प्रेरितों 16:22-40

प्रेरितों 16:22-40 पवित्र बाइबल (HERV)

भीड़ भी विरोध में लोगों के साथ हो कर उन पर चढ़ आयी। दण्डाधिकारी ने उनके कपड़े फड़वा कर उतरवा दिये और आज्ञा दी कि उन्हें पीटा जाये। उन पर बहुत मार पड़ चुकने के बाद उन्होंने उन्हें जेल में डाल दिया और जेल के अधिकारी को आज्ञा दी कि उन पर कड़ा पहरा बैठा दिया जाये। ऐसी आज्ञा पाकर उसने उन्हें जेल की भीतरी कोठरी में डाल दिया। उसने उनके पैर काठ में कस दिये। लगभग आधी रात गये पौलुस और सिलास परमेश्वर के भजन गाते हुए प्रार्थना कर रहे थे और दूसरे क़ैदी उन्हें सुन रहे थे। तभी वहाँ अचानक एक ऐसा भयानक भूकम्प हुआ कि जेल की नीवें हिल उठीं। और तुरंत जेल के फाटक खुल गये। हर किसी की बेड़ियाँ ढीली हो कर गिर पड़ीं। जेल के अधिकारी ने जाग कर जब देखा कि जेल के फाटक खुले पड़े हैं तो उसने अपनी तलवार खींच ली और यह सोचते हुए कि कैदी भाग निकले हैं वह स्वयं को जब मारने ही वाला था तभी पौलुस ने ऊँचे स्वर में पुकारते हुए कहा, “अपने को हानि मत पहुँचा क्योंकि हम सब यहीं हैं!” इस पर जेल के अधिकारी ने मशाल मँगवाई और जल्दी से भीतर गया। और भय से काँपते हुए पौलुस और सिलास के सामने गिर पड़ा। फिर वह उन्हें बाहर ले जा कर बोला, “महानुभावो, उद्धार पाने के लिये मुझे क्या करना चाहिये?” उन्होंने उत्तर दिया, “प्रभु यीशु पर विश्वास कर। इससे तेरा उद्धार होगा-तेरा और तेरे परिवार का।” फिर उसके समूचे परिवार के साथ उन्होंने उसे प्रभु का वचन सुनाया। फिर जेल का वह अधिकारी उसी रात और उसी घड़ी उन्हें वहाँ से ले गया। उसने उनके घाव धोये और अपने सारे परिवार के साथ उनसे बपतिस्मा लिया। फिर वह पौलुस और सिलास को अपने घर ले आया और उन्हें भोजन कराया। परमेश्वर में विश्वास ग्रहण कर लेने के कारण उसने अपने समूचे परिवार के साथ आनन्द मनाया। जब पौ फटी तो दण्डाधिकारियों ने यह कहने अपने सिपाहियों को वहाँ भेजा कि उन लोगों को छोड़ दिया जाये। फिर जेल के अधिकारी ने ये बातें पौलुस को बतायीं कि दण्डाधिकारी ने तुम्हें छोड़ देने के लिये कहलवा भेजा है। इसलिये अब तुम बाहर आओ और शांति के साथ चले जाओ। किन्तु पौलुस ने उन सिपाहियों से कहा, “यद्यपि हम रोमी नागरिक हैं पर उन्होंने हमें अपराधी पाये बिना ही सब के सामने मारा-पीटा और जेल में डाल दिया। और अब चुपके-चुपके वे हमें बाहर भेज देना चाहते हैं, निश्चय ही ऐसा नहीं होगा। होना तो यह चाहिये के वे स्वयं आ कर हमें बाहर निकालें!” सिपाहियों ने दण्डाधिकारियों को ये शब्द जा सुनाये। दण्डाधिकारियों को जब यह पता चला कि पौलुस और सिलास रोमी हैं तो वे बहुत डर गये। सो वे वहाँ आये और उनसे क्षमा याचना करके उन्हें बाहर ले गये और उनसे उस नगर को छोड़ जाने को कहा। पौलुस और सिलास जेल से बाहर निकल कर लीदिया के घर पहुँचे। धर्म-बंधुओं से मिलते हुए उन्होंने उनका उत्साह बढ़ाया और फिर वहाँ से चल दिये।

प्रेरितों 16:22-40 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

भीड़ भी उनके विरोध में एकत्र हो गयी। तब दण्‍डाधिकारियों ने उनके कपड़े फाड़ डाले और उन्‍हें बेंत लगाने का आदेश दिया। उन्‍होंने पौलुस और सीलास को बेंतों से बहुत मारा और बन्‍दीगृह में डाल दिया। उन्‍होंने बन्‍दीगृह के अधीक्षक को आदेश दिया कि वह सावधानी से उनकी रखवाली करे। अधीक्षक ने यह आदेश पाकर उन्‍हें भीतरी बन्‍दीगृह में रखा और उनके पैर काठ में जकड़ दिये। आधी रात के समय जब पौलुस तथा सीलास प्रार्थना कर रहे थे और परमेश्‍वर की स्‍तुति गा रहे थे और कैदी उन्‍हें सुन रहे थे तो एकाएक इतना भारी भूकम्‍प हुआ कि बन्‍दीगृह की नींव हिल गयी। उसी क्षण सब द्वार खुल गये और सब कैदियों की बेड़ियाँ खुल गयीं। बन्‍दीगृह का अधीक्षक जाग उठा और बन्‍दीगृह के द्वार खुले देख कर समझा कि कैदी भाग गये हैं। इसलिए उसने तलवार खींच कर आत्‍महत्‍या करनी चाही; किन्‍तु पौलुस ने ऊंचे स्‍वर से पुकार कर कहा, “अपने आपको कोई हानि न पहुँचाओ। हम सब यहीं हैं।” तब अधीक्षक दीपक मँगा कर भीतर दौड़ा और काँपते हुए पौलुस तथा सीलास के चरणों पर गिर पड़ा। उसने उन्‍हें बाहर ले जा कर कहा, “सज्‍जनो, मुक्‍ति प्राप्‍त करने के लिए मुझे क्‍या करना चाहिए?” उन्‍होंने उत्तर दिया, “आप प्रभु येशु पर विश्‍वास कीजिए, तो आप को और आपके परिवार को मुक्‍ति प्राप्‍त होगी।” उन्‍होंने अधीक्षक को और उसके परिवार के सब सदस्‍यों को परमेश्‍वर का वचन सुनाया। उसने रात को उसी घड़ी उन्‍हें ले जा कर उनके घाव धोये। इसके तुरंत बाद उसने और उसके सारे परिवार ने बपतिस्‍मा ग्रहण किया। तब उसने पौलुस और सीलास को अपने यहाँ ले जा कर भोजन कराया और अपने सारे परिवार के साथ आनन्‍द मनाया; क्‍योंकि उसने परमेश्‍वर पर विश्‍वास किया था। दिन होने पर दण्‍डाधिकारियों ने आरिक्षयों द्वारा कहला भेजा कि उन व्यक्‍तियों को छोड़ दो। बन्‍दीगृह के अधीक्षक ने पौलुस को यह सन्‍देश सुनाया, “दण्‍डाधिकारियों ने कहला भेजा है कि आप लोगों को छोड़ दिया जाये। अब आप बाहर चलिये और शान्‍ति से जाइए।” किन्‍तु पौलुस ने आरिक्षयों से कहा, “हम रोमन नागरिक हैं। फिर भी हम पर लगाये हुए अभियोग की जाँच किये बिना उन्‍होंने हमें सब के सामने बेंतों से मारा और बन्‍दीगृह में डाला, और अब वे हमें चुपके से निकाल रहे हैं। ऐसा नहीं होगा। वे खुद आ कर हमें बाहर ले जायें।” आरिक्षयों ने दण्‍डाधिकारियों को ये बातें सुनायीं। दण्‍डाधिकारी यह सुन कर कि पौलुस और सीलास रोमन नागरिक हैं, डर गये। उन्‍होंने आ कर क्षमा मांगी और उन्‍हें बन्‍दीगृह से बाहर ले जा कर अनुरोध किया कि वे नगर छोड़कर चले जायें। पौलुस और सीलास बन्‍दीगृह से निकल कर लुदिया के घर गये। वे भाई-बहिनों से मिले और उन्‍हें प्रोत्‍साहित कर वहाँ से चले गये।

प्रेरितों 16:22-40 Hindi Holy Bible (HHBD)

तब भीड़ के लोग उन के विरोध में इकट्ठे होकर चढ़ आए, और हाकिमों ने उन के कपड़े फाड़कर उतार डाले, और उन्हें बेंत मारने की आज्ञा दी। और बहुत बेंत लगवाकर उन्हें बन्दीगृह में डाला; और दारोगा को आज्ञा दी, कि उन्हें चौकसी से रखे। उस ने ऐसी आज्ञा पाकर उन्हें भीतर की कोठरी में रखा और उन के पांव काठ में ठोक दिए। आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के भजन गा रहे थे, और बन्धुए उन की सुन रहे थे। कि इतने में एकाएक बड़ा भुईडोल हुआ, यहां तक कि बन्दीगृह की नेव हिल गईं, और तुरन्त सब द्वार खुल गए; और सब के बन्धन खुल पड़े। और दारोगा जाग उठा, और बन्दीगृह के द्वार खुले देखकर समझा कि बन्धुए भाग गए, सो उस ने तलवार खींचकर अपने आप को मार डालना चाहा। परन्तु पौलुस ने ऊंचे शब्द से पुकारकर कहा; अपने आप को कुछ हानि न पहुंचा, क्योंकि हम सब यहां हैं। तब वह दीया मंगवाकर भीतर लपक गया, और कांपता हुआ पौलुस और सीलास के आगे गिरा। और उन्हें बाहर लाकर कहा, हे साहिबो, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूं? उन्होंने कहा, प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा। और उन्होंने उस को, और उसके सारे घर के लोगों को प्रभु का वचन सुनाया। और रात को उसी घड़ी उस ने उन्हें ले जाकर उन के घाव धोए, और उस ने अपने सब लोगों समेत तुरन्त बपतिस्मा लिया। और उस ने उन्हें अपने घर में ले जाकर, उन के आगे भोजन रखा और सारे घराने समेत परमेश्वर पर विश्वास करके आनन्द किया॥ जब दिन हुआ तक हाकिमों ने प्यादों के हाथ कहला भेजा कि उन मनुष्यों को छोड़ दो। दारोगा ने ये बातें पौलुस से कह सुनाईं, कि हाकिमों ने तुम्हारे छोड़ देने की आज्ञा भेज दी है, सो अब निकलकर कुशल से चले जाओ। परन्तु पौलुस ने उस से कहा, उन्होंने हमें जो रोमी मनुष्य हैं, दोषी ठहाराए बिना, लोगों के साम्हने मारा, और बन्दीगृह में डाला, और अब क्या हमें चुपके से निकाल देते हैं? ऐसा नहीं, परन्तु वे आप आकर हमें बाहर ले जाएं। प्यादों ने ये बातें हाकिमों से कह दीं, और वे यह सुनकर कि रोमी हैं, डर गए। और आकर उन्हें मनाया, और बाहर ले जाकर बिनती की कि नगर से चले जाएं। वे बन्दीगृह से निकल कर लुदिया के यहां गए, और भाइयों से भेंट करके उन्हें शान्ति दी, और चले गए॥

प्रेरितों 16:22-40 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

तब भीड़ के लोग उनके विरोध में इकट्ठे होकर चढ़ आए, और हाकिमों ने उनके कपड़े फाड़कर उतार डाले, और उन्हें बेंत मारने की आज्ञा दी। बहुत बेंत लगवाकर उन्होंने उन्हें बन्दीगृह में डाल दिया और दारोगा को आज्ञा दी कि उन्हें चौकसी से रखे। उसने ऐसी आज्ञा पाकर उन्हें भीतर की कोठरी में रखा और उनके पाँव काठ में ठोंक दिए। आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्‍वर के भजन गा रहे थे, और क़ैदी उनकी सुन रहे थे। इतने में एकाएक बड़ा भूकम्प आया, यहाँ तक कि बन्दीगृह की नींव हिल गई, और तुरन्त सब द्वार खुल गए; और सब के बन्धन खुल पड़े। दारोगा जाग उठा, और बन्दीगृह के द्वार खुले देखकर समझा कि क़ैदी भाग गए हैं, अत: उसने तलवार खींचकर अपने आप को मार डालना चाहा। परन्तु पौलुस ने ऊँचे शब्द से पुकारकर कहा, “अपने आप को कुछ हानि न पहुँचा, क्योंकि हम सब यहीं हैं।” तब वह दीया मँगवाकर भीतर लपका, और काँपता हुआ पौलुस और सीलास के आगे गिरा; और उन्हें बाहर लाकर कहा, “हे सज्जनो, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूँ?” उन्होंने कहा, “प्रभु यीशु मसीह पर विश्‍वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।” और उन्होंने उसको और उसके सारे घर के लोगों को प्रभु का वचन सुनाया। रात को उसी घड़ी उसने उन्हें ले जाकर उनके घाव धोए, और उसने अपने सब लोगों समेत तुरन्त बपतिस्मा लिया। तब उसने उन्हें अपने घर में ले जाकर उनके आगे भोजन रखा, और सारे घराने समेत परमेश्‍वर पर विश्‍वास करके आनन्द किया। जब दिन हुआ तब हाकिमों ने सिपाहियों के हाथ कहला भेजा कि उन मनुष्यों को छोड़ दो। दारोगा ने ये बातें पौलुस से कहीं, “हाकिमों ने तुम्हें छोड़ देने की आज्ञा भेज दी है। इसलिये अब निकलकर कुशल से चले जाओ।” परन्तु पौलुस ने उनसे कहा, “उन्होंने हमें जो रोमी मनुष्य हैं, दोषी ठहराए बिना लोगों के सामने मारा और बन्दीगृह में डाला। अब क्या हमें चुपके से निकाल रहे हैं? ऐसा नहीं; परन्तु वे स्वयं आकर हमें बाहर निकालें।” सिपाहियों ने ये बातें हाकिमों से कहीं, और वे यह सुनकर कि रोमी हैं, डर गए, और आकर उन्हें मनाया, और बाहर ले जाकर विनती की कि नगर से चले जाएँ। वे बन्दीगृह से निकलकर लुदिया के यहाँ गए, और भाइयों से भेंट करके उन्हें शान्ति दी, और चले गए।

प्रेरितों 16:22-40 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

तब भीड़ के लोग उनके विरोध में इकट्ठे होकर चढ़ आए, और हाकिमों ने उनके कपड़े फाड़कर उतार डाले, और उन्हें बेंत मारने की आज्ञा दी। और बहुत बेंत लगवाकर उन्होंने उन्हें बन्दीगृह में डाल दिया और दरोगा को आज्ञा दी कि उन्हें सावधानी से रखे। उसने ऐसी आज्ञा पाकर उन्हें भीतर की कोठरी में रखा और उनके पाँव काठ में ठोंक दिए। आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के भजन गा रहे थे, और कैदी उनकी सुन रहे थे। कि इतने में अचानक एक बड़ा भूकम्प हुआ, यहाँ तक कि बन्दीगृह की नींव हिल गई, और तुरन्त सब द्वार खुल गए; और सब के बन्धन खुल गए। और दरोगा जाग उठा, और बन्दीगृह के द्वार खुले देखकर समझा कि कैदी भाग गए, अतः उसने तलवार खींचकर अपने आपको मार डालना चाहा। परन्तु पौलुस ने ऊँचे शब्द से पुकारकर कहा, “अपने आपको कुछ हानि न पहुँचा, क्योंकि हम सब यहीं हैं।” तब वह दिया मँगवाकर भीतर आया और काँपता हुआ पौलुस और सीलास के आगे गिरा; और उन्हें बाहर लाकर कहा, “हे सज्जनों, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूँ?” उन्होंने कहा, “प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।” और उन्होंने उसको और उसके सारे घर के लोगों को प्रभु का वचन सुनाया। और रात को उसी घड़ी उसने उन्हें ले जाकर उनके घाव धोए, और उसने अपने सब लोगों समेत तुरन्त बपतिस्मा लिया। और उसने उन्हें अपने घर में ले जाकर, उनके आगे भोजन रखा और सारे घराने समेत परमेश्वर पर विश्वास करके आनन्द किया। जब दिन हुआ तब हाकिमों ने सिपाहियों के हाथ कहला भेजा कि उन मनुष्यों को छोड़ दो। दरोगा ने ये बातें पौलुस से कह सुनाई, “हाकिमों ने तुम्हें छोड़ देने की आज्ञा भेज दी है, इसलिए अब निकलकर कुशल से चले जाओ।” परन्तु पौलुस ने उससे कहा, “उन्होंने हमें जो रोमी मनुष्य हैं, दोषी ठहराए बिना लोगों के सामने मारा और बन्दीगृह में डाला, और अब क्या चुपके से निकाल देते हैं? ऐसा नहीं, परन्तु वे आप आकर हमें बाहर ले जाएँ।” सिपाहियों ने ये बातें हाकिमों से कह दीं, और वे यह सुनकर कि रोमी हैं, डर गए, और आकर उन्हें मनाया, और बाहर ले जाकर विनती की, कि नगर से चले जाएँ। वे बन्दीगृह से निकलकर लुदिया के यहाँ गए, और भाइयों से भेंट करके उन्हें शान्ति दी, और चले गए।

प्रेरितों 16:22-40 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

इस पर सारी भीड़ उनके विरुद्ध हो गई और प्रधान हाकिमों ने उनके वस्त्र फाड़ डाले और उन्हें बेंत लगाने की आज्ञा दी. उन पर अनेक कठोर प्रहारों के बाद उन्हें कारागार में डाल दिया गया और कारागार-शासक को उन्हें कठोर सुरक्षा में रखने का निर्देश दिया. इस आदेश पर कारागार-शासक ने उन्हें भीतरी कक्ष में डालकर उनके पैरों को लकड़ी की बेड़ियों में जकड़ दिया. लगभग आधी रात के समय पौलॉस और सीलास प्रार्थना कर रहे थे तथा परमेश्वर की स्तुति में भजन गा रहे थे. उनके साथी कैदी उनकी सुन रहे थे. अचानक ऐसा बड़ा भूकंप आया कि कारागार की नींव हिल गई, तुरंत सभी द्वार खुल गए और सभी बंदियों की बेड़ियां टूट गईं. नींद से जागने पर कारागार-शासक ने सभी द्वार खुले पाए. यह सोचकर कि सारे कैदी भाग चुके हैं, वह तलवार से अपने प्राणों का अंत करने जा ही रहा था; तब पौलॉस ने ऊंचे शब्द में उससे कहा, “स्वयं को कोई हानि न पहुंचाइए, हम सब यहीं हैं!” कारागार-शासक रोशनी का इंतजाम करने के लिए आज्ञा देते हुए भीतर दौड़ गया और भय से कांपते हुए पौलॉस और सीलास के चरणों में गिर पड़ा. इसके बाद उन्हें बाहर लाकर उसने उनसे प्रश्न किया, “श्रीमन, मुझे क्या करना चाहिए कि मुझे उद्धार प्राप्‍त हो?” उन्होंने उत्तर दिया, “प्रभु येशु मसीह में विश्वास कीजिए, आपको उद्धार प्राप्‍त होगा—आपको तथा आपके परिवार को.” तब उन्होंने कारागार-शासक और उसके सारे परिवार को प्रभु के वचन की शिक्षा दी. कारागार-शासक ने रात में उसी समय उनके घावों को धोया. बिना देर किए उसने और उसके परिवार ने बपतिस्मा लिया. इसके बाद वह उन्हें अपने घर ले आया और उन्हें भोजन कराया. परमेश्वर में सपरिवार विश्वास करके वे सभी बहुत आनंदित थे. अगले दिन प्रधान हाकिमों ने अपने अधिकारियों द्वारा यह आज्ञा भेजी, “उन व्यक्तियों को छोड़ दो.” कारागार-शासक ने इस आज्ञा की सूचना पौलॉस को देते हुए कहा, “प्रधान न्यायाधीशों ने आपको छोड़ देने की आज्ञा दी है. इसलिये आप शांतिपूर्वक यहां से विदा हो सकते हैं.” पौलॉस ने उन्हें उत्तर दिया, “उन्होंने हमें बिना किसी मुकद्दमे के सबके सामने पिटवाया, जबकि हम रोमी नागरिक हैं, फिर हमें कारागार में भी डाल दिया और अब वे हमें चुपचाप बाहर भेजना चाह रहे हैं! बिलकुल नहीं! स्वयं उन्हीं को यहां आने दीजिए, वे ही हमें यहां से बाहर छोड़ देंगे.” उन अधिकारियों ने यह सब प्रधान न्यायाधीशों को जा बताया. यह मालूम होने पर कि पौलॉस तथा सीलास रोमी नागरिक हैं वे बहुत ही डर गए. तब वे स्वयं आकर पौलॉस तथा सीलास को मनाने लगे और उन्हें कारागार से बाहर लाकर उनसे नगर से चले जाने की विनती करते रहे. तब पौलॉस तथा सीलास कारागार से निकलकर लुदिया के घर गए. वहां भाई बहिनों से भेंट कर उन्हें प्रोत्साहित करते हुए वे वहां से विदा हो गए.