कुलुस्सियों 3:8-17

कुलुस्सियों 3:8-17 पवित्र बाइबल (HERV)

किन्तु अब तुम्हें इन सब बातों के साथ साथ क्रोध, झुँझलाहट, शत्रुता, निन्दा-भाव और अपशब्द बोलने से छुटकारा पा लेना चाहिए। आपस में झूठ मत बोलो क्योंकि तुमने अपने पुराने व्यक्तित्व को उसके कर्मो सहित उतार फेंका है। और नये व्यक्तित्व को धारण कर लिया है जो अपने रचयिता के स्वरूप में स्थित होकर परमेश्वर के सम्पूर्ण ज्ञान के निमित्त निरन्तर नया होता जा रहा है। परिणामस्वरूप वहाँ यहूदी और ग़ैर यहूदी में कोई अन्तर नहीं रह गया है, न किसी ख़तना युक्त और ख़तना रहित में, न किसी असभ्य और बर्बर में, न दास और एक स्वतन्त्र व्यक्ति में कोई अन्तर है। मसीह सर्वेसर्वा है और सब विश्वासियों में उसी का निवास है। क्योंकि तुम परमेश्वर के चुने हुए पवित्र और प्रियजन हो इसलिए सहानुभूति, दया, नम्रता, कोमलता और धीरज को धारण करो। तुम्हें आपस में जब कभी किसी से कोई कष्ट हो तो एक दूसरे की सह लो और परस्पर एक दूसरे को मुक्त भाव से क्षमा कर दो। तुम्हें आपस में एक दूसरे को ऐसे ही क्षमा कर देना चाहिए जैसे परमेश्वर ने तुम्हें मुक्त भाव से क्षमा कर दिया। इन बातों के अतिरिक्त प्रेम को धारण करो। प्रेम ही सब को आपस में बाँधता और परिपूर्ण करता है। तुम्हारे मन पर मसीह से प्राप्त होने वाली शांति का शासन हो। इसी के लिये तुम्हें उसी एक देह में बुलाया गया है। सदा धन्यवाद करते रहो। अपनी सम्पन्नता के साथ मसीह का संदेश तुम में वास करे। भजनों, स्तुतियों और आत्मा के गीतों को गाते हुए बड़े विवेक के साथ एक दूसरे को शिक्षा और निर्देश देते रहो। परमेश्वर को मन ही मन धन्यवाद देते हुए गाते रहो। और तुम जो कुछ भी करो या कहो, वह सब प्रभु यीशु के नाम पर हो। उसी के द्वारा तुम हर समय परम पिता परमेश्वर को धन्यवाद देते रहो।

कुलुस्सियों 3:8-17 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

अब तो आप लोगों को क्रोध, उत्तेजना, द्वेष, परनिन्‍दा और अश्‍लील बातचीत सर्वथा छोड़ देनी चाहिए। कभी एक दूसरे से झूठ नहीं बोलें। आप लोगों ने अपना पुराना स्‍वभाव और उसके कर्मों को उतार कर एक नया स्‍वभाव धारण किया है। यह स्‍वभाव अपने सृष्‍टिकर्ता का प्रतिरूप बन कर नवीन होता रहता और पूर्ण ज्ञान की ओर आगे बढ़ता है। इस नवीनता में कोई भेद नहीं रहता, इसमें न यूनानी है, न यहूदी; न खतना है, न खतने का अभाव; न बर्बर है, न स्‍कूती, न दास और न स्‍वतन्‍त्र। केवल मसीह हैं, जो सब कुछ और सब में हैं। आप लोग परमेश्‍वर की पवित्र एवं परमप्रिय चुनी हुई प्रजा हैं। इसलिए आप लोगों को सहानुभूति, अनुकम्‍पा, विनम्रता, कोमलता और सहनशीलता धारण करनी चाहिए। आप एक दूसरे को सहन करें और यदि किसी को किसी से कोई शिकायत हो, तो एक दूसरे को क्षमा करें। प्रभु ने आप लोगों को क्षमा कर दिया। आप लोग भी ऐसा ही करें। परन्‍तु सब से बड़ी बात यह है कि आपस में प्रेम-भाव बनाये रखें। वह सब कुछ एकता में बाँध कर पूर्णता तक पहुँचा देता है। मसीह की शान्‍ति आपके हृदय में राज्‍य करे। इसी शान्‍ति के लिए आप लोग, एक ही देह के अंग बन कर, बुलाये गये हैं। आप लोग कृतज्ञ बने रहें। मसीह का वचन अपनी परिपूर्णता में आप लोगों में निवास करे। आप बड़ी समझदारी से एक-दूसरे को शिक्षा और उपदेश दिया करें। आप कृतज्ञ हृदय से परमेश्‍वर के आदर में भजन, स्‍तोत्र और आध्‍यात्‍मिक गीत गाया करें। आप जो भी कहें या करें, वह सब प्रभु येशु के नाम पर किया करें। उन्‍हीं के द्वारा आप लोग पिता-परमेश्‍वर को धन्‍यवाद देते रहें।

कुलुस्सियों 3:8-17 Hindi Holy Bible (HHBD)

पर अब तुम भी इन सब को अर्थात क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्दा, और मुंह से गालियां बकना ये सब बातें छोड़ दो। एक दूसरे से झूठ मत बोलो क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्व को उसके कामों समेत उतार डाला है। और नए मनुष्यत्व को पहिन लिया है जो अपने सृजनहार के स्वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया बनता जाता है। उस में न तो यूनानी रहा, न यहूदी, न खतना, न खतनारिहत, न जंगली, न स्कूती, न दास और न स्वतंत्र: केवल मसीह सब कुछ और सब में है॥ इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो। और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्ध है बान्ध लो। और मसीह की शान्ति जिस के लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो। मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ। और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो॥

कुलुस्सियों 3:8-17 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

पर अब तुम भी इन सब को, अर्थात् क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्दा और मुँह से गालियाँ बकना ये सब बातें छोड़ दो। एक दूसरे से झूठ मत बोलो, क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्व को उसके कामों समेत उतार डाला है और नए मनुष्यत्व को पहिन लिया है, जो अपने सृजनहार के स्वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्‍त करने के लिये नया बनता जाता है। उसमें न तो यूनानी रहा न यहूदी, न खतना न खतनारहित, न जंगली, न स्कूती, न दास और न स्वतंत्र : केवल मसीह सब कुछ और सब में है। इसलिये परमेश्‍वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करुणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो, और यदि किसी को किसी पर दोष देने का कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो; जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्ध है बाँध लो। मसीह की शान्ति जिसके लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे; और तुम धन्यवादी बने रहो। मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो, और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्‍वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ। वचन में या काम में जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्‍वर पिता का धन्यवाद करो।

कुलुस्सियों 3:8-17 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

पर अब तुम भी इन सब को अर्थात् क्रोध, रोष, बैर-भाव, निन्दा, और मुँह से गालियाँ बकना ये सब बातें छोड़ दो। (इफि. 4:23,24) एक दूसरे से झूठ मत बोलो क्योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्व को उसके कामों समेत उतार डाला है। और नये मनुष्यत्व को पहन लिया है जो अपने सृजनहार के स्वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिये नया बनता जाता है। उसमें न तो यूनानी रहा, न यहूदी, न खतना, न खतनारहित, न जंगली, न स्कूती, न दास और न स्वतंत्र केवल मसीह सब कुछ और सब में है। इसलिए परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करुणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो; और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कमरबन्ध है बाँध लो। और मसीह की शान्ति, जिसके लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो। मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने-अपने मन में कृतज्ञता के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ। वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।

कुलुस्सियों 3:8-17 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

किंतु अब तुम सभी क्रोध, रोष, बैरभाव, निंदा तथा गंदी भाषा का भी त्याग कर दो. एक दूसरे से झूठ मत बोलो क्योंकि तुम पुराने स्वभाव को उसके कामों सहित उतार चुके और अब तुमने नए स्वभाव को धारण कर लिया है. यह स्वभाव अपने सृष्टिकर्ता की छवि के अनुसार वास्तविक ज्ञान के लिए नया होता जाता है. परिणामस्वरूप अब यूनानी या यहूदी, ख़तनित या ख़तना रहित, बरबर या स्कूती, दास या मुक्त में कोई भेद नहीं है, मसीह ही सब कुछ और सब में मुख्य हैं. इसलिये परमेश्वर के चुने हुए, पवित्र लोगों तथा प्रिय पात्रों के समान अपने हृदयों में करुणा, भलाई, विनम्रता, दीनता तथा धीरज धारण कर लो. आपस में सहनशीलता और क्षमा करने का भाव बना रहे. यदि किसी को किसी अन्य के प्रति शिकायत हो, वह उसे उसी प्रकार क्षमा करे जैसे प्रभु ने तुम्हें क्षमा किया है और इन सबसे बढ़कर प्रेम भाव बनाए रखो, जो एकता का समूचा सूत्र है. तुम्हारे हृदय में मसीह की शांति राज्य करे—वस्तुतः एक शरीर में तुम्हें इसी के लिए बुलाया गया है. हमेशा धन्यवादी बने रहो. तुममें मसीह के वचन को अपने हृदय में पूरी अधिकाई से बसने दो. एक दूसरे को सिद्ध ज्ञान में शिक्षा तथा चेतावनी दो और परमेश्वर के प्रति हार्दिक धन्यवाद के साथ स्तुति, भजन तथा आत्मिक गीत गाओ तथा वचन और काम में जो कुछ करो, वह सब प्रभु येशु मसीह के नाम में पिता परमेश्वर का आभार मानते हुए करो.