दानिएल 4:34-35
दानिएल 4:34-35 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
उन दिनों के बीतने पर, मुझ नबूकदनेस्सर ने अपनी आँखें स्वर्ग की ओर उठाईं, और मेरी बुद्धि फिर ज्यों की त्यों हो गई; तब मैं ने परमप्रधान को धन्य कहा, और जो सदा जीवित है उसकी स्तुति और महिमा यह कहकर करने लगा : उसकी प्रभुता सदा की है, और उसका राज्य पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहनेवाला है। पृथ्वी के सब रहनेवाले उसके सामने तुच्छ गिने जाते हैं, और वह स्वर्ग की सेना और पृथ्वी के रहनेवालों के बीच अपनी ही इच्छा के अनुसार काम करता है; और कोई उसको रोककर उस से नहीं कह सकता है, “तू ने यह क्या किया है?”
दानिएल 4:34-35 पवित्र बाइबल (HERV)
फिर उस समय के अंत में मैं (नकूबदनेस्सर) ने ऊपर स्वर्ग की ओर देखा। मैं फिर सही ढ़ंग से सोचने विचारने लगा। सो मैंने परम प्रधान परमेश्वर की स्तुति की, जो सदा अमर है, मैंने उसे आदर और महिमा प्रदान की। परमेश्वर शासन सदा करता है! उसका राज्य पीढ़ी दर पीढ़ीबना रहता है। इस धरती के लोग सचमुच बड़े नहीं हैं। परमेश्वर लोगों के साथ जो कुछ चाहता है वह करता है। स्वर्ग की शक्तियों को कोई भी रोक नहीं पाता है। उसका सशक्त हाथ जो कुछ करता है उस पर कोई प्रश्न नहीं कर सकता है।
दानिएल 4:34-35 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
“सात वर्ष बीतने के बाद मैं नबूकदनेस्सर ने स्वर्ग की ओर दीनता से आंखें उठाईं, और मेरा विवेक लौट आया। मैंने सर्वोच्च परमेश्वर को धन्य कहा, जो सदा-सर्वदा जीवित है। मैंने इन शब्दों में उसकी महिमा और स्तुति की; “परमेश्वर का राज्य शाश्वत है; उसका शासन पीढ़ी से पीढ़ी बना रहता है। पृथ्वी के समस्त निवासी उसके सम्मुख नगण्य हैं; वह स्वर्ग की सेना में, पृथ्वी के प्राणियों के मध्य, अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है। कोई उसका हाथ रोक नहीं सकता, और न प्रश्न पूछने का साहस कर सकता है, कि “तूने यह क्या किया?’ ”
दानिएल 4:34-35 Hindi Holy Bible (HHBD)
उन दिनों के बीतने पर, मुझ नबूकदनेस्सर ने अपनी आंखें स्वर्ग की ओर उठाईं, और मेरी बुद्धि फिर ज्यों की त्यों हो गई; तब मैं ने परमप्रधान को धन्य कहा, और जो सदा जीवित है उसकी स्तुति और महिमा यह कह कर करने लगा: उसकी प्रभुता सदा की है और उसका राज्य पीढ़ी से पीढ़ी तब बना रहने वाला है। पृथ्वी के सब रहने वाले उसके साम्हने तुच्छ गिने जाते हैं, और वह स्वर्ग की सेना और पृथ्वी के रहने वालों के बीच अपनी इच्छा के अनुसार काम करता है; और कोई उसको रोक कर उस से नहीं कह सकता है, तू ने यह क्या किया है?
दानिएल 4:34-35 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
उन दिनों के बीतने पर, मुझ नबूकदनेस्सर ने अपनी आँखें स्वर्ग की ओर उठाई, और मेरी बुद्धि फिर ज्यों की त्यों हो गई; तब मैंने परमप्रधान को धन्य कहा, और जो सदा जीवित है उसकी स्तुति और महिमा यह कहकर करने लगा: उसकी प्रभुता सदा की है और उसका राज्य पीढ़ी से पीढ़ी तब बना रहनेवाला है। (भज. 145:13, 1 तीमु. 1:17) पृथ्वी के सब रहनेवाले उसके सामने तुच्छ गिने जाते हैं, और वह स्वर्ग की सेना और पृथ्वी के रहनेवालों के बीच अपनी इच्छा के अनुसार काम करता है; और कोई उसको रोककर उससे नहीं कह सकता है, “तूने यह क्या किया है?”
दानिएल 4:34-35 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
निर्धारित समय के अंत में, मैं, नबूकदनेज्ज़र ने स्वर्ग की ओर अपनी दृष्टि उठाई, और मेरी मानसिक अवस्था फिर पहले जैसे हो गई. तब मैंने सर्वोच्च परमेश्वर की महिमा की; मैंने उसका आदर और प्रशंसा किया, जो सदाकाल तक जीवित रहता है. उसकी प्रभुता सदाकाल की है; उसका राज्य पीढ़ी-पीढ़ी तक बना रहता है. पृथ्वी के सारे लोगों का कोई महत्व नहीं है. वह जैसा चाहता है वैसा स्वर्ग की शक्तियों और पृथ्वी के लोगों के साथ करता है. उसे कोई भी रोक नहीं सकता या यह कह नहीं सकता: “आपने यह क्या कर डाला?”