प्रेरितों 16:1-10
प्रेरितों 16:1-10 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
फिर वह दिरबे और लुस्त्रा में भी गया। वहाँ तीमुथियुस नाम का एक चेला था, जो किसी विश्वासी यहूदिनी का पुत्र था, परन्तु उसका पिता यूनानी था। वह लुस्त्रा और इकुनियुम के भाइयों में सुनाम था। पौलुस की इच्छा थी कि वह उसके साथ चले; और जो यहूदी लोग उन जगहों में थे उनके कारण उसने उसका खतना किया, क्योंकि वे सब जानते थे, कि उसका पिता यूनानी था। और नगर नगर जाते हुए वे उन विधियों को जो यरूशलेम के प्रेरितों और प्राचीनों ने ठहराई थीं, मानने के लिये उन्हें पहुँचाते जाते थे। इस प्रकार कलीसियाएँ विश्वास में स्थिर होती गईं और संख्या में प्रतिदिन बढ़ती गईं। वे फ्रूगिया और गलातिया प्रदेशों में से होकर गए, क्योंकि पवित्र आत्मा ने उन्हें एशिया में वचन सुनाने से मना किया। उन्होंने मूसिया के निकट पहुँचकर, बितूनिया में जाना चाहा; परन्तु यीशु के आत्मा ने उन्हें जाने न दिया। अत: वे मूसिया से होकर त्रोआस में आए। वहाँ पौलुस ने रात को एक दर्शन देखा कि एक मकिदुनी पुरुष खड़ा हुआ उससे विनती करके कह रहा है, “पार उतरकर मकिदुनिया में आ, और हमारी सहायता कर।” उसके यह दर्शन देखते ही हम ने तुरन्त मकिदुनिया जाना चाहा, यह समझकर कि परमेश्वर ने हमें उन्हें सुसमाचार सुनाने के लिये बुलाया है।
प्रेरितों 16:1-10 पवित्र बाइबल (HERV)
पौलुस दिरबे और लुस्तरा में भी आया। वहीं तिमुथियुस नामक एक शिष्य हुआ करता था। वह किसी विश्वासी यहूदी महिला का पुत्र था किन्तु उसका पिता यूनानी था। लिस्तरा और इकुनियुम के बंधुओं के साथ उसकी अच्छी बोलचाल थी। पौलुस तिमुथियुस को यात्रा पर अपने साथ ले जाना चाहता था। सो उसे उसने साथ ले लिया और उन स्थानों पर रहने वाले यहूदियों के कारण उसका ख़तना किया; क्योंकि वे सभी जानते थे कि उसका पिता एक यूनानी था। नगरों से यात्रा करते हुए उन्होंने वहाँ के लोगों को उन नियमों के बारे में बताया जिन्हें यरूशलेम में प्रेरितों और बुजुर्गो ने निश्चित किया था। इस प्रकार वहाँ की कलीसिया का विश्वास और सुदृढ़ होता गया और दिन प्रतिदिन उनकी संख्या बढ़ने लगी। सो वे फ्रूगिया और गलातिया के क्षेत्र से होकर निकले क्योंकि पवित्र आत्मा ने उन्हें एशिया में वचन सुनाने को मना कर दिया था। फिर वे जब मूसिया की सीमा पर पहुँचे तो उन्होंने बितुनिया जाने का जतन किया। किन्तु यीशु की आत्मा ने उन्हें वहाँ भी नहीं जाने दिया। सो वे मूसिया होते हुए त्रोआस पहुँचे। रात के समय पौलुस ने दिव्यदर्शन में देखा कि मकिदुनिया का एक पुरुष उस से प्रार्थना करते हुए कह रहा है, “मकिदुनिया में आ और हमारी सहायता कर।” इस दिव्यदर्शन को देखने के बाद तुरन्त ही यह परिणाम निकालते हुए कि परमेश्वर ने उन लोगों के बीच सुसमाचार का प्रचार करने हमें बुलाया है, हमने मकिदुनिया जाने की ठान ली।
प्रेरितों 16:1-10 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
पौलुस दिरबे और लुस्त्रा नगर भी पहुँचे। वहां तिमोथी नामक एक शिष्य था, जो विश्वासी यहूदी माता तथा यूनानी पिता का पुत्र था। लुस्त्रा और इकोनियुम के भाई-बहिनों में उसका अच्छा नाम था। पौलुस चाहते थे कि वह उनके साथ यात्रा में चले। उस प्रदेश में रहने वाले यहूदियों के कारण पौलुस ने तिमोथी का खतना कराया, क्योंकि सब जानते थे कि उसका पिता यूनानी है। तब उन्होंने नगर-नगर भ्रमण कर लोगों तक उस निर्णय को पहुँचाया, जो यरूशलेम में प्रेरितों और धर्मवृद्धों ने किया था, कि वे लोग उसका पालन करें। इस प्रकार स्थानीय कलीसियाएँ विश्वास में सुदृढ़ होतीं और संख्या में प्रतिदिन बढ़ती गईं। पवित्र आत्मा ने पौलुस, सीलास और तिमोथी को आसिया प्रदेश में वचन का प्रचार करने से मना किया। इसलिए उन्होंने फ्रुगिया तथा गलातिया प्रदेशों का दौरा किया। जब वे मुसिया प्रदेश की सीमा पर पहुँचे, तो उन्होंने बिथुनिया में प्रवेश करने का प्रयत्न किया; किन्तु येशु के आत्मा ने उन्हें अनुमति नहीं दी। इसलिए वे मुसिया पार कर त्रोआस नगर में आये। वहाँ पौलुस ने रात में एक दर्शन देखा : एक मकिदुनिया-निवासी उनके सामने खड़ा हो कर यह अनुरोध कर रहा है, “आप समुद्र पार कर मकिदुनिया में आइए और हमारी सहायता कीजिए।” ज्यों ही उन्होंने यह दर्शन पाया, हम लोग मकिदुनिया पहुँचने का प्रयत्न करने लगे, क्योंकि हमने जान लिया था कि परमेश्वर उन लोगों में शुभ समाचार सुनाने के लिए हमें बुला रहा है।
प्रेरितों 16:1-10 Hindi Holy Bible (HHBD)
फिर वह दिरबे और लुस्त्रा में भी गया, और देखो, वहां तीमुथियुस नाम एक चेला था, जो किसी विश्वासी यहूदिनी का पुत्र था, परन्तु उसका पिता यूनानी था। वह लुस्त्रा और इकुनियुम के भाइयों में सुनाम था। पौलुस ने चाहा, कि यह मेरे साथ चले; और जो यहूदी लोग उन जगहों में थे उन के कारण उसे लेकर उसका खतना किया; क्योंकि वे सब जानते था, कि उसका पिता यूनानी था। और नगर नगर जाते हुए वे उन विधियों को जो यरूशलेम के प्रेरितों और प्राचीनों ने ठहराई थीं, मानने के लिये उन्हें पहुंचाते जाते थे। इस प्रकार कलीसिया विश्वास में स्थिर होती गई और गिनती में प्रति दिन बढ़ती गई। और वे फ्रूगिया और गलतिया देशों में से होकर गए, और पवित्र आत्मा ने उन्हें ऐशिया में वचन सुनाने से मना किया। और उन्होंने मूसिया के निकट पहुंचकर, बितूनिया में जाना चाहा; परन्तु यीशु के आत्मा ने उन्हें जाने न दिया। सो मूसिया से होकर वे त्रोआस में आए। और पौलुस ने रात को एक दर्शन देखा कि एक मकिदुनी पुरूष खड़ा हुआ, उस से बिनती करके कहता है, कि पार उतरकर मकिदुनिया में आ; और हमारी सहायता कर। उसके यह दर्शन देखते ही हम ने तुरन्त मकिदुनिया जाना चाहा, यह समझकर, कि परमेश्वर ने हमें उन्हें सुसमाचार सुनाने के लिये बुलाया है॥
प्रेरितों 16:1-10 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
फिर वह दिरबे और लुस्त्रा में भी गया, और वहाँ तीमुथियुस नामक एक चेला था। उसकी माँ यहूदी विश्वासी थी, परन्तु उसका पिता यूनानी था। वह लुस्त्रा और इकुनियुम के भाइयों में सुनाम था। पौलुस की इच्छा थी कि वह उसके साथ चले; और जो यहूदी लोग उन जगहों में थे उनके कारण उसे लेकर उसका खतना किया, क्योंकि वे सब जानते थे, कि उसका पिता यूनानी था। और नगर-नगर जाते हुए वे उन विधियों को जो यरूशलेम के प्रेरितों और प्राचीनों ने ठहराई थीं, मानने के लिये उन्हें पहुँचाते जाते थे। इस प्रकार कलीसियाएँ विश्वास में स्थिर होती गई और गिनती में प्रतिदिन बढ़ती गई। और वे फ्रूगिया और गलातिया प्रदेशों में से होकर गए, क्योंकि पवित्र आत्मा ने उन्हें आसिया में वचन सुनाने से मना किया। और उन्होंने मूसिया के निकट पहुँचकर, बितूनिया में जाना चाहा; परन्तु यीशु के आत्मा ने उन्हें जाने न दिया। अतः वे मूसिया से होकर त्रोआस में आए। वहाँ पौलुस ने रात को एक दर्शन देखा कि एक मकिदुनी पुरुष खड़ा हुआ, उससे विनती करके कहता है, “पार उतरकर मकिदुनिया में आ, और हमारी सहायता कर।” उसके यह दर्शन देखते ही हमने तुरन्त मकिदुनिया जाना चाहा, यह समझकर कि परमेश्वर ने हमें उन्हें सुसमाचार सुनाने के लिये बुलाया है।
प्रेरितों 16:1-10 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
वह दरबे और लुस्त्रा नगर भी गए. वहां तिमोथियॉस नामक एक शिष्य थे जिनकी माता यहूदी मसीही शिष्या; परंतु पिता यूनानी थे. तिमोथियॉस इकोनियॉन और लुस्त्रा नगरों के शिष्यों में सम्मानित थे. पौलॉस की इच्छा तिमोथियॉस को अपने साथी के रूप में साथ रखने की थी, इसलिये पौलॉस ने उनका ख़तना किया क्योंकि वहां के यहूदी यह जानते थे कि तिमोथियॉस के पिता यूनानी हैं. वे नगर-नगर यात्रा करते हुए शिष्यों को वे सभी आज्ञा सौंपते जाते थे, जो येरूशलेम में प्रेरितों और पुरनियों द्वारा ठहराई गयी थी. इसलिये कलीसिया प्रतिदिन विश्वास में स्थिर होती गई तथा उनकी संख्या में प्रतिदिन बढ़ोतरी होती गई. वे फ़्रिजिया तथा गलातिया क्षेत्रों में से होते हुए आगे बढ़ गए. पवित्र आत्मा की आज्ञा थी कि वे आसिया क्षेत्र में परमेश्वर के वचन का प्रचार न करें मूसिया नगर पहुंचने पर उन्होंने बिथुनिया नगर जाने का विचार किया किंतु मसीह येशु के आत्मा ने उन्हें इसकी आज्ञा नहीं दी. इसलिये मूसिया नगर से निकलकर वे त्रोऑस नगर पहुंचे. रात में पौलॉस ने एक दर्शन देखा: एक मकेदोनियावासी उनसे दुःखी शब्द में विनती कर रहा था, “मकेदोनिया क्षेत्र में आकर हमारी सहायता कीजिए!” पौलॉस द्वारा इस दर्शन देखते ही यह जानकर कि परमेश्वर ने हमें उन्हें सुसमाचार प्रचार करने के लिए बुलाया है; हमने तुरंत मकेदोनिया क्षेत्र जाने की योजना बनाई.