प्रेरितों 16:11-15

प्रेरितों 16:11-15 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

इसलिये त्रोआस से जहाज खोलकर हम सीधे सुमात्राके और दूसरे दिन नियापुलिस में आए। वहाँ से हम फिलिप्पी पहुँचे, जो मकिदुनिया प्रान्त का मुख्य नगर और रोमियों की बस्ती है; और हम उस नगर में कुछ दिन तक रहे। सब्त के दिन हम नगर के फाटक के बाहर नदी के किनारे यह समझकर गए कि वहाँ प्रार्थना करने का स्थान होगा, और बैठकर उन स्त्रियों से जो इकट्ठी हुई थीं, बातें करने लगे। लुदिया नामक थुआथीरा नगर की बैंजनी कपड़े बेचनेवाली एक भक्‍त स्त्री सुन रही थी। प्रभु ने उसका मन खोला कि वह पौलुस की बातों पर चित्त लगाए। जब उसने अपने घराने समेत बपतिस्मा लिया, तो उसने हम से विनती की, “यदि तुम मुझे प्रभु की विश्‍वासिनी समझते हो, तो चलकर मेरे घर में रहो,” और वह हमें मनाकर ले गई।

प्रेरितों 16:11-15 पवित्र बाइबल (HERV)

इस प्रकार हमने त्रोआस से जल मार्ग द्वारा जाने के लिये अपनी नावें खोल दीं और सीधे समोथ्रोके जा पहुँचे। फिर अगले दिन नियापुलिस चले गये। वहाँ से हम एक रोमी उपनिवेश फिलिप्पी पहुँचे जो मकिदुनिया के उस क्षेत्र का एक प्रमुख नगर है। इस नगर में हमने कुछ दिन बिताये। फिर सब्त के दिन यह सोचते हुए कि प्रार्थना करने के लिये वहाँ कोई स्थान होगा हम नगर-द्वार के बाहर नदी पर गये। हम वहाँ बैठ गये और एकत्र स्त्रियों से बातचीत करने लगे। वहीं लीदिया नाम की एक महिला थी। वह बैंजनी रंग के कपड़े बेचा करती थी। वह परमेश्वर की उपासक थी। वह बड़े ध्यान से हमारी बातें सुन रही थी। प्रभु ने उसके ह्रदय के द्वार खोल दिये थे ताकि, जो कुछ पौलुस कह रहा था, वह उन बातों पर ध्यान दे सके। अपने समूचे परिवार समेत बपतिस्मा लेने के बाद उसने हमसे यह कहते हुए विनती की, “यदि तुम मुझे प्रभु की सच्ची भक्त मानते हो तो आओ और मेरे घर ठहरो।” सो उसने हमें जाने के लिए तैयार कर लिया।

प्रेरितों 16:11-15 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

त्रोआस से हमने समुद्र-यात्रा आरम्‍भ की। हम जलयान से सीधे समुथ्राके तक गये और दूसरे दिन नेआपुलिस और वहाँ से फिलिप्‍पी पहुँचे। फिलिप्‍पी मकिदुनिया का मुख्‍य नगर और रोमन उपनिवेश है। हम कुछ दिन फिलिप्‍पी नगर में रहे। विश्राम के दिन हम यह समझ कर शहर के बाहर नदी के तट पर आये कि वहाँ कोई प्रार्थना-गृह होगा। हम बैठ गये और वहाँ एकत्र स्‍त्रियों से बातचीत करने लगे। उन महिलाओं में एक का नाम लुदिया था। वह थुआतीरा नगर की रहने वाली थी। वह बहुमूल्‍य बैंगनी कपड़ों का व्‍यापार करती और परमेश्‍वर की आराधना करती थी। वह हमारी बातें सुन रही थी। प्रभु ने उसके हृदय का द्वार खोला ताकि वह पौलुस की बातों को उत्‍सुकता से सुने। जब उसने तथा उसके परिवार ने बपतिस्‍मा ग्रहण कर लिया तब लुदिया ने हमसे यह अनुरोध किया, “यदि आप लोग मानते हैं कि मैं सचमुच प्रभु में विश्‍वास करती हूँ तो आइए, मेरे यहाँ ठहरिए।” और उसने हमें बाध्‍य कर दिया।

प्रेरितों 16:11-15 Hindi Holy Bible (HHBD)

सो त्रोआस से जहाज खोलकर हम सीधे सुमात्राके और दूसरे दिन नियापुलिस में आए। वहां से हम फिलिप्पी में पहुंचे, जो मकिदुनिया प्रान्त का मुख्य नगर, और रोमियों की बस्ती है; और हम उस नगर में कुछ दिन तक रहे। सब्त के दिन हम नगर के फाटक के बाहर नदी के किनारे यह समझकर गए, कि वहां प्रार्थना करने का स्थान होगा; और बैठकर उन स्त्रियों से जो इकट्ठी हुई थीं, बातें करने लगे। और लुदिया नाम थुआथीरा नगर की बैंजनी कपड़े बेचने वाली एक भक्त स्त्री सुनती थी, और प्रभु ने उसका मन खोला, ताकि पौलुस की बातों पर चित्त लगाए। और जब उस ने अपने घराने समेत बपतिस्मा लिया, तो उस ने बिनती की, कि यदि तुम मुझे प्रभु की विश्वासिनी समझते हो, तो चलकर मेरे घर में रहो; और वह हमें मनाकर ले गई॥

प्रेरितों 16:11-15 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

इसलिए त्रोआस से जहाज खोलकर हम सीधे सुमात्राके और दूसरे दिन नियापुलिस में आए। वहाँ से हम फिलिप्पी में पहुँचे, जो मकिदुनिया प्रान्त का मुख्य नगर, और रोमियों की बस्ती है; और हम उस नगर में कुछ दिन तक रहे। सब्त के दिन हम नगर के फाटक के बाहर नदी के किनारे यह समझकर गए कि वहाँ प्रार्थना करने का स्थान होगा; और बैठकर उन स्त्रियों से जो इकट्ठी हुई थीं, बातें करने लगे। और लुदिया नाम थुआतीरा नगर की बैंगनी कपड़े बेचनेवाली एक भक्त स्त्री सुन रही थी, और प्रभु ने उसका मन खोला, ताकि पौलुस की बातों पर ध्यान लगाए। और जब उसने अपने घराने समेत बपतिस्मा लिया, तो उसने विनती की, “यदि तुम मुझे प्रभु की विश्वासिनी समझते हो, तो चलकर मेरे घर में रहो,” और वह हमें मनाकर ले गई।

प्रेरितों 16:11-15 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

त्रोऑस नगर से हम सीधे जलमार्ग द्वारा सामोथ्रेसिया टापू पहुंचे और दूसरे दिन नियापोलिस नगर और वहां से फ़िलिप्पॉय नगर, जो मकेदोनिया प्रदेश का एक प्रधान नगर तथा रोमी बस्ती है. हम यहां कुछ दिन ठहर गए. शब्बाथ पर हम नगर द्वार से निकलकर प्रार्थना के लिए निर्धारित स्थान की खोज में नदी तट पर चले गए. हम वहां इकट्ठी हुई स्त्रियों से वार्तालाप करते हुए बैठ गए. वहां थुआतेइरा नगर निवासी लुदिया नामक एक स्त्री थी, जो परमेश्वर की आराधक थी. वह बैंगनी रंग के वस्त्रों की व्यापारी थी. उसने हमारा वार्तालाप सुना और प्रभु ने पौलॉस द्वारा दी जा रही शिक्षा के प्रति उसका हृदय खोल दिया. जब उसने और उसके रिश्तेदारों ने बपतिस्मा ले लिया तब उसने हमको अपने यहां आमंत्रित करते हुए कहा, “यदि आप यह मानते हैं कि मैं प्रभु के प्रति विश्वासयोग्य हूं, तो आकर मेरे घर में रहिए.” उसने हमें विनती स्वीकार करने पर विवश कर दिया.