2 शमूएल 24:14-18
2 शमूएल 24:14-18 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
दाऊद ने गाद से कहा, “मैं बड़े संकट में हूँ; हम यहोवा के हाथ में पड़ें, क्योंकि उसकी दया बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मैं न पड़ूँगा। तब यहोवा इस्राएलियों में सबेरे से ले ठहराए हुए समय तक मरी फैलाए रहा; और दान से लेकर बेर्शेबा तक रहनेवाली प्रजा में से सत्तर हज़ार पुरुष मर गए। परन्तु जब दूत ने यरूशलेम का नाश करने को उस पर अपना हाथ बढ़ाया, तब यहोवा वह विपत्ति डालकर शोकित हुआ, और प्रजा का नाश करनेवाले दूत से कहा, “बस कर; अब अपना हाथ खींच।” यहोवा का दूत उस समय अरौना नामक एक यबूसी के खलिहान के पास था। जब प्रजा का नाश करनेवाला दूत दाऊद को दिखाई पड़ा, तब उसने यहोवा से कहा, “देख, पाप तो मैं ही ने किया, और कुटिलता मैं ही ने की है; परन्तु इन भेड़ों ने क्या किया है? इसलिये तेरा हाथ मेरे और मेरे पिता के घराने के विरुद्ध हो।” उसी दिन गाद ने दाऊद के पास आकर उससे कहा, “जाकर अरौना यबूसी के खलिहान में यहोवा की एक वेदी बनवा।”
2 शमूएल 24:14-18 पवित्र बाइबल (HERV)
दाऊद ने गाद से कहा, “मैं सचमुच विपत्ति में हूँ! किन्तु यहोवा बहुत कृपालु है। इसलिये यहोवा को हमें दण्ड देने दो! मुझे मनुष्यों से दंडित न होने दो।” इसलिये यहोवा ने इस्राएल में बीमारी भेजी। यह प्रातःकाल आरम्भ हुई और रुकने के निर्धारित समय तक रही। दान से बेर्शेबा तक सत्तर हज़ार लोग मर गए। स्वर्गदूत ने अपनी भुजा यरूशलेम की ओर उसे नष्ट करने के लिये उठाई। किन्तु जो बुरी बातें हुई उनके लिये यहोवा बहुत दुःखी हुआ। यहोवा ने उस स्वर्गदूत से कहा जिसने लोगों को नष्ट किया, “बहुत हो चुका! अपनी भुजा नीचे करो।” यहोवा का स्वर्गदूत यबूसी अरौना के खलिहान के किनारे था। दाऊद ने उस स्वर्गदूत को देखा जिसने लोगों को मारा। दाऊद ने यहोवा से बातें कीं। दाऊद ने कहा, “मैंने पाप किया है। मैंने गलती की है। किन्तु इन लोगों ने मेरा अनुसरण भेड़ की तरह किया। उन्होंने कोई गलती नहीं की। कृपया दण्ड मुझे और मेरे पिता के परिवार को दें।” उस दिन गाद दाऊद के पास आया। गाद ने दाऊद से कहा, “जाओ और एक वेदी यबूसी अरौना के खलिहान में यहोवा के लिये बनाओ।”
2 शमूएल 24:14-18 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
दाऊद ने गाद को उत्तर दिया, ‘मैं बड़े संकट में हूँ। आओ, हम प्रभु के हाथ से मारे जाएँ। वह महादयालु है। परन्तु मैं मनुष्य के हाथ में नहीं पड़ना चाहता।’ इस प्रकार दाऊद ने महामारी के प्रकोप को चुना। गेहूँ की फसल का समय था। प्रभु ने इस्राएल देश पर महामारी भेजी। महामारी सबेरे से आरम्भ हुई और निर्धारित समय तक फैली रही। दान नगर से बएरशेबा क्षेत्र तक बसे हुए लोगों में से सत्तर हजार व्यक्ति मर गए। स्वर्गदूत ने यरूशलेम नगर के वासियों को नष्ट करने के लिए उसकी ओर हाथ उठाया। परन्तु उस क्षण ही प्रभु यह विपत्ति देखकर दु:खी हुआ। उसने लोगों का संहार करने वाले दूत से कहा, ‘बस! यह पर्याप्त है। अपना हाथ रोक ले।’ उस समय प्रभु का दूत यबूसी जाति के अरौनाह नामक व्यक्ति के खलियान के पास पहुँचा था। जब दाऊद ने लोगों का संहार करने वाले दूत को देखा, तब उसने प्रभु से यह कहा, ‘प्रभु, देख, पाप मैंने किया। मैंने ही दुष्कर्म किया। पर ये भेड़ें? इन्होंने क्या किया? प्रभु, मैं विनती करता हूँ : मुझ पर और मेरे परिवार पर अपना हाथ उठा।’ उसी दिन गाद दाऊद के पास आया। उसने दाऊद से कहा, ‘जाइए और यबूसी अरौनाह के खलियान में प्रभु के लिए एक वेदी प्रतिष्ठित कीजिए।’
2 शमूएल 24:14-18 Hindi Holy Bible (HHBD)
दाऊद ने गाद से कहा, मैं बड़े संकट में हूँ; हम यहोवा के हाथ में पड़ें, क्योंकि उसकी दया बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मैं न पडूंगा। तब यहोवा इस्राएलियों में बिहान से ले ठहराए हुए समय तक मरी फैलाए रहा; और दान से ले कर बेर्शबा तक रहने वाली प्रजा में से सत्तर हज़ार पुरुष मर गए। परन्तु जब दूत ने यरूशलेम का नाश करने को उस पर अपना हाथ बढ़ाया, तब यहोवा वह विपत्ति डालकर शोकित हुआ, और प्रजा के नाश करने वाले दूत से कहा, बस कर; अब अपना हाथ खींच। और यहोवा का दूत उस समय अरौना नाम एक यबूसी के खलिहान के पास था। तो जब प्रजा का नाश करने वाला दूत दाऊद को दिखाई पड़ा, तब उसने यहोवा से कहा, देख, पाप तो मैं ही ने किया, और कुटिलता मैं ही ने की है; परन्तु इन भेड़ों ने क्या किया है? सो तेरा हाथ मेरे और मेरे पिता के घराने के विरुद्ध हो। उसी दिन गाद ने दाऊद के पास आकर उस से कहा, जा कर अरौना यबूसी के खलिहान में यहोवा की एक वेदी बनवा।
2 शमूएल 24:14-18 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
दाऊद ने गाद से कहा, “मैं बड़े संकट में हूँ; हम यहोवा के हाथ में पड़ें, क्योंकि उसकी दया बड़ी है; परन्तु मनुष्य के हाथ में मैं न पड़ूँगा।” तब यहोवा इस्राएलियों में सवेरे से ले ठहराए हुए समय तक मरी फैलाए रहा; और दान से लेकर बेर्शेबा तक रहनेवाली प्रजा में से सत्तर हजार पुरुष मर गए। परन्तु जब दूत ने यरूशलेम का नाश करने को उस पर अपना हाथ बढ़ाया, तब यहोवा वह विपत्ति डालकर शोकित हुआ, और प्रजा के नाश करनेवाले दूत से कहा, “बस कर; अब अपना हाथ खींच।” यहोवा का दूत उस समय अरौना नामक एक यबूसी के खलिहान के पास था। तो जब प्रजा का नाश करनेवाला दूत दाऊद को दिखाई पड़ा, तब उसने यहोवा से कहा, “देख, पाप तो मैं ही ने किया, और कुटिलता मैं ही ने की है; परन्तु इन भेड़ों ने क्या किया है? सो तेरा हाथ मेरे और मेरे पिता के घराने के विरुद्ध हो।” उसी दिन गाद ने दाऊद के पास आकर उससे कहा, “जाकर अरौना यबूसी के खलिहान में यहोवा की एक वेदी बनवा।”
2 शमूएल 24:14-18 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
तब दावीद ने गाद को उत्तर दिया, “मैं बड़ी मुसीबत में हूं. हमें याहवेह के हाथ से दिया गया दंड ही सहने दीजिए, क्योंकि अपार है उनकी कृपा. मुझे किसी मनुष्य के हाथ में न पड़ने दें.” तब याहवेह ने उस समय से तय अवधि तक के लिए इस्राएल देश पर महामारी भेज दी. दान से बेअरशेबा तक 70,000 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई. जब विनाशक स्वर्गदूत ने येरूशलेम को ध्वस्त करने के उद्देश्य से उसकी ओर हाथ बढ़ाया, याहवेह ने विनाश का विचार त्याग दिया. उन्होंने उस स्वर्गदूत को, जो मनुष्यों को मार रहा था, कहा, “बस करो अब! अपना हाथ रोक दो!” इस समय स्वर्गदूत यबूसी औरनन के खलिहान के निकट था. जब दावीद ने मनुष्यों का संहार कर रहे स्वर्गदूत को देखा, उन्होंने याहवेह को संबोधित कर कहा, “पाप सिर्फ मैंने किया है. सिर्फ मैं ही हूं अपराधी; मगर ये भेड़ें; क्या दोष है उनका? आपका यह दंड देता हुआ हाथ मुझ पर और मेरे पिता के परिवार के विरुद्ध उठने दीजिए.” तब गाद उसी दिन दावीद के पास पहुंचे और उन्हें आदेश दिया, “यबूसी औरनन के खलिहान में जाकर याहवेह के लिए वेदी बनाओ.”