प्रेरितों 4:32-35
प्रेरितों 4:32-35 पवित्र बाइबल (HERV)
विश्वासियों का यह समूचा दल एक मन और एक तन था। कोई भी यह नहीं कहता था कि उसकी कोई भी वस्तु उसकी अपनी है। उनके पास जो कुछ होता, उस सब कुछ को वे बाँट लेते थे। और वे प्रेरित समूची शक्ति के साथ प्रभु यीशु के फिर से जी उठने की साक्षी दिया करते थे। परमेश्वर का महान वरदान उन सब पर बना रहता। उस दल में से किसी को भी कोई कमी नहीं थी। क्योंकि जिस किसी के पास खेत या घर होते, वे उन्हें बेच दिया करते थे और उससे जो धन मिलता, उसे लाकर प्रेरितों के चरणों में रख देते और जिसको जितनी आवश्यकता होती, उसे उतना धन दे दिया जाता था।
प्रेरितों 4:32-35 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
विश्वासियों का समुदाय एक हृदय और एक प्राण था। उनमें कोई भी अपनी सम्पत्ति को अपना नहीं समझता था। जो कुछ उनके पास था, उस में सब का साझा था। प्रेरित बड़े सामर्थ्य से प्रभु येशु के पुनरुत्थान की साक्षी देते थे और उन सब पर परमेश्वर का महान अनुग्रह था। उन में कोई भी दरिद्र नहीं था; क्योंकि जिनके पास खेत या मकान थे, वे उन्हें बेच देते और धनराशि ला कर प्रेरितों के चरणों में अर्पित कर देते थे और प्रत्येक को उसकी आवश्यकता के अनुसार बाँट दिया जाता था।
प्रेरितों 4:32-35 Hindi Holy Bible (HHBD)
और विश्वास करने वालों की मण्डली एक चित्त और एक मन के थे यहां तक कि कोई भी अपनी सम्पति अपनी नहीं कहता था, परन्तु सब कुछ साझे का था। और प्रेरित बड़ी सामर्थ से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था। और उन में कोई भी दरिद्र न था, क्योंकि जिन के पास भूमि या घर थे, वे उन को बेच बेचकर, बिकी हुई वस्तुओं का दाम लाते, और उसे प्रेरितों के पांवों पर रखते थे। और जैसी जिसे आवश्यकता होती थी, उसके अनुसार हर एक को बांट दिया करते थे।
प्रेरितों 4:32-35 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
विश्वास करनेवालों की मण्डली एक चित्त और एक मन की थी, यहाँ तक कि कोई भी अपनी सम्पत्ति अपनी नहीं कहता था, परन्तु सब कुछ साझे में था। प्रेरित बड़ी सामर्थ्य से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था। उनमें कोई भी दरिद्र न था; क्योंकि जिनके पास भूमि या घर थे, वे उनको बेच–बेचकर, बिकी हुई वस्तुओं का दाम लाते, और उसे प्रेरितों के पाँवों पर रखते थे; और जैसी जिसे आवश्यकता होती थी, उसके अनुसार हर एक को बाँट दिया करते थे।
प्रेरितों 4:32-35 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
और विश्वास करनेवालों की मण्डली एक चित्त और एक मन की थी, यहाँ तक कि कोई भी अपनी सम्पत्ति अपनी नहीं कहता था, परन्तु सब कुछ साझे का था। और प्रेरित बड़ी सामर्थ्य से प्रभु यीशु के जी उठने की गवाही देते रहे और उन सब पर बड़ा अनुग्रह था। और उनमें कोई भी दरिद्र न था, क्योंकि जिनके पास भूमि या घर थे, वे उनको बेच-बेचकर, बिकी हुई वस्तुओं का दाम लाते, और उसे प्रेरितों के पाँवों पर रखते थे। और जैसी जिसे आवश्यकता होती थी, उसके अनुसार हर एक को बाँट दिया करते थे।
प्रेरितों 4:32-35 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
शिष्यों के इस समुदाय में सभी एक मन और एक प्राण थे. कोई भी अपने धन पर अपना अधिकार नहीं जताता था. उन सभी का धन एक में मिला हुआ था. प्रेरितगण असाधारण सामर्थ्य के साथ प्रभु येशु मसीह के दोबारा जी उठने की गवाही दिया करते थे और परमेश्वर का असीम अनुग्रह उन पर बना था. उनमें कोई भी निर्धन नहीं था क्योंकि उनमें जो खेतों व मकानों के स्वामी थे, अपनी संपत्ति बेचकर उससे प्राप्त धनराशि लाते और प्रेरितों के चरणों में रख देते थे, जिसे ज़रूरत के अनुसार निर्धनों में बांट दिया जाता था.