2 शमूएल 22:2-4
2 शमूएल 22:2-4 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
उसने कहा, “यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़, मेरा छुड़ानेवाला, मेरा चट्टानरूपी परमेश्वर है, जिसका मैं शरणागत हूँ, मेरी ढाल, मेरा बचानेवाला सींग, मेरा ऊँचा गढ़, और मेरा शरणास्थान है, हे मेरे उद्धारकर्ता, तू उपद्रव से मेरा उद्धार किया करता है। मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूँगा, और अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा।
2 शमूएल 22:2-4 पवित्र बाइबल (HERV)
यहोवा मेरी चट्टान, मरा गढ़ मेरा शरण—स्थल है। मैं सहायता पाने को परमेश्वर तक दौड़ूँगा। वह मेरी सुरक्षा—चट्टान है। परमेश्वर मेरा ढाल है। उसकी शक्ति मेरी रक्षक है। यहोवा मेरी ऊँचा गढ़ है, और मेरी सुरक्षा का स्थान है। मेरा रक्षक कष्टों से मेरी रक्षा करता है। उन्होंने मेरा उपहास किया। मैंने सहायता के लिये यहोवा को पुकारा, यहोवा ने मुझे मेरे शत्रुओं से बचाया!
2 शमूएल 22:2-4 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
‘प्रभु मेरी चट्टान, मेरा शरण-स्थल और मेरा मुक्तिदाता है! वह मेरा परमेश्वर, मेरी चट्टान है; मैं उसकी शरण में आता हूँ। वह मेरी ढाल, मेरा शक्तिशाली उद्धारकर्ता, मेरा गढ़, मेरा आश्रय-स्थल है। प्रभु, हिंसा से तू मुझे बचाता है। मैं प्रभु को पुकारता हूँ, जो सर्वथा स्तुति के योग्य है। मैं अपने शत्रुओं से मुक्त हुआ हूँ।
2 शमूएल 22:2-4 Hindi Holy Bible (HHBD)
उसने कहा, यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़, मेरा छुड़ाने वाला, मेरा चट्टानरूपी परमेश्वर है, जिसका मैं शरणागत हूँ, मेरी ढाल, मेरा बचाने वाला सींग, मेरा ऊंचा गढ़, और मेरा शरण स्थान है, हे मेरे उद्धार कर्त्ता, तू उपद्रव से मेरा उद्धार किया करता है। मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा, और अपने शत्रुओं से बचाया जाऊंगा।
2 शमूएल 22:2-4 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
उसने कहा, “यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़, मेरा छुड़ानेवाला, मेरा चट्टानरूपी परमेश्वर है, जिसका मैं शरणागत हूँ, मेरी ढाल, मेरा बचानेवाला सींग, मेरा ऊँचा गढ़, और मेरा शरणस्थान है, हे मेरे उद्धारकर्ता, तू उपद्रव से मेरा उद्धार किया करता है। (भज. 18:2, लूका 1:69) मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूँगा, और मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा।
2 शमूएल 22:2-4 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
दावीद ने कहा: “याहवेह मेरी चट्टान, मेरा गढ़ और मेरे छुड़ानेवाले हैं. मेरे परमेश्वर, जिनमें मैं आसरा लेता हूं, मेरे लिए चट्टान हैं. वह मेरी ढाल और मेरे उद्धार का सींग हैं. वह मेरा गढ़, मेरी शरण और मेरा छुड़ाने वाला हैं, जो कष्टों से मेरी रक्षा करते हैं. “मैं दोहाई याहवेह की देता हूं, सिर्फ वही स्तुति के योग्य हैं, और मैं शत्रुओं से छुटकारा पा लेता हूं.