3 योहन 1:1-15
3 योहन 1:1-15 पवित्र बाइबल (HERV)
यूहन्ना की ओर से: प्रिय मित्र, गयुस के नाम जिसे मैं सत्य में सहभागी के रूप में प्रेम करता हूँ। हे मेरे प्रिय मित्र, मैं प्रार्थना करता हूँ कि तू जैसे आध्यात्मिक रूप से उन्नति कर रहा है, वैसे ही सब प्रकार से उन्नति करता रह और स्वास्थ्य का आनन्द उठाता रह। जब हमारे कुछ भाईयों ने मेरे पास आकर सत्य के प्रति तुम्हारी निष्ठा के बारे में बताया तो मैं बहुत आनन्दित हुआ। उन्होंने मुझे यह भी बताया कि तुम सत्य के मार्ग पर किस प्रकार चल रहे हो। मुझे यह सुनने से अधिक आनन्द और किसी में नहीं आता कि मेरे बालक सत्य के मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। हे मेरे प्यारे मित्र, तुम हमारे भाइयों के हित में जो कुछ कर सकते हो, उसे विश्वास के साथ कर रहे हो। यद्यपि वे लोग तुम्हारे लिए अनजाने हैं! जो प्रेम तुमने उन पर दर्शाया है, उन्होंने कलीसिया के सामने उसकी साक्षी दी है। उनकी यात्रा को बनाए रखने के लिए कृपया उनकी इस प्रकार सहायता करना जिसका समर्थन परमेश्वर करे। क्योंकि वे मसीह की सेवा के लिए यात्रा पर निकल पड़े हैं तथा उन्होंने विधर्मियों से कोई सहायता नहीं ली है। इसलिए हम विश्वासियों को ऐसे लोगों की सहायता करनी चाहिए ताकि हम भी सत्य के प्रति सहकर्मी सिद्ध हो सकें। एक पत्र मैंने कलीसिया को भी लिखा था किन्तु दियुत्रिफेस जो उनका नेता बनना चाहता है। वह जो कुछ हम कहते हैं, उसे स्वीकार नहीं करेगा। इस कारण यदि मैं आऊँगा तो बताऊँगा कि वह क्या कर रहा है। वह झूठे तौर पर अपशब्दों के साथ मुझ पर दोष लगाता है और इन बातों से ही वह संतुष्ट नहीं है। वह हमारे बंधुओं के प्रति आदर सत्कार नहीं दिखाता है बल्कि जो ऐसा करना चाहते हैं, उन्हें भी बाधा पहुँचाता है और उन्हें कलीसिया से बाहर धकेल देता है। हे प्रिय मित्र, बुराई का नहीं बल्कि भलाई का अनुकरण करो! जो भलाई करता है, वह परमेश्वर का है! जो बुराई करता है, उसने परमेश्वर को नहीं देखा। दिमेत्रियुस के विषय में हर किसी ने साक्षी दी है। यहाँ तक कि स्वयं सत्य ने भी। हमने भी उसके विषय में साक्षी दी है। और तुम तो जानते ही हो कि हमारी साक्षी सत्य है। तुझे लिखने के लिए मेरे पास बहुत सी बातें हैं किन्तु मैं तुझे लेखनी और स्याही से वह सब कुछ नहीं लिखना चाहता। बल्कि मुझे तो आशा है कि मैं तुझसे जल्दी ही मिलूँगा। तब हम आमने-सामने बातें कर सकेंगे। शांति तुम्हारे साथ रहे। तेरे सभी मित्रों का तुझे नमस्कार पहूँचे। वहाँ हमारे सभी मित्रों को निजी तौर पर नमस्कार कहना।
3 योहन 1:1-15 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
मैं धर्मवृद्ध, यह पत्र प्रिय गायुस के नाम लिख रहा हूँ, जिनसे मैं सच्चा प्रेम करता हूँ। प्रियवर! मेरी हार्दिक कामना है कि सब तरह से आपका कल्याण हो और आपकी आत्म की तरह, आपका शरीर भी पूर्ण स्वस्थ रहे; क्योंकि जब कुछ भाई-बहिन यहाँ आये और उन्होंने आपकी सच्चाई के विषय में साक्षी दी और बताया कि किस प्रकार आप सत्य के मार्ग पर चलते हैं, तो मैं बड़ा आनन्दित हुआ। मुझे और किसी बात से इतना आनन्द नहीं होता, जितना यह सुन कर कि मेरे बच्चे सत्य के मार्ग पर चलते हैं। प्रियवर! आप भाई-बहिनों के लिए − और ऐसे भाई-बहिनों के लिए जिन से आप अपरिचित हैं − जो कुछ कर रहे हैं, वह एक सच्चे विश्वासी के योग्य है। उन्होंने यहाँ की कलीसिया के सामने आपके प्रेम की साक्षी दी है। यदि आप उनकी अगली यात्रा का ऐसा प्रबन्ध करेंगे, जो परमेश्वर के योग्य हो, तो अच्छा काम करेंगे; क्योंकि वे मसीह का कार्य करने निकले हैं और अन्यधर्मी लोगों से कुछ नहीं लेते। इसलिए ऐसे लोगों का सेवा-सत्कार करना हमारा कर्त्तव्य है, जिससे हम सत्य की सेवा में उनके सहकर्मी बनें। मैंने कलीसिया के नाम एक पत्र लिखा, किन्तु दियोत्रिफेस, जो वहाँ का नेता बनना चाहता है, हमारा अधिकार स्वीकार नहीं करता। इसलिए मैं जब आऊंगा तो उसके आचरण की निन्दा करूँगा। वह न केवल हमारी बदनामी करता है, बल्कि वह स्वयं भाई-बहिनों का आतिथ्य-सत्कार करना नहीं चाहता और जो लोग ऐसा करना चाहते हैं, वह उन्हें रोकता और कलीसिया से उनका बहिष्कार करता है। प्रियवर! आप बुराई का नहीं, बल्कि भलाई का अनुकरण करें। जो भलाई करता है, वह परमेश्वर से है; किन्तु जो बुराई करता है, वह परमेश्वर के विषय में कुछ नहीं जानता। देमेत्रियुस के विषय में सभी लोग अच्छी साक्षी देते हैं, यहाँ तक कि सत्य स्वयं ही ऐसा करता है। हम भी उनके विषय में यही साक्षी देते हैं और आप जानते हैं कि हमारी साक्षी सच्ची है। मुझे आप को और बहुत कुछ लिखना था, किन्तु मैं यह कागज और स्याही से नहीं करना चाहता। मुझे आशा है कि मैं शीघ्र ही आप के पास आऊंगा और हम आमने-सामने बातचीत करेंगे। आप को शान्ति मिले! मित्रगण आप को नमस्कार कहते हैं। आप वहां हर एक मित्र को नमस्कार कहें।
3 योहन 1:1-15 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
मुझ प्राचीन की ओर से प्रिय गयुस के नाम, जिससे मैं सच्चा प्रेम रखता हूँ। हे प्रिय, मेरी यह प्रार्थना है कि जैसे तू आत्मिक उन्नति कर रहा है, वैसे ही तू सब बातों में उन्नति करे और भला चंगा रहे। क्योंकि जब भाइयों ने आकर तेरे उस सत्य की गवाही दी, जिस पर तू सचमुच चलता है, तो मैं बहुत ही आनन्दित हुआ। मुझे इससे बढ़कर और कोई आनन्द नहीं कि मैं सुनूँ, कि मेरे बच्चे सत्य पर चलते हैं। हे प्रिय, जो कुछ तू उन भाइयों के साथ करता है, जो परदेशी हैं, उसे विश्वासी के रूप में करता है। उन्होंने कलीसिया के सामने तेरे प्रेम की गवाही दी है। यदि तू उन्हें उस प्रकार विदा करेगा जिस प्रकार परमेश्वर के लोगों के लिये उचित है तो अच्छा करेगा। क्योंकि वे उस नाम के लिये निकले हैं, और अन्यजातियों से कुछ नहीं लेते। इसलिये ऐसों का स्वागत करना चाहिए, जिससे हम भी सत्य के पक्ष में उनके सहकर्मी हों। मैं ने कलीसिया को कुछ लिखा था, पर दियुत्रिफेस जो उनमें बड़ा बनना चाहता है, हमें ग्रहण नहीं करता। इसलिये जब मैं आऊँगा तो उसके कामों की जो वह कर रहा है, सुधि दिलाऊँगा, कि वह हमारे विषय में बुरी–बुरी बातें बकता है; और इस पर भी सन्तोष न करके आप ही भाइयों को ग्रहण नहीं करता, और उन्हें जो ग्रहण करना चाहते हैं मना करता है और कलीसिया से निकाल देता है। हे प्रिय, बुराई के नहीं पर भलाई के अनुयायी हो। जो भलाई करता है, वह परमेश्वर की ओर से है; पर जो बुराई करता है, उसने परमेश्वर को नहीं देखा। दिमेत्रियुस के विषय में सब ने, वरन् सत्य ने भी आप ही गवाही दी; और हम भी गवाही देते हैं, और तू जानता है कि हमारी गवाही सच्ची है। मुझे तुझ को बहुत कुछ लिखना तो था, पर स्याही और कलम से लिखना नहीं चाहता। पर मुझे आशा है कि तुझ से शीघ्र भेंट करूँगा, तब हम आमने–सामने बातचीत करेंगे। तुझे शान्ति मिलती रहे। यहाँ के मित्र तुझे नमस्कार कहते हैं। वहाँ के मित्रों से नाम ले लेकर नमस्कार कह देना।
3 योहन 1:1-15 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
मुझ प्राचीन की ओर से उस प्रिय गयुस के नाम, जिससे मैं सच्चा प्रेम रखता हूँ। हे प्रिय, मेरी यह प्रार्थना है; कि जैसे तू आत्मिक उन्नति कर रहा है, वैसे ही तू सब बातों में उन्नति करे, और भला चंगा रहे। क्योंकि जब भाइयों ने आकर, तेरे उस सत्य की गवाही दी, जिस पर तू सचमुच चलता है, तो मैं बहुत ही आनन्दित हुआ। मुझे इससे बढ़कर और कोई आनन्द नहीं, कि मैं सुनूँ, कि मेरे बच्चे सत्य पर चलते हैं। हे प्रिय, जब भी तू भाइयों के लिए कार्य करे और अजनबियों के लिए भी तो विश्वासयोग्यता के साथ कर। उन्होंने कलीसिया के सामने तेरे प्रेम की गवाही दी थी। यदि तू उन्हें उस प्रकार विदा करेगा जिस प्रकार परमेश्वर के लोगों के लिये उचित है तो अच्छा करेगा। क्योंकि वे उस नाम के लिये निकले हैं, और अन्यजातियों से कुछ नहीं लेते। इसलिए ऐसों का स्वागत करना चाहिए, जिससे हम भी सत्य के पक्ष में उनके सहकर्मी हों। मैंने कलीसिया को कुछ लिखा था; पर दियुत्रिफेस जो उनमें बड़ा बनना चाहता है, हमें ग्रहण नहीं करता। इसलिए यदि मैं आऊँगा, तो उसके कामों की जो वह करता है सुधि दिलाऊँगा, कि वह हमारे विषय में बुरी-बुरी बातें बकता है; और इस पर भी सन्तोष न करके स्वयं ही भाइयों को ग्रहण नहीं करता, और उन्हें जो ग्रहण करना चाहते हैं, मना करता है और कलीसिया से निकाल देता है। हे प्रिय, बुराई के नहीं, पर भलाई के अनुयायी हो। जो भलाई करता है, वह परमेश्वर की ओर से है; पर जो बुराई करता है, उसने परमेश्वर को नहीं देखा। दिमेत्रियुस के विषय में सब ने वरन् सत्य ने भी आप ही गवाही दी: और हम भी गवाही देते हैं, और तू जानता है, कि हमारी गवाही सच्ची है। मुझे तुझको बहुत कुछ लिखना तो था; पर स्याही और कलम से लिखना नहीं चाहता। पर मुझे आशा है कि तुझ से शीघ्र भेंट करूँगा: तब हम आमने-सामने बातचीत करेंगे: तुझे शान्ति मिलती रहे। यहाँ के मित्र तुझे नमस्कार करते हैं वहाँ के मित्रों के नाम ले लेकर नमस्कार कह देना। (2 यूह. 1:12)
3 योहन 1:1-15 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
प्राचीन की ओर से, प्रिय गायॉस को, जिससे मुझे वास्तव में प्रेम है. प्रिय भाई बहनो, मेरी कामना है कि जिस प्रकार तुम अपनी आत्मा में उन्नत हो, ठीक वैसे ही अन्य क्षेत्रों में भी उन्नत होते जाओ और स्वस्थ रहो. मुझसे भेंट करने आए साथी विश्वासियों द्वारा सच्चाई में तुम्हारी स्थिरता का विवरण अर्थात् सत्य में तुम्हारे स्वभाव के विषय में सुनकर मुझे बहुत ही खुशी हुई. मेरे लिए इससे बढ़कर और कोई आनंद नहीं कि मैं यह सुनूं कि मेरे बालकों का स्वभाव सच्चाई के अनुसार है. प्रिय भाई बहनो, जो कुछ तुम साथी विश्वासियों, विशेष रूप से परदेशी साथी विश्वासियों की भलाई में कर रहे हो, तुम्हारी सच्चाई का सबूत है. वे कलीसिया के सामने तुम्हारे प्रेम के गवाह हैं. सही यह है कि तुम उन्हें इसी भाव में विदा करो, जो परमेश्वर को ग्रहण योग्य हो, क्योंकि उन्होंने गैर-यहूदियों से बिना कोई सहायता स्वीकार किए प्रभु के लिए काम प्रारंभ किया था. इसलिये सही है कि हम ऐसे व्यक्तियों का सत्कार करें कि हम उस सत्य के सहकर्मी हो जाएं. मैंने कलीसिया को पत्र लिखा था परंतु दिओत्रिफ़ेस, जो उनमें हमेशा ही अगुआ बनना चाहता है, हमारी नहीं मानता. इसी कारण जब मैं वहां आऊंगा तो तुम्हारे सामने उसके द्वारा किए गए सभी कामों को स्पष्ट कर दूंगा अर्थात् सारे बुरे-बुरे शब्दों का प्रयोग करते हुए हम पर लगाए गए आरोपों का. इतना ही नहीं, वह न तो स्वयं उपदेशकों को स्वीकार करता है और न ही कलीसिया के सदस्यों को ऐसा करने देता है, जो ऐसा करने के इच्छुक हैं. वस्तुतः उन्हें वह कलीसिया से बाहर कर देता है. प्रिय भाई बहनो, बुराई का नहीं परंतु भलाई का अनुसरण करो क्योंकि भला करनेवाला परमेश्वर का है; जो बुराई करनेवाला है उसने परमेश्वर को नहीं देखा. देमेत्रियॉस की सभी प्रशंसा करते हैं. स्वयं सच उसका गवाह है. हम भी उसके गवाह हैं और तुम यह जानते हो कि हमारी गवाही सच है. हालांकि लिखने योग्य अनेक विषय हैं किंतु मैं स्याही और लेखनी इस्तेमाल नहीं करना चाहता. मेरी आशा है कि मैं तुमसे बहुत जल्द भेंटकर आमने-सामने आपस में बातचीत करूंगा. तुम्हें शांति मिले.