2 शमूएल 22:1-51

2 शमूएल 22:1-51 पवित्र बाइबल (HERV)

यहोवा ने दाऊद को शाऊल तथा अन्य सभी शत्रुओं से बचाया था। दाऊद ने उस समय यह गीत गाया, यहोवा मेरी चट्टान, मरा गढ़ मेरा शरण—स्थल है। मैं सहायता पाने को परमेश्वर तक दौड़ूँगा। वह मेरी सुरक्षा—चट्टान है। परमेश्वर मेरा ढाल है। उसकी शक्ति मेरी रक्षक है। यहोवा मेरी ऊँचा गढ़ है, और मेरी सुरक्षा का स्थान है। मेरा रक्षक कष्टों से मेरी रक्षा करता है। उन्होंने मेरा उपहास किया। मैंने सहायता के लिये यहोवा को पुकारा, यहोवा ने मुझे मेरे शत्रुओं से बचाया! मेरे शत्रु मुझे मारना चाहते थे। मृत्यु—तरंगों ने मुझे लपेट लिया। विपत्तियाँ बाढ़—सी आईं, उन्होंने मुझे भयभीत किया। कब्र की रस्सियाँ मेरे चारों ओर लिपटीं, मैं मृत्यु के जाल में फँसा। मैं विपत्ति में था, किन्तु मैंने यहोवा को पुकारा। हाँ, मैंने अपने परमेश्वर को पुकारा वह अपने उपासना गृह में था, उसने मेरी पुकार सुनी, मेरी सहायता की पुकार उसके कानों में पड़ी। तब धरती में कम्पन हुआ, धरती डोल उठी, आकाश के आधार स्तम्भ काँप उठे। क्यों? क्योंकि यहोवा क्रोधित था। उसकी नाक से धुआँ निकला, उसके मुख से जलती चिन्गारियाँ छिटकी, उससे दहकते अंगारे निकल पड़े। यहोवा ने आकाश को फाड़ कर खोल डाला, और नीचे आया, वह सघन काले मेघ पर खड़ा हुआ! यहोवा करूब (स्वर्गदूत) पर बैठा, और उड़ा, वह पवन के पंखों पर चढ़ कर उड़ गया। यहोवा ने तुम्बू—से काले मेघों को अपने चारों ओर लपेट लिया, उसने सघन मेघों से जल इकट्ठा किया। उसका तेज इतना प्रखर था, मानो बिजली की मचक वहीं से आई हो। यहोवा गगन से गरज! परमेश्वर, अति उच्च, बोला। यहोवा ने बाण से शत्रुओं को बिखराया, यहोवा ने बिजली भेजी, और लोग भय से भागे। धरती की नींव का आवरण हट गया, तब लोग सागर की गहराई देख सकते थे। वे हटे, क्योंकि यहोवा ने बातें कीं, उसकी अपनी नाक से तप्त वायु निकलने के कारण। यहोवा गगन से नीचे पहुँचा, यहोवा ने मुझे पकड़ लिया, उसने मुझे गहरे जल (विपत्ति) से निकाल लिया। उसने उन लोगों से बचाया, जो घृणा करते थे, मुझसे मेरे शत्रु मुझसे अधिक शक्तिशाली थे, अत: उसने मेरी रक्षा की। मैं विपत्ति में था, जब मेरे शत्रुओं का मुझ पर आक्रमण हुआ, किन्तु मेरे यहोवा ने मेरी साहयता की। यहोवा मुझे सुरक्षा में ले आया, उसने मेरी रक्षा की, क्योंकि वह मुझसे प्रेम करता है। यहोवा मुझे पुरस्कार देता है, क्योंकि मैंने उचित किया। यहोवा मुझे पुरस्कार देता है, क्योंकि मेरे हाथ पाप रहित हैं। क्यों? क्योंकि मैंने यहोवा के नियमों का पालन किया। मैंने अपने परमेश्वर के विरुद्ध पाप नहीं किया। मैं सदा याद करता हूँ यहोवा का निर्णय, मैं उसके नियमों को मानता हूँ। यहोवा जानता है—मैं अपराधी नहीं हूँ, मैं अपने को पापों से दूर रखता हूँ। यही कारण है कि यहोवा मुझे पुरस्कार देता है, मैं न्यायोचित रहता हूँ। यहोवा देखता है, कि मैं स्वच्छ जीवन बिताता हूँ। यदि कोई व्यक्ति तुझसे प्रेम करेगा तो तू, अपनी प्रेमपूर्ण दया उस पर करेगा। यदि कोई तेरे प्रति सच्चा है, तब तू भी उसके प्रति सच्चा होगा! यदि कोई तेरे लिये अच्छा जीवन बिताता है, तब तू भी उसके लिये अच्छा बनेगा। किन्तु यदि कोई व्यक्ति तेरे विरुद्ध होता है, तब तू भी उसके विरुद्ध होगा। तू विपत्ति में विन्रम लोगों को बचायेगा, किन्तु तू घमण्डी को नीचा करेगा। यहोवा तू मेरा दीपक है, यहोवा मेरे चारों ओर के अंधेरे को प्रकाश में बदलता है। तू सैनिकों के दल को हराने में, मेरी सहायता करता है। परमेश्वर की शक्ति से मैं दीवर के ऊपर चढ़ सकता हूँ। परमेश्वर की शक्ति पूर्ण है। यहोवा के वचन की जाँच हो चुकी है। यहोवा रक्षा के लिये, अपने पास भागने वाले हर व्यक्ति की ढाल है। यहोवा के अतिरिक्त कोई अन्य परमेश्वर नहीं, हमारे परमेश्वर के अतिरिक्त अन्य कोई आश्रय—शिला नहीं। परमेश्वर मेरा दृढ़ गढ़ है वह निर्दोषों की शुद्ध आत्माओं की सहायता करता है। यहोवा मेरे पैरों को हिरन के पैरों—सा तेज बनाता है, वह उच्च स्थानों पर मुझे दृढ़ करता है। यहोवा मुझे युद्ध की शिक्षा देता है, अत: मेरी भुजायें पीतल के धनुष को चला सकती हैं। तू ढाल की तरह, मेरी रक्षा करता है। तेरी सहायता ने मुझे विजेता बनाया है। तूने मेरा मार्ग विस्तृत किया है, जिससे मेरे पैर फिसले नहीं। मैंने अपने शत्रुओं का पीछा किया, मैंने उन्हें नष्ट किया, मैं तब तक नहीं लौटा, जब तक शत्रु नष्ट न हुए। मैंने अपने शत्रुओं को नष्ट किया है, मैंने उन्हें पूरी तरह नष्ट किया है। वे फिर उठ नहीं सकते, हाँ मेरे शत्रु मेरे पैरों के तले गिरे। परमेश्वर तूने मुझे युद्ध के लिये, शक्तिशाली बनाया। तूने मेरे शत्रुओं को हराया है। तूने मेरे शत्रुओं को भगाया है, अत: मैं उन लोगों को हरा सकता हूँ जो मुझसे घृणा करते हैं। मेरे शत्रुओं ने सहायता चाही, किन्तु उनका रक्षक कोई नहीं था। उन्होंने यहोवा से सहायता माँगी, लेकिन उसने उत्तर नहीं दिया। मैं अपने शत्रुओं को कूटकर टुकड़े—टुकड़े करता हूँ, वे भूमि पर धूलि से हो जाते हैं। मैंने उन्हें सड़क की कीचड़ की तरह रौंद दिया। तूने तब भी मुझे बचाया है, जब मेरे लोगों ने मेरे विरुद्ध लड़ाई की। तूने मुझे राष्ट्रों का शासक बनाये रखा, वे लोग भी मेरी सेवा करेंगे, जिन्हें मैं नहीं जानता। अन्य देशों के लोग मेरी आज्ञा मानते हैं, जैसे ही सुनते हैं, तो शीघ्र ही मेरी आज्ञा स्वीकार करते हैं। अन्य देशों के लोग भयभीत होंगे, वे अपने छिपने के स्थानों से भय से काँपते निकलेंगे। यहोवा शाश्वत है, मेरी आश्रय चट्टान की स्तुति करो! परमेश्वर महान है! वह आश्रय—चट्टान है, जो मेरा रक्षक है। वह परमेश्वर है, जो मेरे शत्रुओं को मेरे लिये दण्ड देता है। वह लोगों को मेरे अधीन करता है। वह मुझे मेरे शत्रुओं से मुक्त करता है। हाँ, तूने मुझे मेरे शत्रुओं से ऊपर उठाया। तू मुझे, प्रहार करने के इच्छुकों से बचाता है। यहोव, इसी कारण, हे यहोवा मैंने राष्ट्रों के बीच में तुझ को धन्यवाद दिया, यही कारण है कि मैं तेरे नाम की महिमा गाता हूँ। यहोवा अपने राजा की सहायता, युद्ध में विजय पाने में करता है, योहवा अपने चुने हुये राजा से प्रेम दया करता है। वह दाऊद और उसकी सन्तान पर सदा दयालु रहेगा।

2 शमूएल 22:1-51 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

जिस दिन प्रभु ने दाऊद को उसके सब शत्रुओं के हाथ से और शाऊल के हाथ से मुक्‍त किया, उस दिन दाऊद ने प्रभु को सम्‍बोधित करते हुए यह गीत गाया : ‘प्रभु मेरी चट्टान, मेरा शरण-स्‍थल और मेरा मुक्‍तिदाता है! वह मेरा परमेश्‍वर, मेरी चट्टान है; मैं उसकी शरण में आता हूँ। वह मेरी ढाल, मेरा शक्‍तिशाली उद्धारकर्ता, मेरा गढ़, मेरा आश्रय-स्‍थल है। प्रभु, हिंसा से तू मुझे बचाता है। मैं प्रभु को पुकारता हूँ, जो सर्वथा स्‍तुति के योग्‍य है। मैं अपने शत्रुओं से मुक्‍त हुआ हूँ। ‘मृत्‍यु की तरंगों ने मुझे लपेट लिया; विनाश की प्रचंड धारा ने मुझ पर आक्रमण किया। मृतक-लोक के पाश-बन्‍धन ने मुझे उलझाया; मृत्‍यु का फन्‍दा मेरे सम्‍मुख आया। ‘मैंने संकट में प्रभु को पुकारा; मैंने अपने परमेश्‍वर की दुहाई दी। उसने अपने मन्‍दिर से मेरी वाणी सुनी; मेरी दुहाई उसके कानों में पहुँची। ‘तब धरती में कम्‍पन हुआ, वह डोल उठी; आकाश के आधार-स्‍तम्‍भ कांप उठे, वे हिल गए; क्‍योंकि प्रभु अत्‍यन्‍त क्रुद्ध था। उसके नथनों से धुआं निकलने लगा; और उसके मुँह से भस्‍म करने वाली अग्‍नि, उससे दहकते अंगारे निकल पड़े। वह स्‍वर्ग को झुकाकर नीचे उतर आया। उसके चरणों-तले गहन अन्‍धकार था। वह करूब पर सवार हो, उड़ गया; वह पवन के पंखों पर वेगपूर्वक उतरा। उसने अन्‍धकार को अपने चारों ओर ओढ़ लिया; गगन के काले मेघ उसका वितान थे। उसके सम्‍मुख के आलोक से दहकते अंगारे फूट पड़े! प्रभु आकाश में गरजने लगा, सर्वोच्‍च परमेश्‍वर ने नाद किया। उसने बाण छोड़े, और शत्रुओं को छिन्न- भिन्न कर दिया। विद्युत की चमक ने उनमें भगदड़ मचा दी। तब प्रभु की डाँट से उसकी नासिका के श्‍वास के धमाके से सागर के स्रोत दिखाई दिए; पृथ्‍वी की नींव प्रकट हुई। ‘उसने उच्‍च स्‍थान से अपना हाथ बढ़ाया, और मुझे थाम लिया; उसने मुझे गहरे जल से ऊपर खींच लिया। उसने मेरे शक्‍तिवान शत्रु से मुझसे बैर करने वालों से मुझे मुक्‍त किया। वे संकट-काल में मुझ पर चढ़ आए, पर प्रभु मेरा सहारा था। प्रभु ने मुझे खुले स्‍थान में पहुँचाया; उसने मुझे मुक्‍त किया, क्‍योंकि वह मुझसे प्रसन्न था। ‘प्रभु ने मेरी धार्मिकता के अनुसार मुझे फल दिया; मेरे हाथों की शुद्धता के अनुरूप मुझे पुरस्‍कृत किया। मैं प्रभु के मार्गों पर चलता रहा, मैं दुष्‍टतावश अपने परमेश्‍वर से पृथक नहीं हुआ। उसके समस्‍त न्‍याय-सिद्धान्‍त मेरे सम्‍मुख रहे, मैंने उसकी संविधियों से मुँह नहीं मोड़ा। मैं उसके सम्‍मुख निर्दोष रहा, मैंने अपने को अपराधों से बचाए रखा। अत: प्रभु ने मेरी धार्मिकता के अनुसार, अपनी दृष्‍टि में मेरे निष्‍कलंक आचरण के अनुरूप मुझे पुरस्‍कृत किया। ‘भक्‍त जन के साथ तू भक्‍त है; और निर्दोष के साथ तू निर्दोष है। सिद्ध के लिए तू सिद्ध है; पर कुटिल के लिए तू कुटिल है। तू विनम्र लोगों का उद्धार करता है; किन्‍तु अहंकार से चढ़ी आँखों को नीचा। प्रभु, तू ही मेरा दीपक है; हे मेरे प्रभु, तू मेरे अन्‍धकार को आलोकित करता है। तेरे सहारे मैं सेना को कुचल सकता हूँ; मैं अपने परमेश्‍वर की सहायता से प्राचीर लांघ सकता हूँ। इसी परमेश्‍वर का मार्ग सीधा है, प्रभु की प्रतिज्ञा कसौटी-सिद्ध है। वह अपने सब शरणागतों की ढाल है। ‘प्रभु के अतिरिक्‍त और कौन परमेश्‍वर है? हमारे परमेश्‍वर के अतिरिक्‍त और कौन चट्टान है? यही परमेश्‍वर मुझे शक्‍ति-सम्‍पन्न करता है; वह मेरे मार्ग को कन्‍टकहीन बनाता है। वह मेरे पैरों को हरिनी के पैरों जैसी गति देता है; वह मेरे पर्वतीय गढ़ों में मुझे दृढ़ करता है। वह युद्ध के लिए मेरे हाथों को प्रशििक्षत करता है; मैं अपनी बाहों से पीतल के धनुष को मोड़ सकता हूँ। तूने अपने उद्धार की ढाल मुझे दी है। तेरे अनुग्रह ने मुझे महान बनाया है। मेरे पग आगे बढ़ाने के लिए तूने मेरा मार्ग प्रशस्‍त किया था; अत: मेरे पैर नहीं फिसले थे। मैंने अपने शत्रुओं का पीछा किया, और उन्‍हें दबा दिया। जब तक मैंने उन्‍हें नष्‍ट नहीं कर दिया, तब तक मैं नहीं लौटा। मैंने उन्‍हें समाप्‍त कर दिया। मैंने उन्‍हें ऐसा मारा कि वे फिर उठ न सके। वे मेरे पैरों पर गिर पड़े। तूने मुझे युद्ध के लिए शक्‍ति-सम्‍पन्न किया था; तूने आक्रमणकारियों को मेरे सम्‍मुख झुका दिया था। तूने मेरे शत्रुओं को विवश किया कि वे पीठ दिखाकर भागें; मैंने उन्‍हें नष्‍ट कर दिया, जो मुझसे बैर करते थे। उन्‍होंने दुहाई दी, पर उन्‍हें बचाने वाला कोई न था; उन्‍होंने प्रभु को पुकारा, पर प्रभु ने भी उन्‍हें उत्तर नहीं दिया। मैंने उन्‍हें कूट-कूटकर भूमि की धूल जैसा बना दिया; मैंने उन्‍हें पथ की कीच के सदृश रौंद दिया। ‘तूने मुझे जातियों के संघर्ष से छुड़ाया; तूने मुझे राष्‍ट्रों का अध्‍यक्ष बनाया; उन जातियों ने मेरी सेवा की, जिन्‍हें मैं जानता भी न था जैसे ही उन्‍होंने मेरा नाम सुना, मेरे आदेशों का पालन किया। विदेशी झुककर अभिवादन करते हुए मेरे सम्‍मुख आए। विदेशी हताश हो गए; वे अपने किलों से काँपते हुए निकले। ‘प्रभु जीवित है; धन्‍य है मेरी चट्टान! मेरे उद्धार की चट्टान, मेरे परमेश्‍वर की स्‍तुति हो! वह ऐसा परमेश्‍वर है, जिसने मेरे लिए प्रतिशोध लिया, जिसने कौमों को मेरे अधीन कर दिया। प्रभु ने मेरे शत्रुओं से मुझे मुक्‍त किया, उसने मेरे बैरियों की अपेक्षा मुझे उन्नत किया। उसने हिंसक व्यक्‍तियों से मुझे छुड़ाया। ‘इस कारण, प्रभु, मैं राष्‍ट्रों में तेरा गुणगान करूँगा, मैं तेरे नाम का स्‍तुतिगान करूँगा। तू अपने राजा को महान विजय प्रदान करता है; तू अपने अभिषिक्‍त पर, दाऊद और उसके वंश पर युग-युगान्‍त करुणा करता है।’

2 शमूएल 22:1-51 Hindi Holy Bible (HHBD)

और जिस समय यहोवा ने दाऊद को उसके सब शत्रुओं और शाऊल के हाथ से बचाया था, तब उसने यहोवा के लिये इस गीत के वचन गाए; उसने कहा, यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़, मेरा छुड़ाने वाला, मेरा चट्टानरूपी परमेश्वर है, जिसका मैं शरणागत हूँ, मेरी ढाल, मेरा बचाने वाला सींग, मेरा ऊंचा गढ़, और मेरा शरण स्थान है, हे मेरे उद्धार कर्त्ता, तू उपद्रव से मेरा उद्धार किया करता है। मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा, और अपने शत्रुओं से बचाया जाऊंगा। मृत्यु के तरंगों ने तो मेरे चारों ओर घेरा डाला, नास्तिकपन की धाराओं ने मुझ को घबड़ा दिया था; अधोलोक की रस्सियां मेरे चारों ओर थीं, मृत्यु के फन्दे मेरे साम्हने थे। अपने संकट में मैं ने यहोवा को पुकारा; और अपने परमेश्वर के सम्मुख चिल्लाया। और उसने मेरी बात को अपने मन्दिर में से सुन लिया, और मेरी दोहाई उसके कानों में पहुंची। तब पृथ्वी हिल गई और डोल उठी; और आकाश की नेवें कांपकर बहुत ही हिल गई, क्योंकि वह अति क्रोधित हुआ था। उसके नथनों से धुंआ निकला, और उसके मुंह से आग निकल कर भस्म करने लगी; जिस से कोयले दहक उठे। और वह स्वर्ग को झुका कर नीचे उतर आया; और उसके पांवों के तले घोर अंधकार छाया था। और वह करूब पर सवार हो कर उड़ा, और पवन के पंखों पर चढ़कर दिखाई दिया। और उसने अपने चारों ओर के अंधियारे को, मेघों के समूह, और आकाश की काली घटाओं को अपना मण्डप बनाया। उसके सम्मुख की झलक तो उसके आगे आगे थी, आग के कोयले दहक उठे। यहोवा आकाश में से गरजा, और परमप्रधान ने अपनी वाणी सुनाई। उसने तीर चला चला कर मेरे शत्रुओं को तितर बितर कर दिया, और बिजली गिरा गिराकर उसको परास्त कर दिया। तब समुद्र की थाह दिखाई देने लगी, और जगत की नेवें खुल गई, यह तो यहोवा की डांट से, और उसके नथनों की सांस की झोंक से हुआ। उसने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम लिया, और मुझे गहरे जल में से खींचकर बाहर निकाला। उसने मुझे मेरे बलवन्त शत्रु से, और मेरे बैरियों से, जो मुझ से अधिक सामथीं थे, मुझे छुड़ा लिया। उन्होंने मेरी विपत्ति के दिन मेरा साम्हना तो किया; परन्तु यहोवा मेरा आश्रय था। और उसने मुझे निकाल कर चौड़े स्थान में पहुंचाया; उसने मुझ को छुड़ाया, क्योंकि वह मुझ से प्रसन्न था। यहोवा ने मुझ से मेरे धर्म के अनुसार व्यवहार किया; मेरे कामों की शुद्धता के अनुसार उसने मुझे बदला दिया। क्योंकि मैं यहोवा के मार्गों पर चलता रहा, और अपने परमेश्वर से मुंह मोड़ कर दुष्ट न बना। उसके सब नियम तो मेरे साम्हने बने रहे, और मैं उसकी विधियों से हट न गया। और मैं उसके साथ खरा बना रहा, और अधर्म से अपने को बचाए रहा, जिस में मेरे फंसने का डर था। इसलिये यहोवा ने मुझे मेरे धर्म के अनुसार बदला दिया, मेरी उस शुद्धता के अनुसार जिसे वह देखता था। दयावन्त के साथ तू अपने को दयावन्त दिखाता; खरे पुरुष के साथ तू अपने को खरा दिखाता है; शुद्ध के साथ तू अपने को शुद्ध दिखाता; और टेढ़े के साथ तू तिरछा बनता है। और दीन लोगों को तो तू बचाता है, परन्तु अभिमानियों पर दृष्टि करके उन्हें नीचा करता है। हे यहोवा, तू ही मेरा दीपक है, और यहोवा मेरे अन्धियारे को दूर करके उजियाला कर देता है। तेरी सहायता से मैं दल पर धावा करता, अपने परमेश्वर की सहायता से मैं शहरपनाह को फांद जाता हूँ। ईश्वर की गति खरी है; यहोवा का वचन ताया हुआ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है। यहोवा को छोड़ क्या कोई ईश्वर है? हमारे परमेश्वर को छोड़ क्या और कोई चट्टान है? यह वही ईश्वर है, जो मेरा अति दृढ़ क़िला है, वह खरे मनुष्य को अपने मार्ग में लिए चलता है। वह मेरे पैरों को हरिणियों के से बना देता है, और मुझे ऊंचे स्थानों पर खड़ा करता है। वह मेरे हाथों को युद्ध करना सिखाता है, यहां तक कि मेरी बांहें पीतल के धनुष को झुका देती हैं। और तू ने मुझ को अपने उद्धार की ढाल दी है, और तेरी नम्रता मुझे बढ़ाती है। तू मेरे पैरों के लिये स्थान चौड़ा करता है, और मेरे पैर नहीं फिसले। मैं ने अपने शत्रुओं का पीछा करके उन्हें सत्यानाश कर दिया, और जब तक उनका अन्त न किया तब तक न लौटा। और मैं ने उनका अन्त किया; और उन्हें ऐसा छेद डाला है कि वे उठ नहीं सकते; वरन वे तो मेरे पांवों के नीचे गिरे पड़े हैं। और तू ने युद्ध के लिये मेरी कमर बलवन्त की; और मेरे विरोधियों को मेरे ही साम्हने परास्त कर दिया। और तू ने मेरे शत्रुओं की पीठ मुझे दिखाई, ताकि मैं अपने बैरियों को काट डालूं। उन्होंने बाट तो जोही, परन्तु कोई बचाने वाला न मिला; उन्होंने यहोवा की भी बाट जोही, परन्तु उसने उन को कोई उत्तर न दिया। तब मैं ने उन को कूट कूटकर भूमि की धूलि के समान कर दिया, मैं ने उन्हें सड़कों और गली कूचों की कीचड़ के समान पटक कर चारों ओर फैला दिया। फिर तू ने मुझे प्रजा के झगड़ों से छुड़ाकर अन्य जातियों का प्रधान होने के लिये मेरी रक्षा की; जिन लोगों को मैं न जानता था वे भी मेरे आधीन हो जाएंगे। परदेशी मेरी चापलूसी करेंगे; वे मेरा नाम सुनते ही मेरे वश में आएंगे। परदेशी मुर्झाएंगे, और अपने कोठों में से थरथराते हुए निकलेंगे। यहोवा जीवित है; मेरी चट्टान धन्य है, और परमेश्वर जो मेरे उद्धार की चट्टान है, उसकी महिमा हो। धन्य है मेरा पलटा लेनेवाला ईश्वर, जो देश देश के लोगों को मेरे वश में कर देता है, और मुझे मेरे शत्रुओं के बीच से निकालता है; हां, तू मुझे मेरे विरोधियों से ऊंचा करता है, और उपद्रवी पुरुष से बचाता है। इस कारण, हे यहोवा, मैं जाति जाति के साम्हने तेरा धन्यवाद करूंगा, और तेरे नाम का भजन गाऊंगा। वह अपने ठहराए हुए राजा का बड़ा उद्धार करता है, वह अपने अभिषिक्त दाऊद, और उसके वंश पर युगानुयुग करुणा करता रहेगा।

2 शमूएल 22:1-51 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

जिस समय यहोवा ने दाऊद को उसके सब शत्रुओं और शाऊल के हाथ से बचाया, उस समय उसने यहोवा के लिये इस गीत के वचन गाए। उसने कहा, “यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़, मेरा छुड़ानेवाला, मेरा चट्टानरूपी परमेश्‍वर है, जिसका मैं शरणागत हूँ, मेरी ढाल, मेरा बचानेवाला सींग, मेरा ऊँचा गढ़, और मेरा शरणास्थान है, हे मेरे उद्धारकर्ता, तू उपद्रव से मेरा उद्धार किया करता है। मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूँगा, और अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा। “मृत्यु के तरंगों ने तो मेरे चारों ओर घेरा डाला, नास्तिकपन की धाराओं ने मुझ को घबड़ा दिया था; अधोलोक की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं, मृत्यु के फन्दे मेरे सामने थे। अपने संकट में मैं ने यहोवा को पुकारा; और अपने परमेश्‍वर के सम्मुख चिल्‍लाया। उसने मेरी बात को अपने मन्दिर में से सुन लिया, और मेरी दोहाई उसके कानों में पहुँची। “तब पृथ्वी हिल गई और डोल उठी; और आकाश की नीवें काँपकर बहुत ही हिल गईं, क्योंकि वह अति क्रोधित हुआ था। उसके नथनों से धुआँ निकला, और उसके मुँह से आग निकलकर भस्म करने लगी; जिससे कोयले दहक उठे। वह स्वर्ग को झुकाकर नीचे उतर आया; और उसके पाँवों तले घोर अंधकार छाया था। वह करूब पर सवार होकर उड़ा, और पवन के पंखों पर चढ़कर दिखाई दिया। उसने अपने चारों ओर के अंधियारे को, मेघों के समूह, और आकाश की काली घटाओं को अपना मण्डप बनाया। उसके सम्मुख के तेज से आग के कोयले दहक उठे। यहोवा आकाश में से गरजा, और परमप्रधान ने अपनी वाणी सुनाई। उसने तीर चला चलाकर मेरे शत्रुओं को तितर बितर कर दिया, और बिजली गिरा गिराकर उसको परास्त कर दिया। तब समुद्र की थाह दिखाई देने लगी, और जगत की नेवें खुल गईं, यह यहोवा की डाँट से, और उसके नथनों की साँस की झोंक से हुआ। “उसने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम लिया, और मुझे गहरे जल में से खींचकर बाहर निकाला। उसने मुझे मेरे बलवन्त शत्रु से, और मेरे बैरियों से, जो मुझ से अधिक सामर्थी थे, मुझे छुड़ा लिया। उन्होंने मेरी विपत्ति के दिन मेरा सामना तो किया; परन्तु यहोवा मेरा आश्रय था। उसने मुझे निकालकर चौड़े स्थान में पहुँचाया; उसने मुझ को छुड़ाया, क्योंकि वह मुझ से प्रसन्न था। “यहोवा ने मुझ से मेरे धर्म के अनुसार व्यवहार किया; मेरे कामों की शुद्धता के अनुसार उसने मुझे बदला दिया। क्योंकि मैं यहोवा के मार्गों पर चलता रहा, और अपने परमेश्‍वर से मुँह मोड़कर दुष्‍ट न बना। उसके सब नियम मेरे सामने बने रहे, और मैं उसकी विधियों से हट न गया। मैं उसके साथ खरा बना रहा, और अधर्म से अपने को बचाए रहा, जिसमें मेरे फँसने का डर था। इसलिये यहोवा ने मुझे मेरे धर्म के अनुसार बदला दिया, मेरी उस शुद्धता के अनुसार जिसे वह देखता था। “दयावन्त के साथ तू अपने को दयावन्त दिखाता; खरे पुरुष के साथ तू अपने को खरा दिखाता है; शुद्ध के साथ तू अपने को शुद्ध दिखाता; और टेढ़े के साथ तू तिरछा बनता है। दीन लोगों को तो तू बचाता है, परन्तु अभिमानियों पर दृष्‍टि करके उन्हें नीचा करता है। हे यहोवा, तू ही मेरा दीपक है, और यहोवा मेरे अन्धियारे को दूर करके उजियाला कर देता है। तेरी सहायता से मैं दल पर धावा करता, अपने परमेश्‍वर की सहायता से मैं शहरपनाह को फाँद जाता हूँ। ईश्‍वर की गति खरी है; यहोवा का वचन ताया हुआ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है। “यहोवा को छोड़ क्या कोई ईश्‍वर है? हमारे परमेश्‍वर को छोड़ क्या और कोई चट्टान है? यह वही ईश्‍वर है, जो मेरा अति दृढ़ क़िला है, वह खरे मनुष्य को अपने मार्ग में लिए चलता है। वह मेरे पैरों को हरिणियों के से बना देता है, और मुझे ऊँचे स्थानों पर खड़ा करता है। वह मेरे हाथों को युद्ध करना सिखाता है, यहाँ तक कि मेरी बाँहें पीतल के धनुष को झुका देती हैं। तू ने मुझ को अपने उद्धार की ढाल दी है, और तेरी नम्रता मुझे बढ़ाती है। तू मेरे पैरों के लिये स्थान चौड़ा करता है, और मेरे पैर नहीं फिसले। मैं ने अपने शत्रुओं का पीछा करके उनका सत्यानाश कर दिया, और जब तक उनका अन्त न किया तब तक न लौटा। मैं ने उनका अन्त किया; और उन्हें ऐसा छेद डाला है कि वे उठ नहीं सकते; वरन् वे तो मेरे पाँवों के नीचे गिरे पड़े हैं। तू ने युद्ध के लिये मेरी कमर बलवन्त की; और मेरे विरोधियों को मेरे ही सामने परास्त कर दिया। तू ने मेरे शत्रुओं की पीठ मुझे दिखाई, ताकि मैं अपने बैरियों को काट डालूँ। उन्होंने बाट तो जोही, परन्तु कोई बचानेवाला न मिला; उन्होंने यहोवा की भी बाट जोही, परन्तु उसने उनको कोई उत्तर न दिया। तब मैं ने उनको कूट कूटकर भूमि की धूल के समान कर दिया, मैं ने उन्हें सड़कों और गली कूचों की कीचड़ के समान पटककर चारों ओर फैला दिया। “फिर तू ने मुझे प्रजा के झगड़ों से छुड़ाकर अन्य जातियों का प्रधान होने के लिये मेरी रक्षा की; जिन लोगों को मैं न जानता था वे भी मेरे अधीन हो जाएँगे। परदेशी मेरी चापलूसी करेंगे; वे मेरा नाम सुनते ही मेरे वश में आएँगे। परदेशी मुर्झाएँगे, और अपने किलों में से थरथराते हुए निकलेंगे। “यहोवा जीवित है; मेरी चट्टान धन्य है, और परमेश्‍वर जो मेरे उद्धार की चट्टान है, उसकी महिमा हो। धन्य है मेरा पलटा लेनेवाला ईश्‍वर, जो देश देश के लोगों को मेरे वश में कर देता है, और मुझे मेरे शत्रुओं के बीच से निकालता है; हाँ, तू मुझे मेरे विरोधियों से ऊँचा करता है, और उपद्रवी पुरुष से बचाता है। “इस कारण, हे यहोवा, मैं जाति जाति के सामने तेरा धन्यवाद करूँगा, और तेरे नाम का भजन गाऊँगा। वह अपने ठहराए हुए राजा का बड़ा उद्धार करता है, वह अपने अभिषिक्‍त दाऊद, और उसके वंश पर युगानुयुग करुणा करता रहेगा।”

2 शमूएल 22:1-51 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

जिस समय यहोवा ने दाऊद को उसके सब शत्रुओं और शाऊल के हाथ से बचाया था, उस समय उसने यहोवा के लिये इस गीत के वचन गाए: उसने कहा, “यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़, मेरा छुड़ानेवाला, मेरा चट्टानरूपी परमेश्वर है, जिसका मैं शरणागत हूँ, मेरी ढाल, मेरा बचानेवाला सींग, मेरा ऊँचा गढ़, और मेरा शरणस्थान है, हे मेरे उद्धारकर्ता, तू उपद्रव से मेरा उद्धार किया करता है। (भज. 18:2, लूका 1:69) मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूँगा, और मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊँगा। “मृत्यु के तरंगों ने तो मेरे चारों ओर घेरा डाला, नास्तिकपन की धाराओं ने मुझ को घबरा दिया था; अधोलोक की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं, मृत्यु के फंदे मेरे सामने थे। (भज. 116:3) अपने संकट में मैंने यहोवा को पुकारा; और अपने परमेश्वर के सम्मुख चिल्लाया। उसने मेरी बात को अपने मन्दिर में से सुन लिया, और मेरी दुहाई उसके कानों में पहुँची। “तब पृथ्वी हिल गई और डोल उठी; और आकाश की नींवें काँपकर बहुत ही हिल गईं, क्योंकि वह अति क्रोधित हुआ था। उसके नथनों से धुआँ निकला, और उसके मुँह से आग निकलकर भस्म करने लगी; जिससे कोयले दहक उठे। (भज. 97:3) और वह स्वर्ग को झुकाकर नीचे उतर आया; और उसके पाँवों तले घोर अंधकार छाया था। वह करूब पर सवार होकर उड़ा, और पवन के पंखों पर चढ़कर दिखाई दिया। उसने अपने चारों ओर के अंधियारे को, मेघों के समूह, और आकाश की काली घटाओं को अपना मण्डप बनाया। उसके सम्मुख के तेज से, आग के कोयले दहक उठे। यहोवा आकाश में से गरजा, और परमप्रधान ने अपनी वाणी सुनाई। उसने तीर चला-चलाकर मेरे शत्रुओं को तितर-बितर कर दिया, और बिजली गिरा गिराकर उसको परास्त कर दिया। तब समुद्र की थाह दिखाई देने लगी, और जगत की नेवें खुल गईं, यह तो यहोवा की डाँट से, और उसके नथनों की साँस की झोंक से हुआ। “उसने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम लिया, और मुझे गहरे जल में से खींचकर बाहर निकाला। उसने मुझे मेरे बलवन्त शत्रु से, और मेरे बैरियों से, जो मुझसे अधिक सामर्थी थे, मुझे छुड़ा लिया। उन्होंने मेरी विपत्ति के दिन मेरा सामना तो किया; परन्तु यहोवा मेरा आश्रय था। उसने मुझे निकालकर चौड़े स्थान में पहुँचाया; उसने मुझ को छुड़ाया, क्योंकि वह मुझसे प्रसन्न था। “यहोवा ने मुझसे मेरी धार्मिकता के अनुसार व्यवहार किया; मेरे कामों की शुद्धता के अनुसार उसने मुझे बदला दिया। क्योंकि मैं यहोवा के मार्गों पर चलता रहा, और अपने परमेश्वर से मुँह मोड़कर दुष्ट न बना। उसके सब नियम तो मेरे सामने बने रहे, और मैं उसकी विधियों से हट न गया। मैं उसके साथ खरा बना रहा, और अधर्म से अपने को बचाए रहा, जिसमें मेरे फँसने का डर था। इसलिए यहोवा ने मुझे मेरी धार्मिकता के अनुसार बदला दिया, मेरी उस शुद्धता के अनुसार जिसे वह देखता था। “विश्वासयोग्य के साथ तू अपने को विश्वासयोग्य दिखाता; खरे पुरुष के साथ तू अपने को खरा दिखाता है; शुद्ध के साथ तू अपने को शुद्ध दिखाता; और टेढ़े के साथ तू तिरछा बनता है। और दीन लोगों को तो तू बचाता है, परन्तु अभिमानियों पर दृष्टि करके उन्हें नीचा करता है। (लूका 1:51,52) हे यहोवा, तू ही मेरा दीपक है, और यहोवा मेरे अंधियारे को दूर करके उजियाला कर देता है। तेरी सहायता से मैं दल पर धावा करता, अपने परमेश्वर की सहायता से मैं शहरपनाह को फाँद जाता हूँ। परमेश्वर की गति खरी है; यहोवा का वचन ताया हुआ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है। “यहोवा को छोड़ क्या कोई परमेश्वर है? हमारे परमेश्वर को छोड़ क्या और कोई चट्टान है? यह वही परमेश्वर है, जो मेरा अति दृढ़ किला है, वह खरे मनुष्य को अपने मार्ग में लिए चलता है। वह मेरे पैरों को हिरनी के समान बना देता है, और मुझे ऊँचे स्थानों पर खड़ा करता है। वह मेरे हाथों को युद्ध करना सिखाता है, यहाँ तक कि मेरी बाँहे पीतल के धनुष को झुका देती हैं। तूने मुझ को अपने उद्धार की ढाल दी है, और तेरी नम्रता मुझे बढ़ाती है। तू मेरे पैरों के लिये स्थान चौड़ा करता है, और मेरे पैर नहीं फिसले। मैंने अपने शत्रुओं का पीछा करके उनका सत्यानाश कर दिया, और जब तक उनका अन्त न किया तब तक न लौटा। मैंने उनका अन्त किया; और उन्हें ऐसा छेद डाला है कि वे उठ नहीं सकते; वरन् वे तो मेरे पाँवों के नीचे गिरे पड़े हैं। तूने युद्ध के लिये मेरी कमर बलवन्त की; और मेरे विरोधियों को मेरे ही सामने परास्त कर दिया। और तूने मेरे शत्रुओं की पीठ मुझे दिखाई, ताकि मैं अपने बैरियों को काट डालूँ। उन्होंने बाट तो जोही, परन्तु कोई बचानेवाला न मिला; उन्होंने यहोवा की भी बाट जोही, परन्तु उसने उनको कोई उत्तर न दिया। तब मैंने उनको कूट कूटकर भूमि की धूल के समान कर दिया, मैंने उन्हें सड़कों और गली कूचों की कीचड़ के समान पटककर चारों ओर फैला दिया। “फिर तूने मुझे प्रजा के झगड़ों से छुड़ाकर अन्यजातियों का प्रधान होने के लिये मेरी रक्षा की; जिन लोगों को मैं न जानता था वे भी मेरे अधीन हो जाएँगे। परदेशी मेरी चापलूसी करेंगे; वे मेरा नाम सुनते ही मेरे वश में आएँगे। परदेशी मुर्झाएँगे, और अपने किलों में से थरथराते हुए निकलेंगे। “यहोवा जीवित है; मेरी चट्टान धन्य है, और परमेश्वर जो मेरे उद्धार की चट्टान है, उसकी महिमा हो। धन्य है मेरा पलटा लेनेवाला परमेश्वर, जो देश-देश के लोगों को मेरे वश में कर देता है, और मुझे मेरे शत्रुओं के बीच से निकालता है; हाँ, तू मुझे मेरे विरोधियों से ऊँचा करता है, और उपद्रवी पुरुष से बचाता है। “इस कारण, हे यहोवा, मैं जाति-जाति के सामने तेरा धन्यवाद करूँगा, और तेरे नाम का भजन गाऊँगा (भज. 18:49) वह अपने ठहराए हुए राजा का बड़ा उद्धार करता है, वह अपने अभिषिक्त दाऊद, और उसके वंश पर युगानुयुग करुणा करता रहेगा।”

2 शमूएल 22:1-51 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

जब याहवेह ने दावीद को उनके शत्रुओं तथा शाऊल के आक्रमण से बचा लिया था, तब दावीद ने यह गीत याहवेह के सामने गाया: दावीद ने कहा: “याहवेह मेरी चट्टान, मेरा गढ़ और मेरे छुड़ानेवाले हैं. मेरे परमेश्वर, जिनमें मैं आसरा लेता हूं, मेरे लिए चट्टान हैं. वह मेरी ढाल और मेरे उद्धार का सींग हैं. वह मेरा गढ़, मेरी शरण और मेरा छुड़ाने वाला हैं, जो कष्टों से मेरी रक्षा करते हैं. “मैं दोहाई याहवेह की देता हूं, सिर्फ वही स्तुति के योग्य हैं, और मैं शत्रुओं से छुटकारा पा लेता हूं. मृत्यु की लहरों में घिर चुका था; मुझ पर विध्वंस की तेज धारा का वार हो रहा था. अधोलोक के तंतुओं ने मुझे उलझा लिया था; मैं मृत्यु के जाल के आमने-सामने आ गया था. “अपनी वेदना में मैंने याहवेह की दोहाई दी; मैंने अपने ही परमेश्वर को पुकारा. अपने मंदिर में उन्होंने मेरी आवाज सुन ली, उनके कानों में मेरा रोना जा पड़ा. पृथ्वी झूलकर कांपने लगी, आकाश की नींव थरथरा उठी; और कांपने लगी. क्योंकि वह क्रुद्ध थे. उनके नथुनों से धुआं उठ रहा था, उनके मुख की आग चट करती जा रही थी, उसने कोयलों को दहका रखा था. उन्होंने आकाशमंडल को झुकाया, और उतर आए; उनके पैरों के नीचे घना अंधकार था. वह करूब पर चढ़कर उड़ गए; वह हवा के पंखों पर चढ़कर उड़ गये! उन्होंने अंधकार ओढ़ लिया, वह उनका छाता बन गया, घने-काले वर्षा के मेघ में घिरे हुए. उनके सामने के तेज से कोयलों में आग जल गई. स्वर्ग से याहवेह ने गर्जन की, और परम प्रधान ने अपने शब्द सुनाए. उन्होंने बाण छोड़े, और उन्हें बिखरा दिया. बिजलियों ने उनके पैर उखाड़ दिए. याहवेह की प्रताड़ना से, नथुनों से उनके सांस के झोंके से, सागर के जलमार्ग दिखाई देने लगे; संसार की नीवें खुल गई. “उन्होंने स्वर्ग से हाथ बढ़ा मुझे थाम लिया; प्रबल जल प्रवाह से उन्होंने मुझे बाहर निकाल लिया. उन्होंने मुझे मेरे प्रबल शत्रु से मुक्त किया, उनसे, जिन्हें मुझसे घृणा थी. वे मुझसे कहीं अधिक शक्तिमान थे. संकट के दिन उन्होंने मुझ पर आक्रमण कर दिया था, किंतु मेरी सहायता याहवेह में मगन थी. वह मुझे खुले स्थान पर ले आए; मुझसे अपनी प्रसन्‍नता के कारण उन्होंने मुझे छुड़ाया है. “मेरी भलाई के अनुसार ही याहवेह ने मुझे प्रतिफल दिया है; मेरे हाथों की स्वच्छता के अनुसार उन्होंने मुझे ईनाम दिया है. मैं याहवेह की नीतियों का पालन करता रहा हूं; मैंने परमेश्वर के विरुद्ध कोई दुराचार नहीं किया है. उनके सारे नियम मेरे सामने बने रहे; उनके नियमों से मैं कभी भी विचलित नहीं हुआ. मैं उनके सामने निर्दोष बना रहा. दोष भाव मुझसे दूर ही दूर रहा. इसलिये याहवेह ने मुझे मेरी भलाई के अनुसार ही प्रतिफल दिया है, उनकी नज़रों में मेरी शुद्धता के अनुसार. “सच्चे लोगों के प्रति आप स्वयं विश्वासयोग्य साबित होते हैं, निर्दोष व्यक्ति पर आप स्वयं को निर्दोष ही प्रकट करते हैं, वह, जो निर्मल है, उस पर अपनी निर्मलता प्रकट करते हैं, कुटिल व्यक्ति पर आप अपनी चतुरता प्रगट करते हैं. विनम्र व्यक्ति को आप छुटकारा प्रदान करते हैं, मगर आपकी दृष्टि घमंडियों पर लगी रहती है, कि कब उसे नीचा किया जाए. याहवेह, आप मेरे दीपक हैं; याहवेह मेरे अंधकार को ज्योतिर्मय कर देते हैं. जब आप मेरी ओर हैं, तो मैं सेना से टक्कर ले सकता हूं; मेरे परमेश्वर के कारण मैं दीवार तक फांद सकता हूं. “यह वह परमेश्वर हैं, जिनकी नीतियां खरी हैं: ताया हुआ है याहवेह का वचन; अपने सभी शरणागतों के लिए वह ढाल बन जाते हैं. क्योंकि याहवेह के अलावा कोई परमेश्वर है? और हमारे परमेश्वर के अलावा कोई चट्टान है? वही परमेश्वर मेरे मजबूत आसरा हैं; वह निर्दोष व्यक्ति को अपने मार्ग पर चलाते हैं. उन्हीं ने मेरे पांवों को हिरण के पांवों के समान बना दिया है; ऊंचे स्थानों पर वह मुझे सुरक्षा देते हैं. वह मेरे हाथों को युद्ध की क्षमता प्रदान करते हैं; कि अब मेरी बांहें कांसे के धनुष तक को इस्तेमाल कर लेती हैं. आपने मुझे छुटकारे की ढाल दी है; आपकी सहायता ने मुझे विशिष्ट पद दिया है. मेरे पांवों के लिए आपने चौड़ा रास्ता दिया है, इसमें मेरे पगों के लिए कोई फिसलन नहीं है. “मैंने अपने शत्रुओं का पीछा कर उन्हें नाश कर दिया है; जब तक वे पूरी तरह नाश न हो गए, मैं लौटकर नहीं आया. मैंने उन्हें ऐसा पूरी तरह कुचल दिया कि वे पुनः सिर न उठा सकें; वे तो मेरे पैरों में आ गिरे. शक्ति से आपने मुझे युद्ध के लिए सशस्त्र बना दिया; आपने उन्हें, जो मेरे विरुद्ध उठ खड़े हुए थे, मेरे सामने झुका दिया. आपने मेरे शत्रुओं को पीठ दिखाकर भागने पर विवश कर दिया, जो मेरे विरोधी थे. मैंने उन्हें नष्ट कर दिया. वे आशा ज़रूर करते रहे, मगर उनकी रक्षा के लिए कोई भी न आया. यहां तक कि उन्होंने याहवेह की भी दोहाई दी, मगर उन्होंने भी उन्हें उत्तर न दिया. मैंने उन्हें पीसकर भूमि की धूल के समान बना दिया; मैंने उन्हें कुचल दिया, मैंने उन्हें गली के कीचड़ के समान रौंद डाला. “आपने मुझे सजातियों के द्वारा उठाए कलह से छुटकारा दिया है; आपने मुझे सारे राष्ट्रों पर सबसे ऊपर बनाए रखा; अब वे लोग मेरी सेवा कर रहे हैं, जिनसे मैं पूरी तरह अपरिचित हूं. विदेशी मेरे सामने झुकते आए; जैसे ही उन्हें मेरे विषय में मालूम होते ही वे मेरे प्रति आज्ञाकारी हो गए. विदेशियों का मनोबल जाता रहा; वे कांपते हुए अपने गढ़ों से बाहर आ गए. “जीवित हैं याहवेह! धन्य हैं मेरी चट्टान! मेरे छुटकारे की चट्टान, मेरे परमेश्वर प्रतिष्ठित हों! परमेश्वर, जिन्होंने मुझे प्रतिफल दिया मेरा बदला लिया, और जनताओं को मेरे अधीन कर दिया, जो मुझे मेरे शत्रुओं से मुक्त करते हैं. आपने मुझे मेरे शत्रुओं के ऊपर ऊंचा किया है; आपने हिंसक पुरुषों से मेरी रक्षा की है. इसलिये, याहवेह, मैं राष्ट्रों के सामने आपकी स्तुति करूंगा; आपके नाम का गुणगान करूंगा. “अपने राजा के लिए वही हैं छुटकारे का खंभा; अपने अभिषिक्त पर, दावीद और उनके वंशजों पर, वह हमेशा अपार प्रेम प्रकट करते रहते हैं.”