया गया। उसकी बुद्धि किसी पशु जैसी हो गयी। वह जंगली गधों के बीच में रहने लगा और ढोरों की तरह घास खाता रहा। वह ओस में भीगा। जब तक उसे सबक नहीं मिल गया, उसके साथ ऐसा ही होता गया। फिर उसे यह ज्ञान हो गया कि मनुष्य के राज्य पर परम प्रधान परमेश्वर का ही शासन है और साम्राज्यों के ऊपर शासन करने के लिये वह जिस किसी को भी चाहता है, भेज देता है। “किन्तु हे बेलशस्सर, तुम तो इन बातों को जानते ही हो! तुम नबूकदनेशस्सर के पोते हो किन्तु फिर भी तुमने अपने आपको विनम्र नहीं बनाया। नहीं! तुम विनम्र तो नहीं हुए और उलटे स्वर्ग के यहोवा के विरूद्ध हो गये। तुमने यहोवा के मन्दिर के पात्रों को अपने पास लाने की आज्ञा दी और फिर तुमने, तुम्हारे शाही हाकिमों ने, तुम्हारी पत्नियों ने, तुम्हारी दासियों ने उन पात्रों में दाखमधु पीया। तुमने चाँदी, सोने, काँसे, लोहे, लकड़ी और पत्थर के देवताओं के गुण गाये। वे सचमुच के देवता नहीं हैं। वे देख नहीं सकते, सुन नहीं सकते तथा वे कुछ समझ भी नहीं सकते हैं। तुमने उस परमेश्वर को आदर नही दिया, जिसका तुम्हारे जीवन या जो कुछ भी तुम करते हो, उस पर अधिकार है। सो इसलिए, परमेश्वर ने उस हाथ को भेजा जिसने दीवार पर लिखा। दीवार पर जो शब्द लिखे गये हैं, वे ये हैं: मने, मने, तकेल, ऊपर्सीना। “इन शब्दों का अर्थ यह है

दानिएल 5:5-26 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

उसी क्षण अनेक उंगलियां दिखाई दीं। ये मनुष्‍य के हाथ की उंगलियों के समान थीं। उन्‍होंने दीपाधार के सामने राजमन्‍दिर की दीवार पर, जो चूने से पुती हुई थी, कुछ लिखा। जब हाथ दीवार पर लिख रहा था तब राजा ने हथेली को देखा। राजा के मुख का रंग बदल गया। उसके हृदय में अनेक विचार उठे, जिन्‍होंने उसको व्‍याकुल कर दिया। उसके हाथ-पैर कांपने लगे, और घुटने आपस में टकराने लगे। उसने उच्‍च स्‍वर में आदेश दिया कि तांत्रिक, कसदी पंडित और शकुन विचारनेवाले उसके सम्‍मुख प्रस्‍तुत किए जाएं। तांत्रिक, कसदी पंडित और शकुन विचारने वाले आए। राजा ने बेबीलोन के इन ज्ञानियों से कहा, “जो व्यक्‍ति दीवार के इस लेख को पढ़ लेगा, और उसका अर्थ मुझे बताएगा, मैं उसको राजसी वस्‍त्र से विभूषित करूंगा। उसके गले में सोने की माला डालूंगा, और वह मेरे राज्‍य का तीसरा प्रमुख शासक होगा।’ राजा के ज्ञानी राजमन्‍दिर में आए, पर वे दीवार पर लिखे हुए लेख को न पढ़ सके और न राजा को उसका अर्थ बता सके। अत: राजा बेलशस्‍सर अत्‍यन्‍त घबरा गया और उसके मुख का रंग बदल गया। उसके सामन्‍त भी किंकर्त्तव्‍यविमूढ़ हो गए और समझ न पाए कि क्‍या करें और क्‍या न करें। राजा और सामन्‍तों की आवाज सुनकर राजमाता भोज-भवन में आई। उसने अपने पुत्र से कहा, ‘महाराज, लाखों वर्ष जीएं! आप अपने हृदय के विचारों के कारण व्‍याकुल न हों और न ही आपके मुख का रंग बदले। आपके राज्‍य में एक ऐसा व्यक्‍ति है जिसमें पवित्र परमेश्‍वर का आत्‍मा निवास करता है। आपके पिता के राज्‍यकाल में एक ऐसी घटना घटी थी जिससे यह पता चला कि उस व्यक्‍ति में ज्‍योति और समझ है, देवताओं की बुद्धि के सदृश उसमें भी बुद्धि है। अत: आपके पिता राजा नबूकदनेस्‍सर ने उसको ज्‍योतिषियों, तांत्रिकों, कसदी पंडितों और शकुन विचारनेवालों का मुखिया बना दिया था; क्‍योंकि उसमें उत्‍कृष्‍ट आत्‍मज्ञान और समझ थी, और वह सपनों का अर्थ बता सकता था, पहेलियों को समझा सकता था और समस्‍याएं सुलझा सकता था। यह सब गुण दानिएल में थे, जिसका नाम आपके पिता ने बेलतशस्‍सर रखा था। अत: अब आप दानिएल को बुलाएं। वह आपको दीवार पर लिखे हुए लेख का अर्थ बताएगा।’ कर्मचारियों ने दानिएल को राजा बेलशस्‍सर के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किया। राजा ने दानिएल से कहा, ‘क्‍या तुम वही निष्‍कासित दानिएल हो जो यहूदा प्रदेश से बन्‍दी बन कर आए थे, और जिसको मेरे पिता यहूदा प्रदेश से लाए थे? मैंने सुना है कि पवित्र परमेश्‍वर का आत्‍मा तुममें निवास करता है और तुममें ज्‍योति, समझ और उत्‍कृष्‍ट बुद्धि भी है। मेरे देश के ज्ञानी लोग, ज्‍योतिषी मेरे सम्‍मुख राजमन्‍दिर में लाए गए कि वे इस लेख को पढ़ें और मुझको इसका अर्थ बताएं। पर वे अर्थ न बता सके। मैंने सुना है कि तुम न केवल सपनों के अर्थ बता सकते हो बल्‍कि समस्‍याओं को सुलझा भी सकते हो। यदि तुम दीवार के इस लेख को पढ़ लोगे और इसका अर्थ मुझे बताओगे तो मैं तुमको राजसी वस्‍त्र से विभूषित करूंगा, तुम्‍हारे गले में सोने की माला डालूंगा और तुमको अपने राज्‍य का तीसरा प्रमुख शासक बना दूंगा।’ तब दानिएल ने राजा के सम्‍मुख आकर यह उत्तर दिया, “महाराज, आप अपने यह पुरस्‍कार अपने पास ही रखिए और किसी दूसरे व्यक्‍ति को दे दीजिए। फिर भी मैं आपके लिए इस लेख को पढ़ूंगा और इसका अर्थ बताऊंगा। “महाराज, सर्वोच्‍च परमेश्‍वर ने आपके पिता नबूकदनेस्‍सर को राज्‍य, महानता, कीर्ति और वैभव प्रदान किया था। क्‍योंकि परमेश्‍वर ने आपके पिता को महान बनाया था इसलिए विश्‍व की सब कौमें, राष्‍ट्र और भिन्न-भिन्न भाषाएं बोलनेवाले लोग उनके सम्‍मुख कांपते और डरते थे। आपके पिता जिसको चाहते उसका वध करवा देते और जिसको चाहते, उसको जीवित छोड़ देते थे। वह अपनी इच्‍छा के अनुसार जिस व्यक्‍ति को चाहते उसकी पदोन्नति कर देते, और जिसको चाहते उसको पद से नीचे उतार देते थे। पर जब आपके पिता का हृदय अहंकार से भर गया, जब आपके पिता की आत्‍मा कठोर बन गई और वह घमण्‍ड में आकर अनुचित कार्य करने लगे, तब परमेश्‍वर ने उनको उनके राजसिंहासन से उतार दिया और उनसे उनका ऐश्‍वर्य छीन लिया। वह मनुष्‍य-समाज से बहिष्‍कृत कर दिए गए और उनका हृदय पशु के हृदय के सदृश बन गया। वह जंगली गधों के साथ जंगल में रहते थे। वह बैल के समान घास खाया करते थे। उनका शरीर आकाश की ओस से भीगा करता था। तब उन्‍हें अनुभव हुआ कि केवल सर्वोच्‍च परमेश्‍वर ही मनुष्‍यों के राज्‍य पर शासन करता है और वह जिसको चाहता है, उसको राजा के रूप में प्रतिष्‍ठित करता है। “ओ बेलशस्‍सर, तुम उनके पुत्र हो, किन्‍तु तुमने अपने हृदय को नम्र नहीं बनाया, यद्यपि तुम अपने पिता के इतिहास से अपरिचित नहीं थे। तुमने स्‍वर्ग में विराजमान अधिपति के प्रति अहंकार में सिर उठाया और उसके मन्‍दिर के पवित्र पात्र तुम्‍हारे सम्‍मुख प्रस्‍तुत किए गए, और तुमने, तुम्‍हारे सामन्‍तों ने, तुम्‍हारी रानियों और रखेलों ने उन पात्रों में शराब डाल कर पी। तुमने शराब पीकर चांदी-सोना, पीतल, लोहे, लकड़ी और पाषाण के देवताओं की मूर्तियों की स्‍तुति की, जो न तो देख सकती हैं, न सुन सकती हैं, और न कुछ समझती ही हैं। ओ बेलशस्‍सर! जिस परमेश्‍वर के हाथ में तुम्‍हारे प्राण हैं, जो तुम्‍हारे जीवन को अपने नियंत्रण में रखता है, उसका सम्‍मान तुमने नहीं किया। “अत: सर्वोच्‍च परमेश्‍वर ने अपने दरबार से एक हाथ प्रेषित किया और यह लेख लिखवाया। जो लेख लिखा गया उसका विवरण यह है : “मने, मने, तकेल” और “पर्सीन” । इस वाक्‍य का यह अर्थ है : “मने” अर्थात् गिना हुआ; परमेश्‍वर ने तुम्‍हारे राज्‍य-काल के दिनों की गणना कर उसका अन्‍त कर दिया है।

दानिएल 5:5-26 Hindi Holy Bible (HHBD)

कि उसी घड़ी मनुष्य के हाथ की सी कई उंगलियां निकल कर दीवट के साम्हने राजमन्दिर की भीत के चूने पर कुछ लिखने लगीं; और हाथ का जो भाग लिख रहा था वह राजा को दिखाई पड़ा। उसे देख कर राजा भयभीत हो गया, और वह अपने सोच में घबरा गया, और उसकी कटि के जोड़ ढ़ीले हो गए, और कांपते कांपते उसके घुटने एक दूसरे से लगने लगे। तब राजा ने ऊंचे शब्द से पुकार कर तन्त्रियों, कसदियों और और होनहार बताने वालों को हाजिर करवाने की आज्ञा दी। जब बाबुल के पण्डित पास आए, तब राजा उन से कहने लगा, जो कोई वह लिखा हुआ पढ़ कर उसका अर्थ मुझे समझाए उसे बैंजनी रंग का वस्त्र और उसके गले में सोने की कण्ठमाला पहिनाई जाएगी; और मेरे राज्य में तीसरा वही प्रभुता करेगा। तब राजा के सब पण्डित लोग भीतर आए, परन्तु उस लिखे हुए को न पढ़ सके और न राजा को उसका अर्थ समझा सके। इस पर बेलशस्सर राजा निपट घबरा गया और भयातुर हो गया; और उसके प्रधान भी बहुत व्याकुल हुए॥ राजा और प्रधानों के वचनों को सुन कर, रानी जेवनार के घर में आई और कहने लगी, हे राजा, तू युगयुग जीवित रहे, अपने मन में न घबरा और न उदास हो। तेरे राज्य में दानिय्येल एक पुरूष है जिसका नाम तेरे पिता ने बेलतशस्सर रखा था, उस में पवित्र ईश्वरों की आत्मा रहती है, और उस राजा के दिनों में उस में प्रकाश, प्रवीणता और ईश्वरों के तुल्य बुद्धि पाई गई। और हे राजा, तेरा पिता जो राजा था, उसने उसको सब ज्योतिषियों, तन्त्रियों, कसदियों और और होनहार बताने वालों का प्रधान ठहराया था, क्योंकि उस में उत्तम आत्मा, ज्ञान और प्रवीणता, और स्वप्नों का फल बताने और पहेलियां खोलने, और सन्देह दूर करने की शक्ति पाई गई। इसलिये अब दानिय्येल बुलाया जाए, और वह इसका अर्थ बताएगा॥ तब दानिय्येल राजा के साम्हने भीतर बुलाया गया। राजा दानिय्येल से पूछने लगा, क्या तू वही दानिय्येल है जो मेरे पिता नबूकदनेस्सर राजा के यहूदा देश से लाए हुए यहूदी बंधुओं में से है? मैं ने तेरे विषय में सुना है कि ईश्वर की आत्मा तुझ में रहती है; और प्रकाश, प्रवीणता और उत्तम बुद्धि तुझ में पाई जाती है। देख, अभी पण्डित और तन्त्री लोग मेरे साम्हने इसलिये लाए गए थे कि यह लिखा हुआ पढ़ें और उसका अर्थ मुझे बताएं, परन्तु वे उस बात का अर्थ न समझा सके। परन्तु मैं ने तेरे विषय में सुना है कि दानिय्येल भेद खोल सकता और सन्देह दूर कर सकता है। इसलिये अब यदि तू उस लिखे हुए को पढ़ सके और उसका अर्थ भी मुझे समझा सके, तो तुझे बैंजनी रंग का वस्त्र, और तेरे गले में सोने की कण्ठमाला पहिनाई जाएगी, और राज्य में तीसरा तू ही प्रभुता करेगा॥ दानिय्येल ने राजा से कहा, अपने दान अपने ही पास रख; और जो बदला तू देना चाहता है, वह दूसरे को दे; वह लिखी हुई बात मैं राजा को पढ़ सुनाऊंगा, और उसका अर्थ भी तुझे समझाऊंगा। हे राजा, परमप्रधान परमेश्वर ने तेरे पिता नबूकदनेस्सर को राज्य, बड़ाई, प्रतिष्ठा और प्रताप दिया था; और उस बड़ाई के कारण जो उसने उसको दी थी, देश-देश और जाति जाति के सब लोग, और भिन्न-भिन्न भाषा बोलने वाले उसके साम्हने कांपते और थरथराते थे, जिसे वह चाहता उसे वह घात करता था, और जिस को वह चाहता उसे वह जीवित रखता था जिसे वह चाहता उसे वह ऊंचा पद देता था, और जिस को वह चाहता उसे वह गिरा देता था। परन्तु जब उसका मन फूल उठा, और उसकी आत्मा कठोर हो गई, यहां तक कि वह अभिमान करने लगा, तब वह अपने राजसिंहासन पर से उतारा गया, और उसकी प्रतिष्ठा भंग की गई; वह मनुष्यों में से निकाला गया, और उसका मन पशुओं का सा, और उसका निवास जंगली गदहों के बीच हो गया; वह बैलों की नाईं घास चरता, और उसका शरीर आकाश की ओस से भीगा करता था, जब तक कि उसने जान न लिया कि परमप्रधान परमेश्वर मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है और जिसे चाहता उसी को उस पर अधिकारी ठहराता है। तौभी, हे बेलशस्सर, तू जो उसका पुत्र है, और यह सब कुछ जानता था, तौभी तेरा मन नम्र न हुआ। वरन तू ने स्वर्ग के प्रभु के विरुद्ध सिर उठा कर उसके भवन के पात्र मंगवा कर अपने साम्हने धरवा लिए, और अपने प्रधानों और रानियों और रखेलियों समेत तू ने उन में दाखमधु पिया; और चान्दी-सोने, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवता, जो न देखते न सुनते, न कुछ जानते हैं, उनकी तो स्तुति की, परन्तु परमेश्वर, जिसके हाथ में तेरा प्राण है, और जिसके वश में तेरा सब चलना फिरना है, उसका सन्मान तू ने नहीं किया॥ तब ही यह हाथ का एक भाग उसी की ओर से प्रगट किया गया है और वे शब्द लिखे गए हैं। और जो शब्द लिखे गए वे ये हैं, मने, मने, तकेल, और ऊपर्सीन। इस वाक्य का अर्थ यह है, मने, अर्थात परमेश्वर ने तेरे राज्य के दिन गिनकर उसका अन्त कर दिया है।

दानिएल 5:5-26 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

कि उसी घड़ी मनुष्य के हाथ की सी कई उँगलियाँ निकलकर दीवट के सामने राजमन्दिर की दीवार के चूने पर कुछ लिखने लगीं; और हाथ का जो भाग लिख रहा था, वह राजा को दिखाई पड़ा। उसे देखकर राजा भयभीत हो गया, और वह मन ही मन घबरा गया, और उसकी कमर के जोड़ ढीले पड़ गए, और काँपते काँपते उसके घुटने एक दूसरे से टकराने लगे। तब राजा ने ऊँचे शब्द से पुकारकर तन्त्रियों, कसदियों और अन्य भावी बतानेवालों को हाज़िर करवाने की आज्ञा दी। जब बेबीलोन के पण्डित पास आए, तब राजा उनसे कहने लगा, “जो कोई वह लिखा हुआ पढ़कर उसका अर्थ मुझे समझाए उसे बैंजनी रंग का वस्त्र, और उसके गले में सोने की कण्ठमाला पहिनाई जाएगी; और मेरे राज्य में तीसरा वही प्रभुता करेगा।” तब राजा के सब पण्डित लोग भीतर आए, परन्तु उस लिखे हुए को न पढ़ सके और न राजा को उसका अर्थ समझा सके। इस पर बेलशस्सर राजा बहुत घबरा गया और भयातुर हो गया; और उसके प्रधान भी बहुत व्याकुल हुए। राजा और प्रधानों के वचनों को सुनकर, रानी भोज के भवन में आई और कहने लगी, “हे राजा, तू युग युग जीवित रहे, अपने मन में न घबरा और न उदास हो। तेरे राज्य में दानिय्येल नामक एक पुरुष है जिसका नाम तेरे पिता ने बेलतशस्सर रखा था, उसमें पवित्र ईश्‍वरों की आत्मा रहती है, और उस राजा के दिनों में उस में प्रकाश, प्रवीणता और ईश्‍वरों के तुल्य बुद्धि पाई गई। हे राजा, तेरा पिता जो राजा था, उस ने उसको सब ज्योतिषियों, तन्त्रियों, कसदियों और अन्य भावी बतानेवालों का प्रधान ठहराया था, क्योंकि उसमें उत्तम आत्मा, ज्ञान और प्रवीणता, और स्वप्नों का फल बताने और पहेलियाँ खोलने, और सन्देह दूर करने की शक्‍ति पाई गई। इसलिये अब दानिय्येल बुलाया जाए, और वह इसका अर्थ बताएगा।” तब दानिय्येल राजा के सामने भीतर बुलाया गया। राजा दानिय्येल से पूछने लगा, “क्या तू वही दानिय्येल है जो मेरे पिता नबूकदनेस्सर राजा द्वारा यहूदा देश से लाए हुए यहूदी बँधुओं में से है? मैं ने तेरे विषय में सुना है कि ईश्‍वर की आत्मा तुझ में रहती है; और प्रकाश, प्रवीणता और उत्तम बुद्धि तुझ में पाई जाती है। देख, अभी पण्डित और तन्त्री लोग मेरे सामने इसलिये लाए गए थे कि यह लिखा हुआ पढ़ें और उसका अर्थ मुझे बताएँ, परन्तु वे उस बात का अर्थ न समझा सके। परन्तु मैं ने तेरे विषय में सुना है कि दानिय्येल भेद खोल सकता और सन्देह दूर कर सकता है। इसलिये अब यदि तू उस लिखे हुए को पढ़ सके और उसका अर्थ भी मुझे समझा सके, तो तुझे बैंजनी रंग का वस्त्र, और तेरे गले में सोने की कण्ठमाला पहिनाई जाएगी, और राज्य में तीसरा तू ही प्रभुता करेगा।” दानिय्येल ने राजा से कहा, “अपने दान अपने ही पास रख; और जो बदला तू देना चाहता है, वह दूसरे को दे; वह लिखी हुई बात मैं राजा को पढ़ सुनाऊँगा, और उसका अर्थ भी तुझे समझाऊँगा। हे राजा, परमप्रधान परमेश्‍वर ने तेरे पिता नबूकदनेस्सर को राज्य, बड़ाई, प्रतिष्‍ठा और प्रताप दिया था; और उस बड़ाई के कारण जो उस ने उसको दी थी, देश देश और जाति–जाति के सब लोग, और भिन्न–भिन्न भाषा बोलनेवाले उसके सामने काँपते और थरथराते थे; जिसे वह चाहता उसे वह घात करता था, और जिसको वह चाहता उसे वह जीवित रखता था; जिसे वह चाहता उसे वह ऊँचा पद देता था, और जिसको वह चाहता उसे वह गिरा देता था। परन्तु जब उसका मन फूल उठा, और उसकी आत्मा कठोर हो गई, यहाँ तक कि वह अभिमान करने लगा, तब वह अपने राजसिंहासन पर से उतारा गया, और उसकी प्रतिष्‍ठा भंग की गई; वह मनुष्यों में से निकाला गया, और उसका मन पशुओं का सा, और उसका निवास जंगली गदहों के बीच हो गया; वह बैलों के समान घास चरता, और उसका शरीर आकाश की ओस से भींगा करता था, जब तक कि उसने जान न लिया कि परमप्रधान परमेश्‍वर मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है और जिसे चाहता उसी को उस पर अधिकारी ठहराता है। तौभी, हे बेलशस्सर, तू जो उसका पुत्र है, और यह सब कुछ जानता था, तौभी तेरा मन नम्र न हुआ। वरन् तू ने स्वर्ग के प्रभु के विरुद्ध सिर उठाकर उसके भवन के पात्र मँगवाकर अपने सामने रखवा लिए, और अपने प्रधानों और रानियों और रखेलियों समेत तू ने उनमें दाखमधु पिया; और चाँदी–सोने, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवता, जो न देखते न सुनते, न कुछ जानते हैं, उनकी तो स्तुति की परन्तु परमेश्‍वर, जिसके हाथ में तेरा प्राण है, और जिसके वश में तेरा सब चलना फिरना है, उसका सम्मान तू ने नहीं किया। “तब ही यह हाथ का एक भाग उसी की ओर से प्रगट किया गया है और वे शब्द लिखे गए हैं। जो शब्द लिखे गए वे ये हैं : मने, मने, तकेल, और ऊपर्सीन। इस लेख का अर्थ यह है : मने, अर्थात् परमेश्‍वर ने तेरे राज्य के दिन गिनकर उसका अन्त कर दिया है।

दानिएल 5:5-26 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

कि उसी घड़ी मनुष्य के हाथ की सी कई उँगलियाँ निकलकर दीवट के सामने राजभवन की दीवार के चूने पर कुछ लिखने लगीं; और हाथ का जो भाग लिख रहा था वह राजा को दिखाई पड़ा। उसे देखकर राजा भयभीत हो गया, और वह मन ही मन घबरा गया, और उसकी कमर के जोड़ ढीले हो गए, और काँपते-काँपते उसके घुटने एक दूसरे से लगने लगे। तब राजा ने ऊँचे शब्द से पुकारकर तंत्रियों, कसदियों और अन्य भावी बतानेवालों को हाजिर करवाने की आज्ञा दी। जब बाबेल के पंडित पास आए, तब उनसे कहने लगा, “जो कोई वह लिखा हुआ पढ़कर उसका अर्थ मुझे समझाए उसे बैंगनी रंग का वस्त्र और उसके गले में सोने की कण्ठमाला पहनाई जाएगी; और मेरे राज्य में तीसरा वही प्रभुता करेगा।” तब राजा के सब पंडित लोग भीतर आए, परन्तु उस लिखे हुए को न पढ़ सके और न राजा को उसका अर्थ समझा सके। इस पर बेलशस्सर राजा बहुत घबरा गया और भयातुर हो गया; और उसके प्रधान भी बहुत व्याकुल हुए। राजा और प्रधानों के वचनों को सुनकर, रानी दावत के घर में आई और कहने लगी, “हे राजा, तू युग-युग जीवित रहे, अपने मन में न घबरा और न उदास हो। तेरे राज्य में दानिय्येल नामक एक पुरुष है जिसका नाम तेरे पिता ने बेलतशस्सर रखा था, उसमें पवित्र ईश्वरों की आत्मा रहती है, और उस राजा के दिनों में उसमें प्रकाश, प्रवीणता और ईश्वरों के तुल्य बुद्धि पाई गई। और हे नबूकदनेस्सर राजा, तेरा पिता जो राजा था, उसने उसको सब ज्योतिषियों, तंत्रियों, कसदियों और अन्य भावी बतानेवालों का प्रधान ठहराया था, क्योंकि उसमें उत्तम आत्मा, ज्ञान और प्रवीणता, और स्वप्नों का अर्थ बताने और पहेलियाँ खोलने, और सन्देह दूर करने की शक्ति पाई गई। इसलिए अब दानिय्येल बुलाया जाए, और वह इसका अर्थ बताएगा।” तब दानिय्येल राजा के सामने भीतर बुलाया गया। राजा दानिय्येल से पूछने लगा, “क्या तू वही दानिय्येल है जो मेरे पिता नबूकदनेस्सर राजा के यहूदा देश से लाए हुए यहूदी बंधुओं में से है? मैंने तेरे विषय में सुना है कि देवताओं की आत्मा तुझ में रहती है; और प्रकाश, प्रवीणता और उत्तम बुद्धि तुझ में पाई जाती है। देख, अभी पंडित और तांत्रिक लोग मेरे सामने इसलिए लाए गए थे कि यह लिखा हुआ पढ़ें और इसका अर्थ मुझे बताएँ, परन्तु वे उस बात का अर्थ न समझा सके। परन्तु मैंने तेरे विषय में सुना है कि दानिय्येल भेद खोल सकता और सन्देह दूर कर सकता है। इसलिए अब यदि तू उस लिखे हुए को पढ़ सके और उसका अर्थ भी मुझे समझा सके, तो तुझे बैंगनी रंग का वस्त्र, और तेरे गले में सोने की कण्ठमाला पहनाई जाएगी, और राज्य में तीसरा तू ही प्रभुता करेगा।” दानिय्येल ने राजा से कहा, “अपने दान अपने ही पास रख; और जो बदला तू देना चाहता है, वह दूसरे को दे; वह लिखी हुई बात मैं राजा को पढ़ सुनाऊँगा, और उसका अर्थ भी तुझे समझाऊँगा। हे राजा, परमप्रधान परमेश्वर ने तेरे पिता नबूकदनेस्सर को राज्य, बड़ाई, प्रतिष्ठा और प्रताप दिया था; और उस बड़ाई के कारण जो उसने उसको दी थी, देश-देश और जाति-जाति के सब लोग, और भिन्न-भिन्न भाषा बोलनेवाले उसके सामने काँपते और थरथराते थे, जिसे वह चाहता उसे वह घात करता था, और जिसको वह चाहता उसे वह जीवित रखता था जिसे वह चाहता उसे वह ऊँचा पद देता था, और जिसको वह चाहता उसे वह गिरा देता था। परन्तु जब उसका मन फूल उठा, और उसकी आत्मा कठोर हो गई, यहाँ तक कि वह अभिमान करने लगा, तब वह अपने राजसिंहासन पर से उतारा गया, और उसकी प्रतिष्ठा भंग की गई; (नीति. 16:15) वह मनुष्यों में से निकाला गया, और उसका मन पशुओं का सा, और उसका निवास जंगली गदहों के बीच हो गया; वह बैलों के समान घास चरता, और उसका शरीर आकाश की ओस से भीगा करता था, जब तक कि उसने जान न लिया कि परमप्रधान परमेश्वर मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है और जिसे चाहता उसी को उस पर अधिकारी ठहराता है। तो भी, हे बेलशस्सर, तू जो उसका पुत्र है, और यह सब कुछ जानता था, तो भी तेरा मन नम्र न हुआ। वरन् तूने स्वर्ग के प्रभु के विरुद्ध सिर उठाकर उसके भवन के पात्र मँगवाकर अपने सामने रखवा लिए, और अपने प्रधानों और रानियों और रखैलों समेत तूने उनमें दाखमधु पिया; और चाँदी-सोने, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवता, जो न देखते न सुनते, न कुछ जानते हैं, उनकी तो स्तुति की, परन्तु परमेश्वर, जिसके हाथ में तेरा प्राण है, और जिसके वश में तेरा सब चलना फिरना है, उसका सम्मान तूने नहीं किया। (अय्यू. 12:10, भज. 115:4-8) “तब ही यह हाथ का एक भाग उसी की ओर से प्रगट किया गया है और वे शब्द लिखे गए हैं। और जो शब्द लिखे गए वे ये हैं, मने, मने, तकेल, ऊपर्सीन। इस वाक्य का अर्थ यह है, मने, अर्थात् परमेश्वर ने तेरे राज्य के दिन गिनकर उसका अन्त कर दिया है।

दानिएल 5:5-26 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

तब अचानक एक मानव हाथ की उंगलियां प्रकट हुईं और राजमहल में दीवट के पास दीवार के पलस्तर पर कुछ लिखने लगीं. लिखते हुए उस हाथ पर राजा की दृष्टि पड़ी. उसे देखकर राजा के चेहरे का रंग उड़ गया और वह इतना डर गया कि उसके पैर ढीले हो गए और कांपने से उसके घुटने एक दूसरे से टकराने लगे. तब राजा ने तांत्रिक, ज्योतिषी और दैवीय शक्तिवालों को बुलवाया और उसने बाबेल के उन बुद्धिमान लोगों से कहा, “जो कोई इस लिखावट को पढ़ेगा और उसका अर्थ मुझे बताएगा, उसे राजसी वस्त्र पहनाया जाएगा और उसके गले में सोने की माला पहनाई जाएगी, और उसे राज्य में तीसरे नंबर का उच्च पदस्थ शासक बनाया जाएगा.” तब राजा के सब बुद्धिमान लोग आए, पर वे उस दीवार पर लिखी बात को पढ़ न सके और न ही वे राजा को उसका अर्थ बता सके. इससे राजा बैलशत्सर और भयभीत हो गया और उसका चेहरे का रंग और उड़ गया. इससे उसके प्रभावशाली लोग भी परेशान हो गए. राजा एवं उसके प्रभावशाली लोगों की आवाज सुनकर, रानी भोज के कक्ष में आई और कहने लगी, “राजा चिरंजीवी हों! आप चिंता न करें! और आपके चेहरे का रंग न उड़े! आपके राज्य में एक ऐसा व्यक्ति है, जिसमें पवित्र देवताओं की आत्मा रहती है. आपके पिता के समय में इस व्यक्ति में देवताओं के समान समझ-बूझ, बुद्धि और ज्ञान पायी गई थी. आपके पिता, राजा नबूकदनेज्ज़र ने उसे जादूगरों, तांत्रिकों, ज्योंतिषियों और दैवीय शक्तिवालों का मुखिया नियुक्त किया था. उसने ऐसा किया क्योंकि दानिएल नामक यह व्यक्ति के पास, जिसे राजा बैलशत्सर नाम से पुकारते थे, तेज दिमाग और ज्ञान और समझ थी, और उसमें स्वप्नों का अर्थ बताने, पहेलियों को समझाने और कठिन समस्याओं का हल निकालने की योग्यता पायी गई थी. इसलिये दानिएल को बुलवा लीजिए, और वह आपको लिखावट का अर्थ बता देगा.” तब दानिएल को राजा के सामने लाया गया, और राजा ने उससे कहा, “क्या तुम दानिएल हो, और उनमें से एक हो, जिन्हें मेरे पिता, राजा ने यहूदाह से बंधुआई में लाया था? मैंने सुना है कि तुममें देवताओं की आत्मा रहती है और यह भी कि तुममें समझ-बूझ, बुद्धि और असाधारण ज्ञान है. बुद्धिमान और तांत्रिक लोग इस लिखावट को पढ़ने और इसका अर्थ बताने के लिये मेरे पास लाये गए, पर वे इसको समझा न सके. मैंने सुना है कि तुममें अर्थ बताने और कठिन समस्याओं का हल निकालने की योग्यता है. यदि तुम इस लेख को पढ़कर इसका अर्थ मुझे बता सके, तो तुम्हें राजसी कपड़े पहनाए जाएंगे और तुम्हारे गले में सोने की माला पहनाई जाएगी, और तुम्हें तीसरा उच्च पदस्थ शासक बनाया जाएगा.” तब दानिएल ने राजा को उत्तर दिया, “आप अपने उपहारों को अपने पास रखें और अपने पुरस्कारों को किसी और को दे दें. फिर भी मैं यह लिखावट राजा के लिये पढ़ूंगा और उसको इसका अर्थ भी बताऊंगा. “हे महाराज, सर्वोच्च परमेश्वर ने आपके पिता नबूकदनेज्ज़र को राजसत्ता, महानता, महिमा और वैभव दिया. क्योंकि परमेश्वर ने उसे ऊंचा पद दिया था, इसलिये सारी जाति और हर भाषा के लोग आपके पिता से डरते थे और उनका भय मानते थे. जिन्हें वह प्राण-दंड देना चाहता, उन्हें वह प्राण-दंड देता; जिन्हें वह छोड़ना चाहता, उन्हें वह छोड़ देता; जिन्हें वह ऊंचा पद देना चाहता, उन्हें वह ऊंचा पद देता; और जिन्हें वह नीचा दिखाना चाहता, उन्हें वह नीचा दिखाता. पर जब घमंड से उसका मन फूल गया और उसका हृदय कठोर हो गया, तो उसे राज सिंहासन से हटा दिया गया और उसकी प्रतिष्ठा छीन ली गई. उसे लोगों के बीच से भगा दिया गया और उसे एक जानवर का मन दिया गया; वह जंगली गधों के साथ रहता था और बैल की तरह घांस खाता था; और उसका शरीर आकाश के ओस से भीगता था, यह तब तक होता रहा, जब तक कि उसने यह न मान लिया कि पृथ्वी पर सब राज्यों के ऊपर सर्वोच्च परमेश्वर ही परम प्रधान हैं और वे जिसे चाहते हैं उसे उन राज्यों पर शासक ठहराते हैं. “पर हे बैलशत्सर, उनके बेटे होकर भी आपने अपने आपको नम्र नहीं किया, यद्यपि आप यह सब जानते थे. वरन आपने अपने आपको स्वर्ग के प्रभु से भी बड़ा बना लिया है. आपने उनके मंदिर से प्यालों को अपने पास मंगा लिया, और आप और आपके प्रभावशाली लोगों ने, आपकी पत्नियों और आपकी उपपत्नियों ने उनमें दाखमधु पिया है. आपने चांदी, सोना, कांसा, लोहा, लकड़ी और पत्थर के देवताओं की महिमा किया है, जो न तो देख सकते हैं, न सुन सकते है, और न ही समझ सकते हैं. पर आपने उस परमेश्वर का आदर नहीं किया, जिनके हाथ में आपका जीवन और आपके सारे क्रियाकलाप हैं. इसलिये परमेश्वर ने यह हाथ भेजा, जिसने यह लेख लिखा है. “यह वह लेख है जिसे लिखा गया था: मने, मने, तकेल, फरसीन “इन शब्दों का अर्थ इस प्रकार है: “ मने : परमेश्वर आपके राज्य करने के दिनों की गिनती कर चुके हैं और इसका अंत आ चुका है.